नमक ; व्हाट्सएप के जरिए फैलाई गई अफवाह

100 रू0 किलो नमक-साजिश किसकी ?#2013 में भी नमक के किल्लत की अफवाह फैलााई थी#2013 में जब राज्य में नमक के किल्लत की अफवाह फैली तो वो गुरुवार का दिन था और जब दुबारा 11 नव0 2016 ये अफवाह तीन साल बाद सामने आयी तो दिन शुक्रवार का था #2013 में एक दल की साजिश थी- वह अफवाह ; किस मंत्री ने कहा# 11 NOV. 2016 को उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड समेत उत्तर भारत के कई राज्यों में व्हाट्सएप के जरिए फैलाई गई अफवाह # एक्‍सक्‍लूसिव रिपोर्ट- हिमालयायूके न्‍यूज पोर्टल –
#बुद्ववार या व़हस्‍पतिवार को पातंजलि की नमक की गाडी हरिद्वार से आकर स्टोर्स में सामान बाटती है, वो गाडी नहीं आई, और तभी अफवाह जबर्दस्त फैल गई#सवाल यह है कि आखिर पांतजलि की नमक की गाडी क्‍यों नही आयी- शुक्रवार दोपहर को व्हाट्सएप पर एक मेसेज शेयर अाने शुरू हुए कि देश में नमक की कमी हो गई है और शनिवार से यह 400 रुपए किलो तक बिकेगा. जिसके बाद लोग दुकानों पर पहुँचने लगे और जिसको जितना पैकेट मिला वह अपने साथ ले गया. अफवाह के चलते लालकुआं में 50-100 रुपये किलो बिका नमक…. www.himalayauk.org (Newsportal) Report 
11 november 2016 साय को बिग बाजार देहरादून में 80 हजार का नमक एक झटके में बिक गया, कारण: अफवाह : उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि अफवाह हवा की माफिक फैलाई गई, जिससे पुरे उत्तराखंड में हालात बेकाबू हो गए: 2013 में भी कुछ ऐसी ही अफवाह शाम के वक्त उठी थी www.himalayauk.org (Newsportal) Report  

नमक महंगा नहीं हुआ, बेवकूफ न बनें*
पूरे देश में एक सुनियोजित तरीके से नमक खत्म अथवा महंगा होने की अफवाह फैलाई गई है, जो पूरी तरह निराधार है। इसके पीछे साजिश यह है कि लोगों के पास रखे हुए खर्चे भर के पैसों (100 व 50 के नोट) को नमक बेचकर अपने कब्जे में कर लिया जाए और लोगों का बेवकूफ बना दिया जाए। सोचिए, वर्ना नमक ही को लेकर अफवाह क्यूं फैलाई गई? सतर्क रहें, सावधान रहें। अर्थशास्त्र का नियम है, किसी भी वस्तु की डिमांड उसकी कीमत को बढ़ा देती है और बाजार में उस वस्तु का अभाव भी कर देती है। ऐसे में मुंह मांगी कीमत पर नमक खरीदना क्या अकलमंदी है? खाने भर के पैसे नहीं रहेंगे तो क्या सिर्फ नमक चाटेंगे? www.himalayauk.org (Newsportal) Report 

नमक के कृत्रिम संकट पैदा करने की अफवाह को बिहार के विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की साजिश बता डाला था.; मंत्री श्याम रजक; तीन साल पहले बिहार में हु्ए साल्ट क्राइसिस के बाद मंत्री श्याम रजक ने संबंधित जिलों के जिला अधिकारियों को अफवाहों की जांच करने और दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया था और नमक के कृत्रिम संकट पैदा करने की अफवाह को बिहार के विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की साजिश बता डाला था. तब यानी 2013 में उत्तरी बिहार में इस अफवाह का सबसे ज्यादा असर दिखा था.
दरभंगा जिले के बेनीपुर, बिरौल, हायाघाट, कुशेश्वरस्थान, अलीनगर प्रखंडों में भी नमक की कीमतों में वृद्धि को लेकर अफवाह की वजह से लोग घरों से निकले और 60 से 70 रुपये में प्रति किलोग्राम की दर से नमक की खरीददारी की थी. कई स्थानों पर तो नमक की कीमत 100 रुपये किलोग्राम तक पहुंच गई है

11 NOV. 2016 को  उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड समेत उत्तर भारत के कई राज्यों में व्हाट्सएप के जरिए फैलाई गई अफवाह के बाद नमक के लिए अफरा तफरी मच गई. चंद ही मिनटों में दुकानों से नमक गायब हो गया. इतना ही नहीं लोगों ने 300 रुपए किलो तक नमक खरीदा. इन सब के बीच किसी ने चांदी काटी तो वह थे दुकानदार जिन्होंने कुछ ही मिनटों मोटा माल बना लिया. हरिद्वार में कई गाडी माल एक झटके में बिक गया- बिग बाजार देदून में 80 हजार का माल एक झटके में बिक गया- 
शुक्रवार दोपहर को व्हाट्सएप पर एक मेसेज शेयर किया गया कि देश में नमक की कमी हो गई है और शनिवार से यह 400 रुपए किलो तक बिकेगा. जिसके बाद लोग दुकानों पर पहुँचने लगे और जिसको जितना पैकेट मिला वह अपने साथ ले गया. अफवाह के चलते लालकुआं में 50-100 रुपये किलो बिका नमक…..॥www.himalayauk.org (Newsportal) Report

पुलिस प्रशासन ने की अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील…..॥

लालकुआं/बिन्दुखत्ता से मनोज जोशी संवाददाता की रिपोर्ट के अनुसार–देर सांय उडी एक अफवाह ने क्षेत्र से नमक को ही गायब कर दिया देखते देखते नमक के दाम आसमान को छू गये और 1 किलो नमक का पैकेट सौ रूपये मे भी ढूढ़ने से नही मिल पा रहा है देर सांय तक लोग नमक के कट्टों को रिक्शे पर लाद कर ले जाते हुए देखे गये ।
हजार-पांच सौ के पुराने नोट चलन से बाहर होने के बाद आज यहां पर जनता को नमक के लिए भी दौड़ लगानी पडी तथा देर सांय चली नमक की कमी होने की अफवाह ने लोगो को नमक खरीदने पर मजबूर कर दिया है हालात यह हुए कि लालकुआं-बिन्दुखत्ता समेत हल्दूचौड़ आदि क्षेत्र मे नमक के लिए मारम-मार होने लगी लोग रिक्शे पर लाद कर कट्टों के हिसाब से नमक ले जाते देखे गये। इधर पुलिस प्रशासन द्वारा लोगों को जागरुक कर अफवाह पर ध्यान न देने की अपील की गई है
बरेली के एक दुकानदार ने बताया कि दोपहर को अचानक से लोग दूकान पहुंचने लगे और नमक का पैकेट मांगने लगे. देखते ही देखते दुकान को लूटने जैसी स्थिति पैदा हो गई.
यही आलम देहरादून में भी देखने को मिला. वहां भी पांच मिनटों में 50 किलो नमक बिक गया. दूकानदार की मानें तो उसकी दुकान 25 सैलून से चल रही है लेकिन नमक के लिए ऐसी मार पहले कभी देखने को नहीं मिली.
अफवाह ऐसे फैली कि लोग अपनी थाली का स्वाद बरकरार रखने के लिए नोटों की गड्डी लेकर नमक खरीदने बाजार भागने लगे. अभी तक जिस नमक को दुकान के बाहर खुले में रखकर इसलिए छोड़ा जाता था कि नमक की चोरी ऊपरवाले की नजर में गलत है आज वो सारा खौफ, सारा डर लोगों के दिल से दो मिनट में ही छूमंतर हो गया. लोग बन्द दुकानों के आगे नमक के बोरे भी उठा उठाकर ले जाने लगे.
कुछ चालाक व्यापारियों ने दुकान का शटर गिराकर इस अफवाह का फायदा उठाना शुरू कर दिया और देखते ही देखते नमक की कीमत फर्श से अर्श पर पहुंच गई.. जो आयोडाइज्ड नमक की थैली पन्द्रह रूपये की बिकती थी उसकी कीमत दो घंटे के अंदर ही दो सौ का आंकड़ा पार कर गई.
बाजार में नमक खरीदने के लिए अचानक टूटी भीड़ को देखकर प्रशासन के हाथ पांव फूल गये और आखिरकार पुलिस को ही मोर्चा संभालना पड़ा. www.himalayauk.org (Newsportal) Report 
11 november 2016 साय को बिग बाजार देहरादून में 80 हजार का नमक एक झटके में बिक गया, कारण: अफवाह : उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि अफवाह हवा की माफिक फैलाई गई, जिससे पुरे उत्तराखंड में हालात बेकाबू हो गए: www.himalayauk.org (Newsportal) Report
सुनियोजित योजना के तहत अफवाह;
एक्सक्लूसिव प्रस्तुति ;
नोटो पर सर्जिकल स्ट्राईक के बाद लगातार फैलाई जा रही है अफवाहे
पहली अफवाह दिनाँक १०/११/२०१६ को फैलाई गई कि रात्रि मे किसी समल बैँको के लाॉकरो को सील किया जा सकता है।
इस चर्चा पर लोगो ने आनन फानन मे अपने सम्बन्धो को इस्तेमाल कर बैँक लाकरो को खाली कर दिया।
दुसरी अफवाह दि ११/११/२०१६ को बडे स्तर फैलाई गई
जिसमे नमक २००/से ३००/ तक और इसी प्रकार आटा व चीनी के स्टाक खत्म होने की अफवाह से लोगो मे अफरा तफरी फैली।
कई जगहो पर लोग अत्यन्त उत्तेजित दिखाई दिये।
काले धन पर लगाम के बाद खिसयाये माफिया और उनके राजनीतिक सँरक्षक इस तरह की अफवाहे फैलाने की कोशिश मे तन मन धन से जुटे है ताकि देश का माहौल खराब हो और तोहमत मोदी सरकार पर लगा देँ।
यह असमाजिक तत्व आपसे बेमतलब भिडँत की कोशिश भी कर सकते है इसलिए सावधान रहे।
इस तरह की अफवाहो पर न जाएँ और अफवाह फैलाने वालो के विरुद्ध प्रशासन को शिकायत और आन जनता को जाग्रत करे।

*नमक महंगा नहीं हुआ, बेवकूफ न बनें*
पूरे देश में एक सुनियोजित तरीके से नमक खत्म अथवा महंगा होने की अफवाह फैलाई गई है, जो पूरी तरह निराधार है। इसके पीछे साजिश यह है कि लोगों के पास रखे हुए खर्चे भर के पैसों (100 व 50 के नोट) को नमक बेचकर अपने कब्जे में कर लिया जाए और लोगों का बेवकूफ बना दिया जाए। सोचिए, वर्ना नमक ही को लेकर अफवाह क्यूं फैलाई गई? सतर्क रहें, सावधान रहें। अर्थशास्त्र का नियम है, किसी भी वस्तु की डिमांड उसकी कीमत को बढ़ा देती है और बाजार में उस वस्तु का अभाव भी कर देती है। ऐसे में मुंह मांगी कीमत पर नमक खरीदना क्या अकलमंदी है? खाने भर के पैसे नहीं रहेंगे तो क्या सिर्फ नमक चाटेंगे?

बिहार एक बार फिर से नमक की किल्लत वाली अफवाह का गवाह बना. यूपी के बदायुं से नमक की किल्लत की खबरें आयी तो तीन साल पहले की तस्वीरें सामने आने लगी और सुबह तक एटीएम की लाइन में लगने वाले लोग बनिये की दुकान से लेकर डिपार्टमेंटल स्टोर तक जा पहुंचे.
नतीजा 20 रुपए प्रति किलो बिकने वाला नमक 100 के भाव बिका तो एक किलो नमक की खरीददारी करने वाले लोग सर पर नमक की बोरियां तक ले जाते दिखे. दरअसल नमक को लेकर उठा अफवाह बिहार के लिए कोई नया नहीं है. आज से तीन साल पहले यानि 2013 में भी बिहार के कई शहरों में लोगों ने भ्रम मात्र फैलने पर 100 रुपये किलो तक नमक खरीदा था. तब उत्तर बिहार के शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में अफवाह के कारण नमक की कीमत 100 रुपये तक पहुंच गई थी. उस वक्त बिहार मे खाद्य और उपभोक्ता मंत्री श्याम रजक हुआ करते थे.
*साभार ;
प्रस्तुति; हिमालयायूके न्यूज़ पोर्टल

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