पेशे से वकील है भावी राष्ट्रपति रामनाथ

राष्ट्रपति उम्मीदवार रामनाथ कोविंद का राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से पुराना नाता है #  देश के सर्वोच्‍च पद पर  राम # कोली समाज के अध्यक्ष भी रहे# www.himalayauk.org

  कोविंद का जन्‍म 1 अक्‍टूबर 1945 को देश के सबसे बड़े राज्‍य उत्‍तरप्रदेश के कानपुर जिले के परौंख गांव में हुआ था. अध्‍ययन में बचपन से ही मेधावी रहे कोविंद बीजेपी में कई पदों पर रहने के अलावा हाईकोर्ट में वकालत कर चुके हैं. वे सुप्रीम कोर्ट में भी केंद्र सरकार के वकील भी रह चुके हैं. वर्ष 2015 से वे बिहार के राज्‍यपाल का पद संभाल रहे हैं. कोविंद करीब 16 वर्ष तक हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में वकालत कर चुके हैं. स्‍नातक डिग्री हासिल करने के बाद सिविल सर्विसेस परीक्षा दी. पहले और दूसरे प्रयास में नाकाम रहने के बाद तीसरी बार में उन्‍होंने कामयाबी हासिल की. कोविंद ने आईएएस जॉब इसलिए ठुकरा दिया क्‍योंकि मुख्‍य सेवा के बजाय उनका एलाइड सेवा में चयन हुआ था. वर्ष 1977 में जनता पार्टी की सरकार बनने के बादवे तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरार जी देसाई के निजी सचिव भी रहे. बाद में वे बीजेपी से जुड़े. पार्टी की टिकट से वे दो बार चुनाव भी लड़ चुके हैं लेकिन दुर्भाग्‍य से दोनों ही बार उन्‍हें हार का सामना करना पड़ा.

कोविंद वर्ष 1991 में बीजेपी में शामिल हुए. उच्‍च सदन राज्‍यसभा में 12 वर्ष तक कोविंद बीजेपी का प्रतिनिधित्‍व कर चुके हैं. वे वर्ष 1994 में पहली बार राज्‍यसभा के लिए चुने गए थे. पार्टी के प्रवक्‍ता का पद भी उन्‍होंने संभाला है. कोविंद बीजेपी के दलित मोर्चे के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष का पद भी संभाल चुके हैं. कुष्‍ठ रोगियों के लिए काम करने वाली संस्‍था दिव्‍य प्रेम सेवा मिशन के कोविंद संरक्षक हैं. कोविंद के परिवार में एक पुत्र और एक पुत्री है.

राम नाथ कोविंद का जन्म उत्तरप्रदेश के कानपुर जिले की (वर्तमान में कानपुर देहात जिला) , तहसील डेरापुर के एक छोटे से गांव परौंख में हुआ था। कोविंद का सम्बन्ध कोरी या कोली जाति से है, जो उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जाति के अंतर्गत आती है एनडीए की तरफ से राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार का सस्पेंस खत्म हो गया है। इस पद के लिए भाजपा किसी ऐसे नाम की तालाश कर रही थी जिस पर सभी पार्टियों को सहमती बन सके, ऐसे में राम नाथ कोविंद के नाम का ऐलान किया गया है। वह काफी लंबे से केंद्रीय राजनीति में भी एक्टिव रह चुक हैं। उन्हें बिहार विधानसभा चुनावों से कुछ समय पहले ही बिहार का राज्यपाल बनाया गया था। बिहार के राज्य पाल रामनाथ कोविंद कानपुर देहात की डेरापुर तहसील के गांव परौंख के हैं वह 1994 से 2006 तक 2 बार यूपी से राज्यरसभा के सदस्यल रहे हैं। पेशे से वकील कोविंद भाजपा दलित मोर्चा के अध्यसक्ष भी रहे हैंैं। वर्ष 1977 में जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद वह तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरार जी देसाई के निजी सचिव रहे। वर्ष 2007 में पार्टी ने उन्हें प्रदेश की राजनीति में सक्रिय करने के लिए भोगनीपुर सीट से चुनाव लड़ाया लेकिन वह यह चुनाव भी हार गए। कोविंद वर्तमान में प्रदेश अध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत बाजपेयी के साथ महामंत्री हैं। जब उनहे बिहार का नया राज्यपपाल बनाया गया है था तब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस नियुक्ति से नाराज थे।

उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात में 1 अक्टूबर 1945 को जन्म। कोविंद को संविधान का अच्छा जानकार माना जाता है। रामनाथ कोविद की प्रारंभिक शिक्षा संदलपुर ब्लाक के ग्राम खानपुर प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालय में हुई। कानपुर नगर के बीएनएसडी इंटरमीडिएट परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद डीएवी कालेज से बी कॉॅम व डीएवी लॉ कालेज से विधि स्नातक की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद दिल्ली में रहकर आईएएस की परीक्षा तीसरे प्रयास में पास की लेकिन मुख्य सेवा के बजाय एलायड सेवा में चयन होने पर नौकरी ठुकरा दी। उन्होंने जनता पार्टी की सरकार में सुप्रीम कोर्ट के जूनियर काउंसलर के पद पर कार्य किया।

 पेशे से वकील रामनाथ कोविंद भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रमुख भी रहे। कोविंद ऑल इंडिया कोली समाज के अध्यक्ष भी रहे हैं। उत्तर प्रदेश की कानपुर यूनिवर्सिटी से बी. कॉम और एल. एल. बी. की डिग्री हासिल की। कोविंद काफी तेजतर्रार छात्र रहे हैं। रामनाथ कोविंद 1971 में बार काउंसिल ऑफ दिल्ली में रजिस्टर्ड हुए। कोविंद ने दिल्ली HC में 1977-1979 तक वकालत की। सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में कुल 16 साल तक वकालत का अनुभव। दलित तबके से आने वाले कोविंद उत्तर प्रदेश से दो बार राज्यसभा सदस्य रहे हैं। रामनाथ कोविंद 1977 में पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के विशेष कार्यकारी अधिकारी रहे चुके हैं। रामनाथ कोविंद 1994 में यूपी से पहली बार राज्यसभा सांसद चुने गए। वह 2006 तक सांसद रहे। रामनाथ कोविंद गृह मामलों की कमिटी समेत कई संसदीय कमेटियों में शामिल रहे। कोविंद का राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से पुराना नाता रहा है। रामनाथ कोविंद को बिहार का राज्यपाल भी अचानक ही बनाया गया था। तब सत्तारूढ़ जेडी (यू) ने उनका विरोध किया था। रामनाथ कोविंद ने समाज के कमजोर तबके के लिए काफी काम किया है। उन्होंने अनुसूचित जाति और जनजाति की महिलाओं को मुफ्त कानूनी सलाह दी।

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