बिजनौर -फर्जी मानव बम बांधकर बैंक पहुंचा & TOP NEWS

आधार हर मर्ज की दवा नहीं :उच्चतम न्यायालय #हिमालयायूके न्‍यूज पोर्टल 

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उत्तर प्रदेश के बिजनौर में एक गुरुवरा को एक शख्स एचडीएफसी बैंक की चांदपुर शाखा को लूटने के लिए पेट से फर्जी मानव बम को बांधकर बैंक पहुंच गया। लेकिन वह अपने मंसूबे में सफल नहीं हो पाया।

आपको बता दे कि यह मामला दोपहर का बताया जा रहा है, रोहताश नाम का एक शख्स बैंक लूटने के लिए फर्जी मानव बम बनकर बैंक की शाखा में पहुंच गया। बैंक लूटने के मंसूबे पूरे करने के लिए जैसे ही उसने अपनी शर्ट ऊपर की तो शाखा में अफरातफरी का माहौल हो गया। रोहताश ने पेट में एक फर्जी इलेक्‍ट्रॉनिक डिवाइस मानव बम के रूप में बांध रखी थी। 

रोहताश ने बैंक में मैनेजर से रुपये की मांग करते हुए 50 लाख रुपये बैग में भरने के लिए कहा, इस पर मैनेजर ने सूझबूझ दिखाई और पुलिस को मामले की सूचना दे दी। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने रोहताश को गिरफ्तार कर लिया। 

खबरों से मिली जानकारी के मुताबिक बैंक के मैनेजर और पुलिस के अधिकारी कैमरे के सामने से कुछ भी बोलने से बच रहे थे जबकि आरोपी रोहताश ने पूरी घटना को कुबूल लिया है। फिलहाल पुलिस ने इस मामले की जांच कर रही है।

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उच्चतम न्यायालय ने वीरवार को टिप्पणी की कि आधार हर मर्ज की दवा नहीं हो सकता। मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने आधार की अनिवार्यता और संवैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान कहा कि वह केंद्र सरकार के इस तर्क से सहमत नहीं है कि आधार मौजूदा व्यवस्था से संबंधित हर मर्ज की दवा है।

संविधान पीठ के अन्य सदस्यों में न्यायमूर्ति अर्जन कुमार सिकरी, न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर शामिल हैं। संविधान पीठ ने एटर्नी जनरल के. के. वेणुगोपाल से पूछा,”क्या आप किसी की निजता के अधिकार का हनन कर सकते हैं? आप उसको सरकारी सुविधाएं देते हैं और उसकी निजी जानकारी को राज्य अपने पास रखता है, लेकिन ये कैसे सुनिश्चित होगा कि यह डाटा कहीं और इस्तेमाल नहीं किया जाएगा? यह एक संवैधानिक सवाल है कि क्या आप किसी को सरकारी सुविधा देकर उसकी निजी जानकारी ले सकते हैं, चाहे वह किसी भी वर्ग या तबके का हो। आखिर ये उसकी निजता का सवाल है।”

श्री वेणुगोपाल ने जवाब में कहा कि भोजन के अधिकार जैसे मौलिक अधिकारों को पूरा करने के लिए आधार को जरूरी किया जाना चाहिए, क्योंकि इससे लोगों के इन अधिकरों को सुरक्षित रखा जा सकता है। शीर्ष अदालत ने आगे कहा कि आधार करोड़ो रुपए की बैंक धोखाधड़ी में कारगर नहीं है, क्योंकि ऋण लेने वाला कानूनी तरीके से ऋण लेता है और इसमें आधार कोई मदद नहीं करता, क्योंकि उसकी पहचान छुपी नहीं होती। जब बैंक अधिकारी ऋण देता है तो वह जानता है कि वह किसे कर्ज दे रहा है, ऐसे में आधार इसको कैसे रोक सकता है? एटर्नी जनरल ने जवाब दिया कि संभव है न्यायालय नीरव मोदी प्रकरण की बात कर रहा हो, लेकिन आधार बेनामी संपत्ति और बेनामी लेन-देन को लेकर बहुत कारगर है। मामले की अगली सुनवाई 10 अप्रैल को होगी। शीर्ष अदालत आधार की अनिवार्यता को चुनौती देने वाली याचिकाओं की सुनवाई कर रही है।

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शिवराज सरकार द्वारा 5 बाबाओं को राज्य मंत्री का दर्जा दिए जाने का विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। वहीं विपक्ष को तो बैठे बिठाएं मुद्दा भी मिल गया है। ताजा घटनाक्रम में शिवराज सिंह चौहान के इस फैसले पर शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने सवाल उठा दिया है। उन्होंने सरकार के इस कदम को स्वार्थ से परिपूर्ण बताया। स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा कि शिवराज सरकार उन लोगों को यह पद देती है जो सम्मानजनक होते हैं और जो लोगों की आध्यात्मिक तौर पर मदद करते हैं। लेकिन इस सरकार ने अपने निजी हित की वजह से उन लोगों को यह पद दिया है जिन्हें लोग जानते तक नहीं हैं । यह गलत है और नहीं होना चाहिए।

मामले में दायर की गई याचिका
सरकार के इस फैसले के खिलाफ रामबहादुर शर्मा नाम के एक शख्स की ओर से हाईकोर्ट की इंदौर बेंच में एक याचिका दाखिल की गई है। याचिकाकर्ता का कहना है कि सरकार को इस फैसले पर दोबारा विचार करना चाहिए। इतना ही नहीं फैसले के कारण बाबाओं के रुख में बदलाव पर भी सवाल खड़े किए है।

मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कंप्यूटर बाबा सहित पांच संतों को राज्यमंत्री पद का दर्जा देकर नए विवाद को जन्म दे दिया है। कांग्रेस इस फैसले को लेकर शिवराज सरकार पर लगातार हमलावर है। इस फैसले के बाद से सरकार और सीएम के फैसले पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। इन पांचों संतों ने शिवराज सरकार द्वारा पिछले साल नर्मदा किनारे लगाए गए पौधों और अन्य विकास कार्यों को लेकर घेरा था। सरकार पर आरोप मढ़ते हुए ‘नर्मदा घोटाला रथयात्रा’ शुरू करने का एलान भी किया था। अब पद की मिलने के बाद इन्होंने अपनी पूर्व की घोषणा से कदम पीछे खींच लिए हैं। इस वजह से विपक्ष शिवराज सरकार पर हमलावर है और शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने इसे स्वार्थ भरा फैसला बताया।

&चीफ जस्टिस  के खिलाफ एक महाभियोग प्रस्ताव लाए जाने को लेकर   चर्चा  

विपक्षी दलों के नेताओं ने देश के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ एक महाभियोग प्रस्ताव लाए जाने को लेकर गुरूवार को चर्चा की. शुक्रवार को बजट सत्र के अंतिम दिन राज्यसभा सभापति के सामने इसके लिए एक प्रस्ताव पेश किया जा सकता है. अलग-अलग पार्टियों के नेताओं ने प्रस्ताव को पेश किये जाने को लेकर आज चर्चा की. शीर्ष कानूनी हस्तियों और कुछ पूर्व मंत्रियों समेत कांग्रेस के सांसदों ने इस मुद्दे पर राज्यसभा में विपक्ष के नेता के कार्यालय में एक बैठक की. एक दूसरे बैठक में कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने टीएमसी नेताओं के साथ इस मुद्दें पर चर्चा की. हालांकि दोनों पार्टियों के नेताओं ने इस संबंध में कुछ भी नहीं कहा. संसद के बजट सत्र का अब केवल दिन बचा है और अन्य विपक्षी पार्टियों के नेताओं के साथ चर्चाएं हुई और कुछ और सासंदों के हस्ताक्षर लिए गए. विपक्षी दल के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि विपक्ष प्रस्ताव को अंतिम रूप दे रहा है और इसे कल पेश किया जा सकता है. प्रस्ताव के लिए हस्ताक्षर करने वाले एक दूसरे विपक्षी नेता ने बताया कि महाभियोग प्रस्ताव पर कोई संशय नहीं है क्योंकि हस्ताक्षर करने वाले सांसदों की पर्याप्त संख्या है. संसद में एआईसीसी ब्रीफिंग में सीजेआई के खिलाफ लाये जाने वाले महाभियोग प्रस्ताव पर पूछे जाने पर कांग्रेस के प्रवक्ता राज बब्बर ने कहा,‘‘ पूरा विपक्ष इस मुद्दे पर विचार कर रहा है.’’ जब उनसे पूछा गया कि यदि कल प्रस्ताव पेश किया जाएगा तो सत्र का केवल एक ही बचा होगा, तो बब्बर ने कहा,‘‘इसे एक दिन के रूप में न मानें. अभी इस सत्र के लिए38 घंटे बचे है.’’ यदि यह प्रस्ताव लाया जाता है तो देश के इतिहास में पहली बार ऐसा होगा जब भारत के मौजूदा चीफ जस्टिस के खिलाफ यह महाभियोग प्रस्ताव लाया जाएगा.

 

(3)मुख्यमंत्री ने उन्हें ‘डांटा’ है-भाजपा के एक दलित सांसद

भाजपा के एक दलित सांसद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पार्टी की राज्य इकाई के नेताओं की शिकायत की है और उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने उन्हें ‘डांटा’ है। 

रॉबर्ट्सगंज से लोकसभा सांसद छोटेलाल ने अपने भाई को ब्लॉक प्रमुख के पद से हटवाये जाने पर नाराजगी जाहिर की और दावा किया है कि एक भाजपा नेता की सांठगांठ के कारण ऐसा हुआ है। 

छोटेलाल से जब इस पत्र के संबंध में संपर्क साधने का प्रयास किया गया तो उनका मोबाइल फोन बंद मिला और उनसे संपर्क नहीं हो पाया। मोदी को लिखे इस पत्र में छोटेलाल ने कहा कि उनका गुनाह यह है कि उन्होंने एक अनारक्षित सीट पर अपने भाई के निर्वाचित होने में मदद की थी।  

सांसद ने कहा कि अपना सम्मान बचाने के लिए उन्होंने भाजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष महेन्द्र नाथ पांडे और महासचिव (संगठन) सुनील बंसल और अन्य से भी मुलाकात की। 

पत्र के मुताबिक छोटेलाल दो बार मुख्यमंत्री से मिले लेकिन उन्हें डांटा गया और उन्हें वहां से जाना पड़ा। एक प्रतिद्वंद्वी का नाम लेते हुए दलित सांसद ने आरोप लगाया कि उन्हें उनकी जाति के नाम पर धमकी दी गई और दुर्व्यवहार किया गया। उन्होंने प्रधानमंत्री से उनका सम्मान फिर से दिलाए जाने का आग्रह किया है।

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वित्त मंत्री अरुण जेटली गुर्दे से जुड़ी बीमारी के चलते अस्वस्थ हैं। संभव है कि उन्हें गुर्दा प्रतिरोपण कराना पड़ सकता है । 

एम्स के डॉक्टरों और केन्द्रीय मंत्री से जुड़े नजदीकी सूत्रों ने बताया कि जेटली (65) सोमवार से कार्यालय भी नहीं जा रहे हैं। राज्यसभा के लिये दोबारा चुने जाने के बाद उन्होंने अभी तक संसद सदस्य की शपथ भी नहीं ली है। उन्हें जांच के लिए एम्स ले जाया गया था। जेटली ने एक ट्वीट में अपनी बीमारी की पुष्टि की है। 

अस्वस्थता के चलते अगले सप्ताह होने वाली उनकी लंदन यात्रा को भी निरस्त कर दिया गया है। वह वहां10 वें भारत- ब्रिटेन आर्थिक एवं वित्तीय संवाद में भाग लेने वाले थे। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘ मेरा गुर्देकी बीमारी और कुछ संक्रमण को लेकर इलाज चल रहा हैजो मुझे लग गया है ।’ 
  एम्स से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि जेटली को गुर्दा प्रतिरोपण से भी गुजरना पड़ सकता है और गुर्दा दान करने वाले से जुड़ी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं। जेटली ने बीमारी के बारे में विस्तार से नहीं बताया, लेकिन उन्होंने बताया कि‘ वह घर से एक नियंत्रित वातावरण में काम कर रहे हैं। आगे मेरे इलाजका तौर तरीका मेरा इलाज कर रहे डॉक्टर तय करेंगे।’
 
डॉक्टरों के परामर्श पर उन्हें यहां एम्स के कार्डियो- न्यूरो टावर में भर्ती कराया जा सकता है। यह विभाग एक अलग इमारत में है और अत्याधुनिक सुविधाओं से परिपूर्ण है। उनका ऑपरेशन अपोलो हॉस्पिटल के गुर्दा विशेषज्ञ डॉक्टर संदीप गुलेरिया कर सकते हैं। वह एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया के भाई हैं और जेटली के पारिवारिक मित्र भी। 

अस्वस्थता के चलते अगले सप्ताह होने वाली उनकी लंदन यात्रा को भी निरस्त कर दिया गया है। वह वहां10 वें भारत- ब्रिटेन आर्थिक एवं वित्तीय संवाद में भाग लेने वाले थे। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘ मेरा गुर्देकी बीमारी और कुछ संक्रमण को लेकर इलाज चल रहा हैजो मुझे लग गया है ।’ 
 
एम्स से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि जेटली को गुर्दा प्रतिरोपण से भी गुजरना पड़ सकता है और गुर्दा दान करने वाले से जुड़ी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं। जेटली ने बीमारी के बारे में विस्तार से नहीं बताया, लेकिन उन्होंने बताया कि‘ वह घर से एक नियंत्रित वातावरण में काम कर रहे हैं। आगे मेरे इलाजका तौर तरीका मेरा इलाज कर रहे डॉक्टर तय करेंगे।’
 
डॉक्टरों के परामर्श पर उन्हें यहां एम्स के कार्डियो- न्यूरो टावर में भर्ती कराया जा सकता है। यह विभाग एक अलग इमारत में है और अत्याधुनिक सुविधाओं से परिपूर्ण है। उनका ऑपरेशन अपोलो हॉस्पिटल के गुर्दा विशेषज्ञ डॉक्टर संदीप गुलेरिया कर सकते हैं। वह एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया के भाई हैं और जेटली के पारिवारिक मित्र भी। 

मुलजिम ने हस्तगत प्रकरण वाले कृष्ण मृगों का शिकार शौक-मौज के लिए किया- जज

सलमान खान को 20 साल पुराने काले हिरणों के शिकार मामले में 5 साल की सजा सुना दी गई है. जोधपुर की CJM कोर्ट के जज देवकुमार खत्री ने जहां सलमान खान को कांकणी गांव में दो काले हिरणों का शिकार करने का दोषी करार दिया, वहीं घटना के वक्त उनके साथ जिप्सी में मौजूद उनके अन्य साथी कलाकारों सैफ अली खान, तब्बू, नीलम कोठारी, और सोनाली बेंद्रे को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया.

CJM देवकुमार खत्री ने अभियोजन पक्ष द्वारा प्रस्तुत किए गए 115 दस्तावेजों, 18 सबूतों, चश्मदीद गवाह पूनमचंद और हिरणों की दोबारा की गई पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर सलमान खान के खिलाफ फैसला सुनाया.  

जज देवकुमार खत्री ने अपने दंडादेश में कहा कि ‘अभियुक्त बहुचर्चित कलाकार व्यक्ति है. जिसके द्वारा किए गए कार्यों का आम जनता द्वारा भी अनुसरण किया जाता है. इसके बावजूद अभियुक्त ने दो वन्य जीव कृष्ण मृगों का शिकार किया है.’ अपने फैसले में जज खत्री ने सलमान खान से जुड़े हिट एंड रन केस का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा, ‘अभियुक्त पर पूर्व में भी दो अन्य प्रकरण हिरण शिकार के दर्ज हुए थे. मुलजिम पर एक अन्य प्रकरण हिट एंड रन केस का बंबई में हुआ था. मुलजिम ने हस्तगत प्रकरण वाले कृष्ण मृगों का शिकार शौक-मौज के लिए किया.’ जज देवकुमार खत्री ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए देशभर में हो रहे वन्य जीवों के अवैध शिकार का भी दृष्टांत दिया. उन्होंने कहा ‘मुलजिम ने जिस प्रकार वन्य जीव संरक्षण अधिनियम… में दर्ज ब्लैक बक एंटीलोप सर्वीकापरा प्रजाति के दो निर्दोष, मूक वन्य जीव कृष्ण मृगों का बंदूक से गोली मारकर शिकार किया है, उसे मद्देनजर रखते हुए एवं वर्तमान में वन्य जीवों के अवैध शिकार की बढ़ रही घटनाओं को मद्देनजर रखते हुए एवं अभियुक्त के कृत्य व प्रकरण के समस्त तथ्यों, परिस्थितियों, हालात व अपराध की अत्यंत गंभीरता व उपरोक्त कारणों को मद्देनजर रखते हुए… अभियुक्त को परिवीक्षा अधिनियम का लाभ दिया जाना न्यायोचित नहीं है.’ 

काला हिरण शिकार मामले में सलमान खान को सुनाई गई सजा पर उनके वकील ने हैरानी जताई है. सलमान के वकील आनंद देसाई ने कहा है कि कोर्ट के फैसले से ऐसा प्रतीत हो रहा है जैसे सलमान खान अकेले ही शिकार करने निकले थे. साथ ही उन्होंने बताया कि सेशन कोर्ट जमानत याचिका पर शुक्रवार को 10.30 बजे सुनवाई करेगी. सलमान के वकील ने कहा कि वह कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं, लेकिन CJM कोर्ट का फैसला इसलिए हैरानी भरा है, क्योंकि राजस्थान हाईकोर्ट ने जिन सबूतों और साक्ष्यों के आधार पर सलमान को बरी कर दिया था, CJM कोर्ट ने उन्हीं सबूतों और गवाहों के आधार पर यह फैसला सुनाया है. उन्होंने कहा कि यहां तक कि इसी केस से जुड़े आर्म्स ऐक्ट केस में CJM कोर्ट ने भी सलमान को बरी कर दिया था. यहां तक कि सीजेएम कोर्ट ने इसी केस में पांच अन्य सह अभियुक्तों को बरी कर दिया, जिससे ऐसा लग रहा है कि घटना वाली रात सलमान अकेले ही शिकार करने निकले थे. उन्होंने कहा कि जमानत के लिए सेशन कोर्ट में याचिका दायर कर दी गई है और उस पर जल्द से जल्द सुनवाई की अर्जी दी गई है. सेशन कोर्ट अब सलमान की जमानत याचिका पर शुक्रवार की सुबह 10.30 बजे सुनवाई करेगा.

जज देवकुमार खत्री ने सलमान के अपराध की गंभीरता का उल्लेख करते हुए उस ओर भी ध्यान दिलाया कि उन्होंने पारिस्थितिकी के लिए कितने महत्वपूर्ण जीव की हत्या की थी. जज खत्री ने कहा ‘कृष्ण मृग (काला हिरण) वन्य जीव संरक्षण अधिनियम की प्रथम अनुसूचि के भाग प्रथम के क्रम संख्या 2 पर दर्ज ‘ब्लैक बक’ एंटीलोप सर्वीकापरा की प्रजाति के वन्यजीव हैं, जिनकी प्रजाति लुप्त हो रही है, जिससे पारिस्थितिकी संतुलन को भी नुकसान हो रहा है.’

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