यरूशलम को इजरायल में मिलाने का फैसला- नए विश्वयुद्ध की शुरूआत

भाजपा को हराने की अपील  #नेशनल पैंथर्स पार्टी की गुजरात के प्रथम चरण के 89 विधानसभा क्षेत्रों के मतदाताओं से भाजपा को हराने की अपील

नेशनल पैंथर्स पार्टी के संस्थापक, वरिष्ठ अधिवक्ता एवं सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के वरिष्ठ कार्यकारी सदस्य प्रो.भीमसिंह ने गुजरात में 9 दिसम्बर को हो रहे विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा को हराने की अपील की है, ताकि राष्ट्र की एकता और अखंडता मजबूत हो सके और पूरे राष्ट्र में मानवाधिकारों की रक्षा के लिए पूरा देश एकजुट होकर देश में उभर रहे भ्रष्टाचार और हिंसा पर तुरंत लगाम लग सके।

अमेरिकी राष्ट्रपति का यरूशलम को इजरायल में मिलाने का फैसला, नए विश्वयुद्ध की शुरूआत

नेशनल पैंथर्स पार्टी के संस्थापक एवं भारत-फिलस्तीन मैत्री समिति के संस्थापक प्रो.भीमसिंह ने अरबों और दुनिया के बाकी हिस्सों के खिलाफ युद्ध के लिए उसकाने पर अमेरिका के राष्ट्रपति श्री डोनाल्ड ट्रम्प की कड़ों शब्दों में निंदा की है। सिंयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव सं.181/1947 के तहत संयुक्त राष्ट्र ने फिलस्तीन को विभाजित करके दो राज्य बनाये थे। इजरायल को स्वयं राष्ट्रसंघ ने पूरी मान्यता प्रदान कर दी, परंतु फिलस्तीन को आज तक भी राष्ट्रसंघ की पूर्ण सदस्यता प्रदान नहीं की गयी है।
प्रो.भीमसिंह फिलस्तीनी समस्याओं के जानकार हैं, जिन्होंने अंतर्राष्ट्रीय कानून पर इजरायल की कानूनी स्थिति पर पहली किताब लिखी थी, जिसे 1968 में बेरूत के पीएलओ द्वारा प्रकाशित किया गया था। प्रो.भीमसिंह 1968 से 2004 तक फिलस्तीनी नायक एवं पीएलओए संस्थापक यासिर अराफात के करीबी दोस्त रहे हैं। यासिर अराफात को राम अल्लाह में जहर दिया गया और बाद में उनका निधन एक फ्रांसीसी अस्पताल में हुआ।
प्रो.भीमसिंह ने भारतीय नेतृत्व, खासकर श्रीमती इंदिरा गांधी की फिलस्तीन राज्य को स्थापित करने की भूमिका में फिलस्तीनी आंदोलन के कारणों का समर्थन करने के लिए प्रशंसा की। प्रो.भीमसिंह ने फिलस्तीन के खिलाफ युद्ध छेड़ने और यरूशलम को बंदूक की नोक पर इजरायल को साथ जोड़ने की कड़ी निंदा की है। फिलस्तीन समस्या के विशेषज्ञ प्रो.भीमसिंह ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति का यह फैसला प्रस्ताव 242 (1967) तथा प्रस्ताव 338 (1973) के आदेश का प्रत्यक्ष उल्लंघन है।
प्रो.भीमसिंह ने अपने संदेश में राष्ट्रपति श्री डोनाल्ड ट्रम्प को हिटलर की द्वितीय विश्वयुद्ध की भूमिका को याद दिलाते हुए कहा कि यरूशलम इजरायल की राजधानी नहीं हो सकती और राष्ट्रसंघ ने इजरायल को यरूशलम पर कब्जा जमाने के खिलाफ सख्त हिदायत दी थी। ट्रम्प को चाहिए कि वे पहले राष्ट्रसंघ के उन प्रस्तावों को इजरायल से लागू करवाए, जिन्हें इजरायल ने दशकों के बाद भी लागू नहीं किया है।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प परमाणु हथियारों के एकाधिकार वाले देश के नेता हैं और मध्य-पूर्व ऐसी किसी भी तरह की कार्यवाही के लिए उन्हें माफ नहीं करेगा, क्योंकि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सभी प्रस्ताव इजरायल को लागू करने होंगे और अमेरिकी राष्ट्रपति राष्ट्रसंघ के प्रस्तावों का उल्लंघन करने के लिए इजरायल को नहीं उकसा सकते। प्रो.भीमसिंह ने घोषणा की कि भारत-फिलस्तीन मैत्री समिति जल्द ही नई दिल्ली में एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करेगी। प्रो.भीमसिंह ने कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति और यासिर अराफात के बीच में हुए समझौते को मान्यता देनी होगी, क्योंकि 2000 में इस समझौते के दौरान इजरायली राष्ट्रपति भी व्हाइट हाऊस में मौजूद थे।
प्रो.भीमसिंह ने संयुक्त राज्य अमेरिका के लोगों और वहां के राजनीतिक दलों से अमेरिकी राष्ट्रपति के इस तरह के हिटलर जैसे बर्ताव को रोकने की अपील की। उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री को भी जोर देकर कहा कि भारत की विदेश नीति फिलस्तीन के सम्बंध में बड़ी मजबूती के साथ कायम रखनी होगी।

 

प्रो.भीमसिंह का 89 विधानसभा चुनाव क्षेत्रों के मतदाताओं से चाहे वह कच्छ से हों, राजकोट से, जामनगर से या जूनागढ़ से, सोमनाथ से हों, भाव नगर से, सूरत से या किसी और विधानसभा क्षेत्र से, सभी माननीय मतदाताओं से जम्मू-कश्मीर की जनता की ओर से प्रार्थना की जाती है कि गुजरात के मतदाता आज भारत की एकता, अखंडता और महात्मा गांधी के दिये हुए अहिंसा के संदेश को गुजरात की सरजमीन से पूरे भारत के लोगों तक पहुंचाने में राष्ट्र का साथ दें और वह तभी मुमकिन होगा, जब इस बार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की भाजपा को इस चुनाव में अलविदा करके वापस दिल्ली भेजें।
प्रो.भीमसिंह ने गुजरात के सभी राजनीतिक दलों, माननीय मतदाताओं से अनुरोध किया है कि वे जम्मू-कश्मीर की उलझनों की वजह से गुजरात के इस चुनाव के पहले चरण में स्वयं मतदाताओं के पास हाथ जोड़कर यह प्रार्थना नहीं कर सकंे कि पूरे राष्ट्र की एकता, अखंडता और देश के भाईचारे की मजबूती के लिए पूरे राष्ट्र के लोग गुजरात की तरफ बेताबी से देख रहे हैं और इंतजार कर रहे हैं इस बार नरेन्द्र मोदी की भाजपा को गुजरात से छुट्टी देकर राष्ट्रीय एकता की मजबूती का एक नया संदेश देने का।
नेशनल पैंथर्स पार्टी की आज एक बैठक दिल्ली में आयोजित की गयी, जिसमें भारत के कई राज्यों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए और इस सभा में यह अपील की गयी कि पूरे राष्ट्र के सभी राष्ट्रवादी, ईमानदार, मेहनतकश लोग गुजरात की जनता से पुनः निवेदन करेें कि देश की एकता, अखंडता, भाईचारा और मानवाधिकार की रक्षा के लिए गुजरात की जनता से अपील करें कि इस बार वे मोदी जी की भाजपा को गुजरात के हो रहे विधानसभा चुनाव में शिकस्त देकर उन्हें गुजरात विदा करें, ताकि गुजरात के महापुरूषों, जिनमें महात्मा गांधी, सरदार पटेल, मोरारजी आदि शामिल हैं, उनके राष्ट्रवादी और राष्ट्र के उत्थान के लिए एक नया संदेश पूरे भारत की जनता तक पहुंचाया जा सके।
प्रो.भीमसिंह ने दिल्ली में घोषणा की कि वे अपने पैंथर्स साथियों के साथ 12, 13 व 14 दिसम्बर, 2017 को गुजरात में हो रहे दूसरे चरण के चुनाव में जनता से राष्ट्रीय अपील लेकर स्वयं गुजरात की जनता को प्रणाम करने जाएंगे।

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