पैंथर्स सुप्रीमो की पूरी ईसाई समुदाय को क्रिसमस बधाई

पैंथर्स सुप्रीमो की पूरी ईसाई समुदाय को क्रिसमस बधाई

नेशनल पैंथर्स पार्टी के मुख्य संरक्षकए सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता एवं विश्व शांति परिषद की अध्यक्षता करने वाले प्रोण्भीमसिंह ने सारी दुनिया के ईसाई भाइयों को क्रिसमस की बधाई दी है।
लगभग साढ़े पांच साल तक मोटरसाइकिल पर शांति मिशन के तहत पूरी दुनिया का भ्रमण करने वाले प्रोण्भीमसिंह अपने भ्रमण के दौरान बैथलेहम ;ईसा मसीह का जन्मस्थलद्धए रोमए लंदन ट्राफलगर स्क्वायरए अर्जेंटीना और न्यूयॉर्क क्रिसमस के दिन ही पहुंचे थे और वहां के लोगों के साथ क्रिसमस मनाया था और उन्होंने शांति और समृद्धि के लिए शुभकामनाएं दी थी।
प्रोण्भीमसिंह ने नेशनल पैंथर्स पार्टी के दिल्ली मुख्यालय से पूरी दुनिया के लोगों विशेष तौर ईसाई समुदाय को क्रिसमस की बधाई देते हुए कहा कि नई दिल्ली पूरी दुनिया में शांतिए खुशहाली के लिए दुआ कर रहा हैए जिसे परमाणु हथियार रखने वाले देशों से खतरा है।
पैंथर्स सुप्रीमो ने परमाणु हथियार रखने वाले देशों चीनए अमेरिकाए रूसए फ्रांसए इंग्लैंड और अन्य देशों से कहा कि वे अपने परमाणु हथियार समुद्र में फेंक कर युद्धए हथियारए परमाणु हथियार और घृणा न करने की शपथ लें। उन्होंने कहा कि वैटकन सिटी ;रोमद्ध के पोप आज रात दुनिया के नेताओं को एक आवाज में यह संदेश दें कि हम दुनिया के लोग शांति के साथ रहना चाहते हैं और दुनिया में शांतिपूर्ण सहअस्तित्व के लिए काम करेंगे तथा घृणा को दफपन देंगेए जिससे पूरी दुनिया में शांतिए समृद्धि और मानव प्रेम हो।

संयुक्त राष्ट्र महासभा में ट्रम्प की फिलस्तीन विरोधी नीति पर भारत का पहली बार अच्छा प्रदर्शन
नेशनल पैंथर्स पार्टी के मुख्य संरक्षक एवं भारत-फिलस्तीन मैत्री समिति के चेयरमैन प्रो.भीमसिंह ने कहा कि ब से केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार की स्थापना हुई है, पहली बार उसने संयुक्त राष्ट्र महासभा में ट्रम्प की फिलस्तीन विरोधी नीति की निंदा वाले प्रस्ताव का समर्थन करके अच्छा काम किया है। इस प्रस्ताव में ट्रम्प सरकार के यरूशलम में अमेरिकी दूतावास स्थापित करने की निंदा की गई है।
प्रो.भीमसिंह ने कहा कि यरूशलम को स्वयं संयुक्त राष्ट्र ने 1967 में प्रस्ताव न. 242 में फिलस्तीन का अभिन्न अंग स्वीकार किया था। फिलस्तीन को संयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव सं. 181 से विभाजित करके इजरायल बनाया गया था, जो कि गैरकानूनी है, क्योंकि संयुक्त राष्ट्र में किसी भी देश को स्थापित करने या विभाजित करने की अधिकार नहीं है।
अंतर्राष्ट्रीय कानूनों के विशेषज्ञ प्रो.भीमसिंह ने इस सिलसिले में एक किताब ‘एन एग्जामिनेशन आफ दि डाक्यूमेंट्स आन व्हिच स्टेट आफ इजरायल वज क्रिएटेट‘ भी लिखी है, जिसे 1969 में बेरूत में फिलस्तीन लिबरेशन संगठन ने प्रकाशित किया था।
प्रो.भीमसिंह ने भारतीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को बधाई देते हुए कहा कि उन्होंने अरब दुनिया के साथ भारत की पुरानी दोस्ती के अनुसार पहली बार संयुक्त राष्ट्र महासभा में ट्रम्प की फिलस्तीन विरोधी नीति की निंदा वाले प्रस्ताव का समर्थन करके अच्छा काम किया है। उन्होंने यरूशलम (फिलिस्तीन) के संबंध में भारत के आक्रामक रुख के लिए विदेश मंत्री श्री सुषमा स्वराज को भी बधाई दी।

 

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