हल्‍द्वानी से प्रत्‍याशी बनायेगी भाजपा एनडी के पुत्र को ?

बेटे समेत बीजेपी में शामिल हुए एनडी तिवारी पुत्र को हल्‍द्वानी से विधानसभा चुनाव का प्रत्‍याशी बनायेगी भाजपा  # कांग्रेस के नेताओं को टिकट बांटे जाने से नाराज भाजपा में हो सकती है बगावत – टिकट पाने से वंचित रह गये भाजपा नेता निर्दलीय चुनाव मैदान में उतर कर भाजपा के लिए खडी करेगे मुसीबत# बडी खबर  #हिमालय गौरव उत्‍तराखण्‍ड  

18 तारीख का पं0 नारायण दत्‍त तिवारी के जीवन में बडा महत्‍व है- इस तारीख ने ही उन्‍हें जीवन के इस मोड पर भी अजेय बनाकर रखा- 18 अक्‍टूबर को जन्‍म लेने वाले पं0 नारायण दत्‍त जी तिवारी 18 जनवरी 2017 को भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गये- एक्‍सक्‍लूसिव खबर-  www.himalayauk.org (Leading Digital Newsportal 

उत्‍तराखंड चुनाव 2017: कांग्रेस को तगड़ा झटका, बेटे समेत बीजेपी में शामिल हुए एनडी तिवारी- नडी तिवारी बुधवार सुबह 11, अकबर रोड स्थित अमित शाह के आवास पहुंचे थे।  इससे पहले 16 जनवरी को चालीस साल तक कांग्रेस में रहने के बाद उत्तराखंड के दिग्गज नेता और प्रदेश के सिंचाई मंत्री यशपाल आर्य अपने बेटे संजीव के साथ बीजेपी में शामिल हो गए थे। 

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के दिग्गज नेता नारायण दत्त तिवारी बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हो गए. उन्होंने नई दिल्ली में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के आवास पर उनकी मौजूदगी में बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की. नारायण दत्त तिवारी के साथ उनके पुत्र रोहित शेखर भी बीजेपी की सदस्यता ली. भाजपा ने यशपाल आर्य को बाजपुर तथा उनके पुत्र को नैनीताल से अपना प्रत्‍याशी बनाया है, अब देखना है कि क्‍या एनडी तिवारी के पुत्र को भी हल्‍दानी से भाजपा अपना प्रत्‍याशी बनाती है-   

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के दिग्गज नेता नारायण दत्त तिवारी बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हो गये. नई दिल्ली में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के आवास पर बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की,  91-वर्षीय नारायण दत्त तिवारी दो राज्यों – उत्तर प्रदेश तथा उत्तराखंड – के मुख्यमंत्री रहे हैं, केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं तथा आंध्र प्रदेश के राज्यपाल भी रहे हैं, हालांकि राज्यपाल के रूप में उन्हें कार्यकाल के बीच में ही सेक्स स्कैंडल की वजह से इस्तीफा देना पड़ा था.  राजनैतिक हलकों में दिग्गज राजनेता के रूप में सम्मानित रहे नारायण दत्त तिवारी को ’90 के दशक की शुरुआत में प्रधानमंत्री पद के संभावित प्रत्याशी के रूप में भी देखा गया था. लेकिन बाद में वर्ष 1994 में उन्होंने कांग्रेस छोड़कर एक अन्य दिग्गज कांग्रेसी नेता अर्जुन सिंह के साथ मिलकर अपनी खुद की पार्टी कांग्रेस (तिवारी) का गठन किया था, लेकिन जब सोनिया गांधी ने कांग्रेस की कमान संभाली, तो दोनों नेता कांग्रेस में लौट आए थे.

91 साल के एनडी तिवारी अविभाजित उत्तर प्रदेश के तीन बार सीएम रह चुके हैं। 2002 में उत्तराखंड स्टेट बनने के बाद वह 2002 से 2007 तक इस राज्य के भी सीएम रहे। 1986-1987 में वे राजीव गांधी कैबिनेट में विदेश मंत्री थे। 2007 से 2009 तक आंध्र प्रदेश के राज्यपाल रहे। 2009 में एक सेक्स स्कैंडल में नाम आने पर उन्हें पद से इस्तीफा देना पड़ा। 2013 में शेखर ने एक पैटरनिटी सूट कोर्ट में दायर किया था। इसमें दावा किया गया था कि रोहित के बायोलॉजिकल पेरेंट्स नारायणदत्त और उज्ज्वला शर्मा हैं। शुरुआत में डीएनए टेस्ट से इनकार करने के बाद तिवारी इसके लिए तैयार हो गए थे। टेस्ट रिजल्ट में रोहित का तिवारी का बायोलॉजिकल बेटा होना साबित हुआ था। 2014 में दिल्ली हाईकोर्ट ने एक ऑर्डर पास कर शेखर को एनडी तिवारी का बायोलॉजिकल बेटा घोषित कर दिया था। 22 मई 2014 को तिवारी ने उज्ज्वला शर्मा से शादी कर ली।
नारायण दत्त तिवारी के साथ उनके पुत्र रोहित शेखर ने  भी बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की हैं. रोहित शेखर को नारायण दत्त तिवारी ने तीन साल पहले ही पुत्र स्वीकार किया था, जब छह साल की कानूनी लड़ाई के बाद उनका पितृत्व साबित हो गया था.
नारायण दत्त तिवारी को बीजेपी में शामिल किया जाना उत्तराखंड में ब्राह्मण वोटों को मजबूती देने की कोशिश माना जा रहा है, जहां अगले माह विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं. इस पहाड़ी राज्य में बीजेपी पहले से ही विद्रोह से जूझ रही है, क्योंकि पार्टी ने लगभग 15 ऐसे नेताओं को प्रत्याशी घोषित कर दिया है, जो हाल ही में पार्टी में शामिल हुए हैं, और उन नेताओं में कांग्रेस के वे पूर्व विधायक भी शामिल हैं, जिन्होंने पिछले साल मौजूदा मुख्यमंत्री हरीश रावत के खिलाफ विद्रोह कर उन्हें विश्वासमत हासिल करने के लिए मजबूर कर दिया था. भारतीय जनता पार्टी 70 सीटों वाले राज्य उत्तराखंड में फिलहाल 64 सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर चुकी है.
नारायण दत्त तिवारी उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. उससे पहले वह तीन बार अविभाजित उत्तर प्रदेश के भी मुख्यमंत्री रहे हैं, जब उत्तराखंड का गठन नहीं हुआ था. नारायण दत्त तिवारी दो साल के लिए आंध्र प्रदेश के गवर्नर भी रहे, लेकिन वर्ष 2009 में उन्हें सेक्स स्कैंडल के चलते कांग्रेस पार्टी के लिए शर्मिन्दगी का बायस बनने की वजह से इस्तीफा देना पड़ा था. नारायण दत्त तिवारी उस वक्त 84 वर्ष के थे, और उन्होंने अपने खराब स्वास्थ्य को इस्तीफे की वजह बताया था.

 

NEW DELHI: Congress veteran Narayan Dutt Tiwari will join the BJP today at party chief Amit Shah’s residence in Delhi on Wednesday morning. The BJP’s latest import from the Congress is 91 years old, has been the chief minister of two states, a union minister and a governor, though that stint was cut short when he resigned after a sex scandal. Also joining the BJP with Mr Tiwari today is Rohit Shekhar, acknowledged by the veteran politician as his son three years ago after a six-year legal battle to establish paternity.

Mr Tiwari’s induction into the BJP is seen as an attempt to consolidate the Brahmin vote in Uttarakhand, where elections will be held next month. The BJP already faces a rebellion in the hill state after naming about 15 people who joined the party only recently as candidates for the election, among them the Congress legislators who rebelled against current Chief Minister Harish Rawat last year pushing him to seek a confidence vote. The party has so far announced 64 candidates for Uttarakhand, which has 70 assembly seats.
ND Tiwari is a former chief minister of Uttarakhand. He was also chief minister of undivided Uttar Pradesh – before Uttarakhand was carved out of the state – thrice. Mr Tiwari had been the Governor of Andhra Pradesh for two years when he resigned in 2009 amid severe embarrassment for the Congress after allegations of a sex scandal at the Raj Bhawan or Governor’s house. 86 then, Mr Tiwari had cited poor health as the reason for his quitting.

A political heavyweight once, Mr Tiwari was even considered a potential candidate to be Prime Minister in the early 1990s. He quit the Congress in 1994 and launched his own party the Congress (Tiwari) along with another prominent Congressman Arjun Singh, but they later returned when Sonia Gandhi took over as Congress president.

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