गुजरात में अकेले दम पर गोवर्धन पर्वत संभाले मोदी

एक बार फिर से गुजरात चुनाव में बीजेपी की बेहतर रणनीति के सामने कांग्रेस पस्त हो गई. कांग्रेस के नवनिर्वाचित अध्यक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस के रणनीतिकारों की सारी रणनीति को पीएम मोदी ने बेकार साबित कर दिया. कांग्रेस की हर रणनीति पीएम मोदी के सामने बौनी साबित हुई है.पिछले दो दशक से गुजरात में पीएम मोदी के सामने कोई दूसरा चेहरा उभर कर सामने नहीं आया. इस दौरान पीएम मोदी ने गुजरात में अकेले दम पर गोवर्धन पर्वत संभाल रखा है. मोदी ने इस चुनाव में पार्टी की डूबती कश्ती को ही नहीं बचाया बल्कि बीजेपी को एक बार फिर से पांच सालों के लिए सत्ता में वापसी भी करा दी. अब सत्‍ता का आनंद लेगे कुछ लोग   पर कुछ सवाल खडे हो गये है,
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ग्रामीण इलाकों के वोटर बीजेपी से क्यों दूर हो रहे हैं ? – क्या मोदी सरकार किसानों से दूर होती जा रही है ? गुजरात और हिमाचल में जीत के बावजूद बीजेपी के लिए ये नतीजे एक सबक से कम नहीं होंगे. हाल के दो विधानसभा चुनावों में हिमाचल प्रदेश की तुलना में गुजरात में करीब दोगुने मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृहराज्य गुजरात में ऐसे मतदाताओं की संख्या 5.5 लाख है.

 

वही दूसरी ओर गुजरात चुनाव में मिली नाकामी के बाद हार्दिक ने ट्वीट करके कहा कि  हार्दिक ने ट्वीट करके कहा, ‘ हार्दिक नहीं हारा,बेरोज़गारी हारी है,शिक्षा की हार हुई है,स्वास्थ्य की हार हुई है,किसान की नमी आंख हारी हैं. आम लोगों से जुड़ा हर मुद्दा हारा है एक उम्मीद हारी हैं. सच कहु तो गुजरात की जनता हारी हैं EVM की गड़बड़ी जीत गई हैं.  पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने गुजरात विधानसभा चुनाव में बीजेपी पर कहा है कि वह बीजेपी को उसकी जीत के लिए अभिनंदन नहीं देंगे. उन्होंने ट्वीट करके आरोप लगाया की बीजेपी यह चुनाव बेईमानी से जीती है. उन्होंने फिर दावा किया कि ईवीएम के साथ छेड़छाड़ हुई है. अपने एक ट्वीट में उन्होंने कहा कि जनता के अधिकारों की लड़ाई जारी रहेंगी, आरक्षण,किसान और युवाओं की लड़ाई हम ईमानदारी से और सत्य के आधार पर लड़ेंगे,जो लड़ेगा वही जीतेगा इंक़लाब ज़िंदाबाद. वहीं एक और ट्वीर में हार्दिक ने कहा, ‘यह कैसी जीत है जिसमें मुट्ठी भर लोंग को छोड़कर पूरा प्रदेश बेबस हैं.यह हैरान करने वाली बात हैं.मेरा गुजरात परेशान हैं.’ मैं बीजेपी को उसकी जीत के लिए अभिनंदन नहीं दूंगा क्योंकि ये जीत बेईमानी से हुई हैं. गुजरात की जनता जागृत हुवी हैं लेकिन और जागृत होना ज़रूरी हैं.EVM के साथ छेड़छाड़ हुवी है यह हक़ीक़त हैं.

पीएम मोदी ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि मैं सबसे पहले गुजरात और हिमाचल की जनता को शत शत नमन करता हूं। जीएसटी के बाद भी भाजपा की जीत हुई। उन्होंने विकास के रास्ते को चुना। विकास के मार्ग से ही जन सामान्य की समस्याओं का समाधान होगा। मोदी ने कहा कि जीएसटी के बाद पिछले दिनों हुए चुनाव में भाजपा को भार जन समर्थन मिला। कहा जा रहा था जीएसटी की वजह से यूपी में भाजपा का खात्मा होगा लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। देश रिफॉर्म के लिए तैयार है। मिडिल क्लास की उम्मीदें बढ़ीं हुई है।
चुनाव से पहले GST एक बड़ा मुद्दा था लेकिन जीत के बाद पीएम ने कहा कि GST को लेकर गलत आकलन किया गया, मिडिल क्लास की उम्मीदें बढ़ी हुई हैं. पीएम मोदी ने दोनों राज्यों की जीत को विकास के नाम किया और कहा कि इन नतीजों से सिद्ध हुआ कि देश रिफॉर्म के लिए तैयार है.
गुजरात और हिमाचल प्रदेश में शानदार जीत के बाद पीएम मोदी बीजेपी मुख्यालय पहुंचे, पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने उनका स्वागत किया. जीत पर पीएम मोदी ने अमित शाह की पीठ थपथपाई. ‘मैं इस बात का आश्वासन देता हूं कि हम गुजरात, हिमाचल प्रदेश के विकास के सफर को जारी रखने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे, लोगों की जी जान लगाकर सेवा करेंगे.”
अमित शाह ने इस बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि 2014 के बाद निकली मोदी की विजय यात्रा 2 कदम और आगे बढ़ी है। मोदी के नेतृत्व में गुजरात, हिमाचल में जीत मिली है। गुजरात और हिमाचल प्रदेश में जीत के बाद बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा – ये जीत वंशवाद , जातिवाद और तुष्टिकरण से ऊपर की जीत है. ये विकासवाद की जीत है.

उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा – गुजरात और हिमाचल की जीत पीएम मोदी के विकास की जीत है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को गुजरात में मुंह की खानी पड़ी. उन्होंने कहा कि मणिशंकर अय्यर और कपिल सिब्बल के बयान मुद्दों से भटकाने के लिए थे. लेकिन जनता ने नकरात्मक राजनीति को जगह नहीं दी.

14 मार्च 1995 को केशुभाई पटेल की अगुआई में बीजेपी कांग्रेस को हराकर सत्ता में आई थी। गुजरात के सीएम रहने के बाद 2014 में नरेन्द्र मोदी भारत के पीएम बने और दिल्ली आ गए. उनके जाने के बाद दो बार सीएम बदले गए और फिर चुनाव हुए जिसमें बीजेपी को एक बार फिर जीत मिली. इस जीत को पीएम मोदी ने दोहरी खुशी बताते हुए कहा कि मेरे लिए गुजरात में डबल खुशी का मौका है, मेरे जाने के बाद भी गुजरात में विकास में कमी नहीं रही

हिमाचल प्रदेश में सराकर बनाने जा रही बीजेपी को बड़ा झटका लगा, सीएम पद के उम्मीदवार और राज्य के पूर्व सीएम प्रेम सिंह धूमल चुनाव हारे. उन्हें कांग्रेस के राजिन्दर सिंह राणा ने 2933 वोटों से मात दी. हिमाचल में जीत के बावजूद बीजेपी को बड़ा झटका, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सत्ती चुनाव हारे. वहीं सीएम उम्मीदवार प्रेम कुमार धूमल भी 2933 वोट से पीछे चल रहे हैं. बीजेपी ने हिमाचल में कार्यकर्ताओं से फिलहाल जश्न ना मनाने को कहा है.
गुजरात के रुझानों में एक बार फिर उलटफेर देखने को मिल रहा है. बीजेपी और कांग्रेस में एक बार फिर अंतर देखने को मिल रहा है. बीजेपी 100 से नीचे पर पहुंच गई है. 180 सीटों के रुझानों की बात करें तो बीजेपी 999, कांग्रेस 80 और दो पर अन्य आगे हैं. गुजरात में पार्टी के प्रदर्शन पर बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा- मुझे 105 सीटों तक की उम्मीद थी, लेकिन राम मंदिर के मुद्दे के चलते 120 सीटें तक आ सकती थीं. 150 सीटों का लक्ष्य तो मुझे हमेशा से हास्यास्पद लग रहा था. 2012 के आंकड़ों पर गौर करें तो शहरी इलाकों के वोटरों ने बीजेपी को सत्ता दिलाई थी. इस बार भी वही हाल रहा. इस बार शहरी इलाकों की 84 सीटों में से बीजेपी को सीटें मिली हैं, जबकि 2012 में ये आंकड़ा 66 सीटों का था. गुजरात के 4 बड़े शहरों…अहमदाबाद, राजकोट, वडोदरा और सूरत की 55 में से 44 सीटों पर बीजेपी ने कब्जा जमाया जबकि कांग्रेस को सिर्फ 11 सीटों पर ही संतोष दर्ज करना पड़ा. निश्चित रूप से शहर ही बीजेपी का गढ़ रहा है इस बार भी शहरों ने ही बचाया है और गांव का वोट जाति के हिसाब से बंटा है. गुजरात के नतीजे बता रहे हैं कि गांव से बीजेपी का रिश्ता कमजोर हो रहा है. कम से कम आंकड़े तो यही गवाही दे रहे हैं. गुजरात की 98 ग्रामीण सीटों में से इस बार बीजेपी सिर्फ सीटों पर ही जीत पाई है. जबकि 2012 में 49 सीटें मिली थीं. कांग्रेस का वोटबैंक ग्रामीण इलाकों में है और वो अब बढ़ रहा है.

जिन बड़े चेहरों पर नजर थी, उनमें से सीएम विजय रूपाणी और डिप्टी सीएम नितिन पटेल ने जीत दर्ज की। दूसरी तरफ कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले ओबीसी नेता अल्पेश ठाकोर और दलित नेता जिग्नेश मेवाणी को जीत हासिल हुई। कांग्रेस के बड़े नेता अर्जुन मोढवाडिया और शक्तिसिंह गोहिल हार गए। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने कहा – पीएम मोदी पर लोगों का अटूट विश्वास है. चुनाव नतीजे विकास एवं वर्गहीन समाज के एजेंडे में लोगों के अडिग विश्वास को दर्शाते हैं.

गुजरात और हिमाचल प्रदेश में बीजेपी की जीत के बाद सोमवार शाम के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पार्टी मुख्‍यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. इस दौरान उन्‍होंने दोनों राज्‍यों की जनता के साथ ही पार्टी कार्यकर्ताओं को बधाई देते हुए कहा कि जीएसटी लागू करने के बाद विपक्षी दल बीजेपी के हारने की बात कर रहे थे. लेकिन जनता ने इस जीत के साथ ही विपक्षियों को जवाब दिया है. इस मौके पर उन्‍होंने बीजेपी अध्‍यक्ष अमित शाह की कुशल रणनीति के लिए उन्‍हें धन्‍यवाद दिया. इस दौरान उन्‍होंने कहा कि मुझे देश के लिए आजादी की जंग में देश के लिए मरने का सौभाग्‍य नहीं मिला. अब मुझे आजाद भारत को भव्‍य बनाने का मौका मिला. पढ़िए प्रधानमंत्री मोदी के भाषण की खास बातें.

ये हैं भाषण की 10 खास बातें

आजादी की जंग में देश के लिए मरने का सौभाग्‍य नहीं मिला

पिछले कुछ महीनों में गुजरात में फिर जातिवाद का बीज बोया गया

जनता ने विकास को वोट दिया, गुजरात के विकास का फायदा देश को मिलता है

विकास का मजाक हिन्‍दुस्‍तान बर्दाश्‍त नहीं करेगा, गुजरात/ हिमाचल ने विकास का रास्‍ता चुना

जिनकी प्राथमिकता गलत काम करना, जनता उन्‍हें स्‍वीकार नहीं करती

गुजरात में कांग्रेस के साथ मेरे खिलाफ कई ताकतें थी

विपक्षियों से आग्रह किया, कृपया देश को विकास के रास्‍ते से न भटकाएं

गुजरात से जातिवाद का जहर निकालते हुए 30 साल लग गए

एक भी गुजराती अलग नहीं, सब मिलकर काम करेंगे

अब देश की जनता ने मुझे आजाद भारत को भव्‍य बनाने का मौका दिया है.

इससे पहले गुजरात और हिमाचल प्रदेश में जीत से उत्साहित बीजेपी ने इसका श्रेय पीएम नरेंद्र मोदी की कार्यशैली और विकास को दिया. केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी जीत पर कांग्रेस की चुटकी ली. राजनाथ सिंह ने कहा कि इसे कहते हैं सिर मुंडाते ही ओले पड़ना. चुनाव नतीजों पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए बीजेपी अध्‍यक्ष अमित शाह ने कहा कि यह जीत पीएम मोदी की नीतियों की जीत है. आजादी के 70 वर्षों के बाद हमारा लोकतंत्र करवट ले रहा है. इसलिए इन चुनावों के माध्‍यम से वंशवाद, ध्रुवीकरण और जातिवाद की हार हुई है.

वही दूसरी ओर बीजेपी गुजरात में जीत जरूर गई है लेकिन पार्टी अध्यक्ष अमित शाह से चुनाव से पहले 150 सीटों का जो मिशन तय किया था, वह पूरा नहीं हुआ. खुद पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने इसके पीछे यह दलील थी.  बीजेपी अध्‍यक्ष अमित शाह ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि बीजेपी को इन राज्‍यों में कामयाबी मिली है. यह पीएम मोदी की नीतियों की जीत है. आजादी के 70 वर्षों के बाद हमारा लोकतंत्र करवट ले रहा है. इसलिए इन चुनावों के माध्‍यम से वंशवाद, ध्रुवीकरण और जातिवाद की हार हुई है. गुजरात में बीजेपी का जनसमर्थन 1.25 प्रतिशत बढ़ा है. इसी तरह हिमाचल प्रदेश में बीजेपी का वोट प्रतिशत 10 प्रतिशत बढ़ा है. हिमाचल प्रदेश में बीजेपी को दो तिहाई बहुमत मिलना दर्शाता है कि लोग पीएम मोदी के साथ विकास यात्रा में जुड़ना चाहते हैं.  यह पूछे जाने पर कि बीजेपी अपने मिशन को पूरा क्यों नहीं कर पाई? इसके जवाब में शाह ने कहा कि कांग्रेस ने आउटसोर्सिंग से चुनाव लड़ा था. जाति की राजनीति की थी जिसकी वजह से हमें अपेक्षित परिणाम नहीं मिला. उधर, बीजेपी की जीत पर प्रधानमंत्री मोदी ने गुजरात की जनता को धन्‍यवाद दे दिया है. पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर जीत के इस तोहफे के लिए लोगों का शुक्रिया अदा किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, ‘जीता विकास, जीता गुजरात. जय जय गरवी गुजरात.’ बता दें कि गुजरात के चुनाव में काफी सारी चुनावी रैलियों और भाषणों के बाद आखिरकार आज इस पूर इम्तिहान का परिणाम आ गया और 22 सालों का सफर अब और 5 सालों के लिए बढ़ गया है.

बता दें कि गुजरात की 182 सीटों पर लड़ रहे 1828 उम्मीदवारों को चुनने के लिए करीब 4.35 करोड़ वोटर्स थे. 2012 में चुनाव लड़ चुके 121 विधायक इस बार फिर मैदान में थे. दो फेज में कुल 67.75% वोटिंग हुई. यह पिछले चुनाव से 3.55% कम है. 2012 में 182 सीटों पर 71.30% वोटिंग हुई थी. याद दिला दें कि गुजरात में 19 साल से BJP सत्ता में है, लेकिन 15 साल में पहली बार मोदी सीएम कैंडिडेट नहीं हैं. 2001 में केशुभाई पटेल के हटने के बाद नरेंद्र मोदी को सीएम बनाया गया था. उनकी अगुआई में बीजेपी ने 2002, 2007 और 2012 में विधानसभा चुनाव लड़ा और जीता.

 

हिमाचल
सुजानपुर से भाजपा प्रत्याशी और सीएम पद के उम्‍मीदवार प्रेम कुमार धूमल चुनाव हार गए हैं। ये भाजपा के लिए बड़ा झटका है। यहां कांग्रेस के राजेंद्र राणा ने जीत का परचम लहराया है। इस तरह चेले ने गुरु को ‘राजनीति’ का पाठ पढ़ाया है। इस सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री का मुकाबला यहां से पूर्व विधायक रह चुके प्रत्याशी से था। वह इस सीट से पहली बार चुनाव लड़े रहे थे लेकिन उनको हार का सामना करना पड़ा।
डलहौजी
डलहौजी सीट से कांग्रेस की आशा कुमारी 832 मतों से जीत गईं हैं। उन्होंने भाजपा के डीएस ठाकुर को हराया है। कांग्रेस विधायक के खिलाफ भाजपा के जिलाध्यक्ष चुनाव मैदान में थे।

श्री नयना देवी
श्री नयना देवी से कांग्रेस के राम लाल ठाकुर 1194 वोटों से जीत गए हैं। इससे भाजपा के रणधीर शर्मा हैट्रिक बनाने से चुके गए हैं।

कांगड़ा
कांगड़ा में कांग्रेस के उम्‍मीदवार पवन काजल जीत गए हैं। उन्होंने भाजपा के संजय चौधरी को हराया है। कांगड़ा में कांग्रेस ने बगावत की परवाह किए बिना यहां निर्दलीय सिटिंग विधायक पवन को मौका दिया, जबकि भाजपा ने भी नया चेहरा दिया था। इसका सीधा फायदा कांग्रेस को हुआ।

चुराह
चुराह से भाजपा प्रत्याशी हंसराज जीत गए हैं। जबकि कांग्रेस के सुरेंद्र भारद्वाज हार गए हैं। हंसराज 4877 मतों से विजयी हुए। एक समाजवादी पार्टी और एक आजाद प्रत्याशी भी यहां चुनाव में थे।

हरोली
हरोली से कांग्रेस के मुकेश अग्निहोत्री भाजपा के रामकुमार शर्मा से 7377 वोटों से जीत गए हैं। इस सीट पर कांग्रेस का दबदबा रहा है। हालांकि तीन और प्रत्याशी भी चुनावी मैदान में थे।

सोलन जिले के विधानसभा क्षेत्र
सीट प्रत्याशी
1 दून पम्मी भाजपा विजेता
2 सोलन धनीराम कांग्रेस विजेता
3 कसौली राजीव भाजपा विजेता
4 अर्की वीरभद्र कांग्रेस विजेता

अर्की सीट
अर्की सीट से वीरभद्र सिंह ने बीजेपी के रत्न पाल को हरा कर बड़ी जीत हासिल की है। वीरभद्र की जीत के साथ ही विस क्षेत्र अर्की में धाम व सांस्कृतिक कार्यक्रम शुरू हो गए हैं। मुख्यमंत्री के चुनाव लड़ने से यह प्रदेश की हॉट सीट थी।

कुटलैहड़
कुटलैहड़ सीट से भाजपा के वीरेंद्र कवंर ने जीत का परचम लहराया। जीत के बाद उन्होंने कहा कि धूमल के लिए विधायक पद छोड़ने को तैयार ‌है। कांग्रेस ने आखिरी समय में वंशवाद की परवाह किए बिना यहां विवेक को नए चेहरे के तौर पर उतारा, जिसका खामियाजा पार्टी को भुगतना पड़ा।

शिलाई
शिलाई से कांग्रेस प्रत्याशी हर्षवर्धन चौहान ने भाजपा के बलदेव तोमर को हराया। भाजपा और कांग्रेस के बीच यहां कड़ा मुकाबला था।

मनाली
मनाली से भाजपा के गोविंद ठाकुर जीते। जबकि कांग्रेस प्रत्याशी हरि चंद शर्मा को हार झेलनी पड़ी। इस सीट पर कांग्रेस ने नया प्रत्याशी दिया था, जबकि भाजपा ने मौजूदा विधायक पर दांव खेला।

रोहड़ू
रोहडू में कांग्रेस के मोहन लाल ब्राक्‍टा जीत गए हैं। जबकि भाजपा प्रत्याशी शशि बाला हार गई है। जिला में कांग्रेस का गढ़ रही इस सीट पर इस बार मुकाबला रोचक रहा।

बैजनाथ
बैजनाथ सीट से भाजपा के मुल्‍ख राज प्रेमी जीत गए हैं। इस सीट से कांग्रेस प्रत्याशी किशोरी लालको हार का सामना करना पड़ा है। इस सीट पर एक बार फिर कांग्रेस और भाजपा के पुराने चेहरे आमने सामने थे।

देहरा
देहरा से निर्दलीय प्रत्याशी होशियार सिंह ने बाजी मारी है। उन्होंने भाजपा प्रत्याशी रविंद्र सिंह रवि और कांग्रेस प्रत्याशी विप्लव ठाकुरको पटखनी दी।

शिमला शहरी
शिमला शहरी से भाजपा के सुरेश भारद्वाज ने जीत की हैट्रिक लगाई है। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी हरभजन सिंह भज्जी को हराया है। राजधानी में चार प्रत्याशियों के बीच कड़ा मुकाबला था।

अानी
आनी से भाजपा के किशोरी लाल जीते हैं। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी परस राम को हरा दिया है। कांग्रेस ने यहां सिटिंग विधायक खूब राम का टिकट काट नए चेहरे को उतारा था जिसका खामियाजा भुगतना पड़ा है।

कसुम्पटी
कसुम्पटी से कांग्रेस प्रत्याशी अनिरुद्घ सिंह ने 9296 मतों से जीत हासिल की है। अनिरुद्घ ने भाजपा प्रत्याशी विजय ज्योति सेन को लगातार दूसरी बार मात दी है।

बल्ह
मंडी के बल्ह में भाजपा के इंद्र सिंह गांधी जीत गए हैं। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी प्रकाश चौधरी चुनाव हार गए हैं। इस सीट पर भाजपा और कांग्रेस उम्मीदवार में ही टक्कर मानी जा रही थी।

जयसिंहपुर
जयसिंहपुर में भाजपा प्रत्याशी रविंद्र धीमान ने भी जीत का परचम लहरा दिया है।जबकि कांग्रेस प्रत्याशी यादवेंद्र गोमा को हार चखनी पड़ी। आरक्षित सीट पर कांग्रेस के युवा विधायक के खिलाफ भाजपा ने नया चेहरा उतारा था, जिसका फायदा मिला।

लाहौल-स्पीति
लाहौल स्पीति से भाजपा के रामलाल मार्केंडय जीत गए हैं। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी रवि ठाकुर को हराया है। इस सीट पर दोनों पार्टियों ने पुराने चेहरों पर ही दांव खेला था।

सोलन
सोलन सीट से कांग्रेस के धनीराम शांडिल जीत गए हैं। उन्होंने भाजपा प्रत्याशी राजेश कश्यप को हराया है।

मंडी सदर
हिमाचल विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मंडी सदर सीट पर बड़ा झटका लगा है। मंडी से भाजपा प्रत्याशी और बालीवुड अभिनेता सलमान खान की बहन अर्पिता के ससुर अनिल शर्मा ने जीत का परचम लहराया है।

भरमौर
भरमौर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के जिया लाल जीत गए हैं। यहां भी कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। क्योंकि कांग्रेस से वरिष्ठ मंत्री ठाकुर स‌िंह भरमौरी चुनाव हार गए हैं।

पावंटा
पावंटा से भाजपा के सुखराम चौधरी जीत गए हैं। उन्होंने कांग्रेस के किरनेश जंग को मात दी। निर्दलीय जीत दर्ज करने वाले विधायक किरनेश जंग को कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार बनाया था, लेकिन पासा उलटा पड़ गया।

शिमला ग्रामीण
सीएम वीरभद्र के बेटे और शिमला ग्रामीण से कांग्रेस प्रत्याशी विक्रमादित्य सिंह 4850 वोटों से चुनाव जीत गए हैं। उन्होंने भाजपा के प्रमोद शर्मा को हराया। इस सीट पर सीएम वीरभद्र स‌िंह की प्रतिष्ठा दाव पर लगी थी, लेकिन नतीजा कांग्रेस के पक्ष में आने से राहत मिली है।

धर्मशाला
धर्मशाला सीट पर भी बड़ा फेरबदल हुआ है। यहां भाजपा के किशन कपूर जीत गए है। किशन कपूर 2997 वोट से जीते। वहीं कांग्रेस सरकार से मंत्री सुधीर शर्मा हार गए। यहां भाजपा और कांग्रेस के दो कद्दावर नेताओं के बीच मुकाबला था। यहां सबसे अधिक प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतरे थे।

कुल्लू
कुल्‍लू में कांग्रेस के सुंदर सिंह जीत गए हैं। भाजपा के महेश्वर सिंह को हार का सामना करना पड़ा है। लेकिन कांग्रेस ने इस बार नया चेहरा दिया था और इसका फायदा मिला।

ऊना
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष और ऊना सदर से भाजपा प्रत्याशी सतपाल सत्ती 3063 वोटों से हार गए हैं। यहां कांग्रेस के सतपाल रायजादा ने बाजी मारी है।

ज्वाली
ज्वाली से भाजपा के अर्जुन ठाकुर जीते। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी चंद्र कुमार को हराया। कांग्रेस विधायक ने यहां अपने पिता के लिए इस बार सीट छोड़ी थी। यहां से एक आजाद, बसपा और नव भारत एकता दल का प्रत्याशी भी मैदान में थे।

रामपुर
रामपुर से कांग्रेस के नंद लाल ने जीत की हेट्रिक लगाई है। उन्होंने भाजपा के प्रेम सिंह द्रैक को हराया। नंदलाल को 24066 और प्रेम द्रैक को 20542 वोट मिले। कांग्रेस की गढ़ मानी जाने वाली इस सीट पर इस बार कांटे की टक्कर थी।

दून
सोलन की दून सीट से भाजपा के परमजीत सिंह पम्‍मी जीते। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी राम कुमार चौधरी को हराया। 2012 में निर्दलीय चुनाव लड़ने वाली प्रत्याशी को इस बार भाजपा ने अपना प्रत्याशी बनाया था।

ठियोग
वहीं ठियोग से सीपीआईएम के राकेश सिंघा जीत गए हैं। जबकि भाजपा प्रत्याशी राकेश वर्मा और कांग्रेस प्रत्याशी दीपक राठौर को हार का सामना करना पड़ा है। विद्या स्टोक्स के चुनाव मैदान से हटने के बाद से इस सीट पर मुकाबला रोचक हो गया था।

बिलासपुर
बिलासपुर सदर से भाजपा के सुभाष ठाकुर 6862 वोटों से जीत गए हैं। उन्होंने कांग्रेस के सीटिंग एलएलए बंबर ठाकुर को हराया। भाजपा ने यहां पूर्व सांसद सुरेश चंदेल की जगह नए चेहरे सुभाष को टिकट दिया था।

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