बीजेपी विधायक भवानी सिंह राजावत का सनसनीखेज बयान

अंबानी और अडानी” को पता था : जनता की परेशानी देख आखिर कुदरत भी हिल गयी- भूकंप के झटके महसूस किए गए-एक्‍सक्‍लूसिव- हिमालयायूके न्‍यूज पोर्टल की प्रस्‍तुति- गुरुवार को ट्विटर पर ‘#रोती_जनता_हँसता_मोदी’ ट्रेंड कर रहा है #कोटा जिले के बीजेपी विधायक भवानी सिंह राजावत का सनसनीखेज बयान
राष्ट्रीय राजधानी और पड़ोसी राज्य हरियाणा में गुरुवार तड़के मध्यम तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किए गए। इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 4.4 मापी गई। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार दिल्ली में तड़के साढे़ चार बजे मध्यम तीव्रता का भूकंप आया जिसका केंद्र दिल्ली-हरियाणा सीमा के निकट 10 किलोमीटर गहराई में था। भूकंप का केंद्र हरियाणा बाताया जा रहा है।

वही दूसरी ओर केंद्र सरकार के 500 व 1000 रुपए के पुराने नोट बंद करने के ऐलान का आम जनजीवन पर असर पड़ रहा है। लोग बैंकों के बाहर नोट बदलवाने के लिए कतार में लगे हैं। एटीएम के बाहर भीड़ होती है तो कुछ ही देर में कैश खत्‍म हो जाता है। विमुद्रीकरण के बाद सोशल मीडिया पर इसकी खूब चर्चा चल रही है। यहां भी अलग-अलग बातें सुनने को मिल रही हैं। एक धड़ा कहता है कि हम सरकार के फैसले के साथ हैं, दूसरा कहता है कि सरकार का यह फैसला बिना सोचे-समझे लिया गया, इसे वापस लिया जाना चाहिए। दोनों तरह की राय के बीच, ट्विटर में नोटबंदी के पक्ष और विपक्ष में कई ट्रेंड्स चले हैं। गुरुवार को ट्विटर पर ‘#रोती_जनता_हँसता_मोदी’ ट्रेंड कर रहा है। दरअसल, विपक्ष की तरफ से, खासकर कांग्रेस की तरफ से आरोप लगाया गया था कि पीएम नरेंद्र मोदी का यह फैसला सरासर गलत है। कांग्रेस उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी ने कहा था, ”मोदी जी एक दिन हंसते हैं, अगले दिन रोते हैं। वे तय कर लें कि क्‍या करना है।”
ट्विटर पर कुछ यूजर्स ने इस हैशटैग के साथ सरकार के इस कदम की आलोचना की है। लोगाें का कहना है कि फैसला लागू करने में हुई दिक्‍कत का सरकार ने अंदाजा नहीं लगाया, नतीजा बैंकों के बाहर लोगों की लाइन लगी है और आम आदमी परेशान हो रहा है। कुछ ट्विटर यूजर्स ने सवाल उठाए हैं कि क्‍या इसी परेशानी के लिए जनता ने उन्‍हें वोट दिया था। एक यूजर ने लिखा है, ”किसान लुट गया, जनता रो दी, अब तो भैया बस कर मोदी।” सरकार के इस फैसले को लेकर चुटकी लेने वालों की भी कमी नहीं है।
गौरतलब है कि दो दिन पहले भाजपा के संसदीय दल की बैठक में पीएम मोदी ने पार्टी सदस्‍यों से कहा था कि देश की जनता नोटबंदी के फैसले के साथ है, इसलिए रक्षात्‍मक होने की जरूरत है। सरकार की ओर से सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय व पत्र सूचना कार्यालय को निर्देश दिए गए हैं कि वह नोटबंदी के फैसले पर सकरात्‍मक चीजों का प्रचार करे।
##अंबानी और अडानी” को नोट बंद किए जाने के बारे में पहले से पता था;  बीजेपी विधायक

राजस्थान के कोटा जिले के बीजेपी विधायक भवानी सिंह राजावत ने कथित तौर पर कहा है कि “अंबानी और अडानी” को 500 और 1000 के नोट बंद किए जाने के बारे में पहले से पता था। बुधवार (16 नवंबर) को इंटरनेट पर रिलीज किए गए एक वीडियो में बीजेपी विधायक कथित तौर पर ऐसा कहते दिख रहे हैं। कथित वीडिोय में कहा गया है, “अडानी, अंबानी अतराम-सतराम इन सब को पहले ही पता था। इनको हिंट दे दिया गया। उन्होंने अपना कर लिया।” जब इंडियन एक्सप्रेस ने भवानी सिंह से इस वीडियो की सत्यता के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि ये वीडियो कुछ पत्रकारों के संग उनकी “अनौपचारिक बातचीत” का है जिसे “हेरफेर के साथ” पेश किया जा रहा है। भवानी सिंह ने कहा, “वीडियो में जैसा दिखाया जा रहा है मैंने वैसा कुछ नहीं कहा।” नोटबंदी के बाद जारी किए गए 2000 के नए नोट के बारे में इस वीडियो में कहा जा रहा है, “नए नोट थर्ड क्लास हैं। जाली जैसे लगते हैं।”
वीडियो में कथित तौर पर विधायक नरेंद्र मोदी सरकार के फैसले की आलोचना करते नजर आ रहे हैं। वीडियो में कहा जा रहा है, “पूरी करेंसी आप प्रिंट करते। देश की आबादी और उसके अनुपात में करेंकसी प्रिंट करते, उसके बाद में आप एक साथ। अब पेट्रोल पंप की कीमतों की तरह आज 12 बजे 500 और 1000 के नोट बंद हो जाएगा।” भवानी सिंह ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में ऐसा कुछ कहने से इनकार करते हुए कहा, “कुछ पत्रकार आज मेरे कोटा स्थित आवास पर आए थे, क्योंकि मैं मंगलवार को अपने क्षेत्र के गाँवों में दौरे पर गया था। लेकिन उन्होंने अनैतिक रूप से मेरी अनौपचारिक बातचीत रिकॉर्ड कर ली।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ नवंबर को 500 और 1000 के नोटों को उसी दिन रात 12 बजे से बंद करने की घोषणा की थी। पुराने नोट 30 दिसंबर तक बैंकों में बदले या जमा कराए जा सकते हैं। बड़े नोटों के बंद होने से आम जनता को नकद पैसे की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। देश के विभिन्न हिस्सों में बैंकों और एटीएम के सामने लोगों की लंबी कतारे देखी जा रही हैं। आम लोगों पैसे पाने के लिए को कई घंटों तक लाइन में लगना पड़ रहा है। 24 नवंबर तक बैंक से 4500 रुपये मूल्य के पुराने नोट बदले जा सकते हैं। वहीं एक हफ्ते में बैंक से 24 हजार रुपये तक निकाले जा सकते हैं। ये राशि एकमुश्त भी निकाली जा सकती है। वहीं एटीएम से एक कार्ड से एक बार में 2500 रुपये तक निकाले जा सकते हैं। 24 नवंबर तक पुराने नोट अस्पताल, दवा की दुकानों, पेट्रोल पंप, रेलवे स्टेशन और हवाई अड्डों पर चलेंगे।
#####पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी गुरुवार को एक बार फिर नोटबंदी के फैसले को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ मिलकर आजादपुर मंडी मे एक रैली को संबोधित किया। रैली में बनर्जी ने कहा, ‘ऐसा संकट तो आपातकाल के दौरान भी नहीं देखा था। यह फैसला भारत को 100 साल पीछे ले जा सकता है। आगे को छोड़ो, देश को पीछे कर दिया। अगर आपमें हिम्मत है तो हमें जेल भेजो और गोली मारो। लेकिन हम हमारी लड़ाई जारी रखेंगे। हम गरीब लोगों को भूखा नहीं मरने देंगे। हमारे देश के लिए लड़ाई जारी रहेगी। पहले नोट बदलने की सीमा 4500 रुपए थी, जो कि अब घटाकर 2000 रुपए कर दी गई है। वे देश को बेचना चाहते हैं। क्या वे संविधान को तोड़ना चाहते हैं। हम उन्हें यह अनुमति नहीं देंगे।’ वहीं अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मोदी सरकार आजाद भारत का सबसे बड़ा घोटाला कर रही हैं। लेकिन वे देश के लिए अपनी जान देने को भी तैयार हैं।
साथ ही केजरीवाल ने कहा था, ‘सरकार कह रही है कि किसी की बेटी की शादी हो तो वे कार्ड दिखाकर 2.5 लाख रुपए ले सकते हैं। आज के समय में ढाई लाख रुपए में कोई शादी होती है क्या। अरुण जेटली ने बेटी की शादी की थी, बताईए क्या उन्होंने शादी 2.5 लाख रुपए में की थी। इस देश की जनता सबसे बड़ी देशभक्त है। देश की जनता को खड़ा होना पड़ेगा। देश की जनता सहन नहीं करेगी। इसके लिए कुर्बानी देनी पड़ेगी तो देंगे। ये 40 लोग नोटबंदी की वजह से मरे हैं, वे मरे नहीं बल्कि शहीद हुए हैं।’
रैली के बाद ममत बनर्जी और अरविंद केजरीवाल नोटबंदी के फैसले से पड़ने वाले नकारात्मक प्रभावों पर चर्चा करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर से मुलाकात करने गए।

##दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने गुरुवार को दिल्‍ली में रैली की। केंद्र सरकार के 500, 1000 रुपए के पुराने नोट बंद करने के फैसले का विरोध करते हुए ममता और केजरीवाल, दोनों ने पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। अरविंद केजरीवाल ने सरकार की मंशा पर सवाल खड़े करते हुए कहा, ”बैंकों के बाहर लाइनों में कोई उद्योगपति नहीं हैं, लेकिन सरकार जनता को परेशान करने में लगी है।” दिल्‍ली सीएम ने लाइनों में लगे लोगों को ‘शहीद’ बताते हुए कहा, ”इस देश की जनता बड़ी देशभक्‍त है। देश की जनता को लाइन में खड़ा होना पड़ेगा। मगर यह देश की जनता सहन नहीं करेगी। इसके लिए कुर्बानी देनी पड़ेगी तो देंगे। ये 40 लोग जो नोटबंदी की वजह से मरे हैं, वे मरे नहीं, बल्कि शहीद हुए हैं।” इससे पहले केजरीवाल ने पीएम मोदी पर निशाना साधा। विजय माल्‍या जैसे उद्योगपतियों पर कार्रवाई ने कर पाने का आरोप लगाते हुए केजरीवाल ने कहा, ”पीएम मोदी ने विजय माल्या को रात में हवाई जहाज में बैठाकर लंदन भेज दिया। माल्या ने बैंकों के करोड़ो रुपए खा लिए हैं। सरकार ने भी उनके अरबों रुपए का लोन माफ कर दिया है। लेकिन यहां पर लोग लाइनों में खड़े हैं। लोगों के पास खाने को भी नहीं है। लोग परेशान हो रहे हैं। लोगों की बुनियादी जरूरतें भी पूरी नहीं हो रही हैं।”
सरकार ने किसानों और शादी वाले घरों को राहत देने का ऐलान किया है, केजरीवाल ने इसपर भी सवाल उठाए। उन्‍होंने कहा, ”सरकार कह रही है कि किसी की बेटी की शादी हो तो वे कार्ड दिखाकर 2.5 लाख रुपए ले सकते हैं। आज के समय में ढाई लाख रुपए में कोई शादी होती है क्या। अरुण जेटली ने बेटी की शादी की थी, बताइए क्या उन्होंने शादी 2.5 लाख रुपए में की थी।”
इससे पहले, ममता बनर्जी ने रैली को संबोधित करते हुए कहा, ”मैं दिल्‍ली में संविधान के अभिभावक, राष्‍ट्रपति जी से मिलकर देश के वित्‍तीय संकट के बारे में बात करने आई थी। क्‍या यही वे अच्‍छे दिन हैं जिनका वादा किया गया था ? यह सरकार देश के लोगों पर भरोसा नहीं करती। क्‍या हर कोई चोर है ? ट्रांसपोर्ट सेक्‍टर थम गया है। क्‍या किसान क्रेडिट कार्ड इस्‍तेमाल करते हैं? यह भारत है, यहां 4 प्रतिशत लोग प्‍लास्टिक मनी का प्रयोग करते हैं, बाकी 96 प्रतिशत का क्‍या?
केंद्र सरकार द्वारा नोटबंदी के फैसले के बाद से देशभर में करीब 40 मौतें होने की खबर आई है। हालांकि सरकार ने इसकी वजह की पुष्टि नहीं की है, मगर विपक्षी दलों का कहना है कि असल आंकड़ा इससे भी ज्‍यादा हो सकता है। कुछ लोगों को लाइन में लगने के दौरान दिल का दौरा पड़ा तो कुछ सदमे से चल बसे।

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