सुप्रीम लॉर्ड हर चीज का मालिक और नियंत्रणकर्ता ; हमसे मांगता है,प्यार ;किसने कहा

सुप्रीम लॉर्ड हर चीज का मालिक और नियंत्रणकर्ता है. वह हमसे कुछ नहीं चाहता. लेकिन एक चीज है जो वह हमसे मांगता है, वह चीज है प्यार.  कृष्ण जन्माष्टमी पर्व पर तुलसी गबार्ड अमेरिकी कांग्रेस में पहली हिन्दू सांसद कितने शानदार ढंग से शुभकामना दे रही है- पूरी खबर पढे- हिमालयायूके न्‍यूज पोर्टल

कान्हा के रंग में रंगे मेलबोर्न ऑस्ट्रेलिया के इस्कोन मन्दिर ;विनायक कौशिक की  मेलबोर्न से  हिमालयायूके न्‍यूज पोर्टल के लिए रिपोर्ट

पूरे देश में भगवान श्रीकृष्ण के  कुछ मंदिर एकदम खास ;; हिमालयायूके न्‍यूज पोर्टल 

पूरे देश में कृष्ण जन्माष्टमी को धूमधाम से मनाया गया. इस अवसर पर महाराष्ट्र के कई इलाकों में दही हांडीका आयोजन किया गया कृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर दही हांडी फोड़ने वालों के लिए लाखों के ईनाम की भी घोषणा की गई. जिसके चलते गोविंदाओं में दही हांडी फोड़ने की होड़ दिखाई दी. कृष्ण जन्मोत्सव को लेकर ब्रज में जबरदस्त उत्साह है. ब्रज भूमि मथुरा के तमाम मंदिरों में कृष्ण जन्माष्टमीपर खास इंतजाम किए गए हैं. पूरे मथुरा को इस खास मौके के लिए दुल्हन की तरह सजाया गया है. भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव के उत्साह में शामिल होने के लिए देश भर से श्रद्धालु मथुरा पहुंचे थे. कान्हा की नगरी मथुरा में जन्माष्टमी त्योहार को लेकर काफी रौनक है. पूरे मथुरा में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा है. प्रशासन का अनुमान है कि इस बार 30 लाख लोग जन्माष्टमी मनाने मथुरा पहुंचें भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव के उत्साह में शामिल होने के लिए देश भर से श्रद्धालु मथुरा पहुंचे थे. कान्हा की नगरी मथुरा में जन्माष्टमी त्योहार को लेकर काफी रौनक है. पूरे मथुरा में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा है. प्रशासन का अनुमान है कि इस बार 30 लाख लोग जन्माष्टमी मनाने मथुरा पहुंचें मथुरा के साथ ही दिल्ली के इस्कॉन मंदिर में भी जन्माष्टमी के अवसर पर भारी तादात में श्रद्धालु मंदिर पहुंचे और भगवान श्रीकृष्ण की आराधना की. मथुरा, वृंदावन के साथ ही जम्मू-कश्मीर के पुंछ में भी कृष्ण जन्माष्टमी की धूम देखने को मिली. कृष्ण जन्मोत्सव के मौके पर यहां कृष्ण और राधा की वेश-भूषा में छोटे-छोटे बच्चों ने भी जन्माष्टमी के अवसर पर श्रद्धालुओं का मन मोह लिया.

 

कान्हा के रंग में रंगे मेलबोर्न ऑस्ट्रेलिया के इस्कोन मन्दिर ।

मुख्य संवाददाता मेलबॉर्न ऑस्ट्रेलिया – विनायक कौशिक (छाया – कौशिक )

मेलबॉर्न ऑस्ट्रेलिया :- मेलबॉर्न ऑस्ट्रेलिया मे आज श्री कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा मेलबॉर्न में रह रहे भारतीय व यहाँ के लोगों में श्री कृष्ण जन्माष्टमी को लेकर बहुत उत्साह और श्रद्धा है यहाँ के इस्कॉन मन्दिर कान्हा जी के रंग में रंगे हुये है इस्कॉन मन्दिरों में श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है ! विनायक कौशिक ने बताया कि भगवान श्री कृष्ण ने कुरुक्षेत्र की पावन भूमि पर कर्म का संदेश दिया ! आज के दिन गऊ सेवा व गऊ पूजन का भी विशेष महत्व माना जाता है !
संसार की जितनी भी शक्तियां एवं गतियां हैं, उन सबके केन्द्रस्वरूप भगवान श्रीकृष्ण हैं। भगवान एक हैं। वे एक होकर भी अनेकरूपता अपनाते हैं और यह उनकी एकता में अनन्तता की स्थिति हैं। वेदों का तात्पर्य श्रीकृष्ण में ही है। यज्ञों के उद्देश्य श्रीकृष्ण ही हैं। योग श्रीकृष्ण के लिए ही किए जाते हैं और समस्त कर्मों की परिसमाप्ति भी श्रीकृष्ण में ही है।
ज्ञान से ब्रह्मस्वरूप श्रीकृष्ण की ही प्राप्ति होती है। तपस्या श्रीकृष्ण की प्रसन्नता के लिए ही की जाती है। श्रीकृष्ण के लिए ही धर्मों का अनुष्ठान होता है और सब गतियां श्रीकृष्ण में ही समा जाती हैं। श्रीकृष्ण ही समस्त लोकों की उत्पत्ति तथा प्रलय के आधार हैं। यह सम्पूर्ण विश्व और चराचर समस्त प्राणी श्रीकृष्ण की क्रीडा के लिए हैं। वे ही अव्यक्त प्रकृति हैं और वे ही सनातन कर्ता हैं। वे समस्त भूतों से परे एवं अच्युत हैं। अतएव सबके पूज्यतम हैं। 
भगवान श्री कृष्ण ने श्रीमद्भागवत गीता में जो संदेश दिए हैं वह केवल अध्यात्मिक ग्रंथ ही नही, बल्कि यह जीवन दर्शन भी है। गीता उपदेश भले ही आज से हजारों साल पहले श्रीकृष्ण ने अर्जुन को दिए थे, लेकिन कहीं ना कहीं आज भी इसकी सार्थकता बरकरार है। मनुष्य केवल खुद के कल्याण के बारे में सोचता है, यदि वह समाज हित के बारे में सोचे तो संसार स्वर्ग बन जाए। श्रीमद्भागवत गीता में बताई गई बातें यदि मनुष्य आचरण में उतारे तो वह गीता के आदर्शों पर चलकर केवल खुद का ही बल्कि सम्पूर्ण वैश्विक समाज का कल्याण कर सकता है।श्री कृष्ण जन्माष्टमी के पावन पर्व पर देश विदेश के सभी श्री कृष्ण भगतों को बहुत बहुत बधाई शुभकामनाएं ! –
विनायक कौशिक (मेलबोर्न) की रिपोर्ट 

 

पूरे देश में भगवान श्रीकृष्ण के अनगिनत मंदिर हैं, जहां हमेशा श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है. इनमें से कुछ मंदिर एकदम खास हैं.
जगन्नाथ मंदिर – पुराणों में जगन्नाथ पुरी को धरती का बैकुंठ कहा गया है. जगन्नाथ मंदिर की महीमा देश में ही नहीं विश्व में भी प्रसिद्ध हैं. पुरी में बना जगन्नाथ मंदिर भारत में हिंदुओं के चार धामों में से एक है. यह धाम तकरबीन 800 सालों से भी ज्यादा पुराना माना जाता है. जगन्नाथ मंदिर के शिखर पर स्थित झंडा हमेशा हवा की विपरीत दिशा में लहराता है. इसी तरह मंदिर के शिखर पर एक सुदर्शन चक्र भी है. इस चक्र को किसी भी दिशा से खड़े होकर देखने पर ऐसा लगता है कि चक्र का मुंह आपकी तरफ है.
प्रेम मंदिर, वृंदावन- वृंदावन का प्रेम मंदिर अत्यंत भव्य है. रात के वक्त भी यहां श्रद्धालुओं की भीड़ कम नहीं होती है. प्रेम मंदिर की सजावट एकदम खास तरीके से की गई है. रात के वक्त ये मंदिर रंग-बिरंगी

 

इस्कॉन मंदिर, वृंदावन – वृंदावन के इस्कॉन मंदिर में राधेकृष्ण की प्रतिमा एकदम मनोहारी है. जो भी इन्हें देखता है, वे मुग्ध हो जाता है. ये मंदिर कृष्णा बलराम मंदिर के नाम भी जाना जात है. ये मंदिर साल 1975 में बनाया गया था. वृंदावन के इस्कॉन मंदिर में श्रद्धालु झूमते-गाते हुए प्रभु की आराधना करते हैं. यहां विदेशी श्रद्धालुओं की भी अच्छी-खासी तादाद होती है.

 

 

द्वारकाधीश मंदिर, मथुरा- मथुरा का द्वारकाधीश मंदिर की आरती विशेष रूप से दर्शनीय होती है. मंदिर में मुरली मनोहर की सुंदर मूर्ति विराजमान है. मथुरा में पावन यमुना नदी पर कई घाट बने हुए हैं. द्वारकाधीश मंदिर के पास यमुना नदी के घाट पर श्रद्धालु दर्शन-पूजन करते हैं और नौका-विहार का भी आनंद लेते हैं.

 

प्यार ही एक ऐसी चीज है जिससे हम भगवान कृष्ण को खुश कर सकते हैं; तुलसी गबार्ड अमेरिकी कांग्रेस में पहली हिन्दू सांसद 

वॉशिंगटन. कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व आज पूरे देश में बड़े धूम-धाम से मनाया जा रहा हैं. अमेरिकी कांग्रेस में पहली हिंदू सांसद तुलसी गबार्ड ने जन्माष्टमी पर शुभकामना संदेश दिया है. कृष्ण जन्माष्टमी पर एक दिन पहले से ही मदिंरो को सजाया गया है जो देखने लायक है. भारत के साथ ये पर्व अन्य देशों में भी मनाया जा रहा है. इस दिन भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था आज के दिन लोग उपवास करते हैं फिर कृष्ण के जन्म के बाद प्रसाद खाकर व्रत तोड़ते हैं.

तुलसी ने एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया है जिस में वो जन्माष्टमी की बधाई दे रही हैं. उन्होंने कहा कि देश में कुछ भी हो रहा है इस के लिए एक दूसरे से प्यार, शांति और एकता का संदेश दिया है. सब को एकजुट रहना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमें इस पर विचार करना चाहिए कि हम क्या कर रहे हैं और वो (कृष्ण) किससे प्रसन्न होते हैं. प्यार के आधार पर हम कुछ भी पा सकते हैं. यह दवाब या मजबूरी में लिया या दिया नहीं जा सकता. संदेश में तुलसी गबार्ड कहती हैं “सुप्रीम लॉर्ड हर चीज का मालिक और नियंत्रणकर्ता है. वह हमसे कुछ नहीं चाहता. लेकिन एक चीज है जो वह हमसे मांगता है, वह चीज है प्यार. प्यार ही एक ऐसी चीज है जिससे हम भगवान कृष्ण को खुश कर सकते हैं. हमारा प्यार केवल स्वतंत्र इच्छा की अभिव्यक्ति के रूप में पेश किया जा सकता है. प्यार से ही हम सबकुछ पा सकते हैं. इसके लिए किसी को फोर्स नहीं किया जा सकता. किसी को फोर्स करना प्यार की प्रकृति नहीं है.” तुलसी गबार्ड अमेरिकी कांग्रेस में पहली हिन्दू सांसद हैं .

 

श्रीनाथ जी मंदिर, नाथद्वारा राजस्थान- राजस्थान के नाथद्वारा में स्थित श्रीनाथ जी मंदिर अपनी मूर्तियों के लिए जाना जाता है. माना जाता है कि मेवाड़ के राजा इस मंदिर में मौजूद मूर्तियों को गोवर्धन की पहाड़ियों से औरंगजेब से बचाकर लाए थे. ये मंदिर 12वीं शताब्दी में बनाया गया था. साथ ही ये मंदिर श्री कृष्ण को समर्पित है.

 

इस्कॉन मंदिर, बैंगलोर- बैंगलोर का इस्कॉन मंदिर भारत के सबसे बड़े इस्कॉन मंदिर में शुमार किया जाता है. ये मंदिर साल 1997 में बनाया गया था, जिसका उद्देश्य वैदिक और धार्मिक सभ्यताओं को बढ़ावा देने का था. विकलांग और बुजुर्ग व्यक्तियों के लिए यहां एलिवेटर भी लगाए गए हैं.

 

 

इस  मंदिर की ऐसी मान्यता है कि हर शुक्रवार के दिन कृष्ण भगवान लक्ष्मी जी के मंदिर में उनसे मिलने जाते हैं

श्री रंछोद्रीजी महाराज मंदिर, गुजरात- ये मंदिर गोमती नदी के किनारे दकोर के मुख्य बाजार के बीचों-बीच स्थित है. इस मंदिर की संरचना 1772 में मराठा नोबेल द्वारा की गई थी. इस मंदिर में 8 गुंबद और 24 बुर्ज हैं, जो सोने से बनी हुई हैं. इस मंदिर के साथ ही लक्ष्मी जी का भी मंदिर है क्योंकि ऐसी मान्यता है कि हर शुक्रवार के दिन कृष्ण भगवान लक्ष्मी जी के मंदिर में उनसे मिलने जाते हैं

अरुलमिगु श्री पार्थसारथी स्वामी मंदिर, चेन्नई- ये मंदिर 8वीं सदी में बनाया गया था. इस मंदिर में श्रध्दालुओं के आना जाना लगा रहता है. इस मंदिर में विष्णु भगवान की कई तरह मूर्तियां हैं, जो भक्तों को अपनी ओर सबसे ज्यादा आकर्षित करती हैं.
बालकृष्ण मंदिर, हंपी कर्नाटक- कर्नाटक के हंपी में स्थित बालकृष्ण मंदिर की संरचना बेहद अनोखे तरीके से की गई है. इस मंदिर का शुमार UNESCO की वर्ल्ड हेरिटेज वेबसाइट में भी किया जा चुका है. इस मंदिर में बालकृष्ण विराजमान हैं.
उडुपी श्री कृष्ण मठ, कर्नाटक- कर्नाटक शहर में भगवान श्री कृष्ण को समर्पित एक प्रसिध्द मंदिर है. इस मंदिर को 13वीं सदी मे बनाया गया था. इस मंदिर के पास मौजूद तालाब के पानी में मंदिर का प्रतिबिंब दिखाई देता है. भक्ति के लिए ये मंदिर बेहद पवित्र माना जाता है.

नेपाल में भी 2015 में आए भूकंप के 3 सालों बाद काठमांडू के ललितपुर का भगवान कृष्ण का प्रसिद्ध मंदिर रविवार को खोला गया. इस मौके पर हजारों श्रद्धालु ललितपुर के कृष्ण मंदिर पहुंचे और भगवान कृष्ण के दर्शन किये. इस मंदिर के बारे में एक कहानी प्रचलित है कि एक रात नेपाल के राजा मल्ल के सपने में भगवान कृष्ण और राधा आए और महल के सामने एक मंदिर बनाने का निर्देश दिया. जिसके बाद राजा मल्ल ने इस मंदिर का निर्माण कराया

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