केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के खिलाफ साजिश तो नही?

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का नाम 2019 में भावी प्रधान मंत्री पद के लिए भी उछला था- और अब नितिन गडकरी   

लेकर  नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश रचने में शामिल होने का सनसनीखेज आरोप लगाया है-  क्‍या कोई गंभीर साजिश तो नही

जेएनयू छात्र संघ की पूर्व उपाध्यक्ष शेहला रशीद के केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को लेकर किए गए ट्वीट पर विवाद बढ़ गया है. शेहला ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और आरएसएस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश रचने में शामिल होने का सनसनीखेज आरोप लगाया है. इससे नाराज केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कानूनी कार्रवाई करने की चेतावनी दी है. आरोपों को लेकर शेहला और नितिन गडकरी के बीच ट्विटर पर जंग छिड़ गई. जेएनयू की पूर्व उपाध्यक्ष और वामपंथी नेता शेहला रशीद ने ट्वीट किया, ”आरएसएस और नितिन गडकरी पीएम नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश रच रहे हैं. इनको देखो, फिर मुसलमानों और कम्युनिस्टों पर आरोप लगाओ और फिर मुस्लिमों की लिंचिंग करो.” शेहला ने अपने ट्वीट के साथ #RajivGandhiStyle का प्रयोग किया. 

नितिन गडकरी की चेतावनी के बाद शेहला रशीद ने जेएनयू के छात्र उमर खालिद का मुद्दा उठा दिया. शेहला ने एक दूसरे ट्वीट में लिखा, ” दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी के नेता एक व्यंगात्मक ट्वीट से उत्तेजित हो गए. जरा सोचिए एक बेकसूर छात्र उमर खालिद और उनके पिता को कैसा लगा होगा जब टाइम्स नाउ की तरफ से झूठे आरोप पर उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा था. गडकरी राहुल शिवशंकर पर कार्रवाई करेंगे क्या?”

शेहला के ट्वीट के जवाब में बिना नाम लिए नितिन गडकरी ने लिखा, ”मैं उन असामाजिक तत्वों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने जा रहा हूं जिन्होंने मुझपर पीएम मोदी को डराने के लिए हो रही हत्या की साजिश के मामले को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की है.”

दरअसल पुणे के भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में गिरफ्तार नक्सली नेताओं से ईमेल और हार्ड डिस्क से मिले रोड शो के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश का खुलासा हुआ था. पुलिस के खुलासे के बाद महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस सामने आए और बयान दिया कि नक्सलियों ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की तरह ही पीएम नरेंद्र मोदी की हत्या की बड़ी साजिश रची थी.

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शेहला रशीद ने अपने एक ट्वीट में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी पर पीएम की हत्या की साजिश में शामिल होने का आरोप लगाया  #केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी केे खिलाफ साजिश ?

#गडकरी ने इस ट्वीट पर आपत्ति जताते हुए कानूनी कार्रवाई करने की बात कही 

मुंबई
पीएम मोदी की हत्या की साजिश के मामले में वामपंथी ऐक्टिविस्ट और जेएनयू छात्रसंघ की पूर्व उपाध्यक्ष के एक ट्वीट ने विवाद खड़ा कर दिया है। शेहला रशीद ने अपने एक ट्वीट में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी पर पीएम की हत्या की साजिश में शामिल होने का आरोप लगाया था, जिसके बाद अब गडकरी ने इस ट्वीट पर आपत्ति जताते हुए कानूनी कार्रवाई करने की बात कही है।

बता दें कि शेहला रशीद ने शनिवार को अपने एक ट्वीट में लिखा था कि आएसएस और नितिन गडकरी पीएम मोदी की हत्या की साजिश रच रहे हैं और वह बाद में इसके लिए मुसलमानों और वामपंथियों को दोषी बताएंगे।

शेहला रशीद के इस ट्वीट के बाद तमाम लोगों ने सोशल मीडिया पर इसकी आलोचना की थी।
इसके बाद जब केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को इस मामले की जानकारी हुई तो उन्होंने तत्काल इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए एक ट्वीट किया।

शेहला के ट्वीट के जवाब में बिना नाम लिए गडकरी ने लिखा, ‘मैं उन असामाजिक तत्वों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने जा रहा हूं जिन्होंने मुझपर पीएम मोदी को डराने के लिए हो रही हत्या की साजिश के मामले को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की है।’

इस पूरे मामले से पहले 8 जून को महाराष्ट्र के पुणे से हुई पांच लोगों की गिरफ्तारी के बाद एक चौंकाने वाली जानकारी का खुलासा हुआ था।

भीमा-कोरेगांव हिंसा के मामले में गिरफ्तार 5 लोगों की गिरफ्तारी के बाद महाराष्ट्र पुलिस को एक बड़ी जानकारी मिली थी। इन लोगों की गिरफ्तारी के बाद पुणे पुलिस को एक आरोपी के घर से एक ऐसा पत्र मिला था, जिसमें ‘राजीव गांधी की हत्या’ जैसी प्लानिंग का जिक्र किया गया था।

इस पत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाने की बात भी कही गई थी। पत्र की बरामदगी के बाद केंद्र सरकार के तमाम मंत्रियों ने इसे एक गंभीर विषय बताया था, साथ ही केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने पीएम की सुरक्षा की समीक्षा करने की बात भी कही थी।

वही दूसरी खबर के अनुसार- 

भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना के संबंध इतने तल्ख हो चुके हैं कि शिवसेना ने शनिवार को कहा कि यदि बीजेपी को 2019 में बहुमत नहीं मिल पाता है तो पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी प्रधानमंत्री पद के लिए सर्वसम्मति से उम्मीदवार हो सकते हैं।  शिवसेना ने भाजपा के वैचारिक सलाहकार संगठन आरएसएस पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने कभी भी शिवसेना के पूर्व प्रमुख स्व बाल ठाकरे को अपने मंच पर आमंत्रित नहीं किया और इफ्तार पार्टी आयोजित कर मुसलमानों को खुश करने की कोशिश कर रहे हैं।

पार्टी के मुखपत्र सामना के संपादकीय पेज में यह टिप्पणियां ऐसे वक्त पर आई हैं, जब बीजेपी और शिवसेना के आपसी रिश्ते अच्छे नहीं चल रहे हैं और दो दिन पहले ही गुरुवार को नागपुर में आरएसएस के कार्यक्रम में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शिरकत की थी। संघ मुख्यालय में मुखर्जी की यात्रा पर बेहद तीखी प्रतिक्रियां सामने आई थी। प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी समेत उनकी अपनी पार्टी के कई नेताओं ने उनके संघ मुख्यालय जाने के फैसले की आलोचना की थी।

शिवसेना ने कांग्रेस को फटकार लगाते हुए कहा कि मुखर्जी की यात्रा को रोकने की कोशिश में उसने खुद का मजाक बनाया है। शिवसेना ने कहा कि यह एक “बिना आवाज वाले पटाखे की तरह था”। पार्टी ने आश्चर्य वयक्त करते हुए कहा कि आखिर आरएसएस ने क्या सोचकर इस कद्दावर नेता को आमंत्रित करने का फैसला किया। जिन्होंने नेहरुवादी विचारधार को अपने दिल के पास रखा था। संपादकीय में कहा गया है कि आरएसएस थिंग टैंक भविष्य की राजनीति के लिए रणनीतिक रूप से ऐसी यात्राओं का प्रयोग करता है। इस विशेष घटना को लेकर उनके दिमाग में क्या है, इसका खुलासा तो 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान ही हो पाएगा।
 

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