दूरी सही नहीं जाती है- फेसबुक & TOP HIGH LIGHT 3 OCT 19

HIGH LIGHT 3 OCT 2019#बापू रोज 18 किलोमीटर पैदल चलते थे # हैदराबाद के निजामों के करोड़ों की संपत्ति को लेकर इस्लामाबाद के साथ चल रही दशकों पुरानी कानूनी लड़ाई का अंत # फिल्म ‘वॉर’ ने ऐतिहासिक रिकॉर्ड बना दिया #  सिंगल यूज प्लास्टिक बैन (Single Use Plastic) : महाराष्ट्र सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर प्लास्टिक के कप, प्याला, शॉपिंग बेग, छोटी बोतल (200 एमएल), पानी का पाउच और स्ट्रॉ के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया गया है।#गडकरी ने पेश किया गाय के गोबर से बना साबुन, बांस की बोतलें# HIMAAYAUK BUREAU

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती 2 अक्टूबर (2 October) को धूमधाम से देश भर में मनाई जाती है है. बापू के जन्मदिन के मौके पर देश भर में स्कूलों और दफ्तरों में तरह-तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. बापू का पूरा नाम मोहनदास करमचन्द गांधी (Mohandas Karamchand Gandhi) था. अहिंसा आंदोलन के दम पर देश को आजादी दिलाने वाले बापू आज भी लोगों के दिलों में जिंदा हैं. देश की आजादी के लिए गांधी जी कई बार जेल भी गए थे. गांधी जी का जन्म (Mahatma Gandhi Birthday) 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था. महात्मा गांधी लंदन में कानून की पढ़ाई करने और बैरिस्टर बनने के लिए गए थे. उन्होंने लंदन में पढ़ाई कर बैरिस्टर की डिग्री प्राप्त की थी. जब गांधी जी भारत वापस आए तो देश की स्थिति ने उन्हें बहुत प्रभावित किया. जिसके बाद उन्होंने देश की स्वतंत्रता के लिए लंबी लड़ाई लड़ी. गांधी जी के प्रयासों के चलते ही आज हम आजाद है.

अहमदाबाद: देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती (Mahatma Gandhi’s 150th anniversary) पर आज भारत (India) ही नहीं दुनियाभर में तमाम कार्यक्रमों का आयोजन किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस अवसर पर नई दिल्ली के राजघाट (Rajghat) पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी. बुधवार शाम प्रधानमंत्री मोदी अपने तय कार्यक्रम के तहत अहमदाबाद (Ahmedabad) पहुंचे और लोगों को संबोधित किया. इस कार्यक्रम के बाद पीएम मोदी (PM Narendra Modi) साबरमती आश्रम पहुंचे और बापू की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उनको श्रद्धांजलि दी. इस दौरान पीएम मोदी ने आश्रम में मौजूद बच्चों से भी मुलाकात की. पीएम मोदी ने साबरमती आश्रम (Sabarmati Ashram) का अवलोकन भी किया और वहां मौजूद गांधी से जुड़ी चीजों के बारे में जानकारी भी ली.

2 अक्टूबर को महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) की 150वीं जयंती पर प्रधानमंत्री मोदी (PM Narendra Modi) अपने गृह राज्य गुजरात (Gujarat) के दौरे पर हैं. इस दौरान वे साबरमती रिवर फ्रंट (Sabarmati River Front) से देश को खुले में शौच मुक्त घोषित भी करेंगे. रिवरफ्रंट पर होने वाले कार्यक्रम में गुजरात भर के 20 हजार से अधिक सरपंच मौजूद रहेंगे. इसके बाद पीएम मोदी (PM Modi) रात 8.40 बजे GMDC ग्राउंड पर गरबा (Garba) महोत्सव में उपस्थित रहेंगे और रात 9.10 बजे तक वही रहेंगे. पीएम मोदी रात 9.15 बजे दिल्ली (Delhi) के लिए रवाना हो जाएंगे. इससे पहले अमहदाबाद (Ahmedabad) में लोगों को संबोधित करते हुए और महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) के प्रिय भजन ‘वैष्णव जन…’ के बारे में बात करते हुए पीएम मोदी (PM Modi) ने कहा था, “वैष्णव जन को तेरेजन कहिए… ये गाएं… 150 से अधिक देशों ने गाया. हर दिन बापू का भजन देखते होंगे दूरदर्शन (Doordarshan) पर. मैं गया तो लोगों ने इस बार बिना हाथ में कागज लिए गाया. कलाकारों ने कहा कि गाने से पहले समझने का प्रयास किया. पूरी दुनिया ने गांधी जी को श्रदांजलि दी है, ऐसा पहली बार हुआ है. गांधी आज हैं और कल भी होंगे, हर समस्या के समाधान के लिए गांधी होंगे. यूएन (UN) ने गांधी को श्रदांजलि दी है”.

गांधी जयंती हर साल 2 अक्टूबर को मनाई जाती है. 2 अक्टूबर के दिन गांधी जी का जन्म हुआ था.  इस दिन को विश्व अहिंसा दिवस के रूप में भी मनाया जाता है. गांधी जी विश्व भर में उनके अहिंसात्मक आंदोलन के लिए जाने जाते हैं और यह दिवस उनके प्रति वैश्विक स्तर पर सम्मान व्यक्त करने के लिए मनाया जाता है. गांधी जी कहते थे कि अहिंसा एक दर्शन है, एक सिद्धांत है और एक अनुभव है जिसके आधार पर समाज का बेहतर निर्माण करना संभव है.

गांधी जयंती के दिन लोग राजघाट नई दिल्ली में गांधी प्रतिमा के सामने श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं. इस दिन राष्ट्रीय अवकाश होता है. महात्मा गांधी की समाधि पर राष्ट्रपति और भारत के प्रधानमंत्री की उपस्थिति में प्रार्थना आयोजित की जाती है. सभी स्‍कूलों और दफ्तरों में गांधी जयंती का उत्सव हर्षोल्‍लास के साथ मनाया जाता है. 

महात्मा गांधी से जुड़ी 5 रोचक बातें

1. महात्मा गांधी लंदन में कानून की पढ़ाई करने और बैरिस्टर बनने के लिये गए थे. उन्होंने लंदन में पढ़ाई कर बैरिस्टर की डिग्री प्राप्त की थी, लेकिन बंबई उच्च न्यायालय में हुई पहली बहस में वे असफल रहे थे.

2. दुनिया की सबसे बड़ी मोबाइल कंपनियों में से एक एप्पल के संस्थापक स्टीव जॉब्स गांधी जी को सम्मान देने के लिए गोल चश्मा पहनते थे.

3. भारत में छोटी सड़कों को छोड़कर महात्मा गांधी के नाम पर 50 से ज्यादा सड़के हैं. साथ ही गांधी जी के नाम पर विदेशों में करीब 60 सड़के हैं.

4. महात्मा गांधी को 5 बार नोबेल पुरस्कार के लिए नामित किया गया था, लेकिन उन्हें एक बार भी नोबेल पुरस्कार नहीं मिला. 

5. बापू रोज 18 किलोमीटर पैदल चलते थे. 

  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) की 150 वीं जयंती पर न्यूयॉर्क टाइम्स में एक लेख लिखा है. इस लेख में पीएम मोदी ने लिखा है कि 1925 में महात्मा गांधी ने यंग इंडिया में लिखा कि राष्ट्रवादी हुए बिना अंतरराष्ट्रीय नहीं हुआ जा सकता. अंतराष्ट्रीय स्तर पर तभी पहचान बनाई जा सकती है, जब देश के लोग संगठित हो और पूरा देश एक व्यक्ति की तरह से काम करे. इस लेख का शीर्षक है ‘भारत और विश्व को गांधी की आवश्यकता क्यों है?’

इस लेख में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिखा है कि महात्मा गांधी का राष्ट्रवाद संकीर्ण नहीं था, बल्कि मानवता की सेवा के लिए था. उन्‍होंने लिखा कि बापू से गरीबों के लिए काम करने की प्रेरणा मिली. महात्‍मा गांधी ने समाज के हर वर्ग में भरोसा जताया. बापू में विरोधी विचारों को भी साथ लाने की क्षमता थी. उन्‍होंने लिखा, आइए हम अपनी दुनिया को समृद्ध, नफरत, हिंसा और पीड़ा से मुक्त बनाने के लिए कंधे से कंधा मिलाकर काम करें और महात्मा गांधी के सपने को पूरा करेंगे. पीएम ने कहा, सच्चा मानव वो है, जो दूसरों का दर्द महसूस करता है.

पीएम मोदी ने लिखा, हम भारत में अपना काम कर रहे हैं. गरीबी को खत्म करने में भारत सबसे तेज है. हमारे स्वच्छता प्रयासों ने वैश्विक ध्यान आकर्षित किया है. भारत अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन जैसे प्रयासों के माध्यम से नवीकरणीय संसाधनों का उपयोग करने का भी नेतृत्व कर रहा है, जो स्थायी भविष्य के लिए सौर ऊर्जा का लाभ उठाने के लिए कई देशों को एक साथ लाया है. हम दुनिया के साथ और दुनिया के लिए और भी कुछ करना चाहते हैं.

 अमेरिकी पत्रकार लुइस फिशर ने अपनी किताब ‘महात्मा गांधी – हिज लाइफ एंड टाइम’ में इस ऑपरेशन का जिक्र किया है। … गांधीजी को 18 मार्च 1922 को छह साल की सजा सुनाई गई थी। उन्हें दो दिन बाद गुजरात की साबरमती जेल से विशेष ट्रेन से पुणे की येरवडा जेल स्थानांतरित कर दिया गया था। अपेंडिसाइटिस की गंभीर समस्या के कारण 12 जनवरी 1924 में उन्हें वहीं के ससून अस्पताल में भर्ती कराया गया था। ब्रितानी सर्जन कर्नल मैडॉक ने गांधी को बताया कि उनका तत्काल ऑपरेशन करना पड़ेगा। कांपते हाथ को लेकर मजाक अस्पताल के अधिकारी और गांधी यह भली भांति जानते थे कि यदि ऑपरेशन में कुछ गड़बड़ी हुई तो भारत जल उठेगा। गांधी ने इस पर हस्ताक्षर के लिए जब कलम उठाई, तो उन्होंने कर्नल मैडॉक से मजाकिया अंदाज में कहा, ‘देखो, मेरे हाथ कैसे कांप रहे हैं… आपको यह सही से करना होगा।’ इसके जवाब में मैडॉक ने कहा कि वह पूरी ताकत लगा लेंगे। ऑपरेशन के बीच में ही बिजली गुल हो गई और ऑपरेशन थिएटर में तीन नर्सों में से एक ने लालटेन पकड़ी जिसकी रोशनी में सर्जरी की गई। गांधी ने सफल ऑपरेशन के लिए मैडॉक को धन्यवाद दिया। सरकार ने पांच फरवरी 1924 को गांधी की शेष सजा माफ कर दी थी। स्मारक बना ऑपरेशन थियेटर ‘ससून सर्वोचार रुग्णालय’ एवं बी जे मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ अजय चंदनवाले ने बताया कि सरकारी अस्पताल के 400 वर्ग फुट के इस ऑपरेशन थियेटर को एक स्मारक में बदल दिया गया है और यह आमजन के लिए खुला नहीं है। गांधीजी के जीवन की एक अहम घटना का साक्षी बने इस कमरे में ऑपरेशन के लिए इस्तेमाल की गई एक मेज, एक ट्राली और कुछ उपकरण रखे हैं। इस कमरे में एक दुर्लभ पेंटिंग भी है जिसमें बापू के ऑपरेशन का चित्रण है।

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लंदन/इस्लामाबाद:   हैदराबाद के 7वें निजाम मीर उस्मान अली खान के खजाने को लेकर ब्रिटेन के एक हाईकोर्ट ने 70 साल से चल रहे मामले पर भारत के पक्ष में ऐतिहासिक फैसला सुनाया है. कोर्ट ने पाकिस्तान को झटका देते हुए अपने फैसले में यह साफ तौर पर कहा कि लंदन के बैंक में जमा निजाम की रकम पर भारत और निजाम के उत्तराधिकारियों का हक है.  हैदराबाद के 7वें निजाम मीर उस्मान अली खान के खजाने को लेकर ब्रिटेन के एक हाईकोर्ट ने 70 साल से चल रहे मामले पर भारत के पक्ष में ऐतिहासिक फैसला सुनाया है. कोर्ट ने पाकिस्तान को झटका देते हुए अपने फैसले में यह साफ तौर पर कहा कि लंदन के बैंक में जमा निजाम की रकम पर भारत और निजाम के उत्तराधिकारियों का हक है.

लंदन की अदालत से पाकिस्तान को बड़ा झटका लगा है. ब्रिटिश हाईकोर्ट के फैसले के बाद 1947 में विभाजन के समय हैदराबाद के निजामों के करोड़ों की संपत्ति को लेकर इस्लामाबाद के साथ चल रही दशकों पुरानी कानूनी लड़ाई का अंत हो गया. कोर्ट ने भारत के पक्ष में फैसला सुनाया. कोर्ट ने फैसला सुनाया कि इस संपत्ति पर भारत और निजाम के उत्तराधिकारियों का हक है. नैटवेस्ट बैंक पीएलसी में जमा करीब 35 मिलियन पाउंड (करीब 306 करोड़) को लेकर पाकिस्तान सरकार के खिलाफ लड़ाई में निजाम के वंशजों और हैदराबाद के आठवें निजाम प्रिंस मुकर्रम जाह तथा उनके छोटे भाई मुफ्फखम जाह ने भारत सरकार के साथ हाथ मिला लिया था.

 लंदन की रॉयल कोर्ट्स ऑफ जस्टिस में दिए गये फैसले में जस्टिस मार्कस स्मिथ ने कहा कि ‘सातवें निजाम उस्मान अली खान (Mir Osman Ali Khan) को धन के अधिकार मिले थे. इसलिए सातवें निजाम के उत्तराधिकारी होने का दावा करने वाले जाह भाइयों तथा भारत को धन का अधिकार है.’ फैसले में कहा गया है कि किसी दूसरे देश से जुड़ी गतिविधि के सिद्धांत और गैरकानूनी होने के आधार पर प्रभावी नहीं होने के तर्क के आधार पर इस मामले के अदालत में विचारणीय नहीं होने की पाकिस्तान की दलीलें विफल हो जाती हैं.

विवाद 1948 में हैदराबाद के तत्कालीन निजाम से करीब 10,07,940 पाउंड और नौ शिलिंग का ब्रिटेन में नवनियुक्त पाकिस्तान के उच्चायुक्त को हस्तांतरण से जुड़ा है. यह राशि बढ़कर 3.5 करोड़ पाउंड हो गई है. भारत के समर्थन के साथ निजाम के वंशज दावा करते हैं कि यह धन उनका है, वहीं पाकिस्तान का दावा था कि इस पर उसका अधिकार है.
इस व्यवस्था पर इस्लामाबाद में पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने कहा कि फैसले का विस्तार से अध्ययन करने के बाद वह आगे की कार्रवाई करेगा.

 हैदराबाद के 7वें निजाम मीर उस्मान अली खान के खजाने को लेकर ब्रिटेन के एक हाईकोर्ट ने 70 साल से चल रहे मामले पर भारत के पक्ष में ऐतिहासिक फैसला सुनाया है. कोर्ट ने पाकिस्तान को झटका देते हुए अपने फैसले में यह साफ तौर पर कहा कि लंदन के बैंक में जमा निजाम की रकम पर भारत और निजाम के उत्तराधिकारियों का हक है.

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बॉलीवुड एक्टर ऋतिक रोशन (Hrithik Roshan) और टाइगर श्रॉफ (Tiger Shroff) की एक्शन थ्रिलर फिल्म ‘वॉर (War)’ आज यानी गांधी जयंती (Gandhi Jayanti) के दिन बॉक्स ऑफिस पर रिलीज, हालांकि रिलीज होने से पहले ही ऋतिक रोशन और टाइगर श्रॉफ की फिल्म ‘वॉर’ ने ऐतिहासिक रिकॉर्ड बना दिया है. बता दें फिल्म की एडवांस बुकिंग शुक्रवार से होनी शुरू हो गई थी. हालांकि मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस फिल्म ने प्री बुकिंग के मामले में एक नया रिकॉर्ड बना दिया है. बॉक्स ऑफिस इंडिया डॉट कॉम के मुताबिक ‘वॉर’ इस दशक की सबसे ज्यादा एडवांस टिकट बिकने वाली फिल्म बन गई है. साथ ही, ऋतिक रोशन (Hrithik Roshan) और टाइगर श्रॉफ (Tiger Shroff) की फिल्म ‘वॉर (War)’ ने हिंदी सिनेमा सबसे ज्यादा प्री सेल कलेक्शन का रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है. हालांकि इसमें साउथ और हॉलीवुड की फिल्मों को नहीं शामिल नहीं किया गया है. बता दें प्री सेल कलेक्शन से फिल्म ‘वॉर’ ने अब कर 31-32 करोड़ रुपये की अच्छी-खासी कमाई कर ली है. हालांकि अब ‘वॉर’ बुकिंग के मामले में केवल ‘एवेंजर्स एंडगेम (Avengers Endgame)’ और ‘बाहुबली- एक निष्कर्ष’ से पीछे है.

इस फिल्म की प्री सेल कमाई को देखते हुए लग रहा है कि ऋतिक रोशन (Hrithik Roshan) और टाइगर श्रॉफ की फिल्म ‘वॉर (War)’ हिंदी सिनेमा में एक नया रिकॉर्ड स्थापित करेगी. फिल्म की एडवांस बुकिंग देखकर फैन्स का एक्साइटमेंट का अंदाजा लगाया जा सकता है. बता दें, इस फिल्म में एक्ट्रेस वाणी कपूर (Vaani Kapoor) भी मुख्य किरदार निभाती नजर आएंगी. इससे पहले ऋतिक रोशन ने सुपर 30 (Super 30) के जरिए भी खूब तारीफें बटोरी थीं. 

 फेसबुक… सोशल मीडिया नेटवर्किंग का वो प्लेटफॉर्म जिससे दूरी सही नहीं जाती है. फेसबुक, यानी वो वर्चुअल अड्डा जहां हाजिरी लगाए बगैर जी नहीं मानता. क्या युवा, क्या उम्रदराज, क्या महिला क्या छात्र… हर उम्र के लोग फेसबुक की ऑनलाइन दुनिया में रच-बस गए हैं. 

अपनी बात पोस्ट करनी हो, या फोटो अपलोड करना हो, या फिर वीडियो शेयर करना हो… हर सवाल का जवाब फेसबुक ही है. आलम ये है कि देश का हर दसवां आदमी इन दिनों फेसबुक पर सक्रिय है. दुनिया में जितने फेसबुक यूजर्स हैं उनमें से हर तेरहवां यूजर भारत का है. लेकिन फेसबुक ने एक ऐसा प्रस्ताव रखा कि भारत के यूजर्स हैरान रह गए और कई तो हलकान हो गए.

दरअसल, फेसबुक से LIKES को सार्वजनिक तौर पर नहीं दिखाना प्रस्ताव है. इसे ऐसे समझिए कि अगर आपने कुछ पोस्ट किया तो उस पर जितने LIKES आ रहे हैं उसे आप तो देख पाएंगे. लेकिन बाकी लोग नहीं देख पाएंगे यानी दूसरों को पता ही नहीं चल पाएगा कि आपके पोस्ट को कितने LIKES मिले?

 साइबर एक्सपर्ट का कहना है कि ऐसा नहीं है कि LIKES पूरी तरह से लुप्त होने वाले हैं. जब आप पोस्ट करेंगे तो आपके सामने LIKES का आंकड़ा आ जाएगा कि कितने लाइक्स हुए, कितने के रिएक्शन्स आए. लेकिन जो नॉर्मल यूजर्स हैं, उसको कुछ पता नहीं लग पाएगा.

फेसबुक यूजर्स कह रहे हैं कि ये भी कोई बात हुई कि हम पोस्ट करें और दुनिया को पता ही नहीं चल पाए कि उस पोस्ट पर कितने LIKES आए. कई फेसबुक यूजर्स तो इसीलिए पोस्ट करते हैं, फोटो-वीडियो अपलोड करते हैं कि उसे अधिक से अधिक LIKES आए और दुनिया को पता चल सके कि उसके पोस्ट में कितना दम है? अब जब फेसबुक सार्वजनिक तौर पर ये बताना ही बंद कर देगा कि किसी पोस्ट को कितने LIKES मिले हैं तो फिर पोस्ट करने की दीवानगी तो छू-मंतर हो जाएगी.

ये बात सच है कि फेसबुक पोस्ट पर कितने LIKES आए हैं, इसे जानने के लिए लोग बेचैन रहते हैं. पोस्ट किया नहीं कि वो बार-बार स्क्रॉल करते हैं कितने LIKES मिले. वहीं दूसरे लोग भी ये देखते रहते हैं किसी के फेसबुक पोस्ट पर कितने LIKES आए. किसे कितने LIKES मिले, इसे लेकर कंपीटिशन का दौर शुरू हो जाता है. ईर्ष्या और जलन की भावना भी पैदा होने लगती है.

 फेसबुक पर LIKES, शेयर, कमेंट्स, फॉलोअर्स को लेकर सनक की हद तक दीवानगी बढ़ती जा रही है जिसे लेकर मनोवैज्ञानिक भी चिंतित रहते हैं. हाल ये है कि फेसबुक को लेकर ये दीवानगी धीरे-धीरे सनक में तब्दील होती जा रही है.

स्कूली बच्चों में भी फेसबुक को लेकर बहुत क्रेज है. ऐसे में अधिक से अधिक LIKES पाने और उसे दुनिया को बताने की सनक उनमें भी बढ़ने लगी है. हालत ये हो जाती है कि जिन्हें कम LIKES मिलते हैं, उन बच्चों के दिलोदिमाग में हीन भावना घर करने लगती है.

फेसबुक के प्रस्ताव के पीछे तर्क ये है कि ज्यादा LIKES का हौव्वा दिखाकर खुद को ज्यादा मशहूर मानने की हनक खत्म हो. कई युवा मानते हैं कि फेसबुक के इस प्रस्ताव से LIKES के चलते आपस में होने वाली तुलना खत्म होगी और ये अच्छा कदम साबित होगा. फेसबुक के इस कदम का पॉजिटिव और निगेटिव दोनों ही पहलू सामने आ सकते हैं. निगेटिव ये हो सकता है कि LIKES की काउंटिंग को सार्वजनिक तौर पर जाहिर होने से फेसबुक ने रोका तो इस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के प्रति लोगों का रुझान कम हो सकता है.

 फेसबुक अभी LIKES की काउंटिंग को छुपाने को लेकर टेस्टिंग कर रहा है. टेस्टिंग के बाद ही इसे लागू करने का फैसला किया जाएगा. हालांकि इस तरह का एक प्रयोग ऑस्ट्रेलिया में शुरू कर दिया गया है और अब शायद भारत की बारी है.

 नितिन गडकरी ने पेश किया गाय के गोबर से बना साबुन, बांस की बोतलें

 सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम (एमएसएमई) मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को गाय के गोबर और बांस की बनी पानी की बोतलें पेश की। इन उत्पादों को खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग ने तैयार किया है। मंत्री ने मंगलवार को गांधी जयंती के मौके पर एक कार्यक्रम में कहा कि वह जैविक खेती और उसके लाभ के पुरजोर समर्थक है। 

सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की भी जिम्मेदारी संभाल रहे गडकरी ने बेहतर प्रदर्शन करने वाली निर्यात इकाइयों से नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध होने को कहा। उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने एक योजना का प्रस्ताव किया है जिसके तहत इस प्रकार की एमएसएमई इकाइयों में 10 प्रतिशत इक्विटी भागीदारी केंद्र सरकार की होगी। 

 गडकरी ने एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘…हमने एक योजना तैयार की है और उसे वित्त मंत्रालय के पास भेजा है जहां 10 प्रतिशत इक्विटी का योगदान सरकार करेगी।’’ मंत्री ने कहा कि खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) को अगले दो साल में 10,000 करोड़ रुपये का कारोबार हासिल करना चाहिए और खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर रोजगार सृजित करने चाहिए। 

गडकरी ने केवीआईसी द्वारा बेचे जाने वाले उत्पादों की ब्रांडिंग के महत्व और ग्राहकों के बीच जैविक वस्तुओं की स्वीकार्यता बढ़ने को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, ‘‘हमें गुणवत्ता और बेहतर पैकेजिंग के साथ महात्मा गांधी के आर्थिक विचारों की भावना के समझौता किये बिना पेशेवर और पारदर्शी रुख की जरूरत है।’’ बांस की बनी पानी बोतल की कीमत 560 रुपये और 125 ग्राम का साबुन का दाम 125 रुपये है। 

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