नाना पटोले के बाद मोहभंग होने वाले सांसदो की संख्‍या बढेगी, बडा सवाल

बीजेपी की सदस्यता और लोकसभा से इस्तीफा दे चुके नाना पटोले अहमदाबाद में 11 दिसंबर को राहुल गांधी की रैली में उनके साथ मंच साझा करेंगे। 

2019 लोकसभा चुनाव करीब आते आते भाजपा से मोहभंग होने वाले सांसदो की संख्‍या बढेगी, बडा सवाल सामने आ रहा है, नाना पटोले के बाद वरूण गॉधी, शतु्ध्‍न सिन्‍हा यशवंत सिन्‍हा आदि अनेक ऐसे नाम है, जिनके लिए भाजपा में ज्‍यादा अपेक्षाएं अब नही रही है, क्‍योंकि यह खुलकर सामने आ गये हैं, Big Focus; www.himalayauk.org (Newsportal) 

बीजेपी की सदस्यता और लोकसभा से इस्तीफा दे चुके नाना पटोले  ने कहा था कि जब एक बार उन्होंने पीएम मोदी के सामने किसानों की खुदकुशी का मामला उठाया था तो पीएम नाराज हो गये थे। नागपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में नाना पटोले ने तब कहा था, ”मोदी सवाल लेना पसंद नहीं करते और जब मैंने भाजपा सांसदों की बैठक में ओबीसी मंत्रालय और किसान आत्‍महत्‍या से जुड़े मुद्दे उठाए तो वे बेहद गुस्‍सा हो गए। जब मोदी से सवाल पूछे जाते हैं, तो वह आपसे पूछते हैं कि क्‍या आपने पार्टी मैनिफेस्‍टो पढ़ा है और विभिन्‍न सरकारी योजनाओं से रूबरू हैं।”

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बीजेपी की सदस्यता और लोकसभा से इस्तीफा दे चुके नाना पटोले अहमदाबाद में 11 दिसंबर को राहुल गांधी की रैली में उनके साथ मंच साझा करेंगे। कांग्रेस के एक नेता ने शुक्रवार (8 दिसंबर) को यह जानकारी दी। कांग्रेस के महाराष्ट्र राज्य प्रभारी मोहन प्रकाश ने कहा कि वह शुक्रवार को पटोले से मिले और किसानों के लिए संघर्ष करने पर उन्हें बधाई दी। नाना पटोले ने शुक्रवार को दिल्ली में कहा कि बीजेपी नेतृत्व किसानों की समस्याओं को लेकर संवेदनशील नहीं है। नाना पटोले ने इससे तीन दिन पहले महाराष्ट्र के अकोला में बीजेपी नेता यशवंत सिन्हा के साथ किसानों के मुद्दे पर प्रदर्शन किया गया था। इस दौरान यशवंत सिन्हा को गिरफ्तार भी किया गया था। इस वजह से महाराष्ट्र में बीजेपी को काफी किरकिरी भी झेलनी पड़ी थी। बाद में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस प्रदर्शनकारियों की सभी सात प्रमुख मांगों को मानने पर सहमत हुए थे, उसके बाद बुधवार को विरोध प्रदर्शन समाप्त हुआ था। नाना पटोले ने मीडिया से कहा , ‘मैंने किसानों का मुद्दा सुलझाने के लिए बड़ा इंतजार किया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ, आखिरकार मैं ने पार्टी छोड़ने का फैसला लिया है।’

 

महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के नेता नाना पटोले ने शुक्रवार को घोषणा की कि उन्होंने लोकसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है और पार्टी भी छोड़ दी है। भंडारा-गोंदिया से सांसद पटोले ने कहा कि उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन के कार्यालय को और भाजपा नेतृत्व को अपना इस्तीफा सौंप दिया है।

 

भंडारा-गोंदिया लोकसभा सीट से सांसद रहे नाना पटोले ने लोकसभा चुनाव में एनसीपी के कद्दावर नेता प्रफुल्ल पटेल को शिकस्त दी थी। उन्होंने   कहा कि वह अभी कोई पार्टी ज्वाइन नहीं करने जा रहे हैं, लेकिन महाराष्ट्र कांग्रेस के चीफ अशोक चव्हाण ने उन्हें कांग्रेस में आने का ऑफर जरूर दिया है। उन्होंने कहा, ‘ये जरूरी नहीं है कि मैं कोई पार्टी ही ज्वाइन करूं, हो सकता है कि मैं अपने दम पर भी शुरूआत करूं।’ सूत्रों के मुताबिक उन्होंने हाल ही में अशोक चव्हाण से मुलाकात की थी इसके अलावा उनकी भेंट शिवसेना के कार्यकारी अध्यक्ष उद्घव ठाकरे से भी हुई थी।
नाना पटोले ने कहा कि उनका गुस्सा केन्द्र और राज्य सरकार की ओर था। नाना पटोले ने कहा, ‘पार्टी के किसी नेता ने किसानों की चिंताओं को लेकर बात करने के लिए मुझे नहीं बुलाया, यदि वे लोग यशवंत सिन्हा( 85 साल) को धरने पर बैठने के लिए मजबूर कर सकते हैं तो मैं कौन हूं।’ बता दें कि नाना पटोले पिछले कुछ महीनों से पीएम मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की नीतियों के मुखर आलोचक रहे हैं। कुछ महीने पहले उन्होंने कहा था कि जब एक बार उन्होंने पीएम मोदी को किसानों से जुड़ी समस्याएं बताईं थी तो पीएम मोदी उनपर गुस्सा हो गये थे। नाना पटोले के मुताबिक पीएम मोदी को सवाल लेना पसंद नहीं है।
पटोले ने यह कदम गुजरात विधानसभा चुनाव के प्रथम चरण के मतदान (शनिवार) से ठीक एक दिन पहले उठाया है। लिहाजा महाराष्ट्र और गुजरात की राजनीति में इसके कई मतलब निकाले जा रहे हैं। हाल के महीनों में भाजपा नेतृत्व के जोरदार आलोचक रहे पटोले ने कहा कि वह पार्टी इसलिए छोड़ रहे हैं, क्योंकि वह काफी दुखी और पार्टी द्वारा खुद को उपक्षेति महसूस कर रहे हैं। लोकसभा सचिवालय को अपना इस्तीफा सौंपने के तत्काल बाद उन्होंने मीडिया से कहा, “जिस वजह से मैं पार्टी(भाजपा) में शामिल हुआ था, वह झूठा साबित हुआ। लेकिन अब मैं(इस्तीफा देने के बाद) अपने भीतर की बैचेनी से मुक्त हो गया हूं।” पटोले ने कहा कि उन्होंने अभी तक यह तय नहीं किया है कि वह किस पार्टी में शामिल होंगे, लेकिन वह ‘किसी समान विचारधारा वाले राजनीतिक दल’ में शामिल होने पर विचार करेंगे।
नाना पटोले ने लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन को भेजे एक पत्र में उन्होंने अपने इस्तीफे के लिए कृषि, अर्थव्यवस्था और बेरोजगारी जैसे 14 मुद्दों को कारण के तौर पर गिनाया। पटोले ने आरोप लगाया कि उन्होंने प्रधानमंत्री के समक्ष भी बार बार मुद्दे उठाए लेकिन उन्होंने उन्हें नजरंदाज कर दिया । बता दें कि नाना पटोले 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी में शामिल हुए थे। उन्होंने भंडारा-गोंदिया लोकसभा क्षेत्र से एनसीपी के कद्दावर नेता प्रफुल्ल पटेल को शिकस्त दी थी। इससे पहले बीजेपी सांसदों की एक बैठक में पटोले ने कहा था कि जब एक बार उन्होंने पीएम मोदी के सामने किसानों की खुदकुशी का मामला उठाया था तो पीएम नाराज हो गये थे। नागपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में नाना पटोले ने तब कहा था, ”मोदी सवाल लेना पसंद नहीं करते और जब मैंने भाजपा सांसदों की बैठक में ओबीसी मंत्रालय और किसान आत्‍महत्‍या से जुड़े मुद्दे उठाए तो वे बेहद गुस्‍सा हो गए। जब मोदी से सवाल पूछे जाते हैं, तो वह आपसे पूछते हैं कि क्‍या आपने पार्टी मैनिफेस्‍टो पढ़ा है और विभिन्‍न सरकारी योजनाओं से रूबरू हैं।”

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