एक जून से किसान आंदोलन & TOP NATIONAL NEWS 29 MAY18

 कैराना उपचुनाव : 73 मतदान केंद्रों पर फिर से होगी वोटिंग, चुनाव आयोग ने किया फैसला

HIGH LIGHT; मध्य प्रदेश में किसान संगठनों द्वारा प्रस्तावित किसान आंदोलन #एयर इंडिया का सीनियर एग्जक्यूरटिव बीते छह सालों से न केवल उसका यौन उत्पीड़न कर रहा है #प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नागर विमानन मंत्री सुरेश प्रभु से मदद की गुहार लगाई  # सेना हाथ बांधकर नहीं बैठी है – गृह मंत्री राजनाथ सिंह #पूर्व राष्ट्रपति और कांग्रेस के बड़े नेता रहे प्रणब मुखर्जी 7 जून को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के कार्यक्रम में शामिल होंगे. #चीनी अधिकारियों ने भारतीय श्रद्धालुओं को कैलाश मानसरोवर झील में डुबकी लगाने की इजाजत दे दी  #यूपी एटीएस के ASP राजेश साहनी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत#2014 के बाद 23 लोकसभा सीटों पर उपचुनाव हुए, जिसमें BJP एक भी नई सीट नहीं जीत पाई, उल्टा 10 में से 6 सीटें गंवा दीं#   कैराना लोकसभा सीट के 73 बूथों पर कल दोबारा मतदान# गुजरात के भुज में  5 महीने 111 नवजात बच्चों की मौत # मशहूर भजन गायक नरेंद्र चंचल के घर छापा

देशभर में बढ़ रही पेट्रोल-डीजल की कीमतों से आम जनता त्रस्त है। लोगों में केंद्र सरकार के खिलाफ गुस्सा है। पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगातार हो रही वृद्धि के खिलाफ लोग विरोध प्रदर्शन भी कर रहे हैं। पंजाब के समराला में भारतीय किसान यूनियन पेट्रोल-डीजल की कीमतों में हो रही वृद्धि के खिलाफ ट्रेक्टर रैली निकाली। इस रैली में किसानों राज्य सरकार और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की। वहीं, देश में प्रेट्रोल डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी होने के बाद से यूपी के बहराइच में नेपाल से पेट्रोल-डीजल की तस्करी कर यूपी में बेचने की खबर सामने आ रही है। इस पर यूपी पुलिस का कहना है कि जो लोग इसमें शामिल हैं, हम उसके खिलाफ सख्त एक्शन लेंगे और भविष्य में कोई ऐसा न करे इसके लिए पहले तैयारी करेंगे।   

उज्जैयन: मध्य प्रदेश में एक जून से होने वाले किसान आंदोलन को लेकर पुलिस पूरी तरह से मुस्तैद है. आंदोलन के दौरान आंदोलनकारियों से निपटने के लिए किसान को लाठी, डंडे, वाहन और अतिरिक्त फोर्स का डिप्लोयमेंट कर दिया गया है. प्रशासन ने 35 जिलों में करीब 10 हजार लाठी-डंडे बंटवाए हैं और 5000 अतिरिक्त जवान तैनात किए हैं. स्थानीय स्तर पर भी पुलिस फोर्स ने मोर्चा संभाल लिया है. पिछले साल के किसान आंदोलन से सबक लेते हुए इस बार आगामी एक जून से होने वाले गांव बंद आंदोलन के लिए पुलिस मुख्यालय ने तैयारी कर ली है. आईजी मकरंद देउस्कर ने बताया कि आंदोलनकारियों से निपटने के लिए पुलिस तैयार है. चिन्हित 35 जिलों में 10 हजार लाठियों के साथ हेलमेट, चेस्टगार्ड आवंटित किए गए हैं. 100 के तकरीबन चार पहिया पुलिस वाहनों को भेजा गया. सबसे ज्यादा वाहन इंदौर, राजगढ़ में 8-8, मुरैना में 7, भोपाल, दतिया में 6-6, शिवपुरी, गुना, सतना में 5-5 गाड़ियां दी गई. मध्य प्रदेश में किसान संगठनों द्वारा प्रस्तावित किसान आंदोलन से निपटने के लिए पुलिस प्रशासन ने करीब 1200 लोगों को प्रतिबंधात्मक नोटिस जारी किए हैं. इसमें मध्यप्रदेश कांग्रेस समन्वय समिति के सदस्य राजेंद्र सिंह गौतम को प्रतिबंधात्मक नोटिस जारी हुआ है. हालांकि उनके घर पर ना मिलने की वजह से उन्हें नोटिस सर्व नहीं हो पाया है. इन नोटिसों के जरिए 25000 रुपये तक के बांड भी भरवाए जा रहे हैं. मध्य प्रदेश में किसान संगठनों द्वारा प्रस्तावित किसान आंदोलन से निपटने के लिए पुलिस प्रशासन ने करीब 1200 लोगों को प्रतिबंधात्मक नोटिस जारी किए हैं. वहीं प्रशासन ने गड़बड़ी से निपटने के लिए नीमच जिले के मनासा के ढाकनी गांव निवासी 80 वर्षीय एक बुजुर्ग किसान को भी नोटिस थमा दिया. आपको बता दें कि किसान संगठनों द्वारा एक से दस जून तक प्रस्तावित किसान आंदोलन को लेकर हाई अलर्ट पर है.
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एयर इंडिया का सीनियर एग्जक्यूरटिव बीते छह सालों से न केवल उसका यौन उत्पीड़न कर रहा है
: छह सालों से यौन उत्पीाड़न का शिकार हो रही एयरहोस्टे स ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नागर विमानन मंत्री सुरेश प्रभु से मदद की गुहार लगाई है. मदद मांगने वाली एयरहोस्टेपस एयर इंडिया में कार्यरत है.

पीड़िता ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि एयर इंडिया का सीनियर एग्जक्यूरटिव बीते छह सालों से न केवल उसका यौन उत्पीड़न कर रहा है बल्कि उसे प्रताड़ित भी कर रहा है. पीड़िता के अनुसार न्याडय पाने के लिए उसने एयरलाइंस के तमाम मंचों पर अपनी शिकायत दर्ज कराई, लेकिन उसे कहीं से भी न्या य नहीं मिला. पीड़िता ने अपनी शिकायत में लिखा है कि उसका सिस्टनम से भरोसा बुरी तरह से डगमगा गया है. लंबे समय से उत्पीिड़न की शिकायत करने के बावजूद न उसे कानून से कोई प्रोटेक्शतन मिला और न ही उसकी शिकायतों की सही जांच हुई. यौन प्रताड़ना से टूट चुकी इस एयरहोस्टेकस ने आखिर में 25 मई को नागर विमानन मंत्री सुरेश प्रभु को पत्र लिखकर न्या य दिलाने की मांग की है. एयरहोस्टेसस ने इस पत्र की एक कॉपी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नागर विमानन मंत्री जयंत सिन्हा को भी भेजी है.

न्याय की आस में बैठी इस एयरहोस्टेीस ने 26 मई को अपनी शिकायत प्रधानमंत्री, नागर विमानन मंत्री सहित विभिन्न‍ संस्थामओं को ट्वीट किया है. पीड़िता एयरहोस्टेास ने अपनी शिकायत में लिखा है कि बीते छह सालों से वह यौन उत्पीाड़न, प्रताड़ना और भेदभाव का शिकार हो रही है. आरोपी सीनियर एग्जिक्यूपटिव लगातार उससे सामने अश्लीाल और आपत्तिजनक कृत्यर करता आया है. वह हमेशा आफिस में काम करने वाली महिलाओं को बार में शराब पीने के लिए मजबूर करता है. मजबूर की जाने वाली महिलाओं में वह भी शामिल है. बात मानने से इंकार करने पर आरोपी न केवल उसे प्रताड़ित कर रहा है बल्कि उसे उसकी पोजीशन और विशेषाधिकार से भी वंचित कर दिया है. एयरहोस्टेरस का आरोप है कि उसने अपने साथ हो रही उत्पी ड़न की शिकायत एयरलाइंस प्रबंधन को सितंबर 2017 में दी थी. लंबे इंतजार के बावजूद इस मसले पर कोई कार्रवाई नहीं की. जिसके बाद उसने इस बाबत एयरलाइंस के सीएमडी को भी पत्र लिखा, लेकिन नतीजा फिर भी सिफर रहा. उसके लिए सबसे दुखद बात यह थी कि उसे कमजोर करने के लिए एयरलाइंस में उसके खिलाफ तरह-तरह की अफवाहें उड़ाना शुरू कर दिया गया. ये अफवाहें सीधे तौर पर उसके चरित्र को चोंट पहुंचाने वाली थीं. उसने न्याेय पाने के लिए कानून में निर्धारित सभी नियमों का अक्षरश: पालन किया, बावजूद इसके उसको कहीं से भी न्यािय नहीं मिला. एयरहोस्टेास ने एयरलाइंस की वूमन सेल पर आरोप लगाया है कि उसकी शिकायत पर सेल ने कार्रवाई करने की बजाय फाइल को ही दबा दिया. एयर इंडिया की वूमन्सर कमेटी लगातार इस मामले को दबाने की कोशिश करती रही. जिन अधिकारियों पर न्यााय दिलाने की जिम्मेशदारी थी, वे खुलेआम आरोपी सीनियर एग्जयक्यूरटिव के पक्ष में खड़े नजर आए. कमेटी की चेयरपरसन पर एयरहोस्टेपस ने आरोप लगाते हुए कहा है कि वह खुलेतौर पर आरोपी के पक्ष में दिख रहे हैं. एयरलाइंस के कुछ पूर्व बोर्ड मेंबर अपनी पहुंच का इस्तेिमाल कर सेक्सुहअल ह्रासमेंट कमेटी को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं. यरहोस्जेसस की शिकायत मिलने के बाद नागर विमानन मंत्री सुरेश प्रभु ने ट्वीटर पर जानकारी दी कि उन्होंगने इस मसले पर एयर इं‍डिया के सीएमडी को जांच करने के लिए बोला है. उन्‍होने यह भी निर्देश दिए हैं कि जरूरत पड़े तो इस मामले की जांच के लिए अगल कमेटी का गठन कर दिया जाए.
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सेना हाथ बांधकर नहीं बैठी है – गृह मंत्री राजनाथ सिंह
जम्मू कश्मीर में रमजान के महीने में भारतीय सुरक्षाबलों द्वारा ऑपरेशन नहीं करने को लेकर गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, ‘सेना हाथ बांधकर नहीं बैठी है.’ यूपी राजधानी लखनऊ में प्रेस से बात करते हुए कश्मीर में रमजान के दौरान ‘संघर्ष विराम’ घोषित करने के बावजूद होने वाली हिंसा के सवाल पर गृह मंत्री ने स्पष्ट किया कि कश्मीर में ‘सीजफायर’ नहीं है बल्कि ‘सस्पेंशन ऑफ ऑॅपरेशन’ (कार्रवाई कुछ समय के लिए रोक देना) है. सेना हाथ बांधकर नहीं बैठी है.
राजनाथ सिंह ने कहा, यह युद्धविराम (सीजफायर) नहीं था, बल्कि रमजान को देखते हुए सेना ने अपने ऑपरेशन को रोक दिया था. लेकिन इसमें साफ तौर पर कहा गया था कि किसी भी आतंकी गतिविधि के होने पर हम ऑपरेशन दोबारा शुरू करेंगे. हमने अपने सुरक्षाबलों के हाथ नहीं बांध रखे है. हमारे सुरक्षाबलों ने हमला होने पर 5 आतंकियों को मार गिराया है.
राजनाथ सिंह ने एक अन्य सवाल पर कहा कि कश्मीर मसले पर बातचीत से कोई परहेज़ नहीं है. उन्होंने बताया कि अर्द्धसैनिक बलों में बहुत सा काम किया जा रहा है. अर्द्धसैनिक बलों की लगभग 10 लाख की फोर्स पूरे देश में है. जब कोई जवान शहीद होता था तो उसके परिजनों को 50-55 लाख रुपये दिए जाते थे लेकिन हमने तय किया कि ऐसे मामलों में एक करोड़ रुपये से कम नहीं दिए जाएंगे. इसके अलावा केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कहा कि डॉलर और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दाम बढ़ने से पेट्रोल-डीजल के दाम चढ़े हैं लेकिन केन्द्र सरकार पेट्रोलियम उत्पाद की कीमतों को कम करने में लगी हुई है. राजनाथ ने यहां उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता में कहा, ‘मैं स्वीकार करता हूं कि कच्चे तेल और डॉलर के रेट बढ़ने से दिक्कतें आई हैं … पर हमें इससे कोई दिक्कत नहीं आएगी क्योंकि हमारे पास विदेशी मुद्रा का पर्याप्त स्टॉक है.’
उन्होंने कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट (बुनियादी ढांचा विकास) के मामले में एक तथ्य यह है कि यूपीए-2 सरकार के आखिरी चार साल में औसतन 12 किमी हाईवे रोज बनते थे, लेकिन हमारी सरकार के चार साल में प्रतिदिन औसतन 27 किमी राजमार्ग निर्माण का काम हो रहा है. राजनाथ ने कहा कि इस सरकार ने जितना जोर बुनियादी संरचना के विकास पर दिया है, उस हिसाब से 2040 तक अकेले इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में ही चार से पांच हजार अरब डॉलर का निवेश होगा. उन्होंने कहा कि देश के पूर्वोत्तर में दो दशक में उग्रवाद में 85 फीसदी की कमी आई है. सुरक्षाकर्मियों और आम नागरिकों की मौत के मामले में 96 फीसदी की कमी आई है और नक्सलवाद की घटनाओं में कमी आई है.
केन्द्र की मोदी सरकार के चार वर्ष की उपलब्धियां गिनाते हुए राजनाथ ने कहा, ‘नक्सलवाद 2013 में 76 जिलों से 2018 तक 58 जिलों तक सीमित रह गया है. हमने क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम्स (सीसीटीएनएस) बनाया, जिसकी विदेश में भी तारीफ हुई.’ उन्होंने कश्मीर मुद्दे पर कहा कि वहां 2010-2013 में 471 आतंकी मारे गए थे जबकि 2014-2017 में 619 आतंकी मारे गए हैं.
राजनाथ ने कहा कि हमारी सरकार के किसी मंत्री के दामन पर भ्रष्टाचार का दाग नहीं लगा. आर्थिक अपराधियों के देश छोड़कर भागने पर किये गये सवाल पर उन्होंने कहा, ‘मैं कांग्रेस के लोगों से सवाल करता हूं कि क्या आपकी सरकार रहते लोग नहीं भागे. हमने ऐसा कानून बनाया है कि हम विदेशों में भी आर्थिक अपराधी की संपत्ति जब्त करेंगे.’’ उन्होंने कहा कि ग्रामीण सड़क कनेक्टिविटी के क्षेत्र में भी हमारी सरकार ने शानदार काम किया है. 2022 आते-आते किसानों की आमदनी दोगुनी होगी. पहली बार भारत के इतिहास में ऐसा हुआ है कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए 14 लाख करोड़ रुपये बजट का प्रावधान किया गया है.
राजनाथ ने कहा कि भारत में मोबाइल क्रांति का जनक अगर कोई रहा है तो वह पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी हैं. सड़क संपर्क अटल की देन है, जिसे मौजूदा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने और आगे बढ़ाया. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने ‘जैम’ (जेएएम: जन धन योजना, आधार और मोबाइल) के जरिए एक नई व्यवस्था भारत में बनाई है, जिसका भरपूर लाभ भारतवासियों को मिल रहा है.

(4)प्रणब मुखर्जी 7 जून को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के कार्यक्रम में शामिल होंगे

पूर्व राष्ट्रपति और कांग्रेस के बड़े नेता रहे प्रणब मुखर्जी 7 जून को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के कार्यक्रम में शामिल होंगे. इसको लेकर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है. एक तरफ कांग्रेस के कई नेता इससे हैरान हैं तो वहीं आरएसएस ने इस मुद्दे पर बयानबाजी को गलत बताया है. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी कहा है कि आरएसएस कोई पाकिस्तानी संगठन नहीं है जो लोगों को आपत्ति होनी चाहिए.  लगातार हो रही बयानबाजी पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का भी बयान आया है. RSS की ओर से कहा गया है कि जो लोग संघ को जानते हैं उनके लिए ये कोई चौंकाने वाली बात नहीं हैं. हमने अपने कार्यक्रमों में पहले भी देश के बड़े लोगों को बुलाया है, इसी प्रकार इस बार हमने प्रणब मुखर्जी को बुलाया है. और ये उनका बड़प्पन है कि उन्होंने हमारा न्यौता स्वीकार भी कर लिया है.  

कांग्रेस नेता टॉम वडक्कन ने कहा है कि प्रणब मुखर्जी अब किसी पार्टी के सदस्य नहीं हैं, लेकिन कांग्रेस पार्टी और मैं आरएसएस की विचारधारा के खिलाफ हैं. उन्होंने कहा कि आप ही बताइए कि राष्ट्रपति किसी पार्टी के होते हैं क्या, नहीं वह किसी पार्टी के नहीं होते हैं. अब उनको न्योता आया है, वे जाएंगे या नहीं जाएंगे, इस पर मैं कुछ नहीं कह सकता हूं.

उन्होंने कहा कि अगर वह वहां पर जाएंगे, तो क्या बोलेंगे और क्या होगा? ये तो इवेंट के बाद ही पता चलेगा, इसलिए अभी हमारा कमेंट नो कमेंट ही रहेगा  इस मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि अगर प्रणब मुखर्जी आरएसएस के कार्यक्रम में जाते हैं तो बुरा क्या है. आरएसएस देशभक्तों संगठन है, इसमें कोई बुराई की बात नहीं है. उन्होंने कहा कि आरएसएस कोई आतंकी संगठन नहीं है, ना ही कोई पाकिस्तानी संगठन है इसलिए किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए.

गौरतलब है कि पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी 7 जून को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के नागपुर मुख्यालय जाएंगे. वह संघ शिक्षा वर्ग के तृतीय वर्ष में शामिल हो रहे स्वयंसेवकों को संबोधित करेंगे. वह नागपुर में दो दिन रहेंगे और 8 जून को वापस लौटेंगे. संघ शिक्षा वर्ग के शिविर समापन समारोह में मुखर्जी शामिल होंगे. वह इस समारोह के मुख्य अतिथि होंगे. इस शिविर में करीब 700 स्वयंसेवक शामिल हो रहे हैं. 

(5)चीनी अधिकारियों ने भारतीय श्रद्धालुओं को कैलाश मानसरोवर झील में डुबकी लगाने की इजाजत दे दी

चीनी अधिकारियों ने भारतीय श्रद्धालुओं को कैलाश मानसरोवर झील में डुबकी लगाने की इजाजत दे दी है. श्रद्धालुओं ने मंगलवार को मानसरोवर झील में डुबकी लगाई और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को शुक्रिया भी अदा किया.

मानसरोवर झील में श्रद्धालुओं समेत डुबकी लगाने के बाद पुजारी संजीव कृष्ण ठाकुर ने कहा, ‘हमें आज पवित्र मानसरोवर झील में डुबकी लगाने का मौका मिल गया, मैं भारत सरकार और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का शुक्रिया अदा करता हूं.’ इससे पहले संजीव ने श्रद्धालुओं के जत्थे के साथ एक वीडियो में यह दावा किया था कि चीनी अधिकारी मानसरोवर झील में पवित्र डुबकी लगाने की अनुमति नहीं दे रहे हैं. उन्होंने गुस्से में सवाल भी किया था कि अगर अनुमति नहीं मिलनी थी तो श्रद्धालुओं को वीजा और परमिट क्यों जारी किए गए थे. पुजारी ने यह भी कहा था कि जब तक उन्हें झील में डुबकी लगाने की इजाजत नहीं मिल जाती तब तक वे वहां से नहीं हटेंगे. 

हालांकि सुषमा स्वराज ने इस दावे को खारिज कर दिया था और कहा था कि नदी में नहाने की हमेशा एक तय जगह होती है और आप कहीं भी डुबकी नहीं लगा सकते.  कैलाश मानसरोवर तिब्बत में है और बर्फीले रास्तों की यह यात्रा बहुत कठिन होती है. यह यात्रा 2 मार्गों से पूरी की जाती है. एक मार्ग है उत्तराखंड का लिपुलेख दर्रा और दूसरा रूट है सिक्किम का नाथू ला दर्रा. भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से हर साल जून से सितंबर के बीच कैलाश मानसरोवर यात्रा का आयोजन किया जाता है. पिछले साल कैलाश मानसरोवर यात्रा के दौरान नाथू ला दर्रा बंद था, जिस वजह से तीर्थयात्रियों को काफी मुश्किल हुई थी.

विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने जानकारी दी है कि इस बार कुल 1 हजार 580 तीर्थयात्री कैलाश मानसरोवर की यात्रा करेंगे. इस साल तीर्थयात्रियों के 18 बैच बने हैं, और इनके दो वर्ग हैं. एक बैच में 60 तीर्थयात्री होंगे और वे लिपुलेख दर्रे के रास्ते से जाएंगे, जबकि 50 तीर्थयात्रियों वाले 10 बैच नाथू ला दर्रे से यात्रा पर जाएंगे.

(6)ASP राजेश साहनी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत

यूपी एटीएस के ASP राजेश साहनी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है. ऐसा कहा जा रहा है कि उन्होंने एटीएस कार्यालय में ही खुद को गोली मार ली है. उनकी मौत की खबर से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है. सूबे के आलाधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं. इस मामले की जांच की जा रही है.

जानकारी के मुताबिक, ASP राजेश साहनी राजधानी लखनऊ के गोमती नगर स्थित एटीएस मुख्यालय में थे. उन्होंने अपने ड्राइवर से अपनी सरकारी पिस्टल मंगाई. इसके कुछ देर बाद उन्होंने गोली मारकर खुदकुशी कर ली. मौके से कोई भी सुसाइड नोट बरामद नहीं हो पाया है. खुदकुशी के कारणों को पता नहीं चला है

बताया जा रहा है कि राजेश साहनी साल 1992 में पुलिस सेवा में आए थे. वह साल 2013 में अपर पुलिस अधीक्षक के पद पर प्रमोट हुए थे. उनको एटीएस के तेज तर्रार अफसरों में गिना जाता था. अपराधियों में उनका जबरदस्त खौफ था. उन्होंने कई बड़े ऑपरेशन को सफलता से अंजाम दिया था. कई अपराधियों को गिरफ्तार किया था.

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2014 के बाद 23 लोकसभा सीटों पर उपचुनाव हुए, जिसमें BJP एक भी नई सीट नहीं जीत पाई, उल्टा 10 में से 6 सीटें गंवा दीं- 

तीन राज्यों की चार लोकसभा सीटों कैराना (यूपी), पालघर (महाराष्ट्र), भंडारा-गोंदिया (महाराष्ट्र) और नगालैंड पर वोटिंग हुई। चारों में से तीन पर पहले बीजेपी के सांसद थे। चौथी सीट नगालैंड के मौजूदा मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो के इस्तीफे से खाली हुई। वो बीजेपी के समर्थन वाले नगा पीपुल्स फ्रंट से हैं। यानी बीजेपी पर चारों सीटों को बचाए रखने का दबाव है। आंकड़ों को देखें तो पता चलता है कि 2014 के बाद 23 लोकसभा सीटों पर उपचुनाव हुए। जिसमें बीजेपी कोई नई सीट नहीं जीत पाई, उल्टा खुद की 10 से 6 सीट गंवा दीं। सिर्फ चार सीट ही जीत पाई। बीजेपी ने जिन 4 सीटों पर जीत हासिल की उसमें से एक पीएम मोदी, दूसरी असम के सीएम, तीसरी गोपीनाथ मुंडे की परंपरागत सीट थी। चौथी सीट (शहडोल) थी, जहां बहुत कम मार्जिन महज 60 हजार वोट से जीत हासिल की। ऐसे में लोकसभा उपचुनाव में बीजेपी की हार-जीत के सात पैटर्न पता चलते हैं जिसका रिफ्लेक्शन 2019 के चुनाव में देखने को मिल सकता है। 

2014 से लेकर अबतक 23 लोकसभा उपचुनाव हुए। जिसमें से 2014 में दो और 2016 में दो सीटों पर बीजेपी जीत सकी। चारों सीटों को देखें तो पहली सीट वडोदरा की थी। लोकसभा चुनाव में मोदी ने वाराणसी और वडोदरा से चुनाव लड़ा और जीते। बाद में वडोदरा सीट छोड़ दी। यहां से बीजेपी ने डिप्टी मेयर रंजनबेन को मैदान में उतारा। उन्होंने कांग्रेस के नरेंद्र रावत को हराया।

 दूसरी सीट महाराष्ट्र के बीड की थी। जो बीजेपी नेता गोपीनाथ मुंडे के निधन के बाद खाली हुई थी। यहां से बीजेपी की तरफ से गोपीनाथ मुंडे की बेटी प्रीतम मुंडे ने 6.96 हजार मतों के रिकॉर्ड अंतर से जीत हासिल की। कांग्रेस और एनसीपी ने मिलकर चुनाव लड़ा था। तीसरी सीट असम के लखीमपुर की थी। यहां से बीजेपी नेता सर्बानंद सोनोवाल के सीएम बनने के बाद इस्तीफा दिया था। जिसके बाद प्रधान बरुआ ने आसानी से जीत हासिल की। चौथी सीट एमपी के शहडोल की थी। बीजेपी नेता दलपत सिंह परस्ते के निधन के बाद सीट खाली हुई थी। यहां शिवराज कैबिनेट में मंत्री और दो बार सांसद रह चुके ज्ञानसिंह को मैदान में उतारा गया। कांग्रेस ने ज्ञानसिंह को काफी टक्कर दी। लेकिन अंत में बीजेपी ने महज 60,000 वोटों से कांग्रेस की हिमाद्री सिंह को हराया। 

साल 2014 में मोदी की लहर थी। इसी दौरान सपा का गढ़ माने जाने वाले मैनपुरी में उपचुनाव हुए। मोदी की लहर, उसपर से चुनाव प्रचार में केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्र, योगी आदित्यनाथ, प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकंत वाजपेयी ने प्रचार किया। लेकिन बीजेपी सपा के गढ़ में जीत नहीं सकी। सपा नेता तेज प्रताप सिंह यादव ने बीजेपी उम्मीदवार प्रेम सिंह शाक्य को हरा दिया। ये सीट मुलायम सिंहयादव के इस्तीफे के बाद खाली हुई थी।

– साल 2015 में रतलाम-झाबुआ में उपचुनाव हुए। ये सीट कांग्रेस नेता कांतिलाल भूरिया की परंपरागत सीट है। मोदी लहर में बीजेपी नेता दिलीप सिंह यहां से जीत गए थे। उनके निधन के बाद सीट खाली हुई थी। लेकिन कांतिलाल भूरिया ने दिलीप सिंह की बेटी निर्मला भूरिया को 88,877 वोटों से हरा दिया था।

(8)कैराना लोकसभा सीट के 73 बूथों पर कल दोबारा मतदान

वीएम और VVPAT मशीनों में खराबी के आरोपों के बीच उत्तर प्रदेश की कैराना लोकसभा सीट के 73 बूथों पर कल दोबारा मतदान होगा. चुनाव आयोग ने कहा है कि बुधवार को सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक वोट डाले जाएंगे. सोमवार को देश की 4 लोकसभा और 10 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के लिए मतदान हुआ था. कई जगह ईवीएम में गड़बड़ी की शिकायतें मिली थीं.

समाजवादी पार्टी के मुखिया और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक बार फिर ईवीएम को लेकर तंज कसा है. मंगलवार दोपहर अखिलेश ने ट्वीट किया कि ‘सुना है कि ईवीएम गुजरात से मंगवाए गए थे.’ अखिलेश ने तंज कसा कि ऐसा लगता है कि ‘सूरत अब सिर्फ कपड़े नहीं, सरकार बनाने का भी काम करने लगा है.’

दरअसल, कैराना उपचुनाव में VVPAT ख़राब होने की वजह से इन सीटों पर दोबारा मतदान का प्रस्‍ताव चुनाव आयोग को भेजा गया था. कैराना में नकुड़ की 23, गंगोह की 45, थाना भवन की 1, शामली के 4 पोलिंग बूथों पर दोबारा मतदान होगा. गौरतलब है कि 29 मई को उत्तर प्रदेश की कैराना लोकसभा सीट 54 फीसदी और नूरपुर विधानसभा सीट पर 61 फीसदी मतदान हुआ था.

उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी एल वेंकटेश्वरलू ने बताया था कि वोटिंग के दौरान करीब 384 स्थानों पर वीवीपैट खराब होने की शिकायतें मिली थीं, जिन्हें बदल कर सुचारू रूप से वोटिंग कराई गई थी. उन्होंने बताया था कि 2014 में कैराना में 73 फीसदी, जबकि 2017 में नूरपुर में 67 फीसदी वोट पड़े थे. 

ईवीएम और वीवीपैट में खराबी की शिकायतों के बाद विपक्ष ने इसे बीजेपी की साजिश बताया था. कैराना से आरएलडी उम्मीदवार तबस्सुम हसन ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर शिकायत की थी.

इस दौरान उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाया था कि जानबूझकर ईवीएम और वीवीपैट मशीनों से हर जगह छेड़छाड़ की गई है. उन्होंने कहा था कि मुस्लिम और दलित बहुल इलाके में खराब ईवीएम को नहीं बदला गया, भाजपा को लगता है कि वे इस तरह चुनाव जीत सकते हैं.

(9)गुजरात के भुज में  गोरखपुर जैसी दुर्घटना -5 महीने 111 नवजात बच्चों की मौत 

गुजरात के भुज में एजुकेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन द्वारा द्वारा संचालित जीके जनरल अस्पताल में गोरखपुर जैसी दुर्घटना हुई। अस्पताल में पिछले 5 महीने 111 नवजात बच्चों की मौत हो गई।  कांग्रेस इसे लेकर राज्य सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साध रही है। कांग्रेस ने कहा कि अडानी द्वारा संचालित अस्पताल में 14 प्रतिशत मृत्युदर गुजरात में स्वास्थ्य देखभाल की खेदजनक स्थिति को दिखाता है। 

कांग्रेस ने कहा कि आम लोगों को स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने की अपनी जिम्मेदारी भाजपा सरकार ने अपने करीबी लोगों की निजी कंपनियों को सौंप दी, पिछले 5 महीनों में भुज में सैंकड़ों नवजातों की मौतों की जिम्मेदारी से भी पल्ला झाड़ती दिख रही है सरकार।

दरअसल हाल ही में अस्पताल ने अस्पताल के कुछ आंकड़े जारी किए, जिसमें वर्ष 2018 के पहले पांच महीनों (20 मई तक) में 111 शिशुओं की मौत के बारे में बताया गया।

अस्पताल प्रबंधन ने इन मौतों के पीछे के कारण शिशुओं को अस्पताल में देरी से भर्ती कराया जाना या कुपोषण को बताया है। हालांकि गुजरात सरकार ने नवजातों की मौत की जांच के आदेश दे दिए हैं। 

द वायर के मुताबिक गुजरात स्वास्थ्य आयुक्त जयंती रवि ने कहा कि हमने मौतों के कारणों का पता लगाने के लिए विशेषज्ञों की एक टीम गठित की है। टीम के रिपोर्ट सौंपने के बाद हम उचित कदम उठाएंगे।

अस्पताल अधीक्षक जीएस राव द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, 1 जनवरी से 20 मई के बीच 777 नवजात शिशुओं (अस्पताल में जन्मे और जन्म के बाद अस्पताल में भर्ती कराए गए) में से 111 की मौत हो गई, जो 14 प्रतिशत की मृत्यु दर दिखाता है। तो वहीं, 2017 में अस्पताल में 258 नवजातों की मौत हुई थी। जबकि, 2015 और 2016 में अस्पताल में क्रमश: 184 और 164 नवजात मारे गए थे। राव ने बताया कि 2015 में अस्पताल में भर्ती कुल बच्चों पर मृत बच्चों का प्रतिशत 19 था, 2016 में 18 और 2017 में 21 था, जो वर्तमान वर्ष से अपेक्षाकृत अधिक है। इस साल मई तक 111 बच्चों की मौत हुई है। उन्होंने आगे कहा कि मृत्यु दर चूंकि 14 प्रतिशत है, इसलिए मुझे लगता है कि यह पिछले सालों से कम है और जिस तरीके से हम काम कर रहे हैं, यह साल के अंत में सबसे कम ही रहेगी। उनके अनुसार कि मौतों का एक बड़ा कारण बच्चों को अस्पताल पहुंचाने में देरी है। क्योंकि महत्वपूर्ण समय कच्छ जिले के अंदरूनी हिस्सों से बच्चों को भुज लाने में ही बर्बाद हो जाता है। अगर एक परिवार 250 किलोमीटर का सफर तय करके यहां आता है, तो यात्रा में लगी देरी निश्चित रूप से बच्चे के बचने की संभावनाओं पर असर डालती है। हमारा स्टाफ नियमित तौर पर अपने बीच इन मुद्दों पर चर्चा करता है और हम मौतों में कमी लाने पर काम कर रहे हैं। राव ने कहा कि मौतों का एक कारण समय पूर्व जन्म भी है। एक अन्य कारण कुपोषण है क्योंकि मां उचित आहार नहीं ले पाती हैं जो गर्भ में बच्चे के वजन बढ़ाने में सहायक होता है।गुजरात के भुज में एजुकेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन द्वारा द्वारा संचालित जीके जनरल अस्पताल में गोरखपुर जैसी दुर्घटना हुई। अस्पताल में पिछले 5 महीने 111 नवजात बच्चों की मौत हो गई। 

(10)  प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने छापामरी की

अमृतसरः मशहूर भजन गायक नरेंद्र चंचल के घर प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने छापामरी की।   नवरात्र के दिनों में घर से लेकर मंदिर तक ‘तूने मुझे बुलाया शेरावालिये.’ भजन कानों में न पड़े, यह असंभव है। ये भजन नरेंद्र चंचल द्वारा ही गाया गया है। चंचल धार्मिक समारोह से जुड़े हुए सिंगर हैं। घर के पास ही मां काली के मंदिर में उन्हें भेंट गाने के लिए किसी ने कहा। उसी दौरान उन्हें भजन रिकार्ड के लिए मुंबई जाना था। चंचल ने जानबूझकर कहा कि बीमार हूं और वह काली माता मंदिर में भजन गाने की बजाय भजन रिकार्ड करवाने मुंबई चले गए। मुंबई भजन रिकार्ड करते समय उनकी आवाज बंद हो गई। उन्हें समझ आ गया था की मां काली के मंदिर में उन्होंने भजन गाने से इनकार की सजा मां ने दी है। वो अमृतसर आए, मां काली मंदिर में जाकर माफी मांगी तो आवाज वापस आ गई।   नरेंद्र चंचल बचपन में बहुत चंचल थे। दोस्तों के साथ दिनभर खेलना उन्हें बहुत भाता था। स्कूल जाने से थोड़ा घबराते थे। स्कूल जाने लगे तो उनके चंचल दिमाग ने बताया कि शरारतें करोगे तो स्कूल वाले वैसे ही निकाल देंगे, बस फिर क्या था शरारतें करनी शुरू कर दीं। चंचल और उनके दोस्त कूड़े में फेंकी सिगरेट की खाली डिब्बी उठाकर उसे 52 पत्तों की ताश बनाते और उसी से घंटों तक खेला करते थे। समय के साथ चंचल का झुकाव गीतों के तुकबंदी के तरफ चला गया, खासकर मां कैलाशवती जब भी भजन गातीं तो चंचल उन्हें सुनते रहते। मां के साथ-साथ भजन गाना सिखाया। मां के सुर के साथ चंचल का सुर चलने लगा। मां कैलाशवती ने चंचल को मां वैष्णो देवी तक पहुंचाया। चंचल ने जब भजन गाना शुरू किया, उस समय कैसेट का जमाना नहीं था। रिकार्ड बजते थे। चंचल का पहला भजन ‘तेरे नाम दी जपा माला ओ शेरावालिये’ म्यूजिक एलबम में रिलीज हुआ, जिसने सारे रिकार्ड तोड़ दिए। फिल्म आशा में गाए भजन ने चंचल की सारी आशाएं पूरी कर दीं।  चंचल कहते हैं कि मुझे मां कैलाश ने ही मां वैष्णो के पर्वत पर पहुंचाया। मैं जो कुछ हूं मां कैलाशवती और पिता चेतराम के वजह से। मैं धन्य हूं कि मैं गुरुनगरी से हूं। इस नगरी से सब कुछ मिला है। मैं अभी भी जब भी समय मिलता जाता हूं। बस हसरत यही है कि भजन गाते-गाते ही आखिरी सांस लूं।

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