उत्‍तराखण्‍ड वि0सभा चुनाव- हरीश रावत का नया दांव ; पीके

हारे तो तोहमत ;प्रशांत किशोर “पीके” # कांग्रेस के रणनीतिककार-  #चिकित्सकों ने हरीश रावत को आराम करने की सलाह दी # पीके का उत्‍तराखण्‍ड चुनाव प्रचार पूरी तरह से मुख्यमंत्री और उनकी सरकार की उपलब्धियों पर केंद्रित #कांग्रेस के गढ रहे विधानसभा क्षेत्रों में सरकार की उपलब्‍धियां दंग करने वाली है-  #एक्‍सक्‍लूसिव रिपोर्ट- 

(www.himalayauk.org) HIMALAYA GAURAV UTTRAKHAND ; # हिमालयायूके न्‍यूज पोर्टल –

उत्‍तराखण्‍ड में विधानसभा चुनाव के महासंग्राम की तैयारियां जोरो पर है, विपक्ष के अलावा अपने खास लोगों को भी पटकनी देने की राजनीतिक दांवपेच के लिए सधी हुई रणनीतिक चाले चली जा रही है, इसी रणनीतिक दांव पेच के तहत पीके को उत्‍तराखण्‍ड के चुनाव मैदान में आखिरी समय मे उतारा गया है- इसका गहरा अर्थ है- सोशल मीडिया में चल रही चर्चा के अनुसार उत्‍तराखण्‍ड में कांग्रेस हारी तो हरीश रावत नही अपितु पीके की हार मानी जायेगी- और दो वर्ष ही होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए हरीश रावत फिर से कमर कस लेगें- वही कांग्रेस ने चुनावी रूझान से सबक लेते हुए अपना फोकस तथा पीके का फोकस भी गढवाल में नही कराया है तथा कुमायूं तथा हरिद्वार में ज्‍यादा फोकस किया है- वही पीके का उत्‍तराखण्‍ड चुनाव प्रचार पूरी तरह से मुख्यमंत्री और उनकी सरकार की उपलब्धियों पर केंद्रित होगा। हरिद्वार के बाद कुमाऊं मंडल की बैठक हल्द्वानी में होगी।
वही कांग्रेस के दोनों नेता प्रदेश अध्‍यक्ष तथा मुख्‍यमंत्री जिन पर पर चुनाव लड़ाने का मुख्‍यत- जिम्मा है वह चुनाव मैदान में किस विधानसभा से उतरेगे, इसमें कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ऋषिकेश तथा मुख्यमंत्री हरीश रावत के लिए केदारनाथ, रामनगर, हरिद्वार ग्रामीण और सहसपुर में से किसी एक सीट का चुनाव किया जा सकता है
वही अचानक 10जनवरी को उत्तराखंड़ के सीएम हरीश रावत को गर्दन में दर्द की शिकायत के बाद देहरादून के अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनको गर्दन में दर्द के साथ बेचैनी की भी शिकायत थी। अस्पताल में चेकअप के बाद डॉक्टरों ने उन्हें छुट्टी दे दी। अस्पताल से बाहर निकलने के बाद हरीश रावत ने पत्रकारों से कहा कि मुझे सर्वाइकल की थोड़ी दिक्कत थी। आगामी चुनावों के लिए पूरी तरह फिट हूं।
हरीश रावत को देहरादून के दून अस्पताल के वीआईपी वार्ड में भर्ती कराया गया था जहां उनका चेकअप किया गया। चेकअप करने के बाद डॉक्टर ने सीएम को छुट्टी दे दी है। मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार सुरेंद्र कुमार ने बताया कि रक्तचाप में अचानक बढ़ोत्तरी और गर्दन में दर्द की शिकायत के बाद रावत को तत्काल दून मेडिकल कॉलेज और अस्पताल ले जाया गया। उन्होंने बताया कि रावत को तुरंत चिकित्सकीय सहायता दी गई। मीडिया सलाहकार ने बताया कि कुछ देर अस्पताल में रहने के बाद मुख्यमंत्री को छुट्टी दे दी गई और वह अपने बीजापुर स्थित आवास में आ गये । चिकित्सकों ने उन्हें फिलहाल आराम करने की सलाह दी है । गौरतलब है कि जून 2016 में हरीश रावत हेलीकॉप्टर की इमरजैंसी लैंडिंग के दौरान घायल हो गए थे। जिसमें उनके गर्दन और रीढ़ की हड्डी में चोट आई थी। उनका इलाज दिल्ली के एम्स अस्पताल में चला था।

वही दूसरी ओर उत्तराखंड में 15 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस द्वारा चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर की सेवाएं लेने पर टिप्पणी करते हुए प्रदेश भाजपा ने कहा है कि कांग्रेस को अपनी हालत खस्ता होने का अहसास हो गया है, इसीलिए वह अपने स्थानीय नेताओं पर भरोसा भी नहीं कर रही है.
देहरादून में जारी एक बयान में भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी डॉ देवेंद्र भसीन ने कहा, ‘कांग्रेस आलाकमान द्वारा उत्तराखंड में प्रोफेशनल रणनीतिकार भेजने से यह साफ हो गया है कि कांग्रेस के केंद्रीय नेताओं को राज्य में पार्टी की खस्ता हालत होने का पता लग गया है और वे राज्य के नेताओं पर भरोसा भी नहीं कर रहे हैं. अब वे सोच रहे हैं कि शायद प्रोफेशनल रणनीतिकार ही प्रदेश में कुछ कर पाए. हालांकि उन्होंने कहा कि सच्चाई यह है कि मुख्यमंत्री हरीश रावत के नेतृत्व में कांग्रेस की काठ की हांडी एक बार चूल्हे पर चढ़ चुकी है, इसलिए उसके दोबारा चूल्हे पर चढ़ने की कोई भी गुंजाइश नहीं है.
;;;एक सधी हुई रणनीति के तहत पीके की तैयारियां गढवाल को छोडकर हरिद्वार तथा कुमायूं में शुरू करवा दी गयी है, इलेक्शन कैम्पेन गुरू प्रशांत किशोर कांग्रेस के प्रचार अभियान में उतर चुके हैं। पीके ने प्रदेश कांग्रेस से हर सीट पर कम से कम 50 समर्पित कांग्रेसजनों के नाम मांगें हैं। इस अभियान में कांग्रेस के सांगठनिक नेटवर्क के प्रभावी इस्तेमाल के लिए उन्होंने 11 जनवरी को हरिद्वार में एक अहम बैठक प्रशांत किशोर ने बुलाई है। कांग्रेस भवन में पीके पाठशाला को लेकर रणनीति बनाई गई। बैठक में पीके की टीम के सदस्यों के साथ प्रदेश उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट, संगठन महामंत्री राजेन्द्र भंडारी, पार्टी प्रवक्ता गरिमा दशौनी, गिरीश पुनेड़ा, शांति रावत, परणीता बड़ोनी व संजय भट्ट ने शिरकत की।

मुख्यमंत्री और उनकी सरकार की उपलब्धियां – देहरादून राजधानी में इस तरह है- 

पीके का उत्‍तराखण्‍ड चुनाव प्रचार पूरी तरह से मुख्यमंत्री और उनकी सरकार की उपलब्धियों पर केंद्रित होगा परन्‍तु कांग्रेस का गढ रहा चकरोता तथा विकास नगर विधानसभा में कांग्रेस सरकार की उपलब्‍धि की पोल इस समाचार से खुल रही है। कांग्रेस के गढ में यह है स्‍थिति- देहरादून जिले की दुर्गम विधानसभा सीट चकराता वर्ष 1967 से जनजातीय क्षेत्र के लिए आरक्षित है। बीते तीन विधानसभा चुनाव से यहां का प्रतिनिधित्व कांग्रेस के कद्दावर नेता और सूबे के गृह मंत्री प्रीतम सिंह कर रहे हैं। विधानसभा क्षेत्र हमेशा से ही कांग्रेस का गढ़ रहा है। इस विधानसभा में करीब 97666 मतदाता हैं। क्षेत्र के कई गांव अब भी सड़क सुविधा से महरूम है हालांकि बीते पांच सालों में गांव तक सड़कों का जाल बिछाने के काम में तेजी आई है। इसके साथ ही राज्य गठन के 16 साल बाद भी शिक्षा, स्वास्थ्य, सिंचाई और परिवहन जैसी बुनियादी सुविधाओं का पूरी तरह से समाधान नहीं हो सका है। यह मानना है यहां की क्षेत्रीय जनता का। बेरोजगारी जैसे गंभीर विषय पर कुछ नहीं किया गया। बेरोजगार धक्के खाने को मजबूर है। पलायन आज भी क्षेत्र में एक बहुत बड़ा मुद्दा है। शिक्षा और स्वास्थ्य की स्थिति पहले से भी बदहाल हुई है। क्षेत्रीय प्रतिनिधि इन मुद्दों पर पूरी तरह विफल रहे हैं। शिक्षा का क्षेत्र अब भी पिछड़ा हुआ है। शिक्षा के स्तर में कोई सुधार नहीं आया है। शिक्षा पर क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि गंभीर नहीं है। शिक्षा का क्षेत्र भवन निर्माण तक सीमित है। क्षेत्र में विकास कार्य ठीक से नहीं किए गए। विधायक निधि का दुरुपयोग किया गया। सिर्फ चहेतों को खुश करने के लिए विधायक निधि खर्च हुई।  मूलभूत सुविधाओं को जुटाने के साथ ही उसमें सुधार की जरूरत है। महिलाओं के लिए अस्पताल में डॉक्टर तक नहीं है।

—-अब फैसला आम मतदाताओं के हाथ में है- क्‍या मतदाताा पीके ही वोट देगा-  

Leading Web & Print Media. (MAIL; himalayauk@gmail.com) mob 9412932030

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *