अखिलेश यादव चाचा शिवपाल से जलते हैं ; मुलायम सिंह याद

mulayam-shiv-palसमाजवादी पार्टी में खेमेबंदी शांत नहीं होते देख पार्टी चीफ मुलायम सिंह यादव ने बेटे और सीएम अखिलेश यादव को कड़ी फटकार लगाई। मुलायम ने यहां तक कह दिया कि अगर अखिलेश मेरा बेटा नहीं होता तो उन्हें कोई भी मंजूर नहीं करता। वे चाचा शिवपाल से जलते हैं www.himalayauk.org (Leading Digital Newsportal)

अखिलेश को दोबारा एसपी की प्रदेश यूनिट का प्रेसिडेंट बनाने को लेकर अखिलेश के समर्थकों ने मुलायम के घर के बाहर नारेबाजी की। यहां तक कि गेट के बाहर पुलिस कर्मियों से भी धक्का-मुक्की की। मुलायम शनिवार को पार्टी वर्कर्स से काफी नाराज दिखे। उन्होंने डांटते हुए कहा- “यह तमाशा नहीं चलेगा। 2014 में अखिलेश की सारी बातें मानी थी, लेकिन पार्टी 5 सीटें ही जीत पाई। शर्मिंदा किसने किया? मैंने या अखिलेश ने?”

– “अखिलेश को दोबारा एसपी की प्रदेश यूनिट का प्रेसिडेंट नहीं बनाया जा सकता है।” “मैंने पार्टी को खून से सींचा है। शिवपाल ने पार्टी के लिए काफी कुछ झेला और त्याग किया है।” “अखिलेश और शिवपाल के रिश्ते पहले से ठीक नहीं हैं। अखिलेश गलत फैसले भी ले सकते हैं। मेरे पास गलतियां सुधारने का हक है।” शनिवार को अखिलेश समर्थक एसपी ऑफिस के अलावा शिवपाल के घर के सामने भी जमा हुए और उन्हें फिर प्रदेश प्रेसिडेंट बनाने की मांग करने लगे।
मुलायम ने अखिलेश को फोन कर समर्थकों को हटाने के लिए कहा। बाद में अखिलेश अपने चाचा के घर चाय पीने पहुंचे।

वही समाजवादी पार्टी के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने रविवार को रामगोपाल यादव के भांजे और विधान परिषद सदस्य अरविंद प्रताप यादव को पार्टी से निकाल दिया. सपा प्रदेश अध्यक्ष ने उनके अलावा इटावा जिले के पूर्व ग्राम प्रधान अखिलेश कुमार यादव को भी पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया. शिवपाल के इस कदम से परिवार में एक बार फिर तनाव पैदा होने की आशंका है.

सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के हस्तक्षेप के बाद प्रदेश अध्यक्ष का पद स्वीकार करने वाले शिवपाल ने रविवार को पार्टी कार्यालय पहुंचकर प्रभार संभाला. शिवपाल ने अपने पहले फैसले में अरविंद प्रताप यादव और अखिलेश कुमार यादव को पार्टी से निष्कासित कर दिया.

सपा के राज्य सचिव एसआरएस यादव ने बताया कि अरविंद को पार्टी मुखिया मुलायम सिंह यादव के खिलाफ अशोभनीय एवं अपमानजनक टिप्पणी और पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहने के लिए निष्कासित किया गया है. सपा कार्यालय पहुंचने से पहले शिवपाल मुलायम से हवाई अड्डे पर मिले. मुलायम दिल्ली रवाना हो रहे थे.

उक्त दो नेताओं के निष्कासन से मुलायम परिवार में फिर तनाव पैदा होने की आशंका है, क्योंकि दोनों ही रामगोपाल के करीबी हैं. हालांकि, शिवपाल के करीबियों ने बताया कि जो भी फैसला किया गया है, उसकी जानकारी मुलायम को है.

पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए शिवपाल ने कहा कि चुनाव नजदीक हैं, इसलिए हर किसी को पार्टी मजबूत करने में लग जाना चाहिए ताकि एक बार फिर सपा की बहुमत वाली सरकार बने. उन्होंने कार्यकर्ताओं को आगाह किया कि पार्टी में गुटबाजी नहीं होनी चाहिए. जो गुटबाजी करेगा, उससे सख्ती से निपटा जाएगा.

शिवपाल ने कार्यकर्ताओं से कहा, ‘यदि आप नारे लगाना चाहते हैं तो पहले पार्टी के लिए नारे लगाइए, फिर नेताजी (मुलायम) के लिए और फिर मुख्यमंत्री के लिए नारे लगाइए.’ सपा के खिलाफ बसपा प्रमुख मायावती की टिप्पणी पर शिवपाल ने कहा कि मायावती को दूसरों पर टिप्पणी करने से पहले अपनी पार्टी की चिंता करनी चाहिए. अगले चुनाव में मायावती की पार्टी का सफाया हो जाएगा.

– इस दौरान अखिलेश ने मीडिया से कहा- “मैं चाचा को बधाई देने आया हूं।” शिवपाल के घर चाय पीकर लौटे अखिलेश ने कहा- ” मैं कभी सेल्फ गोल नहीं करता। मैंने पॉलिटिक्स के साथ काम करके दिखाया है।”  हालांकि, गायत्री प्रसाद प्रजापति को वापस लेने और शिवपाल यादव को पीडब्ल्यूडी विभाग नहीं देने के सवाल उन्होंने टाल दिए। अखिलेश और शिवपाल के विवाद के बाद मुलायम ने पार्टी ऑफिस में शिवपाल को विभाग लौटाने का एलान किया था। अखिलेश ने शिवपाल को उनके पहले के विभाग के साथ 2 नए विभाग सौंपे हैं। पीडब्ल्यूडी विभाग उन्होंने अपने पास रखा है। शिवपाल के पास चिकित्सा, शिक्षा, आयुष और लघु सिंचाई विभाग भी होंगे। गायत्री प्रजापति के लिए भी जल्द ही मंत्रिमंडल विस्तार किया जााएगा। बता दें कि शुक्रवार को शिवपाल और अखिलेश के बीच भी मुलाक़ात हुई थी। मुलायम दो दिन से ऐसा दिखा रहे हैं जैसे अखिलेश पर बहुत ज्यादा सख्ती हो रही है। लेकिन प्रदेशाध्यक्ष बनने के बावजूद शिवपाल का कद लगातार घट रहा है। प्रदेशाध्यक्ष के बदले मुलायम ने अखिलेश को युवा प्रकोष्ठों का राष्ट्रीय प्रभारी बना दिया। अखिलेश सपा के राज्य संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष भी बन गए हैं। टिकट बांटने के फैसले यही बोर्ड करता है।  अखिलेश भी यही भूमिका चाहते थे। मुलायम की तमाम सख्ती के बाद भी उन्होंने शिवपाल को पीडब्ल्यूडी विभाग नहीं लौटाया। पीडब्ल्यूडी विभाग नहीं मिलने से खफा सपा प्रदेशाध्यक्ष शिवपाल ने अखिलेश पर पलटवार शुरू कर दिए। उन्होंने अखिलेश के वफादार कैबिनेट मंत्री राजेंद्र चौधरी को प्रवक्ता के पद से हटा दिया। अब एमएलसी अंबिका चौधरी प्रवक्ता होंगे। वहीं, मंत्री अरविंद सिंह गोप को भी राज्य महासचिव पद से हटा दिया।

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