कांग्रेस का बीजेपी पर जोडतोड कर सरकार बनाने का आरोप

मणिपुर और गोवा में जोडतोड करके सरकार बनाई जा रही है
असमंजस में फंसी रही कांग्रेस का बीजेपी पर जोडतोड कर सरकार बनाने का आरोप

Execlusive Top News; www.himalayauk.org (Leading Web & Print Media)
मणिपुर में राज्यपाल नजमा हेपतुल्ला द्वारा सरकार गठन के लिए बीजेपी नेताओं को आमंत्रित किए जाने की संभावना है। मणिपुर में कुल ६० विधानसभा सीटें हैं। चर्चा है कि यहां भी बीजेपी को ३२ विधायकों का समर्थन जुटाने में सफल रही है। बीजेपी ने विधानसभा की २१ सीटें जीती हैं। नागा पीपुल्स फ्रंट और नेशनल पीपल्स फ्रंट के चार-चार विधायकों तथा एआईटीसी, लोजपा के एक-एक और एक निर्दलीय विधायक का समर्थन बीजेपी को मिलने की आशा है।
वही रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर को गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा ने रविवार को गोवा का नया मुख्यमंत्री नियुक्त किया है। उन्होंने पर्रिकर से गोवा विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए कहा है। गोवा विधानसभा में ४० सदस्य हैं। पर्रिकर को इनमें से २१ विधायकों का समर्थन प्राप्त है। बीजेपी के १३ विधायक है. इसके अलावा गोवा फॉरवर्ड पार्टी व महाराष्ट्रवादी गोमंतक पार्टी के तीन-तीन विधायकों और दो निर्दलीय विधायकों का समर्थन बीजेपी को मिल रहा है।
वही असमंजस में फंसी रही कांग्रेस अब बीजेपी की सरकार के गठन की कवायद पर जोडतोड का आरोप लगा रही है। कांग्रेस ने कहा है कि बीजेपी को सरकार बनाने का अधिकार नहीं है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि दूसरे नंबर पर आने वाली पार्टी को सरकार बनाने का कोई हक नहीं है। चिदंबरम ने आरोप लगाया है कि मणिपुर और गोवा में जोडतोड करके सरकार बनाई जा रही है। पी चिदंबरम ने अपने आधिकारिक ट्विटर एकाउंट के माध्यम से ट्वीट किया कि दूसरे नंबर पर आने वाली पार्टी को सरकार बनाने का कोई अधिकार नहीं है. बीजेपी ने गोवा और मणिपुर में सरकार बनाने के लिए जोडतोड की है।
वही कांग्रेस की ओर से दाखिल इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यदि यदि आफ पास विधायकों की पर्याप्त संख्या थी तो आपको समर्थन करने वाले विधायकों का हलफनामा पेश करना था लेकिन आपकी ओर से ऐसा नहीं किया गया। अदालत ने कहा कि सबसे बडी पार्टी को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करना विधायकों की संख्या से जुडा हुआ है। आपने राज्यपाल के समक्ष या अपनी याचिका में इस बात का कभी जिक्र नहीं किया कि आफ पास जरूरी समर्थन है। इस मामले में अदालत ने १६ मार्च को पर्रिकर को विश्वास मत हासिल करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने दोनों पार्टियों को प्रोटेम स्पीकर का नाम देने को भी कहा है। मामले में सरकार की ओर से वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे और कांग्रेस की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी ने पक्ष रखा. कोर्ट ने दोटूक कहा कि यदि आफ पास बहुमत था तो आपको राज्यपाल के आवास के बाहर धरना देकर अपने विधायकों की संख्या के बारे में बताना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं किया. दूसरी ओर, कांग्रेस की ओर से कहा गया कि राज्यपाल को कांग्रेस विधायक दल के नेता को फोन पर संख्या के बारे में बात करनी चाहिए थी और राज्यपाल का फैसला अवैध है। पार्टी ने कहा कि उसके पास सरकार बनाने के लिए जरूरी संख्या है और सदन में शक्ति परीक्षण करा लें। गौरतलब है कि कांग्रेस पार्टी ने गोवा के राज्यपाल की ओर से मनोहर पर्रिकर को मुख्यमंत्री नियुक्त किए जाने के फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दी है। प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति जेएस खेहर के आवास पर शनिवार शाम याचिका दायर की गई . इस सिलसिले में विशेष पीठ का गठन किया गया था क्योंकि शीर्ष अदालत होली पर एक सप्ताह के अवकाश पर है। गोवा कांग्रेस विधायक दल के नेता चंद्रकांत कवलेकर की ओर से दायर इस याचिका में मांग की गई थी कि पर्रिकर के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने पर रोक लगाई जाए। गौरतलब है कि पर्रिकर ने रक्षा मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना इस्तीफा सौंपा। पीएमओ ने उसके इस्तीफे को मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा। राष्ट्रपति की इस पर मुहर के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली को रक्षा मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार दे दिया गया है।

हिमालय गाैरव उत्‍तराखण्‍ड- वेब तथा दैनिक समाचार पत्र mail; csjoshi_editor@yahoo.in

Mob,. 9412932030

Execlusive Top News; www.himalayauk.org (Leading Web & Print Media)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *