सोमनाथ से जगन्नाथ धाम की ओर- मोदी पुरी से उतर सकतेे है

सोमनाथ (गुजरात) की धरती से आए और काशी विश्वनाथ (बनारस) से जीत पीएम बने नरेंद्र मोदी क्या जगन्नाथ (पुरी) का रुख करेंगे? अगर पीएम मोदी ओडिशा बीजेपी के सुझावों को मानेंगे तो वह नरसिम्हा राव के बाद ऐसे दूसरे सिटिंग पीएम होंगे जो भारत के इस पूर्वी प्रदेश से चुनाव लड़ेंगे।

पूर्व पीएम नरसिम्हा राव ने 1996 में पीएम रहते हुए ऐसा किया था। राव ने ओडिशा के बरहामपुर सीट से 62.5 फीसदी वोट पाते हुए बड़े अंतरों से चुनाव जीता था। राव इसके अलावा आंध्र प्रदेश की नंदयाल सीट से भी जीते थे। उन्होंने बरहामपुर सीट ही अपने पास रखी। हालांकि किसी दल को बहुमत नहीं मिलने की स्थिति में बतौर पीएम उनकी वापसी नहीं हो पाई और वाजपेयी के नेतृत्व में बीजेपी कम समय के लिए ही सरकार बनाने में सफल हुई थी। ऐसा माना जा रहा है कि पुरी से मोदी के उतरने से बीजेपी पूर्वी भारत को लेकर चल रही अपनी रणनीति को और मजबूती दे पाएगी।

अब पीएम मोदी के पुरी से चुनाव लड़ने की खबरें जब उठी हैं, तो बीजेपी इसे लेकर ग्राउंड वर्क में भी जुटी दिख रही है। रविवार को ओडिशा बीजेपी की स्टेट एग्जिक्युटिव की बैठक हुई। इसमें केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और स्मृति इरानी भी शामिल हुए।

बीजेपी सूत्रों ने बताया कि इसमें राज्य के राजनीतिक हालात के साथ-साथ मोदी के पुरी से लड़ने की संभावनाओं पर भी चर्चा हुई। बीजेपी के आंतरिक मामलों के जानकारों का मानना है कि सोमनाथ की धरती से आकर काशी विश्वनाथ की धरती का प्रतिनिधित्व करने वाले मोदी अगर जगन्नाथ धाम (पुरी) से लड़ते हैं तो यह लोगों के लिए ‘राइट सिग्नल’ होगा।

अयोध्या के राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष ने कहा कि मोदी को सद्बुद्धि मिले- अयोध्या दर्शन को आएं। अब मोदी-योगी बहुमत में हैं, ऐसे में जल्द से जल्द मंदिर का निर्माण हो- अगर मोदी भगवान का काम करेंगे तभी सत्ता में रह पाएंगे वरना उनको सत्ता से हटा दिया जाएगा।
अयोध्या के राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष नृत्य गोपालदास ने एकबार फिर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अयोध्या आने का न्योता दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि मोदी को सद्बुद्धि मिले कि वह अयोध्या दर्शन को आएं। साथ ही यह भी कहा कि अगर मोदी भगवान का काम करेंगे तभी सत्ता में रह पाएंगे वरना उनको सत्ता से हटा दिया जाएगा। नृत्य गोपालदास ने पीएम मोदी को नसीहत देते हुए कहा, ‘मोदी को सद्बुद्धि मिले कि वह अयोध्या दर्शन को आएं। अब मोदी-योगी बहुमत में हैं, ऐसे में जल्द से जल्द मंदिर का निर्माण हो। दिल्ली में धर्माचायों ने सरकार को याद दिलाया है कि राम मंदिर का निर्माण जल्द निर्माण होना चाहिए।’ उन्होंने यह भी कहा, ‘केंद्र को चाहिए कि वह विशेषाधिकार से मंदिर का निर्माण करवाए। मोदी भगवान का काम करेंगे तो सत्ता में रहेंगे, नहीं तो भगवान सत्ता से हटा देंगे।’ नृत्य गोपाल दास ने राहुल गांधी और अखिलेश यादव को धन्यवाद देते हुए कहा, ‘राहुल-अखिलेश को धन्यवाद, जो भगवान के बारे में बात करने लगे।’

राज्य बीजेपी अध्यक्ष बसंत पांडा का कहना है कि इससे यहां के कार्यकर्ताओं का मनोबल भी काफी बढ़ेगा। फिलहाल पुरी से बीजेडी के पिनाकी मिश्रा सांसद हैं। मोदी के पुरी से लड़ने को लेकर दूसरे तर्क पूर्वी भारत में बीजेपी को ताकतवर बनाने के लिए दिए जा रहे हैं। एक बीजेपी नेता ने कहा कि पश्चिमी तट के राज्य गुजरात से आने वाले मोदी अगर पूर्वी तट के राज्य से चुनाव लड़ते हैं तो एक मजबूत राजनीतिक संकेत जाएगा।
उनके मुताबिक मोदी यह कहते भी रहे हैं और इस कदम से यह मेसेज भी जाएगा कि पश्चिमी भारत के साथ-साथ विकास की मुख्यधारा में पूर्वी भारत भी है। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी कई बार कह चुके हैं कि पश्चिम बंगाल और तेलंगाना के साथ-साथ ओडिशा भी उनकी पार्टी के फोकस में है। ओडिशा में विधानसभा चुनाव लोकसभा के साथ ही होने हैं। बीजेपी को लगता है कि चौथी बार सीएम के तौर पर अपनी दावेदारी लेकर उतरने वाले नवीन पटनायक के खिलाफ सत्ता विरोधी माहौल है।

2014 के आम चुनावों में बीजेपी को ओडिशा की 21 में से एक, पश्चिम बंगाल की 42 में से 2, तेलंगाना की 17 में से एक और आंध्र प्रदेश की 25 में से 2 सीटों पर जीत मिली थी। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर मोदी ओडिशा से चुनाव लड़े तो पूर्वी भारत में यह बीजेपी की संभावनाओं को बेहतर बनाएगा। हालांकि पीएम मोदी द्वारा राजनीतिक रूप से काफी महत्वपूर्ण यूपी या उनके गृहराज्य गुजरात को छोड़ने के भी कोई संकेत नहीं दिख रहे।

बरहामपुर यूनिवर्सिटी के राजनीति विज्ञान के एक सेवानिवृत्त प्रफेसर जयंत महापात्रा के मुताबिक मोदी के इस कदम से बड़ा असर तो पड़ेगा लेकिन इसकी संभावना नहीं है। वहीं ओडिशा के रेवेन्यू मिनिस्टर और पुरी से विधायक महेश्वर मोहंती का कहना है कि अगर मोदी पुरी से लड़ते भी हैं तो बीजेडी की सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।

 

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