पुराने संघी जयपुर के ‘वैद्य’ जी को विशेष सचिव  बनाया

 गुजराती और ऊपर से मोदी से पुराने सम्‍पर्क तो सोने में सुहागा- कैसे#ब्यूरोक्रेट की बजाय आयुर्वेदिक वैद्य #कोटेचा खुद को गुजराती उद्यमी कहते हैं  #मोदी सरकार बनने के बाद साल 2015 में इन्हें पद्म श्री से सम्मानित किया#आरएसएस से जुड़े कोटेचा को आयुष मंत्रालय में विशेष सचिव बनाया#  आयुष मंत्रालय में पहली बार ब्यूरोक्रेट की बजाय एक आयुर्वेदिक वैद्य को विशेष सचिव बनाया गया है#कैबिनेट की अप्वाइंटमेंट कमेटी ने जयपुर के चक्रपाणि आयुर्वेदिक क्लीनिक के वैद्य राजेश कोटेचा की 3 साल तक कांट्रैक्ट पर नियुक्ति को मंजूरी दे दी # पुराने संघी जयपुर के ‘वैद्य’ जी को आयुष मंत्रालय में विशेष सचिव  बना दिया # www.himalayuk.org (Leading Digital Newsportal & Daily Newspaper) publish at Dehradun & Haridwar. 

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए पहली बार किसी गैर आईएएस अफसर को सीधे किसी मंत्रालय का सचिव नियुक्त किया है। आरएसएस से जुड़े वैद्य राजेश कोटेचा को मोदी सरकार ने आयुष मंत्रालय में विशेष सचिव बनाया है। इससे पहले वो जामनगर स्थित गुजरात आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति रह चुके हैं। इससे पहले एनडीए सरकार ने एक आईएएस अधिकारी, परमेश्वरम अय्यर को भी सेवानिवृति के बाद भी पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय का सचिव बनाया था। कोटेचा की नियुक्ति तीन साल के लिए की गई है। वो एक आयुर्वेदिक डॉक्टर हैं और उनकी पत्नी मीता जयपुर स्थित राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान में शिक्षिका हैं।

जयपुर के ‘वैद्य’ बने आयुष मंत्रालय में विशेष सचिव- वैद्य (अर्थ चिकित्सक) कोटेचा चक्रपनी आयुर्वेद क्लिनिक, जयपुर के मुख्य सलाहकार हैं. यह नियुक्ति केंद्र सरकार के निजी क्षेत्र से विशेषज्ञों को सरकारी क्षेत्र में लाने के प्रयासों के अनुरूप है.  श्रीपाद यासो नाइक आयुष मंत्रालय के मंत्री हैं.  Institute of Post Graduate Teaching & Research in Ayurveda, Jamnagar (Gujarat) के कुलपति रह चुके हैं 

54 साल के कोटेचा खुद को गुजराती उद्यमी कहते हैं। जब नरेंद्र मोदी भाजपा के महासचिव थे, तब उन्होंने इनके पहले व्यवसाय का उद्घाटन किया था। नरेंद्र मोदी सरकार बनने के बाद साल 2015 में इन्हें पद्म श्री से सम्मानित किया गया। कोटेचा वर्ल्ड आयुर्वेद फाउंडेशन के ट्रस्टी भी हैं। यह फाउंडेशन आरएसएस के विंग विज्ञान भारती की पहल पर आधारित है। कोटेजा विज्ञान भारती के सलाहकार भी हैं। विज्ञान भारती देश में विज्ञान एवं तकनीकि आंदोलन को बढ़ावा देने के लिए आरएसएस द्वारा शुरू किया गया एक विशाल आंदोलन है।
कोटेचा ने 29 जून को आयुष मंत्रालय के विशेष सचिव का पदभार संभाल लिया है। सरकार के 20 जून के आदेश में कहा गया है कि जब तक कोटेचा पदभार संभाल न लें और मंत्रालय के कामकाज से तालमेल ना बैठा लें तबतक स्वास्थ्य सचिव सीके मिश्रा हर शंका का समाधान करने के लिए उत्तरदायी होंगे। कोटेचा ने कहा कि वो नरेंद्र मोदी से सबसे पहले 1998 में मिले थे, जब मोदी उनके चक्रपाणि क्लिनिक का उद्घाटन करने जयपुर आए थे। उस समय मोदी बीजेपी के महासचिव थे। कोटेचा ने उन तथ्यों को नकार दिया कि गैर आईएएस व्यक्ति विशेष सचिव की जिम्मेदारी एक आईएएस अफसर की तरह नहीं निभा सकता। उन्होंने कहा कि मुझे इस पर कुछ नहीं कहना है सिवा इतना कि हर किसी शख्स की अपनी-अपनी कमजोरियां और खूबियां होती हैं। उन्होंने कहा कि यह बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। इसलिए यह आईएएस और गैर आईएएस के बीच तुलना करने का समय नहीं है। उन्होंने कहा कि एक आईएएस बहुत कुछ कर सकता है लेकिन एक टेक्नोक्रेट होने के नाते मैं वो बहुत कुछ कर सकते हैं जो एक आईएएस नहीं कर सकता।

आयुष मंत्रालय 9 नवंबर 2014 में बनाया गया है। भारतीय चिकित्सा और होम्योपैथी विभाग (ISMH) मार्च 1995 में बनाया गया था और नवंबर 2003 में इस विभाग का नाम बदलकर आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी विभाग (आयुष) रखा गया ।
प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी प्रणाली में शिक्षा और अनुसंधान के विकास के दृश्य के साथ विशेष ध्यान प्रदान करने के लिए केंद्रित है । देश में दवाओं और होम्योपैथी कॉलेजों के भारतीय सिस्टम में शिक्षा के स्तर को उन्नत करने के लिए। 

  1. मौजूदा अनुसंधान संस्थानों को मजबूत बनाने और एक समयबद्ध कार्यक्रम अनुसंधान सुनिश्चित करने के लिए पहचान रोगों पर इन प्रणालियों के लिए एक प्रभावी उपचार है। 
  2. औषधीय पौधों के उत्थान के लिए और इन प्रणालियों में इस्तेमाल के लिए प्रोन्नति, खेती की योजनाएं तैयार करना। 
  3. चिकित्सा और होम्योपैथिक दवाओं के भारतीय सिस्टम के लिए भेषज मानक विकसित करने के लिए।

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