सिमी के 8 आतंकियों का एनकाउंटर

उत्तराखंड के रुड़की और उत्तर प्रदेश के बिजनौर में हुई बम विस्फोट की घटनाओं में भी कथित तौर पर लिप्त सिमी के 8 आतंकियों का एनकाउंटर

भोपाल की जेल से रविवार रात गार्ड की हत्या कर फरार हुए सभी कैदियों को पुलिस ने शहर के बाहरी इलाके में एक एनकाउंटर में मार गिराया है. बताया जाता है कि यह लोग उत्तराखंड के रुड़की और उत्तर प्रदेश के बिजनौर में हुई बम विस्फोट की घटनाओं में भी कथित तौर पर लिप्त थे. जेल से भागे सिमी के 8 आतंकियों को एक पहाड़ पर घेर कर पुलिस ने उनका एनकाउंटर कर दिया। ये आतंकी भोपाल सेंट्रल जेल से रविवार तड़के 2-3 बजे भागे थे। मध्य प्रदेश पुलिस ने भोपाल से 10 किमी दूर खेजड़ी गांव में आतंकियों का एनकाउंटर किया।
राज्य के गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि ईंटखेड़ा गांव में पुलिस ने सभी को घेर लिया जिसके बाद हुए एनकाउंटर में सभी मारे गए. ये सभी आतंकी सिमी से जुड़े हुए बताए जा रहे हैं. जेल से भागे सिमी के 8 आतंकियों को एक पहाड़ पर घेर कर पुलिस ने उनका एनकाउंटर कर दिया। ये आतंकी भोपाल सेंट्रल जेल से रविवार तड़के 2-3 बजे भागे थे। मध्य प्रदेश पुलिस ने भोपाल से 10 किमी दूर खेजड़ी गांव में आतंकियों का एनकाउंटर किया।

भोपाल में पुलिस एनकाउंटर में ढेर हुए प्रतिबंधित संगठन सिमी के आठ सदस्यों में से चार ने बिजनौर में बम बनाने की ट्रेनिंग ली थी। बिजनौर से ये लोग दुर्घटनावश हुए विस्फोट के बाद भाग गए थे। 12 सितंबर 2014 को बिजनौर की जातन कॉलोनी के एक घर में विस्फोट हो गया था। इसके बाद जब पुलिस मौके पर पहुंची तो घर में रहने वाले छह लोग वहां से भाग गए थे। घर से भागने छह लोगों की पहचान सिमी सदस्य असलम, एजाज, जाकिर, अमजद, सल्लू उर्फ सलीक और महबूब के रूप में हुई थी। जांच में सामने आया था कि ये सिमी सदस्य घर में बम बनाने की कोशिश कर रहे थे, तभी वहां पर विस्फोट हो गया। इस हादसे में महबूब घायल हो गया था। असलम और एजाज 3 अप्रेल 2015 को तेलंगाना में एक एनकाउंटर में मार गए थे और चार अन्य को गिरफ्तार कर लिया गया था। ये साल 2013 में खंडवा जेल से फरार हो गए थे, जिसके बाद से पुलिस इन्हें ढूंढ़ रही थी। ओडिशा और तेलंगाना पुलिस की तीन घंटे चली संयुक्त कार्रवाई के बाद इन्हें गिरफ्तार किया गया था। सोमवार तड़के ये चार अन्य चार सिमी सदस्यों के साथ मिलकर भोपाल सेंट्रल जेल में हेड कांस्टेबल की हत्या करके वहां से फरार हो गए थे। लेकिन पुलिस ने इन्हें भोपाल के नजदीक ही घेर कर एनकाउंटर में ढेर कर दिया। प्रत्यक्षदर्शियों ने मुताबिक उनके पास पुलिस आई थी और उन्हें बताया था कि कुछ कैदी जेल से फरार हो गए हैं, अगर आप देखें तो पुलिस को बताएं। इसके बाद ईटींखेड़ा गांव के लोगों ने कुछ संदिग्ध लोगों को देखा। जब गांवावालों ने संदिग्धों को रोकने की कोशिश की तो उन्होंने उन पर पत्थर फेंकने शुरू कर दिए। इसके बाद उन्होंने पुलिस को फोन किया। पुलिस के पहुंचने पर संदिग्धों ने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी और पुलिस की जवाबी कार्रवाई में आठों आतंकी ढेर हो गए। आतंकियों के फरार होने के बाद राज्य सरकार ने आनन-फानन में कार्रवाई करते हुए पूरे राज्य में अलर्ट जारी कर दिया था। सभी बस स्टेशन, रेलवे स्टेशन पर सघन तलाशी की गई।

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बताया जा रहा है कि फरार होने से पहले रात करीब दो बजे ड्यूटी पर तैनात गार्ड रमा शंकर की कैदियों ने हत्या की थी. हत्या के लिए कैदियों ने कोई धारदार वस्तु का इस्तेमाल किया. और फिर चादर के सहारे जेल की दीवार फांद कर फरार हो गए थे. भाग जाने वाले तीन लोग पहले भी इसी प्रकार से जेल से भागने में कामयाब हुए थे. कहा जा रहा है कि कैदियों ने फरार होने के लिए दीवाली की रात ही इसलिए चुनी ताकि पटाखों के शोर में वे अपना काम कर सकें. कैदियों के फरार होने के बाद जेल सुपरिंटेंडेंट और तीन सुरक्षा गार्डों को निलंबित कर दिया गया था. राज्य के गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने बताया था कि इस मामले की जांच होगी और फरार कैदियों की तलाश के लिए पुलिस टीमों का गठन किया गया था. फरार होने वाले अधिकतर कैदियों पर देशद्रोह का मुकदमा चल रहा है और कुछ पर डकैती का भी आरोप है. प्रदेश सरकार ने प्रत्येक फरार सिमी कार्यकर्ता की गिरफ्तारी पर पांच लाख रुपये का इनाम घोषित कर दिया था.

भोपाल के डीआईजी रमन सिंह ने बताया था, ‘‘सिमी के आठ कार्यकर्ता तड़के करीब दो से तीन बजे के बीच एक सुरक्षा गार्ड की हत्या करने के बाद जेल से फरार हो गए.’’ उन्होंने बताया कि ‘द स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया’ के कार्यकर्ताओं ने एक सुरक्षा गार्ड की हत्या कर दी और उसके बाद वे चादरों की मदद से जेल की दीवार लांघ कर वहां से फरार हो गए.

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