जो आलोचना नहीं सुन सकता, वो नेता नहीं ; मुलायम सिंह

जो आलोचना नहीं सुन सकता, वो नेता नहीं बन सकता. मैं अभी कमजोर नहीं हुआ हूं;
एक लाठी मार दी जाए तो पता नहीं चलेगा; मुलायम सिंह को अपना पहलवानी तरीका याद आ ही गया- मुलायम सिंह ने ये कहा है कि चुनाव के बाद बहुमत मिलने पर विधायक फैसला करेंगे कि अगला सीएम कौन होगा.चुनाव के बाद अगर पार्टी को बहुमत मिलता है तो अखिलेश ही सीएम होंगे, इसकी गारंटी नहीं है. जब नेताजी से यह पूछा गया कि क्या शिवपाल समेत बर्खास्त मंत्रियों की मंत्रिमंडल में वापसी होगी. इसपर उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव आज सीएम हैं और मंत्रियों की वापसी का फैसला सीएम ही करेंगे. अखिलेश के बिना प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे मुलायम ने कहा, “मैं लोहिया के रास्ते पर चलता हूं, समाजवादी पार्टी एक है और परिवार एक है.” इस दौरान नेताजी ने यह भी कहा कि कुछ लोग साजिश कर रहे लेकिन साजिश करने वालों का जनाधार नहीं है. नेताजी का ये इशारा रामगोपाल यादव पर था. (www.himalayauk.org) UK Leading Digital Newsportal 

समाजवादी पार्टी में घमासान पर मंगलवार को फिर मुलायम सिंह ने दो टूक बात की. सरकार बेटे अखिलेश यादव चलाएंगे और शिवपाल और अमर सिंह पार्टी से निकाले नहीं जाएंगे. मुलायम सिंह यादव ने यह बात साफ कर दी कि पार्टी और परिवार में मचे घमासान के बावजूद वह अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री पद से हटाने की नहीं सोच रहे हैं. प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस बारे में पूछे जाने पर मुलायम सिंह यादव ने कहा कि यह बात सही है कि समाजवादी पार्टी को बहुमत उनके नाम पर मिला था, लेकिन अब दो महीने के लिए वह मुख्यमंत्री बनने की नहीं सोच सकते हैं. लेकिन मुलायम सिंह ने यह कहकर अखिलेश यादव के समर्थकों की चिंता बढ़ा दी कि मुख्यमंत्री कौन होगा इसका फैसला जीत कर आए विधायक करेंगे. अखिलेश यादव के समर्थक चाहते हैं कि समाजवादी पार्टी उन्हें साफ तौर पर मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करे. बैठक में मुलायम सिंह ने कहा कि मैं पार्टी के हालातों को लेकर दुखी हूं. जो अभी उछल रहे हैं, एक लाठी मार दी जाए तो पता नहीं चलेगा. जो अखिलेश के लिए नारा लगा रहे हैं, उन्हें क्या पता हमने क्या लड़ाई लड़ी. नारेबाजी करने वालों को निकाल देंगे. शिवपाल सिंह जनता के नेता हैं. मैं शिवपाल के काम को नहीं भूला सकता. मैं अभी कमजोर नहीं हुआ हूं. मुलायम ने कहा जो आलोचना नहीं सुन सकता, वो नेता नहीं बन सकता. हमारे एक इशारे पर युवा खड़े हो जाएंगे. ऐसा ना सोचें कि युवा हमारे साथ नहीं है. एक इशारे पर युवा कुछ भी कर देगा. अमर सिंह का बचाव करते हुए मुलायम सिंह ने कहा कि अमर सिंह मेरा भाई है. अमर सिंह ने कई बार हमारी मदद की. अमर सिंह नहीं होते तो मुझे 7 साल की जेल हो जाती. शिवपाल और अमर सिंह के खिलाफ नहीं सुन सकता. मैं और शिवपाल कभी अलग नहीं हो सकते.

सोमवार को हुई बैठक में सबसे पहले मुख्यमंत्री ने अपनी बात रखी. मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा, ‘मेरे पिता मेरे लिए गुरु हैं. नेताजी ने मुझे अन्याय से लड़ना सिखाया. मैं अलग पार्टी क्यों बनाऊंगा. कई लोग गलतफहमी पैदा कर रहे हैं.’ अखिलेश बोलते-बोलते रो पड़े. उन्होंने कहा कि मैं नेताजी के आशीर्वाद से मुख्यमंत्री बना. बैठक के बाद मुलायम सिंह ने स्पष्ट कर दिया कि अखिलेश को पार्टी से नहीं निकाला जाएगा. बैठक के दौरान मुलायम सिंह ने अखिलेश से कहा कि शिवपाल तुम्हारे चाचा हैं, गले लगो. बाद में दोनों ने एक-दूसरे को गले लगाया. गले मिलने के बाद शिवपाल और अखिलेश के बीच हाथापाई की नौबत आ गई. चश्मदीद के अनुसार, शिवपाल ने अखिलेश से माइक छीन लिया. शिवपाल ने अखिलेश से कहा कि क्यों झूठ बोलते हो? दोनों के बीच तीखी बहस हुई. सुरक्षाकर्मियों ने दोनों को अलग किया. बैठक में अखिलेश पर आरोप लगाते हुए शिवपाल ने कहा कि अखिलेश अलग पार्टी बनाना चाहते थे. ये बात मैं अपने बेटे की कसम खाकर कहता हूं. मैं गंगा जल हाथ में लेने को तैयार हूं. अखिलेश ने दूसरी पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ने को कहा. पार्टी में रामगोपाल यादव की दलाली नहीं चलेगी. अमर सिंह का पक्ष लेते हुए शिवपाल ने कहा कि 2003 में अमर सिंह की मदद से सरकार बनी थी. सपा में वहीं लोग रहेंगे, जो ईमानदार हैं. मुख्तार अंसारी का नाम लेकर मुझे बदनाम किया गया. शिवपाल ने कहा कि यूपी का नेतृत्व नेताजी संभालें. मुझे पार्टी चलाने की छूट मिले. मंगलवार सुबह मीडिया से बातचीत में शिवपाल ने कहा कि पार्टी में सबकुछ ठीक है. जो भी नेताजी कहेंगे उसका पालन होगा. सरकार में वापसी के सवाल पर शिवपाल ने कहा कि जो भी नेताजी कहेंगे मैं उसका पालन करूंगा.

मुलायम के इस बयान से बढ़कर अखिलेश यादव के समर्थकों ने समाजवादी पार्टी दफ्तर के गेट के बाहर ऐसा हंगामा काटा कि मुलायम सिंह काफी देर तक पार्टी दफ्तर से नहीं गए. अखिलेश यादव के समर्थकों की पुलिस से झड़प भी हुई. अखिलेश यादव लाख मांग करें कि अमर सिंह ही पार्टी में मुसीबत की जड़ हैं लेकिन मुलायम ने साफ कर दिया कि उनके मन में अमर सिंह के लिए अगाध प्रेम है. जब उनसे पूछा गया कि अमर सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग हो रही है तो मुलायम सिंह का जवाब था अमर सिंह के खिलाफ साजिश हो रही है.
अभी हाल की बात है कि रामगोपाल यादव को पार्टी का मुख्य रणनीतिकार और चाणक्य माना जाता था. लेकिन मंगलवार को मुलायम सिंह ने कहा कि रामगोपाल की बातों का उनके लिए अब कोई महत्व नहीं है. मुलायम सिंह की प्रेस कॉन्फ्रेंस में शिवपाल यादव के अलावा वह तीनों मंत्री भी मौजूद थे जिन्हें हाल में ही अखिलेश यादव ने अपने मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया. इन मंत्रियों को बगल में बैठा साफ इशारा था कि मुलायम सिंह चाहते हैं कि सरकार में उनकी वापसी हो. लेकिन इस बारे में पूछे जाने पर मुलायम सिंह ने कहा यह फैसला उन्होंने मुख्यमंत्री पर छोड़ दिया है. ‘पिता को बेटे की लोकप्रियता से जलन’
इस बीच रामगोपाल यादव ने एक बार फिर अपने भाई मुलायम सिंह यादव पर हमला बोला है. उन्होंने कहा, ‘मुलायम सिंह यादव को अखिलेश की लोकप्रियता से जलन हो रही है. हर बाप चाहता है कि उसका बेटा आगे बढ़े लेकिन यहां ऐसा नहीं हो रहा.’ इससे पहले सोमवार देर शाम अखिलेश यादव ने अकेले जाकर मुलायम सिंह से उनके घर पर मुलाकात की. जबकि शिवपाल यादव सीएम अखिलेश के आवास पर करीब 1 घंटे तक इंतजार करते और फिर वापस लौट गए. मुलायम सिंह ने कहा कि 2012 में बहुमत मेरे नाम पर मिला.

समाजवादी पार्टी में उठा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. सोमवार को पूरे दिन पार्टी और यादव परिवार का हाई-वोल्टेज ड्रामा जारी रहा. लखनऊ में बैठक के दौरान हुए हंगामे के बाद से सुलह की कोशिश जारी रही, लेकिन सुलह का रास्ता नहीं निकल पाया. मंगलवार को मुलायम सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें अखिलेश यादव शामिल नहीं हुए. हालांकि शिवपाल इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुलायम के साथ रहे. हालांकि, इसके बाद भी हंगामा थमता नहीं दिख रहा. अखिलेश के समर्थक पार्टी मुख्यालय के बाहर नारेबाजी कर रहे हैं. इस बीच अखिलेश के समर्थक विधायक पवन पांडे समेत कई मंत्री और विधायक सीएम अखिलेश से मिलने पहुंचे हैं.

इससे पहले, प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुलायम सिंह ने कहा कि हमारा परिवार एक है, पार्टी एक है. पूरी ताकत से सभी नेता एक हैं. पार्टी में कुछ लोग साजिश कर रहे हैं. अखिलेश मुख्यमंत्री बने रहेंगे. अमर सिंह को पार्टी से नहीं निकाला जाएगा. मंत्रियों की वापसी का फैसला सीएम पर छोड़ता हूं. 2017 में पार्टी का नेता के सवाल पर मुलायम सिंह ने कहा कि इस पर फैसला बहुमत के बाद करेंगे. विधायक ही अपना नेता चुनेंगे. वहीं रामगोपाल पर मुलायम ने कहा कि उसकी बात का कोई महत्व नहीं है. कैबिनेट में शिवपाल की वापसी पर कहा की इस पर फैसला अखिलेश लेंगे. मुलायम सिंह ने स्पष्ट किया कि वो मुख्यमंत्री बनने के इच्छुक नहीं हैं.

 

 

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