कांग्रेस केन्‍द्र में सत्ता में आयी तो मैं तीन काम पहले करूंगा- राहुल गांधी

नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को कहा कि मध्य प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करने के बीएसपी प्रमुख मायावती के फैसले का कांग्रेस की संभावनाओं पर असर नहीं होगा. उन्होंने यह भी कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में बीएसपी साथ आ सकती है.राहुल गांधी ने चुनाव के समय में धार्मिक स्थानों के दौरे पर बीजेपी के आरोपों पर कहा, ”मैं सालों से मंदिर, गुरुद्वारा, मस्जिद जा रहा हूं, लेकिन अचानक यह सुर्खियों में आने लगा है. मुझे लगता है कि बीजेपी को यह रास नहीं आ रहा है. पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर मोदी सरकार की ढ़ाई रुपये की कटौती के बावजूद कांग्रेस पेट्रोल-डीजल को वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) के दायरे में लाने पर अड़ी है. आज कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि आप कृपया पेट्रोल-डीजल को GST के दायरे में ले आइए. उन्होंने कहा, आदरणीय श्री मोदीजी, आम जनता पेट्रोल-डीजल के आसमान छूते दामों से बहुत ज्यादा परेशान है. कांग्रेस के दावों के मुताबिक, पेट्रोल-डीजल की कीमतों को जीएसटी के दायरे में लाने से बड़ी कमी होगी. आप कृपया पेट्रोल-डीजल को GST के दायरे में ले आइए।

2019 लोकसभा चुनाव में विपक्षी पार्टियां अगर एकजुट होती है तो क्या प्रधानमंत्री का उम्मीदवार राहुल गांधी होंगे? इस सवाल पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि अगर गठबंधन सहयोगियों ने चाहा तो मैं जरूर बनूंगा. साथ ही उन्होंने कहा कि पार्टी आगामी चुनावों में अधिक सीटों पर जीत दर्ज करेगी. राहुल गांधी ने कहा कि, कांग्रेस सत्ता में आयी तो मैं तीन काम करूंगा. पहला काम छोटे और लघु उद्यमियों को मजबूत करूंगा, दूसरा- किसानों को यह एहसास करेंगे कि वे महत्वपूर्ण हैं. मेडिकल और शैक्षणिक संस्थागत खड़ी करेंगे. आज नौकरियां नहीं हैं. छोटे और मध्यमवर्गीय व्यवसाय खुल रहे हैं. लेकिन सरकार उनपर लगातार

मायावती ने कुछ दिनों पहले ही कहा था कि वह मध्यप्रदेश और राजस्थान के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं करेगी. उनके फैसले को बीजेपी के खिलाफ विपक्ष के महागठबंधन बनाने के प्रयासों के लिये बड़ा झटका माना जा रहा है. ‘हिंदुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट’ में गांधी ने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि मध्य प्रदेश में बीएसपी के गठबंधन नहीं करने से हमारे ऊपर कोई विपरीत असर हो रहा है.’’
बहरहाल, राहुल गांधी ने यह भी कहा कि अगर गठबंधन होता तो बेहतर होता. उन्होंने उम्मीद जताई कि मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और तेलंगाना के आगामी विधानसभा चुनावों में कांग्रेस जीत हासिल करेगी. गठबंधन के मुद्दे पर उन्होंने कहा, ‘‘राज्य में गठबंधन और केंद्र के स्तर पर गठबंधन में बहुत अंतर होता है. मायावती जी ने इसका संकेत दिया है. राज्य में हमारा रुख लचीला था. असल में प्रदेश के कुछ नेताओं की तुलना में मेरा रुख ज्यादा लचीला था. हम बातचीत कर रहे थे, लेकिन मुझे लगता है कि उन्होंने अकेले चुनाव लड़ने का फैसला कर लिया था.’’
गांधी ने यह भी कहा, ‘‘मेरा मानना है कि राष्ट्रीय चुनाव में विपक्षी पार्टियां साथ आएंगी और खासकर उत्तर प्रदेश में साथ आएंगी.’’ मायावती ने कहा था कि राहुल गांधी और संप्रग प्रमुख सोनिया गांधी गठबंधन के पक्ष में थे, लेकिन कांग्रेस के कुछ ‘वरिष्ठ नेताओं’ ने तालमेल की संभावनाओं को विफल करने का काम किया.
3 अक्टूबर को मायावती ने कहा था कि उनकी पार्टी राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में क्षेत्रीय पार्टियों के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी. मायावती ने कहा, “जैसा उनकी पार्टी ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव में क्षेत्रीय पार्टियों के साथ मिलकर चुनाव लड़ा, वैसा ही वह अन्य राज्यों में करेगी. मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में बसपा अकेले अपने दम पर चुनाव लड़ेगी. हमारा कांग्रेस के साथ कोई गठबंधन नहीं होगा.”

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