4 पैरा कमांडो ने तीन आतंकियों को मार गिराया

para-uri_आतंकवादी जंग जैसी तैयारी करके आए थे- डायरेक्टर जनरल मिलिट्री ऑपरेशन (www.himalayauk.org) Newsportal
मौके पर मौजूद एक जवान के मुताबिक, आतंकी तड़के 3.30 बजे कैंप की पिछली दीवार से घुसे। 105 मिनट तक नाइट विजन से कैंप का जायजा लिया। फिर सुबह 5.15 बजे फ्यूल टैंक से डीजल भर रहे निहत्थे जवानों पर धावा बोल दिया। 3 मिनट में 17 ग्रेनेड दागे। वहां मौजूद 19 साल के डोगरा रेजिमेंट के जवान ने एक आतंकी को मार गिराया। बाकी तीन बुरी तरह जख्मी थे। उस जवान के हेल्मेट पर भी गोली लग चुकी थी। उसे साथी जवानों ने बाहर निकाला। आर्मी बेस के अंदर डीजल टैंक में धमाका होते ही आतंकवादी अलग-अलग होकर बैरकों में घुस गए। बैरक खाली थे। आतंकी वहां दूसरे फ्लोर तक पहुंच गए। बाद में हेलिकॉप्टर से पहुंचाए गए 4 पैरा कमांडो ने तीन आतंकियों को मार गिराया। डायरेक्टर जनरल मिलिट्री ऑपरेशन ले. जनरल रणबीर सिंह ने बताया कि आतंकवादी जंग जैसी तैयारी करके आए थे। ”उनके पास चार एके-47, चार अंडर बैरल ग्रेनेड लॉन्चर और भारी मात्रा में गोला-बारूद मिला है। उनके पास आग लगाने वाले हथियार भी थे।” कैंप से छह किलोमीटर दूर झेलम से लगते सलामाबाद नाले से आतंकी दाखिल हुए थे।
जम्मू-कश्मीर के उरी में हुए आतंकी हमले के पीछे एक बार फिर से पाक प्रायोजित आतंकियों के हाथ होने की बात सामने आ रही है. सेना के आला अधिकारियों के मुताबिक, मारे गए चारों आतंकी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े हुए थे. इस हमले 17 जवान शहीद हुए हैं और 19 जवान घायल हुए हैं. एक नजर इस साल हुए बड़े हमलों पर

बड़े आतंकी हमले

जुलाई 2016, कुपवाड़ा
सेना का एक जवान शहीद
घुसपैठ की कोशिश नाकाम

जून 2016, पुलवामा
CRPF टीम पर हमला
आठ जवान शहीद, 28 जवान घायल

जून 2016, बिजबेहड़ा
CRPF टीम पर हमला
हमले में तीन जवान शहीद

मई 2016, श्रीनगर
दो जगह पुलिसकर्मियों पर हमला
हमले में 3 पुलिसकर्मी शहीद

जनवरी 2016, पठानकोट
एयरबेस पर हमला
7 जवान शहीद, 20 घायल

क्या लाए थे आतंकी?
4 एके 47 राइफ़ल
4 अंडर बैरल ग्रेनेड लॉन्चर
आग फैलाने में काम आनेवाला सफेद फॉस्फोरस पाउडर
पाक की छाप वाले खाने-पीने के सामान
कैंप और आसपास के इलाके का नक्शा
उरी हमले के पीछे मसूद अजहर के नेतृत्व वाले जैश-ए-मोहम्मद का हाथ होने की आशंका के मद्देनजर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने 1999 में भारतीय विमान अपहरण के बाद आतंकवादी मसूद अजहर को रिहा करने को लेकर तत्कालीन राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार को कटघरे में खड़ा किया और आरोप लगाया कि पूर्ववर्ती एनडीए सरकार ने ऐसा करके राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता किया था.

इस आतंकवादी हमले के मद्देनजर अपने कई ट्वीट में दिग्विजय सिंह ने पाकिस्तान को अलग-थलग करने के लिए उस पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाने की पुरजोर वकालत की और नियंत्रण रेखा के पास मौजूद सेना के शिविर की सुरक्षा में इसकी ‘नाकामी’ की भी पड़ताल करने पर जोर दिया.

कांग्रेस महासचिव ने कहा, ‘भारतीय विमान अपहरण मामले में हमने मसूद अजहर को रिहा करके समझौता किया. सीख? कभी राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता नहीं करें.’ उन्होंने कहा, ‘हमले के पीछे मसूद अजहर की जैश-ए-मोहम्मद का हाथ है. निस्संदेह इसमें पाकिस्तान प्रशासन की पूरी मिलिभगत है.’ उन्होंने कहा, ‘हमें नियंत्रण रेखा के पास मौजूद सेना के शिविर की सुरक्षा में इसकी नाकामी की भी पड़ताल करनी चाहिए.’

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘उरी के शहीदों को श्रद्धांजलि. पाकिस्तान को अलग थलग करने के लिए भारत सरकार को निश्चित तौर पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाना चाहिए.’

गौरतलब है कि 24 दिसंबर 1999 को नेपाल से दिल्ली जा रहे विमान आईसी 814 का अपहरण कर लिया गया था, विमान में 176 यात्री सवार थे. यात्रियों एवं चालक दल के सदस्यों की सुरक्षित रिहाई के एवज में वाजपेयी सरकार ने मसूद अजहर सहित तीन आतंकवादियों को रिहा किया था.

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