वर्षों पुराना विवाद आज ख़त्म हुआ- सुप्रीम कोर्ट ने निर्णय सुनाया ;यही खबर आप अखबार मेंं पढेगे 16 घण्‍टे बाद-

Top Breaking News: हिमालयायूके न्‍यूज पोर्टल की सबसे तेज खबर- सबसे पहले- यही खबर आप अखबार मेंं पढेगे 16 घण्‍टे बाद- # बाबरी मसजिद-राम मंदिर विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के संविधान पीठ ने अपना फ़ैसला सुना दिया है। इसमें 5 जज हैं।

High Light: #विवादित जगह पर मुसलिम पक्ष अपना दावा साबित करने में नाकाम।# खंडपीठ ने कहा कि हिन्दू पक्ष यह साबित करने में कामयाब रहा कि बाहरी आंगन पर उसका कब्जा बहुत पहले से ही रहा है। दूसरी ओर, मुसलिम पक्ष यह साबित नहीं कर सका कि आंगन पर सिर्फ़ उसका ही कब्जा था।# मुसलिम पक्ष के वकील ज़फ़रयाब जिलानी ने इस पर प्रतिक्रिया जताते हुए कहा, ‘हम कोर्ट के फ़ैसले का सम्मान करते हैं, लेकिन इसमें कई विरोधाभास है, लिहाज़ा हम फ़ैसले से संतुष्ट नहीं है। हम फ़ैसले का मूल्यांकन करेंगे और आगे की कार्रवाई पर फैसला लेंगे।’ # कोर्ट से फ़ैसले के तुरंत बाद सुन्नी वक्फ़ बोर्ड के वकील ज़फ़रयाब जिलानी ने कहा है कि वे सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले का सम्मान करते हैं, लेकिन इस फ़ैसले से संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने कहा कि वे आगे की कार्रवाई के लिए आगे फ़ैसला लेंगे। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने शिया वक्फ़ बोर्ड की याचिका को भी खारिज कर दिया है।

  यह फैसला अंतिम फैसला नहीं है, क्योंकि इसके बाद असंतुष्ट पक्ष रिव्यू पेटिशन दाखिल कर सकते हैं. रिव्यू पेटिशन, यानी पुनर्विचार याचिका उसी बेंच के पास भेजी जाती है, जिसने फैसला सुनाया हो, सो, अब अगर कोई रिव्यू पेटिशन दाखिल होती है, तो उस पर भी यही बेंच फैसला लेगी.

  हमें झगड़ा और विवाद खत्म करना है : RSS प्रमुख मोहन भागवत #  पीएम नरेंद्र मोदी ने  कहा – यह फैसला किसी की हार या जीत नहीं # अरविंद केजरीवाल, उमा भारती, नितिन गडकरी, शिवराज सिंह चौहान समेत तमाम नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान और लोगों से भाईचारा बनाए रखने के लिए कहा. 

देश के प्रधान न्यायाधीश (CJI) रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच-सदस्यीय संविधान पीठ में जस्टिस शरद अरविंद बोबड़े, जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस धनंजय वाई. चंद्रचूड़ और जस्टिस एस. अब्दुल नज़ीर भी शामिल हैं. चीफ जस्टिस 17 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं, सो, यदि पुनर्विचार याचिका 17 नवंबर से पहले दाखिल कर दी जाती है, तो उस पर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की बेंच ही सुनवाई करेगी, लेकिन यदि पेटिशन इसके बाद आती है, तो अगले चीफ जस्टिस तय करेंगे कि पेटिशन पर सुनवाई के लिए मौजूदा पीठ में जस्टिस रंजन गोगोई की जगह पांचवां जज कौन होगा. सुप्रीम कोर्ट को ही यह भी तय करना होगा कि रिव्यू पेटिशन पर सुनवाई की जाए या नहीं.

रिव्यू पेटिशन पर सुनवाई ओपन कोर्ट में नहीं, बल्कि चैम्बर में की जाती है. यदि याचिकाकर्ता ओपन कोर्ट में सुनवाई के लिए अनुरोध करे, और कोर्ट इसके लिए तैयार हो जाए, तभी रिव्यू पेटिशन पर ओपन कोर्ट में सुनवाई हो सकती है, और इस स्थिति में सुप्रीम कोर्ट ओपन कोर्ट में सुनवाई के लिए तारीख तय करेगा.

ऑल इंडिया मुसलिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने लोगों से अपील की है कि वे किसी तरह का प्रदर्शन नहीं करें और शांति व सद्भाव बनाए रखें। इस प्रेस कॉन्फ़्रेंस से पहले और सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के बाद इस मामले में एक याचिकाकर्ता इक़बाल अंसारी ने कहा है कि हम इस फ़ैसले का स्वागत करते हैं। उन्होंने यह भी साफ़ किया कि सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के ख़िलाफ़ वह पुनर्विचार याचिका नहीं दाखिल करेंगे।

सुप्रीम कोर्ट ने एक बेहद अहम फैसले में अयोध्या की विवादित ज़मीन राम लला विराजमान को देने का निर्णय सुनाया है। इसके साथ ही मुसलमानों को मसजिद बनाने के लिए 5 एकड़ ज़मीन अलग से दी जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फ़ैसले में कहा है कि मंदिर बनाने के लिए तीन महीने के अंदर एक ट्रस्ट बनाया जाएगा, जिसमें निर्मोही अखाड़े का भी प्रतिनिधित्व हो।  सर्वोच्च अदालत ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि वह एक स्कीम बनाए, जिसमें ट्रस्ट बनाने की व्यवस्था हो। विवादित ज़मीन का अंदरूनी और बाहरी आंगन रामजन्मभूमि ट्र्स्ट को दें।  पूरी ज़मीन को एक ही माना जाना चाहिए। बता दें कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने विवादित ज़मीन को तीन पक्षकारों में बाँट दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि निर्मोही अखाड़ा सेवईत नहीं है, यानी उसे मूर्तियों की सेवा का हक़ नहीं है। अदालत ने यह भी कहा कि रामजन्मभूमि कोई न्यायिक व्यक्ति नहीं है। इसके साथ ही आर्कियोलोजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया की इस रिपोर्ट को अदालत ने खारिज नहीं किया, जिसमें कहा गया था कि बाबरी मसजिद किसी खाली जगह पर नहीं बनाई गई ती। सर्वोच्च अदालत ने यह भी कहा है कि इस मामले में 2010 में दिया गया इलाहाबाद हाई कोर्ट का फ़ैसला तर्क से परे था। अदालत ने ज़ोर देकर कहा कि इसका कोई तर्क नहीं हो सकता कि सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड और निर्मोही अखाड़ा के मामले को खारिज करने के बाद उन्हें ज़मीन में हिस्सा भी दिया जाए। अदालत ने कहा कि उसके लिए यह उचित नहीं होगा कि वह धर्मशास्त्र के ज्ञाता की भूमिका निभाए और हदीस की व्याख्या करे। कोर्ट ने फ़ैसले में कहा कि आस्था के आधार पर ज़मीन का मालिक़ाना हक़ नहीं दिया जा सकता। साथ ही कोर्ट ने साफ़ कहा कि फ़ैसला क़ानून के आधार पर ही दिया जाएगा। कोर्ट ने एएसाई रिपोर्ट के आधार पर अपने फ़ैसले में कहा कि मंदिर तोड़कर मसजिद बनाने की भी पुख्ता जानकारी नहीं है। 

इस फ़ैसले की मुख्य बातें। # बाबरी मसजिद मामले में शिया वक़्फ़ बोर्ड की याचिका खारिज# विवादित जगह राम लला विराजमान को दी जाए # मुसलमानों को मसजिद बनाने के अलग ज़मीन दी जाए # मुसलिम पक्ष को मसजिद के लिए 5 एकड़ ज़मीन मिलेगी # मंदिर बनाने के लिए केंद्र सरकार 3 महीने में ट्र्स्टी बोर्ड का गठन करे # निर्मोही अखाड़े का दावा खारिज # मंदिर के ट्र्स्टी बोर्ड में निर्मोही अखाड़े को प्रतिनिधित्व मिले # मंदिर तोड़ कर मसजिद बनाने का पुख़्ता सबूत नहीं #  विवादित जगह पर 1949 में रखी गईं मूर्तियाँ # विवादित जगह पर मुसलिम पक्ष अपना दावा साबित करने में नाकाम।

अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले से सुन्नी वक़्फ बोर्ड ने असंतोष जाहिर किया है। फ़ैसले के तुरंत बाद इसने प्रेस कॉन्फ़्रेंस की। इसमें सुन्नी वक़्फ बोर्ड के वकील ज़फ़रयाब जिलानी ने कहा कि वे इस पर विचार करेंगे कि वे इस फ़ैसले के ख़िलाफ़ पुनर्विचार याचिका दायर करें या नहीं। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला विरोधाभासी है। जिलानी ने यह भी कहा कि फ़ैसले के कुछ पक्ष से देश के धर्मनिरपेक्ष ढाँचे को मज़बूती मिलेगी। 

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि अयोध्या पर आये सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले को लेकर कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक हुई और एक प्रस्ताव पारित किया गया। सुरजेवाला ने कहा कि कार्यसमिति का बयान है कि वह अदालत के फ़ैसले का सम्मान करती है।  सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस यह अपील करती है कि भारत के संविधान में स्थापित सर्वधर्म समभाव को निभाते हुए सभी लोग भाईचारा बनाये रखें। सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस श्रीराम के मंदिर के निर्माण की पक्षधर है।

पीएम मोदी ने कहा कि देश के सर्वोच्च न्यायालय ने अयोध्या पर अपना फैसला सुना दिया है। इस फैसले को किसी की हार या जीत के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।  रामभक्ति हो या रहीमभक्ति, ये समय हम सभी के लिए भारतभक्ति की भावना को सशक्त करने का है। देशवासियों से मेरी अपील है कि शांति, सद्भाव और एकता बनाए रखें।

गृहमंत्री अमित शाह ने  अयोध्या पर आए फैसले को लेकर कई ट्वीट किए. उन्होंने कहा कि श्रीराम जन्मभूमि पर सर्वसम्मति से आये सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का मैं स्वागत करता हूँ. मैं सभी समुदायों और धर्म के लोगों से अपील करता हूँ कि हम इस निर्णय को सहजता से स्वीकारते हुए शांति और सौहार्द से परिपूर्ण ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ के अपने संकल्प के प्रति कटिबद्ध रहें. एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा कि दशकों से चले आ रहे श्री राम जन्मभूमि के इस कानूनी विवाद को आज इस निर्णय से अंतिम रूप मिला है. मैं भारत की न्याय प्रणाली व सभी न्यायमूर्तियों का अभिनन्दन करता हूँ.

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा, “अयोध्या (Ayodhya) मामले पर फैसला आ चुका है. एक बार फिर आपसे अपील करता हूं कि सर्वोच्च न्यायालय के इस फैसले का हम सभी मिलजुलकर सम्मान व आदरकरें. किसी प्रकार के उत्साह ,जश्न व विरोध का हिस्सा ना बने. अफवाहों से सावधान व सजग रहें. किसी भी प्रकार के बहकावे में ना आवें. आपसी भाईचारा, संयम, अमन-चैन, शांति, सद्भाव व सौहार्द बनाए रखने में पूर्ण सहयोग प्रदान करें. सरकार प्रदेश के हर नागरिक के साथ खड़ी है. कानून व्यवस्था व अमन-चैन से खिलवाड़ करने वाले किसी भी तत्व को बख्‍शा नहीं जावेगा. पूरे प्रदेश में पुलिस प्रशासन को ऐसे तत्वों पर सख्‍ती से कार्यवाही के निर्देश पूर्व से ही दिए जा चुके हैं. यह प्रदेश हमारा है, हम सभी का है, कुछ भी हो, हमारा प्रेम, हमारी मोहब्बत, हमारा भाईचारा, हमारा आपसी सोहार्द खराब ना हो, यह हम सभी की ज़िम्मेदारी है. आज आवश्यकता है अमन व मोहब्बत के पैगाम को सभी तक फैलाएं , नफरत व वैमनस्य को परास्त करें.”

.      उमा भारती ने ट्वीट में लिखा, ”माननीय सुप्रीम कोर्ट के इस दिव्य फैसले का स्वागत. माननीय अशोक सिंघल जी को स्मरण करते हुए उनको शत्-शत् नमन. वह सब, जिन्होंने इस कार्य के लिए अपने जीवन की आहुति दे दी उन्हें श्रद्धांजलि एवं आडवाणी जी का अभिनंदन जिनके नेतृत्व में हम सब लोगों ने इस महान कार्य के लिए अपना सर्वस्व दांव पर लगा दिया था.” 

  Yr. Contribution: SBI CA: HIMALAYA GAURAV UTTRAKHAND ; CA No.; 30023706551 IFS Code; SBIN0003137 ; STATE BANK OF INDIA, Saharanpur Road, Dehradun. Mob. 9412932030

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