राहुल गॉधी के पसंदीदा राजबब्‍बर को यूपी महाभारत की कमान

Rahul-Gandhi jiकांग्रेस ने राहुल गॉधी के अनुरूप बड़ा फैसला किया है. राहुल गांधी की तरफ से उत्‍तर प्रदेश काग्रेस अध्‍यक्ष पद के लिए भेजे गये राज बब्बर केे नाम को स्‍वीकार कर लिया गया. हिमालयायूके डॉट ओआरजी न्‍यूज पोर्टल – ने इस बदलाव पर अपने कमेन्‍ट में यह लिखा है कि कांग्रेस में यह राहुल राज का आगमन केे काल की शुरूआत भी मानी जा सकती है, हरीश रावत भी राहुल गॉधीी केे खास पसंदीदा लोगों में से एक है, आलाकमान ने यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर राज बब्बर को नियुक्त कर दिया है. जनार्दन द्विवेदी ने मंगलवार को बब्बर को यूपीसीसी का अध्यक्ष बनाए जाने का ऐलान किया. उन्होंने बताया कि राजेश मिश्रा, राजाराम पाल और अमरान मसूद को प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया गया है. यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष निर्मल खत्री ने 11 जुलाई को इस्तीफा दे दिया था। अगले ही दिन राज बब्‍बर को उनकी जगह दे दी गई। राज बब्बर को कांग्रेस में आए अरसा हो गया। वह दो बार यूपी से लोकसभा के लिए चुने गए हैं और अभी उत्‍तरारखंड से राज्यसभा सांसद हैं। लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव की पत्नी और मुलायम सिंह यादव की बहू डिंपल यादव को हरा चुके हैं। ऐसे में राज बब्बर की राज्‍य में लोकप्रियता को लेकर पार्टी को संदेह नहीं है। 2009 के लोकसभा चुनाव में राज बब्बर ने डिंपल यादव को हराकर अपना लोहा मनवाया। साल 2014 का लोकसभा चुनाव उन्होंने गाजियाबाद से लड़ा था, लेकिन बीजेपी के जनरल वी के सिंह से हार गए थे। presents by (www.himalayauk.org) Leading Digital Newsportal.


इंडियन नेशनल कांग्रेस के ऑफिशियल टि्वटर अकाउंट पर 12 जुलाई को पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी की एक फोटो शेयर की गई। तस्वीर में राहुल गांधी कुछ लोगों को संबोधित करते हुए नजर आ रहे हैं। तस्वीर के कैप्शन में लिखा था ‘मैं यहां भारत को आरएसएस से बचाने के लिए हूं। मैं यहां भारत को नरेंद्र मोदी से बचाने के लिए हूं।’ तस्वीर में राहुल लोगों को किसी बात का भरोसा दिलाते नजर आ रहे हैं, जिस पर वे लोग तालियां बजाते दिख रहे हैं।

—कांग्रेस ने आगामी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अहम घोषणा करते हुए राज बब्बर को प्रदेश कांग्रेस का नया अध्यक्ष बनाया है। राजेश मिश्र को उपाध्यक्ष बनाया गया। प्रदेश प्रभारी गुलाम नबी आजाद ने मंगलवार शाम घोषणा करते हुए यह भी कहा कि राज्य में होने जा रहे आगामी विधानसभा चुनाव में कोई न कोई सीएम चेहरा जरूर होगा। 2017 में होने वाले यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर कोई भी पार्टी किसी भी तरह की गलती नहीं करना चाहती है. इसके लिए कांग्रेस पार्टी भी अपनी कमर पूरी तरह से कस चुकी है. सूत्रों की मानें तो प्रियंका गांधी 2017 में यूपी में होने वाले विधानसभी चुनाव में कांग्रेस प्रचार समिति की सदस्य हो सकती हैं. गुलाम नबी आजाद के घर पर यूपी से जुड़े कांग्रेस के रणनीतिकारों की बैठक हुई है जिसमें प्रियंका गांधी भी शामिल हुईं. आजाद चाहते थे कि यूपी में ब्राह्मण नेता प्रमोद तिवारी और राजपूत नेता संजय सिंह की अहम भूमिका हो. उन्होंने कहा कि सीएम उम्मीदवार के नाम की घोषणा भी सही वक्त पर कर दी जाएगी. वहीं, पीके चाहते थे कि शीला सीएम चेहरा हों और अध्यक्ष के तौर पर राजपूत-ब्राह्मण के बजाय ओबीसी या दलित पर दांव लगाया जाए. ऐसे में उनकी तरफ से ओबीसी वर्ग से आने वाले आरपीएन सिंह और श्रीप्रकाश जायसवाल के नाम सुझाए गए थे.

राज बब्बर के उत्तराखंड से राज्यसभा सदस्य होने के सवाल पर आजाद ने कहा कि बब्बर पैदाइशी रूप से उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं। वह तीन बार यूपी से कांग्रेस के लोकसभा सदस्य रहे हैं और इस बार वह उत्तराखंड से राज्यसभा सदस्य हैं।
राज बब्बर को यूपी की कमान देने का फैसला हो गया और अब इसका बस औपचारिक ऐलान होना बाकी है. आपको बता दें कल ही यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष निर्मल खत्री ने इस्तीफा दे दिया था.

कांग्रेसी खेमे में राज बब्बर के नाम पर कई दिनों से चर्चा चल रही थी. दरअसल पार्टी शीला दीक्षित को सीएम प्रोजेक्ट कर ब्राह्मण वोट बैंक साधने की तैयारी में है. ऐसे में पार्टी को एक ऐसे चेहरे की तलाश थी जो दूसरे तबकों में अपनीपैठ बना सके. ऐसे में पार्टी के सामने राज बब्बर का नाम सबसे मुफीद लगा.

अगले साल होनेवाले यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर आज यूपी के कांग्रेस प्रभारी गुलाम नबी आजाद के घर पर एक अहम बैठक हुई. बैठक में प्रियंका गांधी भी शामिल हुई थीं. सूत्रों के मुताबिक उसी बैठक में राजबब्बर को उत्तर प्रदेश कांग्रेस का नया अध्यक्ष बनाने का फैसला हुआ. राज बब्बर लंबे समय से पार्टी से जुड़े हैं और वर्तमान में राज्यसभा सांसद है. इसके अलावा वे दो बार यूपी से लोकसभा सांसद भी रह चुके हैं. उन्होंने लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव की पत्नी और मुलायम सिंह यादव की बहू डिंपल यादव को हराया था. ऐसे में राज बब्बर के कद पर पार्टी में किसी को कोई संदेह नहीं है. साल 1989 में जनता दल के जरिए राजनीति की दुनिया में कदम रखा. बाद में वो समाजवादी पार्टी में शामिल हो गये और तीन बार लोकसभा सांसद बने. साल 2006 में समाजवादी पार्टी ने उनको पार्टी विरोधी गतिविधि के आरोप में पार्टी से निलंबित कर दिया था जिसके बाद साल 2008 में राजबब्बर कांग्रेस में शामिल हो गये.

2009 के लोकसभा चुनाव में राजबब्बर ने अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव को हराकर राजनीतिक खलबली मचा दी थी. साल 2014 का लोकसभा चुनाव उन्होंने गाजियाबाद से लड़ा था लेकिन तब वो बीजेपी के जनरल वी के सिंह से हार गये थे. अभी राजब्बर उत्तराखंड से कांग्रेस के राज्यसभा सांसद हैं.

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