शरद पवार के डबल गेम के बीच बीजेपी और शिवसेना के वापस साथ आने की सुगबुगाहट

दिल्ली पहुंचे एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने सरकार गठन पर पूछे गए सवाल पर कहा कि शिवसेना और बीजेपी अलग लड़ें हम और कांग्रेस अलग लड़ें. आप ऐसे कैसे कहते हैं. उनको उनका रास्ता तय करना है. हम अपनी राजनीति तय करेंगे. आज शाम शरद पवार और सोनिया गांधी की मुलाक़ात होनी है. अब तक ख़बर थी कि इस बैठक में शिवसेना को समर्थन के मुद्दे पर रणनीति को आखिरी रूप दिया जा सकता है. पर अब इस मामले में कुछ साफ नहीं लग रहा है. लगातार ये खबर आ रही है कि कांग्रेस में इस बात को लेकर असमंजस है कि वो सरकार में शामिल हो या फिर सरकार को बाहर से समर्थन दे.. www.himalayauk.org (Leading Newsportal)

शरद पवार की तारीफ – वही दूसरी ओर संसद के शीतकालीन सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने शरद पवार (Sharad Pawar) की पार्टी NCP की तारीफ की. संसद में विरोध जताने के लिए आसन के समक्ष आकर सदस्यों द्वारा नारेबाजी करने के चलन की ओर ध्यान दिलाते हुए PM नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने BJP सहित सभी राजनीतिक पार्टियों को बीजू जनता दल (BJD) एवं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) से सीख लेने की नसीहत दी और कहा कि ‘आसन के समक्ष आए बिना भी राजनीतिक विकास हो सकता है.’ प्रधानमंत्री मोदी ने राज्यसभा के 250वें सत्र के अवसर पर ‘भारतीय राजनीति में राज्यसभा की भूमिका… आगे का मार्ग’ विषय पर हुई विशेष चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि NCP और बीजद ने खुद ही तय किया है कि वे आसन के समक्ष नहीं आएंगे. दोनों दलों की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि राकांपा और बीजद के सदस्य आसन के समक्ष नहीं आते. उन्होंने कहा कि दोनों दलों ने खुद ही तय किया है कि उनके सदस्य आसन के समक्ष नहीं आएंगे. उनके सदस्यों ने इस नियम का पालन भी किया है. उन्होंने कहा ऐसा नहीं है कि आसन के समक्ष न आने से इन दलों का राजनीतिक विकास रुक गया. ‘ऐसा नहीं करने से उनकी विकास यात्रा नहीं रुकी. प्रधानमंत्री ने कहा कि जब भाजपा विपक्ष में थी, तब हमारे सदस्य भी ऐसा करते थे. मोदी ने NCP और बीजद की मिसाल देते हुए कहा, ‘मेरी पार्टी तथा अन्य दलों को भी इससे सीख लेना चाहिए.’ उन्होंने स्वीकार किया कि पहले स्वयं उनकी पार्टी (BJP) के सदस्य आसन के समक्ष गए थे.

वही महाराष्ट्र में चल रही सरकार गठन की कवायद के बीच बीजेपी और शिवसेना के वापस साथ आने की सुगबुगाहट सुनाई देने लगी है. केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा कि उन्होंने बीजेपी और शिवसेना में समझौते के लिए संजय राउत से बातचीत की. उन्होंने बताया कि मैंने उन्हें एक नया फार्मूला सुझाया है. जिसके तहत 3 साल मुख्यमंत्री पद बीजेपी के लिए और 2 साल शिवसेना के लिए हो सकता है. अठावले के मुताबिक इसके जवाब में संजय राउत ने कहा कि अगर बीजेपी सहमत हो तो इस पर विचार किया जा सकता है. इस पर बीजेपी से भी चर्चा की जा सकती है. 

महाराष्ट्र (Maharashtra) में सरकार गठन की जारी कोशिशों के बीच शिवसेना नेता संजय राउत ने सोमवार देर शाम NCP प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) से उनके दिल्ली स्थित आवास पर मुलाकात की. शरद पवार के कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) से मुलाकात के बाद ये दोनों नेता मिले थे. शरद पवार से मुलाकात के बाद न्यूज एजेंसी ANI से शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि मुझे भरोसा है कि जल्द ही सरकार बन जाएगी. शिवसेना (Shiv Sena) नेता संजय राउत (Sanjay Raut) ने कहा कि सरकार बनाने की जिम्मेदारी हमारी नहीं थी. जिन लोगों की यह जिम्मेदारी थी, वे भाग गए, लेकिन मुझे विश्वास है कि जल्द ही सरकार बन जाएगी.

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों का ऐलान 24 अक्टूबर को ही हो गया था. जिसमें बीजेपी 105 सीटें जीतकर सबसे बड़ा दल बनकर सामने आई थी वहीं शिवसेना 54 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर काबिज हुई थी. नतीजों के बाज बीजेपी और शिवसेना के बीच शिवसेना पद के लिए तनाव हो गया जोकि दोनों दलों के अलग होने तक जारी रहा. अब शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के साथ सरकार बनाने की नई गुंजाइश को देख रही है जिस पर फिलहाल बातचीत का दौर जारी है. 

 यह पहला मौका नहीं है जब रामदास अठावले ने दोनों पार्टियों के मतभेद पर कोई बयान दिया हो. रविवार को भी उन्होंने दावा किया था कि आने वाले कुछ समय में बीजेपी और शिवसेना मिलकर महाराष्ट्र में सरकार बनाएंगे. रामदास अठावले ने कहा था कि अमित शाह ने उनसे कहा है कि चिंता की बात नहीं है महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना ही मिलकर स्थिर सरकार बनाएगी. रामदास अठावले लगातार इस बात की वकालत कर रहे हैं कि जनता के जनादेश को देखते हुए राज्य में बीजेपी और शिवसेना गठबंधन को ही सरकार बनाना चाहिए. 

महाराष्ट्र टी एन आई ब्रेकिंग के अनुसार ;; महाराष्ट्र में शिवसेना सरकार बनाने में एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार डबल गेम खेलते हुए दिखाई दे रहे हैं इसी कारण मामले में विलंब होता जा रहा है शरद पवार का गेम है कि मामले को किसी ना किसी बहाने कभी कॉमन मिनिमम प्रोगाम कभी विभागों का बंटवारा कभी किसके कितने मंत्री होंगे इस बात को लेकर मामले को लटका कर रखा जाए और इसी दौरान बीजेपी अपना खेल खेल कर कांग्रेस के एमएलए तोड़ दे और उनके समर्थन से बीजेपी अपनी सरकार बना ले. पी चिदंबरम का हाल देखकर शरद पवार साहब कुछ ज्यादा ही घबराए हुए दिख रहे हैं उन्हें पता है मैं एनसीपी के समर्थन से शिवसेना की सरकार तो बनवा दूंगा लेकिन बाद में बीजेपी ने मुझे पी चिदंबरम की तरह जेल भेज दिया तो फिर मेरा बुढ़ापे में क्या हाल होगा इससे घबराए शरद पवार डबल गेम खेल रहे हैं और मामले को लगातार लटकाए रखना चाहते हैं

शिवसेना के साथ सरकार बनाने की बात पर पवार ने कहा कि बैठक में शिवसेना को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई. उन्‍होंने शिवसेना के साथ सरकार गठन के सवाल पर कहा कि कि उन्‍हें समर्थन देने वाली सभी पार्टियों से चर्चा के बाद ही वो कोई निर्णय लेंगे. उन्होंने कहा कि सबकी राय लेकर आगे की रणनीति तय की जाएगी

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