21 अगस्त पूर्ण सूर्य ग्रहण ;सर्वाधिक असर राजनीति क्षेत्र पर

खास संयोग बन रहा है ;वैज्ञानिकों का कहना है # 100 साल बाद सूर्य ग्रहण # ग्रहण  से सर्वाधिक असर राजनीति क्षेत्र पर पड़ेगा #डोनाल्ड ट्रम्प  के लिए एक अशुभ संकेत #मीन राशि में असर -सूर्यग्रहण के प्रभाव से शत्रु नतमस्तक होगे # भारतवासियों की राशियों पर ये अपना प्रभाव डालेगा # 99 सालों बाद अमरीकी महाद्वीप में पूर्ण सूर्यग्रहण #सूर्य ग्रहण से दुनिया के सभी देश प्रभावित होंगे  #21 अगस्त सूर्यग्रहण की रात चुपचाप छत पर फेंक आये  एक लौंग  आयेगा पैसा #यह सूर्य ग्रहण अमेरिका के लिए शुभ नही है। इस ग्रहण से कुछ वर्षों में अमेरिका के पतन के प्रबल संकेत मिल रहे हैं। # Execlusive Report: www.himalayauk.org (Leading Digital Newsportal & Daily Newspaper) publish at Dehradun & Haridwar; CS JOSHI- EDITOR

100 साल बाद आज 21 अगस्त को लगने वाले पूर्ण सूर्य ग्रहण बडा विशेष है, शायद तभी नासा इस सूर्य ग्रहण का लाइव प्रसारण करेगा। यह ग्रहण भारतीय समय के अनुसार रात 9 बजकर 16 मिनट पर शुरू होगा और रात 2 बजकर 34 मिनट पर समाप्त होगा। भारत में इस दौरान रात रहेगी तो यहां पर कहीं भी सूर्य ग्रहण दिखाई नहीं देगा।
आज 2017 का सबसे बड़ा सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। ज्योतिष विद्वानों के अनुसार चाहे भारत में ये ग्रहण नहीं दिखेगा लेकिन भारतवासियों की राशियों पर ये अपना प्रभाव डालेगा। यह सूर्यग्रहण सूर्य की स्वयंराशि सिंह में पड़ेगा। सिंह राशि में चंद्र सूर्य राहू ब बुध की युति से चतुर्ग्रही योग बनेगा। तथा यही चारों ग्रह केतू की दृष्टि में आएंगे। तथा चंद्र सूर्य राहू यह यह तीनों ग्रह केतू के नक्षत्र मघा में गोचर करेंगे। इसके साथ ही ग्रहण का निर्माण भी केतू के नक्षत्र मघा में होगा। इस सूर्य ग्रहण से सर्वाधिक असर राजनीति क्षेत्र पर पड़ेगा। केतू युद्ध व मोक्ष का कारक है तथा सूर्य राजनीति का कारक है। ग्रहण से बारहवां स्थान कर्क राशि अर्थात चंद्रमा का है। अतः इस ग्रहण से सर्वाधिक प्रभावित चंद्रमा होगा। चंद्रमा से जल व मनोवृति देखी जाती है। अतः यह ग्रहण जल प्रकृति को प्रभावित करेगा। इस ग्रहण से विश्व स्तर पर पश्चिम-पूर्व की राजनीति के हालत बिगड़ सकते हैं। अतः युद्ध या युद्ध जैसे हालत भी पैदा हो सकते हैं। क्योंकि इस ग्रहण में बुध भी युक्त है अतः जल व वायु से होने वाले रोग भी बढ़ेंगे।
वैज्ञानिकों का कहना है कि 100 साल बाद आज 21 अगस्त को लगने वाले पूर्ण सूर्य ग्रहण (solar eclipse) पर खास संयोग बन रहा है। साल 2017 के इस दूसरे सूर्य ग्रहण की अवधि 5 घंटे 18 मिनट रहेगी। भारतीय समयानुसार रात 10:16 से मंगलवार 22.08.17 रात 02:34 के मध्य भूगोल पर दिखाई देगा। दुनिया भर के तारामंडल में इसे देखने के लिए खास इंतजाम किए गए हैं।खगोलशास्त्री इसका विस्तृत अध्ययन करने के लिए कोशिश में जुट गए हैं। यह खास खगोलीय घटना भारत सहित पूरे एशिया में नहीं दिखाई देगी लेकिन फिर भी भारत हो या बांग्लादेश हर जगह के लोग इस सूर्य ग्रहण का दीदार घर बैठकर कर सकेंग। यह संभव कर दिखाया है अमरीकी अंतरिक्ष एजैसी NASA ने। इस सूर्य ग्रहण को दुनिया भर तक पहुंचाने का नासा ने खास इंतजाम किया है ।
99 सालों बाद अमरीकी महाद्वीप में पूर्ण सूर्यग्रहण होगा। आज लगने वाले सूर्य ग्रहण से दुनिया के सभी देश प्रभावित होंगे लेकिन सबसे ज्यादा प्रभाव अमेरिका पर हो सकता है। इसकी वजह यह है कि यह ग्रहण अमरीका में पूर्ण रूप से दिखाई देगा जबकि पश्चिमी यूरोप और अफ्रीका के कुछ क्षेत्रों में यह खंडग्रास रूप में दिखेगा। इससे पूर्व इतना बड़ा ग्रहण उत्तर-अमरीका में 8 जून 1918 को दिखाई दिया था।
आचार्य कमल नंदलाल के अनुसार राशियों पर प्रभाव-
मेष: पांचवें भाव में सूर्यग्रहण के प्रभाव से संतान को कष्ट हो सकता है। प्रेम में असफलता के योग हैं। उदर पीड़ा की संभावना है।

वृष: चौथे भाव में इस सूर्यग्रहण के प्रभाव से माता का स्वास्थ्य बिगड़ सकता है। गृहक्लेश के योग हैं। संपत्ति में हानि हो सकती है।

मिथुन: तीसरे भाव में इस सूर्यग्रहण के प्रभाव से अत्यधिक क्रोध आ सकता है। भाई-बहन को कष्ट संभव है। यश-कीर्ति में वृद्धि के योग हैं।

कर्क: दूसरे भाव में सूर्यग्रहण के प्रभाव से आर्थिक विषमताएं बढ़ सकती हैं। सुखों में कमी आ सकती है। गले की समस्या सता सकती है।

सिंह: लग्न में सूर्यग्रहण के प्रभाव से सेहत पर अनिष्ट्सूचक प्रभाव रह सकते हैं। शारीरिक पीड़ा रह सकती है। मानसिक विकार के योग हैं।

कन्या: द्वादश भाव में इस सूर्यग्रहण के प्रभाव से खर्चों में कटोती होगी। कीर्ति बढ़ सकती है। विदेशी संबंधों में प्रगाढ़ता व लाभ के योग हैं।

तुला: एकादश भाव में सूर्यग्रहण के प्रभाव से आर्थिक रुकावट के योग हैं। सरकारी कार्य असफल रह सकते हैं। व्यापार में हानि हो सकती है।

वृश्चिक: दसवें भाव में सूर्यग्रहण के प्रभाव से पिता को कष्ट संभव है। पैतृक संपत्ति में विवाद के योग हैं। कार्यक्षेत्र में समस्या आ सकती है।

धनु: भाग्य भाव में सूर्यग्रहण के प्रभाव से भाग्यहीनता के योग हैं। वैराग्य की भावना बढ़ सकती है। धर्म की ओर झुकाव बढ़ सकता है।

मकर: अष्टम भाव में सूर्यग्रहण के प्रभाव से दुर्घटना के योग हैं। गुप्त शत्रुओं द्वारा षड्यंत्र हो सकता है। लैंगिक जीवन नीरस हो सकता है।

कुंभ: सप्तम भाव में सूर्यग्रहण के प्रभाव से दांपत्य में कटुता के योग हैं। जीवनसाथी की हैल्थ बिगड़ सकती है। पार्टनर्शिप टूट सकटी है।

मीन: छठे भाव में सूर्यग्रहण के प्रभाव से शत्रु नतमस्तक हो सकते हैं। साहस बढ़ने के योग हैं। स्वार्थी बनकर किसी की हानि कर सकते हैं।

 
अमेरिका में दिन होते हुए भी अंधकार हो जायेगा। भारतीय समय के अनुसार यह सूर्य ग्रहण 21 अगस्त की रात्रि 9 बजकर 16 मिनट से आरंभ होगा और रात्रि में 2 बजकर 34 मिनट पर समाप्त होगा। दुनिया में ऊर्जा का सबसे बड़ा स्रोत सूर्य ही है सूर्य ही पूरे जगत में सभी चराचर को आवश्यक ऊर्जा देता है, इसलिए एेसा कहा जाता है कि सूर्य से ही सृष्टि है। बिना सूर्य के जीवन की कल्पना करना असंभव है। चंद्रमा पृथ्वी का प्रकृति प्रदत्त उपग्रह है। यह स्वयं सूर्य के प्रकाश से प्रकाशित होकर भी पृथ्वी को अपने शीतल प्रकाश से शीतलता देता है। यह मनुष्य के मन मस्तिष्क का कारक व नियंत्रणकर्ता भी है। ऐसा भी कहा जा सकता है कि सूर्य ऊर्जा और चंद्रमा मन का कारक है।

  21 अगस्त 2017 को लगने वाला पूर्ण सूर्य ग्रहण आखिरी ग्रहण होगा, जो भारत, अफ्रीका और एशिया के कुछ भागों में नहीं दिखेगा। यह सूर्य ग्रहण अमेरिका और कनाडा में पूर्ण रूप से दिख सकेगा। मालूम हो कि साल 2017 के इस दूसरे सूर्य ग्रहण की अवधि 5 घंटे 18 मिनट रहेगी। भारतीय समयानुसार रात 10:16 से मंगलवार 22.08.17 रात 02:34 के मध्य भूगोल पर दिखाई देगा।.

इस ग्रहण का विशेष प्रभाव इस समय गर्भवती महिलाओं के गर्भस्थ संतान पर हैं पड़ेगा। अब बता दें सूर्य ग्रहण सिंह राशि पर अपना प्रभाव छोड़ेगा। यह सूर्यग्रहण सूर्य की स्वयंराशि सिंह में पड़ेगा। सिंह राशि में चंद्र सूर्य राहू ब बुध की युति से चतुर्ग्रही योग बनेगा। तथा यही चारों ग्रह केतू की दृष्टि में आएंगे। तथा चंद्र सूर्य राहू यह यह तीनों ग्रह केतू के नक्षत्र मघा में गोचर करेंगे। इसके साथ ही ग्रहण का निर्माण भी केतू के नक्षत्र मघा में होगा। इस सूर्य ग्रहण से सर्वाधिक असर राजनीति क्षेत्र पर पड़ेगा। केतू युद्ध व मोक्ष का कारक है तथा सूर्य राजनीति का कारक है। ग्रहण से बारहवां स्थान कर्क राशि अर्थात चंद्रमा का है। अतः इस ग्रहण से सर्वाधिक प्रभावित चंद्रमा होगा। चंद्रमा से जल व मनोवृति देखी जाती है। यह ग्रहण जल प्रकृति को प्रभावित करेगा।

99 साल बाद हो रहा ऐसा सूर्यग्रहण, जानें क्या कहते हैं ज्योतिषी

इससे पूर्व इतना बड़ा ग्रहण उत्तर-अमेरिका में 8 जून 1918 को दिखाई दिया था। उस समय यह ग्रहण अमेरिका की सिंह लग्न की कुंडली के दशम भाव वृषभ राशि पर पड़ा था। वर्ष 1918 में प्रथम विश्व युद्ध की समाप्ति के बाद अमेरिका महाशक्ति के रूप में उभरना शुरू हो गया था। वर्तमान में यह विश्व की महाशक्तियों से एक है। मेदिनी ज्योतिष की गणना बताती है कि अगस्त में लगने वाला यह सूर्य ग्रहण अमेरिका के लिए शुभ नही है। इस ग्रहण से कुछ वर्षों में अमेरिका के पतन के प्रबल संकेत मिल रहे हैं।

यह ग्रहण अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के सिंह लग्न की कुंडली में बैठे मंगल को प्रभावित कर उनको एक विनाशकारी युद्ध का निर्णय लेने को प्रेरित कर सकता है। डोनाल्ड ट्रम्प के वृश्चिक राशि के चंद्र पर गोचर कर रहे वक्री शनि की दसवीं दृष्टि ग्रहण के बिंदु पर पड़ेगी। आगामी 27 अगस्त को मंगल भी गोचर करते हुए सिंह राशि में प्रवेश कर डोनाल्ड ट्रम्प के लग्न और ग्रहण के बिंदु को प्रभावित कर उनको उतेजना के आवेश में उत्तर कोरिया के विरुद्ध कोई सैन्य अभियान शरू करने के लिए प्रेरित कर सकता है।

डोनाल्ड ट्रम्प की कुंडली में इस समय गुरु की महादशा चल रही है जो दूसरे घर में होकर मारकेश शनि से दृष्ट है। ऐसे में विवेक और नैतिकता के कारक ग्रह गुरु का अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रम्प की कुंडली में शनि से पीड़ित होना उनके लिए एक अशुभ संकेत है। ऐसे में आशंका है कि अविवेकपूर्ण निर्णय के चलते डोनाल्ड ट्रम्प अमेरिका सहित समूचे दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों को बड़े संकट में डाल सकते हैं।

सिंह राशि में पड़ने वाले इस ग्रहण के प्रभाव से विश्व के शेयर बाजारों में मंदी का रुख आने के ज्योतिषीय संकेत भी मिल रहे हैं। ग्रहण के बाद सिंह राशि के पीड़ित होने से सोने के दामों में तेजी दिखाई देगी।

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