सिद्वू तथा सुच्चा ; पंजाब में कांग्रेस की सत्ता में वापसी सम्भव

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अरविन्द केजरीवाल के कुछ फैसले उनके लिए आत्मघाती साबित हो सकते है। सर्वे रिपोर्टो में पंजाब में आप पार्टी जहां स्पष्ट बहुमत का बात स्पष्ट होती जा रही थी परन्तु अब केजरीवाल के कुछ फैसले इसमें व्यवधान बन सकते हैं। पंजाब में सुच्चा सिंह तथा हरभजन सिंह सिद्वू कांग्रेस के पाले में जाकर पंजाब में कांग्रेस को सत्ता मे लाने में महत्वपूर्ण कडी साबित हो सकते हैं। पंजाब तथा दिल्ली में केजरीवाल की मुशिकले बढने वाली है, सुच्चा सिंह छोटेपुर को पद से हटाने का फैसला तथा उप-राज्यपाल नजीब जंग केजरीवाल की मुश्किले बढाने वाले है। पंजाब में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए खम ठोक रही अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने राज्य में पार्टी के संयोजक सुच्चा सिंह छोटेपुर को पद से हटा दिया है. एक कथित स्टिंग ऑपरेशन में छोटेपुर कथित रूप से विधानसभा टिकट के ऐवज में पैसे लेते दिख रहे हैं, हालांकि वह इसे अपने खिलाफ साजिश करार देते हैं। उन्होंने जिस तल्ख अंदाज में पार्टी पमुख अरविंद केजरीवाल पर हमला किया और उन्हें सिख विरोधी तक बता डाला, उससे यह साफ है कि आगामी चुनाव में वह पार्टी के लिए परेशानी का सबब बन सकते है।.
अकाली दल और फिर कांग्रेस पार्टी से होते हुए आखिर में आम आदमी पार्टी से जुडने वाले छोटेपुर का ५० वर्षों का लंबा राजनीतिक सफर बेदाग रहा है और विरोधी भी उनकी ईमानदारी के कायल बताए जाते हैं. पंजाब में कांग्रेस के प्रभारी और सीएम पद के उम्मीदवार कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कुछ दिन पहले ही उन्हें बेदाग राजनीतिक करियर वाला नेता बताया था. अब ऐसी अटकलें ही छोटेपुर आप से नाता तोड अपने पुरानी साथी अमरिंदर का साथ देने के लिए कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं। सुच्चा सिंह छोटेपुर को उनके स्वतंत्र विचारों के लिए जाना जाता रहा है. इसका अंदाजा इसी बात से मिलता है कि १९८६ में जब अमृतसर में ऑपरेशन ब्लैक थंडर चलाया, तब तत्कालीन मुख्यमंत्री सुरजीत सिंह बरनाला की सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे छोटेपुर ने इसके विरोध में पद से इस्तीफा दे दिया था।
वही दिल्ली के उप-‘राज्यपाल नजीब जंग ने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले से अब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सामने चीजें स्पष्ट हो गई होंगी. जंग ने जोर देकर कहा कि वह आम आदमी पार्टी (आप) सरकार की ओर से लिए गए अवैध फैसलों को पलटने की प्रक्रिया में है। जंग ने केजरीवाल की ओर से बार-बार किए जाने वाले इस दावे को खारिज कर दिया कि उन्होंने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आप की प्रशासन संबंधी पहलों को रोकने की कोशिश की है. उप-राज्यपाल ने सवाल किया कि पधानमंत्री तो सारे देश को देखते हैं, फिर वह ऐसा क्यों करेंगे।
उप-राज्यपाल ने कहा, मुख्यमंत्री ने खुले तौर पर पूछा है कि जब आप सरकार को पचंड बहुमत मिला है, तो दिल्ली के मतदाताओं के वोट की अहमियत आधी क्यों होगी. लेकिन यह उनकी व्याख्या है. उम्मीद है कि अब उन्हें चीजें स्पष्ट हो गई होंगी। जंग ने कहा, लेकिन बदकिस्मती से मेरी जानकारी के बगैर अवैध फैसले लिए गए. उच्च न्यायालय के फैसले के बाद फिर मैंने अधिकारियों को चीजें दुरुस्त करने को कहा. अब तक मुझे करीब २५० फाइलें मिली हैं. अब जब अदालत ने सीमा तय कर दी है तो उन्होंने मुझे फाइलें भेजी हैं. मैं इस उम्मीद के साथ काम कर रहा हूं कि चीजों में सुधार आएगा।

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