चुनाव के मौसम में- राफेल डील-केंद्र को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका

सुप्रीम कोर्ट में बीजेपी सरकार पूरी तरह घिरी. #राफेल डील: केंद्र को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका, दस्तावेज़ों को लेकर सरकार की आपत्तियां खारिज

दिसंबर में कोर्ट ने भारत और फ्रांस के बीच हुए 36 लड़ाकू विमानों के सौदे को सही करार दिया था. इसी के खिलाफ ये याचिकाएं दाखिल हुई हैं.

देश को गुमराह कर रही है केंद्र सरकार- याचिकाकर्ता अरुण शोरी

दरअसल, केंद्र सरकार ने राफेल डील को लेकर अखबार में छपी रिपोर्ट्स पर आपत्ति जताई थी और कहा था कि वो चोरी हुए दस्तावेज हैं और उसपर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई नहीं करे. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने आज दस्तावेज़ों को लेकर सरकार की इन आपत्तियां को खारिज कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट के ताजा आदेश के बाद इस मामले के याचिकाकर्ता अरुण शोरी ने कहा कि राफेल पर सरकार देश को गुमराह कर रही है.

दरअसल केंद्र सरकार ने अवैध तरीके से हासिल गोपनीय दस्तावेजों के आधार पर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका का विरोध किया था. दस्तावेजों पर सार्वजनिक चर्चा को सरकार के विशेषाधिकार और राष्ट्रीय सुरक्षा के खिलाफ बताया था.

सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद कांग्रेस मोदी सरकार पर हमलावर हो गई है. कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणजीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया है, ”सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर सम्मानित कानूनी सिद्धांत को बरकरार रखा है. मोदीजी ने राफेल पर अपने भ्रष्टाचार को उजागर करने के लिए स्वतंत्र पत्रकारों के खिलाफ आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम लागू करने की धमकी दी थी. मोदीजी चिंता मत करो, अब जांच होने वाली है. चाहे आप इसे पसंद करें या नहीं.”

वहीं, आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी पीएम मोदी पर सवाल उठाए हैं. केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा है, ”मोदी जी हर जगह कह रहे थे कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट से राफ़ेल में क्लीन चिट मिली है. आज के सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले से साबित हो गया कि मोदी जी ने राफ़ेल में चोरी की है, देश की सेना से धोखा किया है और अपना जुर्म छिपाने के लिए सुप्रीम कोर्ट को गुमराह किया.”

वहीं, बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा है, ”राष्ट्रीय सुरक्षा की आड़ में राफेल रक्षा सौदे में भारी गड़बड़ी/भ्रष्टाचार को छिपाने की मोदी सरकार की कोशिश विफल. सुप्रीम कोर्ट में बीजेपी सरकार पूरी तरह घिरी. संसद के भीतर व बाहर बार-बार झूठ बोलकर देश को गुमराह करने के लिए मोदी माफी मांगे और रक्षा मंत्री इस्तीफा दें.”

राफेल डील पर केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट में बड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने राफेल डील पर सरकार की आपत्तियां खारिज कर दी हैं. सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की बेंच ने कहा कि जो कागज़ात अदालत में पेश किए गए वो मान्य हैं. सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की आपत्तियां खारिज करते हुए कहा कि लीक हुए दस्तावेज मान्य हैं और उसकी जांच की जाएगी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राफेल से जुड़े जो कागजात आए हैं, वो सुनवाई का हिस्सा होंगे.

 : राफेल डील मामले में केंद्र की मोदी सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की उस आपत्ति को खारिज कर दिया है, जिसमें गोपनीय दस्तावेजों के आधार पर पुनर्विचार खारिज करने की मांग की गई थी. कोर्ट के आदेश के बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट कर कहा कि संसद के भीतर व बाहर बार-बार झूठ बोलकर देश को गुमराह करने के लिए पीएम मोदी माफी मांगे व रक्षा मंत्री इस्तीफा दें.  वहीं कांग्रेस (Congress) ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) पर निशाना साधते हुए कहा कि इस मामले में सच सामने आकर रहेगा. पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, ‘मोदी जी जितना चाहें भाग सकते हैं और झूठ बोल सकते है. लेकिन आज नहीं तो कल सच सामने आ जाएगा.’ उन्होंने दावा किया, ‘राफेल घोटाले की परतें एक-एक करके खुल रही हैं. अब ‘कोई गोपनियता का कानून नहीं है’ जिसके पीछे आप छिप सकें.’ 

मायावती ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के तुरंत बाद अपने ट्विटर अकाउंट पर एक ट्वीट किया, उन्होंने लिखा, राष्ट्रीय सुरक्षा की आड़ में राफेल रक्षा सौदे में भारी गड़बड़ी/भ्रष्टाचार को छिपाने की पीएम मोदी सरकार की कोशिश विफल. सुप्रीम कोर्ट में बीजेपी सरकार पूरी तरह घिरी है. संसद के भीतर व बाहर बार-बार झूठ बोलकर देश को गुमराह करने के लिए पीएम मोदी माफी मांगे व रक्षा मंत्री इस्तीफा दें. 

राफेल डील: केजरीवाल बोले- मोदी जी ने सेना से धोखा किया, कांग्रेस बोली- सच सामने आकर रहेगा

सुरजेवाला ने कहा, ‘उच्चतम न्यायालय ने कानूनी सिद्धान्त को बरकरार रखा है. परेशान मोदी जी ने राफेल के भ्रष्टाचार का खुलासा करने वाले स्वतंत्र पत्रकारों के खिलाफ सरकारी गोपनीयता कानून लगाने की धमकी दी. चिंता मत करिए मोदी जी, अब जांच होने जा रही है चाहे आप चाहें या नहीं चाहें.’

प्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बुधवार को राफेल सौदे (Rafale Deal) से संबंधित कुछ नए दस्तावेजों को आधार बनाये जाने पर केंद्र की प्रारंभिक आपत्ति को ठुकरा दिया. इन दस्तावेजों पर केंद्र सरकार ने ‘विशेषाधिकार’ का दावा किया था. केंद्र ने कहा कि याचिकाकर्ताओं ने विशेष दस्तावेज गैरकानूनी तरीके से हासिल किए और 14 दिसम्बर, 2018 के निर्णय को चुनौती देने के लिए इसका प्रयोग किया गया. इस फैसले में कोर्ट ने फ्रांस से 36 राफेल विमान सौदे को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 14 दिसंबर को राफेल विमान की खरीद से जुड़ी सभी याचिकाओं को खारिज करने संबंधी करने के फैसले पर दायर सभी पुनर्विचार याचिकाओं पर गुण-दोष के आधार पर निर्णय लिया जाएगा. कोर्ट ने कहा कि वह राफेल पर पुनर्विचार याचिकाओं की सुनवाई के लिए तारीख तय करेगा.

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने पीएम मोदी पर निशाना साधा है. केजरीवाल ने ट्वीट करते हुए कहा है, ‘मोदी जी हर जगह कह रहे थे कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट से राफेल में क्लीन चिट मिली है. आज के सुप्रीम कोर्ट के फैसले से साबित हो गया कि मोदी जी ने राफेल में चोरी की है, देश की सेना से धोखा किया है और अपना जुर्म छिपाने के लिए सुप्रीम कोर्ट को गुमराह किया.’

14 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की शुरुआती आपत्तियों (गोपनीयता, विशेषाधिकार, राष्ट्रीय सुरक्षा) पर आदेश सुरक्षित रख लिया था. इससे पहले केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में नया हलफनामा दाखिल कर कहा था कि केंद्र सरकार की बिना मंजूरी के संवेदनशील दस्तावेजों की फोटोकॉपी की गई. इन दस्तावेजों की अनाधिकृत फोटो कॉपी के जरिए की गई चोरी ने देश की सुरक्षा, सम्प्रभुता और दूसरे देशों के साथ दोस्ताना सम्बधों को बुरी तरह प्रभावित किया है. केंद्र ने कहा था कि पुनर्विचार याचिका के साथ सलग्न दस्तावेज एयरक्राफ्ट की युद्ध क्षमता से जुड़े है.

इन्होंने लगाई है याचिका
दरअसल याचिकाकर्ता पूर्व केन्द्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा, अरूण शौरी और वकील प्रशांत भूषण ने राफ़ेल डील में धांधली साबित करने के लिए सबूतों के तौर पर रफाल डील से जुड़े कई दस्तावेजों की फोटोकॉपी सुप्रीमकोर्ट में चीफ जस्टिस के सामने दायर पुनर्विचार याचिका में लगाई. 

याचिकाकर्ता ने क्या कहा
याचिकाकर्ता का कहना है कि किसी धांधली व भ्रष्टाचार को उजागर करने के लिए कोई कागज किसी भी तरीके से हासिल कर उसे कोर्ट के सामने रखा जाता है, तो भ्रष्टाचार साबित करने की मांग को देखते हुए अदालत को उनपर भी गौर करना चाहिए साथ ही याचिकाकर्ताओं ने कहा कि किसी विभाग में धांधली पकड़वाने के लिए गोपनीय तरीके से सबूत देने वाले विहसल ब्लोवर की पहचान और सबूत जुटाने का तरीका कानून में पूछने का अधिकार किसी के पास नहीं है, उदाहरण के तौर पर कोयला घोटाला, 2G घोटाला और सीबीआई के पूर्व निदेशक रंजीत कुमार के डायरी केस का हवाला दिया. याचिकाकर्ता ने कहा कि इन मामलों में भी सुप्रीम कोर्ट ने इसी तरह अदालत में पेश किए गए कागजातों को मानते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कोयला घोटाले में, टू जी घोटाले में जांच का आदेश देकर भ्रष्टाचारियों पर कारवाई की और रंजीत कुमार के खिलाफ जांत का आदेश दिया था, जिसकी जांच चल रही है, इसी तरह रफाल डील मामले में भी सुप्रीम कोर्ट पुनर्विचार याचिका के साथ लगे कागजों को सबूत मानते हुए आगे सुनवाई करें.

राफेल सौदे मामले में पुनर्विचार याचिका दायर करने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी ने बुधवार का कहा कि वह दस्तावेजों की स्वीकार्यता पर केंद्र के तर्क को सर्वसम्मति से खारिज करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश से खुश हैं.  शौरी ने कहा, ‘हम प्रसन्न है क्योंकि उच्चतम न्यायालय ने सर्वसम्मति से दिये फैसले में केंद्र सरकार के दस्तावेजों की स्वीकार्यता संबंधी अजीब तर्क को खारिज कर दिया. केंद्र सरकार के तर्क का अर्थ है कि रक्षा सौदे में कोई गलती नहीं की जा सकती.’ 

बता दें, शौरी, पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा और वकील प्रशांत भूषण के साथ राफेल सौदे पर पुनर्विचार याचिकाकर्ताओं में से एक हैं.

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