उत्‍तराखण्‍ड की मुख्‍य खबरे- 22 JUNE 2018

देहरादून 22 जून, 2018(सू.ब्यूरो)

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने नागालैण्ड के जखामा में नगा विद्रोहियों के हमले में 4 कुमाऊं रजिमेंट के जवान योगेश परगाईं की शहादत पर गहरा दुःख व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने दिवंगत की आत्मा की शांति एवं दुख की इस घड़ी में उनके परिजनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से कामना की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड की जनता दुःख की इस घड़ी में शहीद के परिवार के साथ है। राज्य सरकार शहीद के परिवारजनों का हर सम्भव सहयोग करेगी।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने किया ‘‘ओक तसर विकास परियोजना’’ (टी.एस.पी) का शुभारम्भ
• रेशम कीड़ों की आपूर्ति के लिए राज्य सरकार द्वारा एक करोड़ रूपये की सहायता दी जायेगी।
• उत्तराखण्ड में ओक रिसर्च सेंटर के लिए भूमि उपलब्ध की जायेगी।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शुक्रवार को रिंग रोड स्थित किसान भवन में ‘‘ओक तसर विकास परियोजना’’ (टी.एस.पी) का शुभारम्भ किया। यह परियोजना केन्द्रीय रेशम बोर्ड, वस्त्र मंत्रालय के सहयोग से सीएसएस के अन्तर्गत किया जा रहा है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने रेशम कीड़ों की आपूर्ति हेतु राज्य सरकार की ओर से 01 करोड़ रूपये सहायता एवं उत्तराखण्ड में रेशम के ओक तसर रिसर्च सेंटर के लिए अनुकूलता के आधार पर भूमि उपलब्ध कराने की घोषणा की। हिमांचल प्रदेश की भांति उत्तराखण्ड में भी रेशम के कीड़ों के लिए किसानों के लिए धनराशि की व्यवस्था किये जाने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने रेशम विभाग की पुस्तक एवं फोल्डर का विमोचन तथा स्टाॅलों का अवलोकन भी किया।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि ओक तसर विकास परियोजना से रेशम उद्योग से जुड़े किसानों को रोजगार के नये आयाम जुड़ेंगे। प्रदेश में रेशम उत्पादन में वृद्धि होने से किसानों के लिए अतिरिक्त आय का जरिया बन सकता है। उत्तराखण्ड में बाँज प्राकृतिक रूप से अत्यधिक मात्रा में पैदा होता है। बाँॅज पर्यावरण एवं पानी के श्रोत विकसित करने लिए बहुत उपयुक्त है। मणिपुरी बाॅज के पौध उत्तराखण्ड में लगाना लाभप्रद होगा। इस बाॅज की ग्रोथ भी अच्छी है व इसकी पत्तियां कोमल भी होती हैं। उन्होंने कहा कि मैदानी जनपदों में रेशम उत्पादन में कमी आई है, रेशम के उत्पादन वृद्धि करने के लिए उन्होंने और अधिक प्रयासों की जरूरत बतायी। पर्वतीय क्षेत्रों में पर्याप्त मात्रा में कृषि भूमि उपलब्ध है वहां पर भी ओक एवं मलबरी के पौध रोपण कर किसान रेशम उत्पादन कर आय में वृद्धि कर सकते हैं। ओक एवं मलबरी के उत्पादन में वृद्धि के लिए कास्तकारों एवं रेशम विभाग को प्रयास करने होंगे।
केन्द्रीय वस्त्र राज्य मंत्री श्री अजय टम्टा ने कहा कि इस महत्वाकांक्षी परियोजना से राज्य में रेशम उत्पादन में वृद्धि होगी। देश में सिल्क का उत्पादन लगभग 33 हजार मीट्रिक टन है। उत्तराखण्ड में मलबरी सिल्क का उत्पादन अभी 33 मीट्रिक टन है, जिसे 55 मीट्रिक टन किये जाने का लक्ष्य रखा गया है। टेक्सटाइल के क्षेत्र में देश के निर्यात में 18 से 22 प्रतिशत सिल्क का निर्यात भारत करता है। देश में सिल्क उत्पादन में वृद्धि के लिए निरन्तर प्रयास किये जा रहे हैं। कोसी के पुनर्जीवीकरण के लिए 500 हेक्टेयर वन पंचायत की भूमि पर बाँज का रोपण किया जायेगा। मणिपुरी बाँच के पौधे अधिक लगाये जायेंगे। इससे बाॅज का ऐरिया बढ़ेगा और प्राकृतिक जल भी उपलब्ध होगा। किसान सिल्क की खेती से अच्छी आय अर्जित कर सकते हैं। सिल्क उत्पादन के लिए किसानों को प्रशिक्षित किया जायेगा।
कृषि एवं उद्यान मंत्री श्री सुबोध उनियाल ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन को रोकने के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने जरूरी हैं। रेशम के क्षेत्र में नये कलस्टर विकसित करके हम आगे बढ़ सकते हैं। उत्तराखण्ड सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण राज्य है। ओक तसर विकास परियोजना से लोगों को रोजगार की सम्भावनाओं को बढ़ाकर सीमान्त क्षेत्रों से पलायन रोकने में मदद मिलेगी।

इस अवसर पर सांसद श्रीमती माला राज्यलक्ष्मी शाह, केन्द्रीय रेशम बोर्ड के अध्यक्ष श्री के.एम हनुमन्थरायप्पा, अपर सचिव उद्यान डाॅ.मेहरबान सिंह बिष्ट, उद्यान निदेशक श्री आनन्द कुमार यादव आदि उपस्थित थे।

भारत सरकार द्वारा उत्तराखण्ड के लिए घोषित औद्योगिक विकास योजना के संबंध में कार्यशाला का आयोजन।
भारत सरकार द्वारा उत्तराखण्ड एवं हिमांचल प्रदेश के लिए विशेष औद्योगिक विकास योजना स्वीकृत की गयी है। इस योजना में दिनांक 01 अप्रैल, 2017 के पश्चात् स्थापित नई इकाईयों एवं विस्तारीकरण करने वाली इकाईयों को सुविधाएं अनुमन्य की गयी हैं। जिसमें केन्द्रीय पूंजी निवेश प्रोत्साहन योजना व केन्द्रीय व्यापक बीमा राज सहायता है। केन्द्रीय पूंजी निवेश प्रोत्साहन योजना के अन्तर्गत प्लांट एवं मशीनरी में कुल निवेश का 30 प्रतिशत अधिकतम 05 करोड़ रूपए की सहायता व केन्द्रीय व्यापक बीमा राज सहायता में भवन, प्लांट व मशीनरी के बीमा प्रीमियम का 05 वर्ष तक शत प्रतिशत प्रतिपूर्ति की सुविधा है।
इस संबंध में भारत सरकार के डिपार्टमेंट आॅफ इन्डस्ट्रियल पाॅलिसी एण्ड प्रमोशन के विशेष सचिव एवं औद्योगिक सलाहकार डाॅ.सुभाष चन्द्र पाण्डेय व उनके मंत्रालय के अधिकारियों द्वारा उक्त योजना की विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराये जाने हेतु शुक्रवार को देहरादून के एक स्थानीय होटल में औद्योगिक विकास योजना के संबंध में अवेयरनेस कार्यशाला का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर प्रदेश की योजना के अन्तर्गत प्री-रजिस्ट्रेशन करना आवश्यक है। इस हेतु भारत सरकार द्वारा आॅनलाईन पोर्टल प्रारम्भ किया गया है, जिस पर उद्यमी आॅनलाईन रजिस्ट्रशन कर सकते हैं। योजना के विभिन्न प्राविधानों के साथ-साथ आॅनलाईन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पर भी विस्तृत जानकारी दी गयी।
इस कार्यक्रम में राज्य के विभिन्न औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधि, सिडबी एवं बैंको के अधिकारी, उद्योग निदेशालय एवं जिला उद्योग केन्द्रों के अधिकारी सहित 100 से अधिक उद्यमियों द्वारा प्रतिभाग किया गया एवं योजना के सम्बन्ध में अपनी जिज्ञासाओं को भारत सरकार के अधिकारियों के समक्ष रखा गया।
भारत सरकार के विशेष सचिव एवं वित्तीय सलाहकार श्री पाण्डेय द्वारा उद्यमियों द्वारा उठायी गयी विभिन्न जिज्ञासाओं का समाधान किया गया एवं उनके द्वारा दिये गये सुझावों पर गम्भीरतापूर्वक विचार कर आवश्यक निर्णय लेेने का आवश्वासन दिया गया। नये पैकेज में मेन्युफैक्चरिंग के साथ-साथ सेवा क्षेत्र को भी पात्र गतिविधियों में सम्मिलित किया गया है। सेवा क्षेत्र में ऐसे उद्यमों को प्रोत्साहन दिया जायेगा, जिनमें पर्याप्त पूंजी निवेश एवं रोजगार सृजन होगा। उत्तराखण्ड राज्य के लिए विशेष रूप से पर्यटन क्षेत्र को इस पैकेज का विशेष लाभ मिलेगा।

प्रमुख सचिव उद्योग द्वारा श्रीमती मनीषा पंवार ने राज्य में निवेश के लिए अनुकूल वातावरण पर प्रकाश डालते हुए बताया कि राज्य में ईज-आॅफ-डूईंग बिजनेस की दिशा में विशेष कार्य किया गया है। सिंगल विण्डो सिस्टम को सृदृ़ढ किया गया है। प्रमुख सचिव द्वारा राज्य में इन्वेस्टमेंट समिट के आयोजन का भी उल्लेख किया गया।
भारत सरकार के विशेष सचिव द्वारा योजना के अन्तर्गत अनुमन्य सुविधाओं की स्वीकृति हेतु सरल, पारदर्शी एवं समयबद्ध प्रक्रिया बनाये जाने का आश्वासन दिया गया।

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देहरादून 22 जून, 2018(सू.ब्यूरो)

सड़क दुर्घटना संभावित क्षेत्रों(ब्लैक स्पाॅटस) के मरम्मत व क्र्रश बैरियर लगाने के लिए राज्य बजट से समुचित राशि आरक्षित करने का प्रावधान
• देहरादून में घराट हब विकसित करने की योजना-मुख्यमंत्री
• राज्य में पाइपलाइन द्वारा सिंचाई व ड्रिप सिंचाई पद्धति को प्रोत्साहित करने हेतु शीघ्र कार्ययोजना-मुख्यमंत्री
• ‘‘13 डिस्ट्रिक्ट 13 न्यू डेस्टिनेशन’’ योजना के तहत सभी जिलाधिकारियों को 50-50 लाख रूपये की अग्रिम धनराशि जारी
• होमस्टे योजना कोे दूरस्थ क्षेत्रों में आमजन तक पहुचाने पर फोकस
• सिंचाई विभाग को ड्रेनेज सिस्टम के निर्माण, रख-रखाव व अनुश्रवण कार्याे हेतु मुख्य कार्यकारी संस्था
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शुक्रवार को सचिवालय में सभी जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कान्फे्रसिंग के माध्यम से मुख्यमंत्री जी की घोषणाओ के तहत पर्यटन, सिंचाई, पेयजल एवं लोक निर्माण विभाग के कार्यो की जनपदवार समीक्षा की।
राज्य में सड़क दुर्घटनाओं के मुद्दे को गम्भीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि बारिश के मौसम को ध्यान में रखते हुए चिन्हित सड़क दुर्घटना संभावित क्षेत्रों(ब्लैक स्पाॅटस) के मरम्मत व क्र्रश बैरियर लगाने के कार्य सर्वाेच्च प्राथमिकता के साथ जल्द से जल्द पूरा किया जाय। उन्होने दुर्घटना संभावित क्षेत्रों(ब्लैक स्पाॅटस) के मरम्मत व क्रेश बैरियर लगाने आदि के लिए राज्य बजट से समुचित धनराशि आरक्षित करने की बात कही। इसके साथ ही पुलो के निर्माण के लिए 4 हजार करोड़ की ईएपी बनाने की बात कही। मा0 मुख्यमंत्री जी की घोषणाओं के लोक निर्माण विभाग के कार्यो की प्रगति की समीक्षा के तहत सम्बन्धित अधिकारियों द्वारा बताया गया कि विभाग की कुल 488 घोषणाओं में से 348 घोषणाएं पूरी हो चुकी हैं। शेष में 138 घोषणाएं आगामी दिसम्बर तक पूरी कर ली जाएगी। विभाग द्वारा मुख्यमंत्री जी की घोषणाओं को प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने त्वरित कार्यवाही के निर्देश देते हुए सभी जिलाधिकारियों को कहा कि लोक निर्माण विभाग के तहत सभी परियोजनाओं के वन तथा भूमि से सम्बन्धित क्लिेरेन्स के कार्य जनपद स्तर पर पूरे करते हुए 15 दिन के भीतर रिर्पोट शासन के समक्ष प्रस्तुत की जाय।
देहरादून में मन्नूगंज के नाले को अव्यवस्थित रूप से कवर करने को लेकर सिंचाई विभाग के अधिकारियो पर नाराजगी व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने निर्देश दिए कि नालों के मेंन्टेनेस हेतु मास्टर प्लान के तहत अनुभवी संस्थाओ व विशेषज्ञो की मदद ली जाय। मुख्यमंत्री ने सिंचाई विभाग को डेªनेज सिस्टम के निर्माण, रख-रखाव व अनुश्रवण कार्याे हेतु मुख्य कार्यकारी संस्था बनाये जाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री जी की सिंचाई विभाग से सम्बन्धित कुल 76 घोषणाओं में से 30 पूरी कर ली गई है। 18 घोषणाओं की डीपीआर तैयार हो गई है। 20 घोषणाओं की डीपाआर पर कार्य गतिमान है। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने सम्बन्धित अधिकारियों को बिना देरी के शेष 20 घोषणाओं के डीपीआर 15 अगस्त से पूर्व प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने नदियों के सरंक्षण तथा छोटे-छोटे चैक डैम, जलाशयों के निर्माण की कार्ययोजना पर गम्भीरता से कार्य करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि विधानसभा भराडीसैंण में ग्रेविटी बेस्ड पानी की आपूर्ति हेतु कार्ययोजना बनाई जाय। भविष्य में गैरसैंण में गे्रविटी बेस्ड जल आपूर्ति की सुनिश्चित किया जा सके, इसके लिए अभी से प्रयास आरम्भ करने होंगे।
सौंग बांध व देहरादून में घराट हब
बैठक के दौरान सौंग बांध के निर्माण की जानकारी देते हुए अधिकारियों ने बताया कि सौंग बांध निर्माण को निरन्तर 350 कार्यरत दिनो(वर्किंग डेज) में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। बांध से सम्बन्धित जियो सर्वे पूरा हो गया है। 148 मीटर ऊंचा यह बांध, जिसका सबमर्ज एरिया 76 हेक्टेयेर होगा तथा इससे 4 किमी0 झील का निर्माण होगा। सौंग बांध रगड़गांव से हल्दवाड़ी तक गे्रविटी बेस्ड पानी आपूर्ति करेगा। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने देहरादून में घराट हब विकसित करने की बात कही। उन्होंने कहा कि 20 से 25 घराट विकसित किए जा सकते है जो पर्यटन के नए आकर्षण के साथ ही पारम्परिकता के संरक्षण का कार्य भी करेंगे।
बैठक में पेयजल विभाग के अधिकारियों द्वारा जानकारी दी गई कि मुख्यमंत्री जी की विभाग से सम्बन्धित की 70 प्रतिशत घोषणाएं इस वर्ष पूरी हो जाएगी। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने जिलाधिकारियो से कहा कि जल संरक्षण हेतु छोटे चैक डैम, जलाशय, पुराने जल स्रोतो को रिचार्ज करने हेतु जिलास्तर पर विस्तृत सर्वे करवाए जाए। मुख्यमंत्री ने सचिव पेयजल को राज्य में पाइपलाइन द्वारा सिंचाई व ड्रिप सिंचाई पद्धति को प्रोत्साहित करने हेतु कार्ययोजना बनाने के लिए एक बैठक शीघ्र आयोजित करने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने कहा कि देशभर में कृषि के क्षेत्र में हो रही बेस्ट प्रैक्टिसिज की जानकारी लेने हेतु राज्य के प्रगतिशील किसानो के लिए भ्रमण कार्यक्रम आयोजित किए जाए।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने सभी जिलाधिकारियों से कहा कि यह वर्ष सरकार रोजगार वर्ष के रूप में मना रही है। उन्होंने कहा कि इस बात का विशेष ध्यान रखा जाय कि योजना, परियोजनाओं पर कार्य करते हुए कितने अधिक से अधिक रोजगार के अवसर विकसित किए जा सकते है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम रिस्पना व कोसी के पुनर्जीवीकरण के साथ ही इन्हें पर्यटकों के लिए नए आकर्षण के केन्द्र के रूप में भी विकसित करना चाहते हैं। कुछ पर्यटकों की शिकायतों का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने उत्तरकाशी में वन विभाग के अधिकारियों को पर्यटकों के साथ सहयोगपूर्ण रवैया अपनाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि जनपद स्तर पर राहत व बचाव कार्यो की निरन्तर समीक्षा की जाय तथा वर्षा के मौसम को ध्यान में रखते हुए मशीनरी को एक्टिवेट करे। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों से डीबीटी(डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर), आमजन में डीबीटी के लिए रूझान, विभिन्न योजनाओं के तहत लाभार्थियों को आपूर्ति किए जा रहे राशन की गुणवता, मिट्टी के तेल की आपूर्ति की अद्यतन जानकारी व फीडबैक लिया।
राज्य में नए पर्यटक स्थल विकसित करने हेतु ‘‘13 डिस्ट्रिक्ट 13 न्यू डेस्टिनेशन’’ योजना के तहत सभी जिलाधिकारियों को 50-50 लाख रूपये की अग्रिम धनराशि जारी कर दी गई है। जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए है कि वर्तमान होम स्टे का आॅनलाइन पंजीकरण शीघ्र से शीघ्र सुनिश्चित किया जाय तथा प्रत्येक जिले को दिए गए नए होम स्टे चयन की प्रक्रिया को पूरा किया जाय। ताकि सरकार द्वारा इनका विज्ञापन व प्रचार-प्रसार का कार्य शुरू किया जा सके। कलस्टर आधारित होम स्टे योजना क्रियान्वित की जाए। ज्ञातव्य है कि राज्य सरकार द्वारा 2020 तक 5000 होम स्टे योजना का लक्ष्य निर्धारित किया गया हैं। इस वर्ष 2000 होम स्टे लाभार्थियों के चयन का लक्ष्य पूरा किया जाना है। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने जिलाधिकारियों को विभिन्न प्रचार माध्यमों तथा शिविर लगाकर होमस्टे योजना के प्रचार-प्रसार को दूरस्थ क्षेत्रों में आमजन तक पहुचाने के निर्देश दिए।
बैठक में अपर मुख्य सचिव श्री ओम प्रकाश, प्रमुख सचिव श्री आनंदबर्द्धन, सचिव श्री अमित सिंह नेगी, श्री दिलीप जावलकर व वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से सभी जिलाधिकारी उपस्थित थे।
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देहरादून 22 जून, 2018(सू.ब्यूरो)

सेशल्स गणराज्य के राष्ट्रपति डैनी अन्टोइन रोलेन फौरे 26, 27 जून 2018 को उत्तराखण्ड भ्रमण पर रहेंगे। 26 जून को राष्ट्रपति और 05 सदस्यीय शिष्टमंडल का स्वागत जॉलीग्रांट एयरपोर्ट पर राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। राष्ट्रपति और शिष्टमंडल 26 जून को मसूरी स्थित एक होटल में रुकेंगे। 27 जून को उत्तराखण्ड के राज्यपाल द्वारा सेशल्स के राष्ट्रपति और शिष्टमंडल को लंच दिया जाएगा। 27 जून की शाम को सेशल्स गणराज्य के राष्ट्रपति इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी के कार्यक्रम में भाग लेंगे। राष्ट्रपति वर्ष 2017-2019 बैच के आईएफएस प्रोबेशनर से इंटरेक्शन करेंगे।
इस बारे में मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह ने शुक्रवार को सेशल्स के राष्ट्रपति के आगमन की तैयारियों की समीक्षा की। परिवहन, स्वास्थ्य, सुरक्षा आदि व्यवस्थाओं को फूलप्रूफ बनाने के निर्देश दिए।
इस दौरान डीजीपी श्री अनिल रतूड़ी, प्रमुख सचिव गृह श्री आनंद बर्धन, सचिव राज्यपाल श्री रविनाथ रमन, सचिव प्रोटोकॉल श्री हरबंश सिंह चुघ, सचिव वन श्री अरविंद सिंह ह्यांकी, अपर सचिव नागरिक उड्डयन श्री आर.राजेश कुमार, अपर सचिव स्वास्थ्य श्री अरुणेंद्र सिंह चैहान, अपर निदेशक सूचना डाॅ.अनिल चंदोला सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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चमोली 22 जून,2018 (सू0वि0)
देश के प्रथम विक्टोरिया क्राॅस नायक दरवान सिंह नेगी की 68 वीं पुण्यतिथि पर रविवार, 24 जून को उनके पैतृक गांव कफारतीर, विकासखण्ड नारायणबगड़ में जिलाधिकारी आशीष जोशी की अध्यक्षता में बहुउद्देशीय शिविर का आयोजन किया जायेगा। यह जानकारी देते हुए मुख्य विकास अधिकारी हसांदत्त पांडे ने विभागीय अधिकारियों को शिविर में विभागीय स्टाॅल लगाकर जन कल्याणकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार करने तथा योजनाओं की पूरी जानकारी के साथ स्वयं शिविर में उपस्थित रहने के निर्देश दिये है। उन्होंने बताया कि शिविर में ब्रिगेड कमांडर 9(स्व0) माउन्टेन ब्रिगेड गु्रप जोशीमठ के द्वारा मिलिट्री बैण्ड, सीएससी कैन्टीन व चिकित्सा शिविर का आयोजन भी किया जायेगा। इसके साथ ही प्रथम विक्टोरिया क्राॅस नायक की पुण्यतिथि पर वृक्षरोपण कार्यक्रम भी निर्धारित है।
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चमोली 22 जून,2018 (सू0वि0)
जिला मजिस्ट्रेट/रिटर्निग आॅफिसर (जिला योजना समिति) आशीष जोशी ने राज्य निर्वाचन आयोग की अधिसूचना संख्या 367 के क्रम में जनपद चमोली में जिला योजना समिति के जिला पंचायत प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्र के बढे हुए सदस्यों के पदों पर निर्वाचन हेतु जिला पंचायत के निर्वाचित सदस्यों की मतदाता सूची को तैयार करने हेतु समय सारणी जारी की है। उन्होंने बताया कि निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार ही जिला योजना समिति के जिला पंचायत प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्र के बढे हुए सदस्यों के निर्वाचन हेतु अन्तिम मतदाता सूची प्रकाशित की जायेगी।

मतदाता सूची के अन्तिम प्रकाशन के लिए निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 22 से 24 जून तक निर्वाचन नामावलियों के आलेख्य का निरीक्षण एवं दावा आपत्तियां दाखिल की जा सकती है। 25 जून तक सभी दावा/आपत्ति का निस्तारण करते हुए 26 जून को अंतिम रूप से तैयार निर्वाचक नामावली का प्रकाशन किया जायेगा। उन्होंने बताया कि सभी दावा/आपत्तियों का निस्तारण जिला मजिस्ट्रेट चमोली के कार्यालय में ही किये जायेंगे।

चमोली 22 जून,2018 (सू0वि0)
हिल एरिया पीपुल्स फाउण्डेशन द्वारा ब्लाक सभागार कर्णप्रयाग में स्वरोजगार की चेतना के विकास के लिए स्वरोजगार एवं कौशल विकास पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें भौतिक संशाधनों के सरंक्षण एवं सवद्र्वन करते हुए स्थानीय संशाधनों पर आधारित स्वरोजगार की भावना के विकास पर गहनता से चर्चा की गई। संगोष्ठी की मुख्य अतिथि ब्लाक प्रमुख कर्णप्रयाग राधा देवी तथा विशिष्ठ अतिथि हरपाल सिंह नेगी ने विक्टोरिया क्राॅस दरवान सिंह नेगी के चित्र पर माल्यपर्ण के साथ संगोष्ठि कार्यक्रम का शुभांरभ किया।

मुख्य अतिथि राधा देवी एवं विशिष्ठ अतिथि हरपाल सिंह नेगी ने कार्यक्रम में संबोधित करते हुए स्वरोजगार एवं कौशल विकास पर अपने विचार व्यक्त किये। उन्होंने ग्राम स्वराज्य की कल्पना के साथ कार्य करते हुए स्वरोजगार के प्रति युवाओं को प्रेरित करने की बात कही।

हिल एरिया पीपुल्स फाउण्डेशन दिल्ली के उपाध्यक्ष भगवती प्रसाद पुरी तथा संयोजक मंडल इन्द्र चन्द्र रजवार ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्र के युवा आज भी रोजगार के लिए सरकारी व प्राइवेट नौकरियों के पीछे भाग रहे है। नौकरियों की सीमित संख्या होने पर कई युवा अपना महत्वपूर्ण समय खो देते है। उन्होंने कहा कि अब वक्त आ गया है कि युवाओं को स्वरोजगार को अपनाकर अपनी आर्थिकी का साधन बनाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि फाउण्डेशन का उदेश्य स्थानीय संशाधनों एवं क्षमताओं का विकास कर लोगों को स्वरोजगार से जोडना है। पर्वतीय क्षेत्रों में आज भी कृषि, बागवानी, पशुपालन, मुर्गी पालन, मत्स्य पालन, रेडियो, टेलीवीजन, मोबाइल रिपेयरिंग, हस्तशिल्प पर आधारित घरेलू व कुटीर उद्योगों की आपार सम्भावनाऐं है, जिन से जुडकर स्थानीय युवा अच्छी आजीविका अर्जित कर सकते है। कहा कि सही मायने में स्थानीय संशाधनों पर आधारित उत्पादन पर आत्मनिर्भर होना ही स्वरोजगार है। उन्होंने ग्राम प्रधानों, क्षेत्र पंचायत सदस्यों, जिला पंचायत सदस्यों तथा जनप्रतिनिधियों से ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को सरकार द्वारा संचालित जन कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देकर स्वरोजगार के लिए प्रेरित करने की अपील की।

संस्था के फाउण्डर सदस्य इंजी. जगदीश भट्ट ने कहा कि स्वरोजगार की चेतना के विकास से ही पर्वतीय क्षेत्र से पलायन की समस्या कम हो सकती है तथा सरकार द्वारा संचालित जन कल्याणकारी योजनाओं का सही ढंग से क्रियान्वयन हो सकता है। स्वरोजगार से ही स्थानीय संशाधनों का सदुपयोग किया जा सकता है तथा पर्यावरण को संरक्षित रखा जा सकता है। स्वरोजगार के इच्छुक लोगों को सफल होने के लिए अपनी अभिरूचि, अपनी क्षमता, तकनीकि दक्षता, बाजार मूंल्याकन तथा वित्तीय संशाधनों की व्यवस्था करने की आवश्यकता होती है। जिसके लिए राज्य एवं केन्द्र सरकार द्वारा अनेक योजनाओं का संचालन किया गया है। स्वरोजगार के इच्छुक लोगों को इनका लाभ उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्वरोजगार से ही राज्य की दिशा और दशा को बदला जा सकता है और पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन की समस्या पर भी अंकुश लगाया जा सकता है।

इस अवसर पर पूर्व ब्लाक प्रमुख राजेन्द्र सगोई, ज्येष्ठ प्रमुख गौतम लिंगवाल, क्षेत्र पंचायत सदस्य महिपाल नेगी, कार्यक्रम के संयोजक राजेन्द्र सगोरी, वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता भुवन नौटियाल, ग्राम प्रधान खिलदेव सिंह, राकेश चन्द्र, सुरेन्द्र सिंह, हरीश चन्द्र, चन्दन सिंह गुसाई, विशेषज्ञ पृथ्वी सिंह केदारखण्डी, जिला संयोजक भगत सिंह नेगी, स्वरूप सिंह सिनवाल ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए अपने अनुभवों को साझा किया।

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बच्चों का सबसे पसंदीदा शैक्षिक मनोरंजन शो गली गली सिम सिम अब डीडी नेशनल पर हफ्ते में 6 बार

डीडी नेशनल पर मार्च 2018 तक यह शो एक करोड़ बच्चों तक पहुंचा

देहरादून। इस बार गर्मी में बच्चों के पास टेलीविजन देखने और उससे सीखने का शानदार मौका है। दुनिया भर में मशहूर सेस्मे स्ट्रीट का भारतीय संस्करण और पसंदीदा शैक्षिक मनोरंजन शो गली गली सिम सिम अब डीडी नेशनल पर हफ्ते में 6 बार आ रहा है। डीडी नेशनल पर प्रत्येक सोमवार से शुक्रवार दोपहर 3 से 4 बजे तक गली गली सिम सिम के स्वस्थ शरीर और मस्तिष्क विषय के एपिसोड प्रसारित हो रहे हैं। विशेष दैनिक सीरीज के अलावा इस शो का सीजन 9 शनिवार सुबह 10रू30 बजे प्रसारित किया जा रहा है।

गली गली सिम सिम में विशेष एपिसोड हैं, जो बच्चों को स्वस्थ रहने के लिए प्रेरित करते हैं। डीडी नेशनल पर चल रहे इन विशेष एपिसोड में बच्चों को खुश और सेहतमंद रहने के तरीके पता चलते हैं। शो के ‘गली की दुनिया’ सेगमेंट में आप मजेदार अंदाज में कसरत करते खड़ूसा को, एक फिल्म के लिए एक्सरसाइज किंग की भूमिका निभाते हीरो को, हीरो को डांस सिखाते हुए बूंबा को और ऐसी कई रोचक कहानियां देख सकते हैं। ‘वर्ड ऑन द स्ट्रीट’ सेगमेंट में ग्रोवर ‘कसरत’ और ‘एक्सरसाइज’ जैसे तमाम शब्दों के अर्थ ढूंढता हैं। शो में लाइव एक्शन सेगमेंट भी है, जिसमें बच्चोंं के लिए भारत के विभिन्न हिस्सों से कहानियां पेश की जाती हैं, जैसे कराटे का अभ्यास करने वाली नगालैंड की कहानी, पुष्कर से कच्ची घोड़ी नृत्य, फुटबॉल खेलने के गुण सिखाता कोलकाता का एक बच्चा और ढेर सारी दूसरी कहानियां। गली गली सिम सिम के अंदाज में पेश किए गए बॉलीवुड के नृत्य वाले गीत बच्चों को उठने और थिरकने के लिए प्रेरित करते हैं।

दूरदर्शन की महानिदेशक सुप्रिया साहू कहती हैं,“गली गली सिम सिम बच्चों का पसंदीदा शो रहा है। शो का प्रदर्शन बहुत अच्छा रहा है और बच्चों ने ही नहीं बल्कि उनके माता-पिता ने भी इसे सराहा है। हम हमेशा बच्चों के लिए आकर्षक और उनकी उम्र के मुताबिक सामग्री तलाशते रहते हैं और गली गली सिम सिम बिल्कुल उसी के मुताबिक है। लोकप्रिय और दुलारे दोस्ताना मपेट्स (कठपुतली) वाला यह शो नन्हें दर्शकों का मनोरंजन भी करता है और उन्हें जरूरी जीवन कौशल भी सिखाता है।”

मोना सिंह, हेड – बिजनेस डेवलपमेंट एवं मार्केटिंग, सेस्मे वर्कशॉप इंडिया कहती हैं, “गली गली सिम सिम का बच्चों की सीखने की क्षमता पर पक्का प्रभाव हुआ है। इसकी को-व्यूअरशिप यानी माता-पिता और बच्चों के साथ बैठकर देखे जाने की दर बहुत अधिक है, जिससे बच्चों और घर के माहौल पर बहुत असर पड़ता है। बच्चों को आकर्षित करने और सिखाने के लिए मपेट का प्रयोग कर गली गली सिम सिम ने दिखाया है कि टेलीविजन पर सीखना भी मजेदार और दिलचस्प हो सकता है। आज तक गली गली सिम सिम, भारत में फ्री टु एयर टेलीविजन चैनलों पर प्रसारित होने वाला बच्चों (0 से 8 वर्ष) का एकमात्र शैक्षिक कार्यक्रम है। डीडी नेशनल के जरिये 1 करोड़1 बच्चे हमारे दर्शक हैं और हमें गर्व है कि हम राष्ट्रीय प्रसारक पर प्रसारित हो रहे हैं, जो भारत में बच्चों को उनकी उम्र के मुताबिक सामग्री मुहैया कराने वाले चुनिंदा चैनलों में है। अब डीडी नेशनल पर हफ्ते में 6 बार आने की हमें खुशी है। इसका मतलब है 6 गुना ज्यादा मस्ती, मनोरंजन और ज्ञान!”

गली गली सिम सिम के पीछे काम करने वाली संस्था सेस्मे वर्कशॉप इंडिया ने बच्चों की शिक्षा और मनोरंजन संबंधी जरूरतों का ध्यान रखते हुए विशेष विषयों पर आधारित एपिसोड तैयार किए हैं। उदाहरण के लिए गर्मी के मौसम के दौरान स्वस्थ शरीर और दिमाग को बढ़ावा देने वाले विशेष सेगमेंट होंगे। जून और जुलाई में बच्चे गर्मी की छुट्टियों के बाद स्कूल जाने की तैयारी करते हैं, इसलिए उस दौरान अक्षर ज्ञान और गणना पर विशेष एपिसोड होंगे, जो उन्हें स्कूल में होने वाली पढ़ाई के लिए तैयार करेंगे। आने वाले महीनों में स्वास्थ्य एवं सफाई, उत्सव, सुरक्षा सुनिश्चित करने तथा सामाजिक-भावनात्मक कौशल विकसित करने के बारे में विशेष सीरीज आएंगी।

President of Republic of Seychelles Danny Antoine Rollen Faure in Uttarakhand on 26, 27 June
President of the Republic of Seychelles Mr. Danny Antoine Rollen Faure, will be on Uttarakhand tour on 26, 27 June 2018. On 26 June, the President and the five-member delegation will be welcomed by the state government at the Jolly Grant Airport. President and the delegation will stay at a hotel in Mussoorie on June 26. On June 27, Governor of Uttarakhand will host lunch for the President of Seychelles and the delegation. On June 27 evening, the President of the Republic of Seychelles will participate in the programme of the Indira Gandhi National Forest Academy. President will have an interaction with the IFS Probationer of the 2017-2019 Batch. Chief Secretary Utpal Kumar Singh reviewed the preparations for the arrival of President of Seychelles on Friday. He issued instruction to make fool proof arrangements for transport, health, security etc. During the meeting, DGP Anil Raturi, Principal Secretary, Home, Anand Bardhan, Secretary, Governor Ravinath Raman, Secretary Protocol Harbansh Singh Chugh, Secretary Forest Arvind Singh Hayanki, Additional Secretary Civil Aviation R. Rajesh Kumar, Additional Secretary Health Arunendra Singh Chauhan, Additional Director Information, Dr. Anil Chandola and other officers were present.

CM Trivendra condoles martyrdom of Yogesh Pargai
Chief Minister Mr. Trivendra Singh Rawat has expressed heartfelt condolence over the martyrdom of Yogesh Pargai, a soldier of 4 Kumaon Regiment, in attack by Naga rebels in Jakhama, Nagaland. He prayed for the peace of the departed soul and wished that almighty provide strength to the family members of the deceased. Chief Minister said that the people of Uttarakhand are with the family of the martyr in this hour of grief. The State Government will make extend every possible help to the martyr’s families.

Chief Minister Mr. Trivendra launches Oak Tasar Development Project (T.S.P)
•State governmnet to provide assistance of Rs 1 crore for supply of silkworms
•Land will be made available for the Oak Research Center in Uttarakhand
Chief Minister Mr. Trivendra Singh Rawat launched the Oak Tasar Development Project (T.S.P) at Kisan Bhawan on Ring Road on Friday. This project is being done with the support of the Central Silk Board, Textile Ministry, under CSS. On this occasion, besides announcing a grant of Rs 1 crore from the State Government for the supply of silkworms, the Chief Minister also said that land would be provided for the Oak Research Center. Like Himchal Pradesh, Uttarakhand has also announced for the arrangement of funds for farmers for the silkworms. Chief Minister also released the Silk Department’s Book and Folder and also saw the stalls.
Chief Minister said that the Oak Tasar Development Project will provide a new dimension to the employment of the farmers associated with silk industry. Increasing the production of silk in the state can lead to additional income generation for the farmers. In Uttarakhand, oak gets naturally produced in excessive quantity. Oak is very suitable for developing the source of water and environment. It is beneficial to plant Manipuri Oak in Uttarakhand. The growth of this Oak is also good and its leaves are soft. He said that silk production has decreased in plains and there is need for more efforts to increase the production of silk. In the mountainous areas, adequate agricultural land is available and farmers can cultivate silk by raising oak and mulberry plants there and can increase their income. Farmers and silk department will have to make efforts to increase the production of oak and mulberry.
Minister of State for Textiles Mr. Ajay Tamta said that this ambitious project will increase silk production in the state. The production of silk in the country is about 33 thousand metric tonnes. The production of mulberry silk in Uttarakhand is now 33 metric tonnes and target to make it 55 metric tonnes has been set. India exports 18 to 22 percent of silk in the field of textile sector. Continuous efforts are being made to increase silk production in the country. For rejuvenation of Kosi, plantation of oak will be done on 500 hectare forest panchayat land. Manipuri oak will be planted more. This will increase the area of oak and natural water will also be available. Farmers can earn good income from silk farming. Farmers will be trained for silk production.
Minister of Agriculture and Horticuklture, Mr. Subodh Uniyal said that it is essential to increase employment opportunities to prevent migration from hill areas. We can move forward by developing new clusters in the field of silk. Uttarakhand is an important state with strategic vision. Oak Tasar Development Project will help increasing the employment opportunities which will help in preventing people from migrating from border areas. On this occasion, MP Mala Rajya Laxmi Shah, President of Central Silk Board Mr. K.M.Hanumantharayappa, Additional Secretary Horticulture Dr. Meharban Singh Bisht, Director Horticulture Mr. Anand Kumar Yadav etc were present.

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