26 दिसंबर सूर्य ग्रहण ;; सभी ग्रह भारी होगे -गजब; एक ही राशि में 7 ग्रह – ज्योतिषियो को कई तरह की आशंका

पंचांग की गणना बताती है कि करीब 58 साल बाद लगने जा रहा यह यह अद्भुत सूर्यग्रहण 5 घंटे 36 मिनट का होगा। इस दिन लगने जा रहा सूर्यग्रहण ना सिर्फ काफी लंबा है बल्कि इस साल भारत में दिखने वाला पहला सूर्यग्रहण भी है। 26 दिसंबर को लगने जा रहे सूर्यग्रहण को लेकर ज्योतिषी कई तरह की आशंका जता रहे हैं। 26 तारीख को लगने वाले सूर्यग्रहण के दौरान सूर्य कंकण रूप में   नजर आएंगे इसलिए इसे कंकण सूर्यग्रहण कहा जा रहा है।

यह सूर्यग्रहण बड़ा ही दुर्लभ माना जा रहा है। 58 साल पहले ऐसा सूर्य ग्रहण लगा था जब एक ही राशि में 7 ग्रह मौजूद थे। इस बार भी कुछ ऐसा ही ग्रहण लगने जा रहा है जब केतु के साथ धनु राशि में 6 ग्रह मौजूद  रहेंगे। इसलिए इस ग्रहण को ज्योतिषीय दृष्टि से बहुत ही प्रभाव  प्रभावशाली माना जा रहा है।

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पंचांग की गणना बताती है कि करीब 58 साल बाद लगने जा रहा यह यह अद्भुत सूर्यग्रहण 5 घंटे 36 मिनट का होगा। इस दिन लगने जा रहा सूर्यग्रहण ना सिर्फ काफी लंबा है बल्कि इस साल भारत में दिखने वाला पहला सूर्यग्रहण भी है। 26 दिसंबर को लगने जा रहे सूर्यग्रहण को लेकर ज्योतिषी कई तरह की आशंका जता रहे हैं। हिंसा और उपद्रव की घटनाएं हो सकती हैं। 26 तारीख को लगने वाले सूर्यग्रहण के दौरान सूर्य कंकण रूप में   नजर आएंगे इसलिए इसे कंकण सूर्यग्रहण कहा जा रहा है।   इस नियम के अनुसार भारत में ग्रहण का सूतक 25 दिसंबर की रात  8 बजे लग जाएगा। ग्रहण का समापन 1 बजकर 36 मिनट पर होने पर मिनट पर होने पर ग्रहण का सूतक समाप्त हो जाएगा इसके बाद से स्नान दान और देवी-देवताओं का स्पर्श और पूजा-पाठ   किया जाएगा।

इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) कल 26 दिसंबर, 2019 (5 पौष, शक संवत 1941) को लगने जा रहा है जो वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा अर्थात पूर्णग्रास नहीं बल्कि खंडग्रास सूर्य ग्रहण होगा. साल का आखिरी सूर्य ग्रहण 26 दिसंबर 2019 को लगने जा रहा है. यह ग्रहण सुबह 8 बजे से शुरू होकर 1 बजकर 56 मिनट तक रहेगा. ज्योतिषियों का कहना है कि साल का आखिरी सूर्य ग्रहण तबाही का कारण बन सकता है. आचार्य भूषण कौशल  का कहना है कि ये सूर्य ग्रहण लोगों की सार्वजनिक और व्यक्तिगत जिंदगी दोनों में असर डालेगा. ये ग्रहण आने वाले साल पर भी असर डालेगा. सूर्य ग्रहण केतु में लग रहा है और यह भारत में भी दिखाई देगा. इसे कंकणा सूर्य ग्रहण कहा जा रहा है. 9 बजकर 6 मिनट पर कंकण ग्रहण प्रारंभ होगा, जो 12 बजकर 29 मिनट पर समाप्त होगा. सूर्य ग्रहण 1 बजकर 36 मिनट पर खत्म होगा. इसकी कुल अवधि 5 घंटे 36 मिनट होगी 26 दिसंबर को काल पुरुष की कुंडली में धनु लग्न उदय हो रहा है. भारतवर्ष की कर्क राशि है. कर्क राशि से छठे भाव में ये ग्रहण लगने जा रहा है. छठा भाव रोग, शत्रु, परेशानी, विपत्ति और प्राकृतिक आपदा के लिए जिम्मेदार होता है. छठे भाव में पांच ग्रहों का भी योग बन रहा है. धनु राशि में सूर्य के अलावा चंद्र, बुध, गुरू, शनि केतु विराजमान है. धनु में शनि होने की वजह से सभी ग्रह भारी हो जाएंगे. काल पुरुष की कुंडली में जब एक तरफ सारे ग्रह चले जाएं तो समझिए आपका जीवन में मुश्किलें आ सकती हैं. ऐसे में प्राकृतिक आपदा  से ज्यादा नुकसान हो सकता है. ग्रहण लगने के 15 दिन पहले और 15 दिन बाद बेहद संभलकर रहने की जरूरत होती है.  धनु मास चल रहा है जिसे अशुभ मलमास माना जाता है. इस वक्त युद्ध जैसे हालात बनते भी नजर आ रहे हैं. राजनीति में सक्रिय लोगों के लिए भी ये काफी खराब स्थिति पैदा कर सकता है.

ज्योतिष के अनुसार राहु ,केतु को अनिष्टकारण ग्रह माना गया है. चंद्रग्रहण के समय राहु और केतु की छाया सूर्य और चंद्रमा पर पड़ती है. इस कारण सृष्टि इस दौरान अपवित्र और दूषित को हो जाती है.

सूतक काल का हिंदू धर्म में विशेष महत्व होता है. धार्मिक मान्यता के अनुसार सूर्य और चंद्रग्रहण दिखाई देने पर सूतक के कई मायने हैं. सूर्यग्रहण में सूतक का प्रभाव लगभग 12 घंटे पहले शुरू हो जाता हैं. वहीं चंद्र ग्रहण में यह अवधि 9 घंटे की हो जाती है. धार्मिक मान्यता के मुताबिक ग्रहण के दौरान सूतक लगने पर नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, इसलिए इस दौरान कोई भी धार्मिक या शुभ कार्य करने से बचना चाहिए.

धनु राशि के दो सबसे भारी ग्रह शनि और सूर्य की उपासना करने से सूर्य ग्रहण के बुरे प्रभावों से बचा जा सकता है. ग्रहण के बाद सूर्य को जल में शहद, गुड़ या लाल मिर्च डालकर अगले 15 दिनों तक चढ़ाएं. ग्रहण काल की अवधि समाप्त होने के बाद केतु को शांत करना होगा. इसके लिए चींटियों को आटा डालें और कुत्ते को दूध पिला दें. ग्रहण के बाद दही का तिलक लगाएं या पानी में गंगा जल डालकर स्नान करें. इससे ग्रहण का प्रभाव खत्म हो जाएगा.  ग्रहण काल की अवधि समाप्त होने के बाद आटा या गुड़ दान में दें. किसी ब्राह्मण को दान करें.

 सूर्य ग्रहण के दौरान क्या-क्या दान करना चाहिए. ग्रहण के दौरान जूते का दान करने से जीवन में स्थिरता और समृद्धि आती है. ग्रहण के दौरान जूते का दान करके आप अपने पितरों को भी प्रसन्न कर सकते हैं. आपके घर के पितर आपसे नाराज हैं तो सूर्य ग्रहण के समय किसी जरूरतमंद व्यक्ति को चमड़े के काले और भूरे रंग के जूते दान करें. इससे आपके घर मे शांति और खुशहाली आएगी. बीमारी से परेशान हैं तो सूर्य ग्रहण के समय काले और भूरे रंग के कंबल का दान करें. इससे आपके घर से बीमारियां दूर हो जाएंगी और आप रोगमुक्त हो जाएंगे. सूर्य ग्रहण के समय एक रुपए का सिक्का पूजा स्थल पर रखकर सूर्य भगवान का स्मरण करें और ग्रहण के बाद इसे गंगाजल से धोकर लाल कपड़े में लपेटकर अपनी तिजोरी में रख लें. इससे आपको सूर्य ग्रहण के पुण्य का प्रभाव मिलेगा. कुंडली में शनि खराब है तो छाते का दान करें. सूर्य ग्रहण के समय अन्न का दान नहीं करना चाहिए.

इससे पहले इस साल 6 जनवरी और 2 जुलाई को आंशिक सूर्यग्रहण लगा था. पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने बताया कि भारत में सूर्योदय के बाद इस वलयाकार सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse 2019) को देश के दक्षिणी भाग में कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु के हिस्सों देखा जा सकेगा, जबकि देश के अन्य हिस्सों में यह आंशिक सूर्य ग्रहण के रूप में दिखाई देगा. ग्रहण का सूतक काल 25 दिसंबर को शाम 5:31 बजे से लग जाएगा, जो सूर्य ग्रहण की समाप्ति के साथ ही खत्म होगा.

ग्रहण के दौरान ये न करें –  – ग्रहण के दौरान भोजन नहीं करना चाहिए.  – ग्रहण के दौरान सोना भी नहीं चाहिए. – ग्रहण को नग्न आखों से न देखें – चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को खास ध्यान रखने की जरूरत है. क्योंकि ग्रहण के वक्त वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जो कि बच्चे और मां दोनों के लिए हानिकारक हैं.

शुभ है या अशुभ घटना?धार्मिक मान्यता के अनुसार, यह एक अशुभ घटना है और इसकी छाया से बचने के लिए लोग ग्रहण के बाद स्नान-दान करते हैं. लेकिन अब ज्ञान-विज्ञान का प्रसार होने से चंद्रग्रहण और सूर्यग्रहण संबंधी भ्रांतियां कम हुई हैं. हालांकि, कई लोग आज भी मानते हैं कि इस खगोलीय घटना से स्वास्थ्य और व्यापार पर असर होता है इसलिए वे दान और पुण्य के कार्य करते हैं.

भारतीय मानक समय अनुसार, आंशिक सूर्यग्रहण सुबह 8 बजे आरंभ होगा, जबकि वलयाकार सूर्यग्रहण की अवस्था सुबह 9.06 बजे शुरू होगी. सूर्य ग्रहण की वलयाकार अवस्था दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर समाप्त होगी, जबकि ग्रहण की आंशिक अवस्था दोपहर एक बजकर 36 मिनटर पर समाप्त होगी ग्रहण की वलयाकार प्रावस्था का संकीर्ण गलियारा देश के दक्षिणी हिस्से में कुछ स्थानों यथा कन्नानोर, कोयंबटूर, कोझीकोड, मदुरई, मंगलोर, ऊटी, तिरुचिरापल्ली इत्यादि से होकर गुजरेगा. भारत में वलयाकार सूर्य ग्रहण के समय सूर्य का करीब 93 फीसदी हिस्सा चांद से ढका रहेगा. सूर्य और पृथ्वी के बीच में चंद्रमा के आ जाने से सूर्य का प्रकाश जब पृथ्वी पर नहीं पहुंच पाता है तो इस स्थिति को सूर्य ग्रहण कहते हैं.

वलयाकार पथ से देश के उत्तर एवं दक्षिण की ओर बढ़ने पर आंशिक सूर्य ग्रहण की अवधि घटती जाएगी. आंशिक ग्रहण की अधिकतम प्रावस्था के समय चंद्रमा द्वारा सूर्य का आच्छादन बंगलोर में लगभग 90 फीसदी चेन्नई में 85 फीसदी, मुंबई में 79 फीसदी, कोलकाता में 45 फीसदी, दिल्ली में 45 फीसदी, पटना में 42 फीसदी, गुवाहाटी में 33 फीसदी, पोर्ट ब्लेयर में 70 फीसदी और सिलचर में 35 फीसदी रहेगा. सूर्य का वलयाकार ग्रहण भूमध्य रेखा के निकट उत्तरी गोलार्ध में एक संकीर्ण गलियारे में दिखाई देगा. वलयाकार पथ सऊदी अरब, कतर, ओमान, संयुक्त अरब अमीरात, भारत, श्रीलंका के उत्तरी भाग, मलेशिया, सिंगापुर, सुमात्रा एवं बोर्निओ से होकर गुजरेगा.

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