मिसेेेज इंडिया का खिताब जीतने के बाद दंत चिकित्सक; रोल मॉडल बनना चाहती हैं लुबना

मॉडल नहीं रोल मॉडल बनना चाहती हैं लुबना # मिसेेेज इंडिया का खिताब जीतने के बाद दंत चिकित्सक # आप मुस्लिम धर्म से हैं जबकि आपके पति सिख परिवार से # मजहब अलग होने के बावजूद मुझे कभी भी कोई दिक्कत नहीं आई # हिमालयायूके वेब एण्‍ड प्रिन्‍ट मीडिया के लिए प्रदीप फुटेला- गदरपुर से-

गदरपुर (UDHAM SINGH NAGAR। दिल्ली में आयोजित मिसेज इंडिया यूनिवर्स का खिताब जीतने वाली डॉक्टर लुबना बीरिंग आज किसी परिचय का मोहताज नहीं है वह रातों रात सेलिब्रिटी बन चुकी हैं उन्हें मॉडलिंग , फिल्म इंडस्ट्री से तमाम ऑफर भी मिल रहे हैं लेकिन फिलहाल वह अपना पूरा फोकस नशा, स्वच्छता, शिक्षा, कन्या भ्रूण हत्या, दहेज व समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर करने पर केंद्रित कर रही हैं उनकी व्यवस्तता काफी बढ़ चुकी है अपने कैरियर को लेकर भी वह काफी गंभीर हैं अब उन्हें यह स्वंय चुनना है कि वह डॉक्टर के रूप में कार्य करेगी अथवा वॉलीवुड में भाग्य आजमाएंगी।

डॉ लूबना ने बताया कि उन्हें इंटरनेट के माध्यम से इसकी जानकारी मिली तो मैंने भी इस प्रतियोगिता में भाग्य आजमाने का फैसला किया आप मुस्लिम धर्म से हैं जबकि आपके पति सिख परिवार से हैं तो आपको इसकी इजाजत कैसे मिली जबकि मुस्लिम महिलाओं पर तमाम तरह की पाबंदियां देखने को मिलती हैं मेरे पति और मेरे दोनों परिवार ससुराल व मायका बेहद खुली विचारधारा रखते हैं जब मैंने इसके बारे में अपने पति से चर्चा की तो उन्होंने मुझे इसकी स्वीकृति दे दी तथा मैंने इसके लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवा दिया मुझे परिवार का पूरा सपोर्ट मिला मजहब अलग होने के बावजूद मुझे कभी भी कोई दिक्कत नहीं आई मुझे अपनी लाइफ अपने तरीके से जीने की पूरी आजादी है-

अपने आवास पर पत्रकारों से वार्ता करते हुए डॉ लूबना ने बताया कि उन्हें इंटरनेट के माध्यम से इसकी जानकारी मिली तो मैंने भी इस प्रतियोगिता में भाग्य आजमाने का फैसला किया आप मुस्लिम धर्म से हैं जबकि आपके पति सिख परिवार से हैं तो आपको इसकी इजाजत कैसे मिली जबकि मुस्लिम महिलाओं पर तमाम तरह की पाबंदियां देखने को मिलती हैं
मेरे पति और मेरे दोनों परिवार ससुराल व मायका बेहद खुली विचारधारा रखते हैं जब मैंने इसके बारे में अपने पति से चर्चा की तो उन्होंने मुझे इसकी स्वीकृति दे दी तथा मैंने इसके लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवा दिया मुझे परिवार का पूरा सपोर्ट मिला मजहब अलग होने के बावजूद मुझे कभी भी कोई दिक्कत नहीं आई मुझे अपनी लाइफ अपने तरीके से जीने की पूरी आजादी है-

मेरे पति और मेरे दोनों परिवार ससुराल व मायका बेहद खुली विचारधारा रखते हैं जब मैंने इसके बारे में अपने पति से चर्चा की तो उन्होंने मुझे इसकी स्वीकृति दे दी तथा मैंने इसके लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवा दिया मुझे परिवार का पूरा सपोर्ट मिला मजहब अलग होने के बावजूद मुझे कभी भी कोई दिक्कत नहीं आई मुझे अपनी लाइफ अपने तरीके से जीने की पूरी आजादी है-

उन्होंने बताया कि समाज के लिए कुछ अलग करके दिखाना मेरा सपना है नशे के खिलाफ लोगों को जागरूक करना मेरा फोकस है क्योंकि युवा पीढ़ी जो कि कॉलेज में है उनमें नशे की प्रवृत्ति तेजी से बढ़ रही है जो कि उनके अपने लिए तो नुकसानदेह है ही साथ ही पूरे परिवार को भी बर्बाद कर रही है नशे के कारण युवा पीढ़ी को खोखली होती जा रही है नशे के खिलाफ एक मुहिम चलाने की जरूरत है ताकि युवा स्वस्थ रहे तो देश तरक्की की राह पर अग्रसर होगा। फिल्मों में जाने के बारे मे पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि मिस इंडिया का खिताब जीतने के बाद मुझे विज्ञापन मॉडलिंग वा फिल्मों में काम करने के लिए कई ऑफर मिले हैं लेकिन उन्होंने अभी इस और कुछ नहीं सोचा है वह दंत चिकित्सक है अभी उन्हें तय करने में समय लगेगा कि वह अपने डाक्टरी पेशे में ही रहे या फिल्म इंडस्ट्री को चुने। सुंदरता एक ऐसा प्रश्न है जिससे हर कोई प्रभावित होता है आप सुंदरता को किस रूप में देखती हैं

मिस इंडिया का खिताब जीतने के बाद मुझे विज्ञापन मॉडलिंग वा फिल्मों में काम करने के लिए कई ऑफर मिले हैं लेकिन उन्होंने अभी इस और कुछ नहीं सोचा है वह दंत चिकित्सक है अभी उन्हें तय करने में समय लगेगा कि वह अपने डाक्टरी पेशे में ही रहे या फिल्म इंडस्ट्री को चुने। सुंदरता एक ऐसा प्रश्न है जिससे हर कोई प्रभावित होता है आप सुंदरता को किस रूप में देखती हैं  www.himalayauk.org (Leading Newsportal) 

इस बारे में उनका कहना था कि सुंदरता का अपना एक अलग ही महत्व है बाहरी सुंदरता के साथ-साथ अंदरुनी सुंदरता भी जरूरी है अन्यथा जीवन में कभी भी आगे नहीं बढ़ सकते सुंदरता आपकी सोच को प्रतिबिंबित करती है अगर सोच अच्छी है तो निश्चित रुप से सफलता मिलेगी ।
-महिला सशक्तिकरण की बड़ी-बड़ी बातें हो रही हैं बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा भी चल रहा है इस बारे में आपका क्या कहना है । पहले लोग बेटी को बोझ समझते थे शिक्षा का अभाव था बेटे की चाहत बनी रहती थी लेकिन अब लोगों में जागरूकता आई है लोग शिक्षित हो रहे हैं अब लड़की परिवार पर बोझ नहीं है वह लड़कों से कहीं कम नहीं है महिलाओं ने एक नया इतिहास रचा है राष्ट्रपति प्रधानमंत्री समेत अनेक महत्वपूर्ण पदों पर महिलाएं काबिज हैं महिलाएं अंतरिक्ष में भी झंडा गाड़ चुकी हैं अब केवल सोच बदलने की जरूरत है लड़कियां अब खुद अपना कैरियर बना रही हैं लड़कियों को परिवार से मोरल सपोर्ट की आवश्यकता है उन्हें प्रेरित किया जाना चाहिए जिससे वह अपना मुकाम हासिल कर सके ।डॉ लुबना का यह भी कहना है कि समाज को बदलने की बजाय अगर लोग खुद की बदल लें तो देश की तस्वीर ही बदल जाएगी

Interview by; Pradeep Futela <pradeepfutela@gmail.com> #############################
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