10 प्रमुख समाचार- 12 नव0 2016

अधिशासी अभियंता द्वारा खुदकुशी #मुख्यमंत्री हरीश रावत तथा केन्द्रीय मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने शनिवार को हिमालयन इंस्टीट्यूट हाॅस्पीटल ट्रस्ट तथा स्वामी राम हिमालय विश्वविद्यालय, जौलीग्रान्ट हाॅस्पिटल मंे कैंसर यूनिट का उद्घाटन #www.himalayauk.org (Newsportal) 

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उत्तराखंड जल निगम की कोटद्वार शाखा में तैनात एक अधिशासी अभियंता ने शुक्रवार देर रात को अपने कमरे में फंसी लगा कर खुदकुशी कर ली.
राकेश कुमार नाम के इस अधिशासी अभियंता ने जब शुक्रवार को काफी देर तक अपने परिजनों का फोन नहीं उठाया तो उनके ओर से विभाग के ही दूसरे कर्मचारियों को इस बात की सूचना दी गई. इसके बाद जल निगम जानकीनगर के कर्मचारियों की ओर से जब अधिशासी अभियंता राकेश कुमार चौहान के कमरे का दरवाजा खटखटाया गया तो काफी देर तक दरवाजा नहीं खुला. शक होने पर जल निगम के कर्मचारियों की ओर से बंद कमरे का दवाजा तोड़ा गया तो अंदर का नजारा देख कर उनके होश उड़ गए. कमरे के अंदर राकेश कुमार चौहान का पंखे से शव लटका हुआ मिला.
इसके बाद जल निगम के कर्मचारियों की ओर से इसकी सूचना पुलिस को दी गई. मौके पर पहुंची पुलिस ने राकेश का शव नीचे उतारकर उसके परिजनों को सूचना दे दी है.
बताया जा रहा है कि मृतक राकेश कुमार चौहान पिछले काफी समय से मानसिक तनाव से जूझ रहें थे और अक्सर गुमसुम रहते थे और देर रात को ही देहरादून से विभागीय मीटिग के बाद कोटद्वार लौटे थे.
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एक हजार और पांच सौ के नोट बंद होने के बाद लोग बेहद परेशान नजर आ रहे हैं. पेट्रोल पंप और एटीएम पर लंबी कतारें लगी हैं. अधिकतर जगह पेट्रोल पंप वाले 500 के नोट लेने से साफ मना कर रहे हैं. देहरादून में भी कईं जगह अस्पताल संचालक 500 और 1000 के नोट लेने से कतरा रहे हैं. कई लोग सोशल मीडिया खासकर, फेसबुक पर अपनी परेशानी बयां कर रहे हैं. हाले दिल बया कर रहे हैं.
फेसबुक पर हरिद्वार के रहने वाले डॉ. अजित ने अपनी फेसबुक वाल पर अपनी परेशानी बयां की है. इसी तरह और लोग भी परेशान हैं. पेट्रोल पंपो पर लंबी कतारें लगी हैं. बहुत सी जगह पेट्रोल पंप मालिकों ने तो हजार, 500 के नोट लेने से साफ मना कर दिया है. 100 रुपये के नोट की बेहद किल्लत है. जो पेट्रोल पंप पांच सौ के नोट ले भी रहे हैं, वे पूरे 500 का ही तेल दे रहे हैं. खुले पैसे वापस करने को तैयार नहीं.
देहरादून जिले के थानो निवासी मनोज अनुरागी ने भी एफबी पर कुछ इसी तरह अपनी परेशानी रखी है. ग्राहकों के साथ-साथ सब्जी बेचने वाले और रेस्टोरेंट चलाने वाले बेहद परेशान हैं. ग्राहकों के पास छोटे नोटों की किल्ल्त के चलते उनकी बिक्री बेहद कम हो गई है. सुबह लोगों को दूध, ब्रेड जैसी चीजों के लिए भी तरसते देखा गया. जिन लोगों ने रात में खबर नहीं देखी तो वे सुबह जब दूकानों पर पहुंचे तो उन्हें पता चला कि 1000 या 500 का नोट किसी काम का नहीं है. जो पर्यटक मसूरी,ऋषिकेश और नैनीताल, हरिद्वार जैसी जगहों पर घूमने आए हैं, उन्हें भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
हालांकि परेशानी झेल रहे कुछ लोगों का कहना है कि यह दो या तीन दिन की बात है उसके बाद सब ठीक हो जाएगा. कईं लोगों ने इस कदम के लिए मोदी सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि इससे कालेधन पर रोक लगेगी.
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500 और 1000 रुपये के नोट बंद हो जाने के बाद लोग कामधाम छोड़ बैंक और एटीएम के बाहर लाइन लगाये खड़े हैं. किसी को 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट जमा कराने हैं तो किसी को जरुरी काम के लिए 50 और 100 रुपये के नये नोट चाहिए. प्रदेश 18 संवाददाता ने शुक्रवार सुबह कईं जगहों का जायजा लिया तो हर जगह कमोवेश ऐसे ही हालात दिखे.
रुड़की में रामपुर चुंगी के पास ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स की ब्रांच और एटीएम के बाहर लंबी लाइन लगी थी. बैंक में रुपये जमा कराने वालों की अलग कतार थी तो एटीएम से खुले पैसे लेने वालों की लाइन अलग लगी थी. नौकरीपेशा विकास चौधरी ने बताया कि सुबह से लगी लाइन बढ़ती ही जा रही है. कुंजा बहादुरपुर निवासी राजकुमार एडवोकेट ने बताया कि घर में सब्जी लाने तक के लिए 100 रुपये के नोट नहीं है. भगवानपुर में मैन चौक पर एसबीआई की ब्रांच के बाहर लोगों की लंबी लाइन देखने को मिली. इसी ब्रांच के एटीएम पर भी लंबी लाइन लगी थी. महेश्वरी गांव निवासी विश्वास चौधरी ने बताया कि इतनी लंबी लाइन में लगने का मतलब है कि पूरा दिन खराब करना. सुभाष चौधरी ने बताया कि इससे लोगों को काफी दिक्कतें आ रही हैं.
उत्तराखंड के छोटे शहर ही नहीं ब्लकि राजधानी में भी लोगों की परेशानी कम नहीं थी. रिस्पना पुल के पास विधानसभा रोड पर सुबह 10 बजे लोग आईसीआईसीआई बैंक के एटीएम पहुंचे तो उसमें रुपये नहीं थे. वहां मौजूद गार्ड ने बताया कि दोपहर दो बजे तक ही रुपये आ पायेंगे. अन्य कईं जगहों पर भी लोग भटकते फिर रहे थे. कईं ब्रांच में लोग पैसे बदलने के लिए लाइन में खड़े थे, जब तक उनका नंबर आया तब तक नोट खत्म हो गये.
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हजार और पांच सौ नोट बंद होने से भारतीय व्यापार ही नही बल्कि नेपाल का व्यापार भी प्रभावित हो रहा है. आलम ये है कि उत्तराखंड के सीमांत इलाकों का व्यापार बीते तीन दिनों से चौपट हो गया है. नेपाल से लगे इलाकों में जहां सन्नाटा पसरा है, वहीं भारतीय व्यापारियों को भी पैमेंट लाने में खासी दिक्कत आ रही है. यही नही बड़े नोट बंद होने की मार नेपाली मजदूरों पर भी पड़ी है.
उत्तराखंड में धारचूला से बनबसा तक करीब 300 किलोमीटर का इलाका नेपाल से सटा है. इन इलाकों को भले ही सरहदें बांटती हों, लेकिन यहां रोटी-बेटी के सम्बंध उसी तरह हैं, जैसे एक मुल्क के भीतर हुआ करते हैं. आलम ये था कि नेपाल की बाजारों में नेपाली से ज्यादा भारतीय मुद्रा चलन में रहती है. इसी मुद्रा से नेपाली व्यापारी भारतीय व्यापारियों से जरूरी सामान भी खरीदते आए हैं. लेकिन अब भारत में बड़े नोट बंद से हालात पूरी तरह बदल गए हैं. जिसका खामियाजा नेपाल के साथ ही भारतीय व्यापारियों को भी उठाना पड़ रहा है. पिथौरागढ़ जिले के व्यापार संघ पवन जोशी का कहना है कि बदले हुए हालात में भारत का 85 फीसदी व्यापार प्रभावित हो चुका है।
नेपाली व्यापारी बदले हुए हालात में दोहरे संकट से जूझ रहे हैं. एक ओर जहां उन्हें भारत से सामान लेने में दिक्कत आ रही है,वहीं उनके पास जमा भारतीय करेंसी कैसे बैंकों में जमा हो, ये समझ से परे है. असल में सीमांतवासियों के दिल भले ही सरहदें नही बांटती हों, लेकिन दोनों मुल्कों के कुछ अपने कानून हैं. जिसके चलते नेपाली व्यापारियों के बैंक खाते भारत में नही हो सकते. इसी नियम की मार नेपाली मजदूरों पर भी पड़ रही है.
एक अनुमान के मुताबिक उत्तराखंड में करीब 50 हजार से अधिक नेपाली मजदूर हैं. जिन्हें मजदूरी भारतीय मुद्रा में ही दी जाती रही है. नेपीली मजदूरों के अध्यक्ष चंचल राम का कहना है कि भारत की बड़ी मुद्रा बंद होने से नेपाली मजदूर बर्बाद हो गया है. आलम ये है कि उसके पास अपने घर जाने के लिए चलायमान मुद्रा नही रही.
जारी करेंसी संकट से भले ही भारतीय व्यापारियों का व्यापार प्रभावित हो रहा हो, लेकिन करेंसी एक्सचेंज का संकट उन पर नेपाली व्यापारियों के मुकाबले कम है. ऐसे में ये तय है कि भारतीय मुद्रा को अपनी मुद्रा की तरह इस्तेमाल करने की मार पहली बार नेपाली व्यापारियों और मजदूरों पर पड़ना तय है.
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देहरादून 12 नवम्बर, 2016(सू.ब्यूरो)
मुख्यमंत्री हरीश रावत तथा केन्द्रीय मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने शनिवार को हिमालयन इंस्टीट्यूट हाॅस्पीटल ट्रस्ट तथा स्वामी राम हिमालय विश्वविद्यालय, जौलीग्रान्ट हाॅस्पिटल मंे कैंसर यूनिट का उद्घाटन किया। अस्पताल प्रशासन को उनके प्रयासों के लिए बधाई देते हुए मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि यह एक प्रंशसनीय पहल है जो भविष्य में चिकित्सा क्षेत्र में मील का पत्थर सिद्ध होगी। इस प्रयास से समाज में यह संदेश जाता है कि चिकित्सा संस्थाओं द्वारा लाभ के स्थान पर सामाजिक उदेश्यों या हितों को प्राथमिकता दी जा रही है। यह सामाजिक कल्याण के साथ लाभकारी चिकित्सा पद्धतियों का तारतम्य बिठाने का एक अच्छा प्रयास है।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने इस अवसर पर उपस्थित केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रसाद नडडा से अनुरोध किया कि इस संस्थान को भारत सरकार की ओर से आवश्यक मान्यता शीघ््रा ही प्रदान की जायेगी। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि इस यूनिट के विकास से न केवल उत्तराखण्ड के दुर्गम पर्वतीय क्षेत्रों से आने वाले मरीजों को आवश्यक चिकित्सा सुविधा प्राप्त होगी बल्कि दिल्ली जैसे महानगरों के बड़े अस्पतालों पर मरीजो के अत्यधिक दबावों को कम करने में भी सहायता मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड जैसे पर्वतीय राज्यों के समक्ष वैसे तो विषम भौगोलिक स्थितियों तथा सीमित संसाधनों के कारण अनेक चुनौतियाॅं है परन्तु राज्य का चिकित्सा क्षेत्र  सर्वाधिक चुनौतीपूर्णं है। उक्त चुनौतियों का सामना करने के लिए उत्तराखण्ड सरकार द्व़ारा मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना प्रभावी रूप से लागू कि गई जिसके अन्र्तगत 1.75 लाख रूपये का बीमा कवर प्रदान किया जा रहा है ताकि राज्य का निर्धन वर्ग आर्थिक संसाधनों के कमी होने पर भी आवश्यक चिकित्सा सुविधाओं से वंचित न रह जाय।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने केन्द्रीय मंत्री से आग्रह किया कि राज्य की दुर्गम परिस्थितियों को देखते हुए पर्वतीय क्षेत्रों में डाॅक्टरों को कुछ आवश्यक दवाएं प्रिस्क्राइब करने की अनुमति प्रदान की जाय। आज हमारे पास चिकित्सा आधारभूत सुविधाएं है परन्तु उनके संचालन के लिए पर्याप्त मानव संसाधन मौजूद नही है। भारत सरकार से अनुरोध है कि इस विषय पर गम्भीरता से विचार करते हुए राज्य में ‘‘मिनीमम मेडिकल फेसिलिटी एट एवरी डाॅर स्टेप’’ की अवधारणा को साकार किया जाय। इस वर्ष उत्तराखण्ड सरकार द्वारा दून मेडिकल काॅलेज आरम्भ किया गया। अगले वर्ष अल्मोड़ा में मेडिकल काॅलेज आरम्भ किया जा सकता है यदि केन्द्र सरकार द्वारा इसके लिए वितीय सहायता शीघ््रा अवमुक्त की जाय। राज्य सरकार नर्सिग के क्षेत्र में आठ नए संस्थान स्थापित करने जा रही है जो देश को अच्छी नर्सिग सेवा आपूर्ति में मदद करेगी। हमारे राज्य में मुख्य समस्या एनीमिया एव प्रदर रोग है अतः राज्य सरकार द्वारा वाॅर अगेस्ट एनीमिया एवं ल्यूकोरिया आरम्भ किया गया है। इसके लिए तीन वर्ष की समय सीमा निर्धारित की गई है। हमे अपने चिकित्सा क्षेत्र में सुधार हेतु केन्द्र सरकार से सहयोग तथा सहायता की अपेक्षा है।
इस अवसर पर केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रसाद नडडा ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए बताया कि भारत सरकार द्वारा राज्य के प्रत्येक जिले में डायलिसिस सेंटर खोलने की योजना है इसके लिए प्रस्ताव आमंत्रित है। उन्होंने उत्तराखण्ड सरकार की मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना की प्रंशसा करते हुए कहा कि भारत सरकार द्वारा इसमें 1 लाख रूपये तक का टाॅप अप किया जायेगा।
इस अवसर पर सांसद रमेश पोखरियाल निशंक, डा0 विजय सैनी, विधायक हीरा सिंह बिष्ट, त्रिवेन्द्र सिंह रावत आदि उपस्थित थे।
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उत्तराखण्ड के राज्यपाल डा0 कृष्ण कांत पाल ने संेट थाॅमस काॅलेज, देहरादून के 100 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष में शताब्दी कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। राज्यपाल ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।
     राज्यपाल ने काॅलेज प्रबन्धन, प्रधानाचार्य, शिक्षकों व छात्रों को काॅलेज के 100 वर्ष पूर्ण होने पर शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि सेंट थाॅमस काॅलेज काफी प्रसिद्ध और देहरादून के प्राचीनतम विद्यालयों में से एक है जो निरन्तर छात्रों व उनकी परिजनों में अपना विश्वासनीयता बनाए हुए है।
    उन्होंने कहा कि स्तरीय शिक्षा के साथ-साथ छात्रों के व्यक्तित्व व चरित्र निर्माण पर भी विशेष ध्यान देना काॅलेज प्रबन्धन व शिक्षकों का उत्तरदायित्व है।
    इस अवसर पर सेंट थाॅमस काॅलेज के प्रिंसीपल आर.वी.गार्डनर, लेफ्टिनेंट जन. राकेश शर्मा भी उपस्थित रहे।
शनिवार को पुलिस लाईन ग्राउण्ड में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने एच.एन.एन न्यूज चैनल का विधिवत् शुभारम्भ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री रावत ने एच.एन.एन न्यूज चैनल परिवार को बधाई देते हुए कहा कि आज उत्तराखण्ड में सभी नेशनल और प्रादेशिक न्यूज चैनल विकास कर रहे हैं। राज्य को भी इनका साथ मिल रहा है, और सभी राज्य को कला व संस्कृति को बढ़ावा देने का काम कर रहे हैं। आलोचनाएं भी इसमें मददगार होती हैं।
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने एच.एन.एन. न्यूज चैनल परिवार की पुलिस के जवानों को उनकी वीरता के लिये सम्मानित करने के लिए सराहना की। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की प्रशंसा करते हुए उन्हें राज्य की कानून व्यवस्था की रीढ़ बताया।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री मंत्रीप्रसाद नैथानी, पुलिस महानिदेशक एम.ए. गणपति, अपर पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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शनिवार को पुलिस लाईन ग्राउण्ड में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने एच.एन.एन न्यूज चैनल का विधिवत् शुभारम्भ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री रावत ने एच.एन.एन न्यूज चैनल परिवार को बधाई देते हुए कहा कि आज उत्तराखण्ड में सभी नेशनल और प्रादेशिक न्यूज चैनल विकास कर रहे हैं। राज्य को भी इनका साथ मिल रहा है, और सभी राज्य को कला व संस्कृति को बढ़ावा देने का काम कर रहे हैं। आलोचनाएं भी इसमें मददगार होती हैं।
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने एच.एन.एन. न्यूज चैनल परिवार की पुलिस के जवानों को उनकी वीरता के लिये सम्मानित करने के लिए सराहना की। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की प्रशंसा करते हुए उन्हें राज्य की कानून व्यवस्था की रीढ़ बताया।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री मंत्रीप्रसाद नैथानी, पुलिस महानिदेशक एम.ए. गणपति, अपर पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्रदेश में खेल सुविधाओं के विकास के लिये अगले वर्ष से खेल विभाग के बजट को दुगुना किये जाने के निर्देश दिये है। उन्होंने युवा खिलाड़ियों की मांग पर देहरादून के चारों दिशाओं में चार बेडमिन्टन कोर्ट स्थापित करने, दिसम्बर में बाॅलीबाल टुर्नामेंट आयोजित करने, कम से कम 50 अतिरिक्त कोचों की नियुक्ति करने, फुटबाॅल, बास्केटबाॅल सहित अन्य खेलों का हर साल टुर्नामेंट आयोजित करने, युवा खिलाड़ियों को और बेहतर मौके प्रदान करने के लिय ‘कैच देम यंग’ खेल की नई पाॅलिसी बनाये जाने के साथ ही परम्परागत खेलों को बढ़ावा देने के लिये भी शीघ्र नीति तैयार करने के निर्देश दिये। सभी विभागों में खिलाड़ियों की नियुक्ति से संबंधित प्रस्ताव भी शीघ्र कैबिनेट में लाने के उन्होंने निर्देश दिये।
बीजापुर हाउस सभागार में शनिवार को बड़ी संख्या में युवा खिलाड़ियों से भेंट करते हुए मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि खेल हमारे भविष्य व जीवन का हिस्सा है। दुनिया में सुरक्षित भविष्य भी खेलों में है। खेलों में बेहतर प्रदर्शन पर ही वाहवाही मिलती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्थापित हो रहे महाराणा प्रताप अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में एक स्टेण्ड का नाम प्रख्यात क्रिकेटर महेन्द्र सिंह धौनी के नाम पर तथा महाराणा प्रताप स्पोर्ट स्टेडियम के एस्टोटर्फ हाॅकी मैदान का नाम भारतीय महिला हाॅकी टीम की कप्तान वन्दना कटारिया के नाम पर रखा जायेगा। यह भी नीति बनायी जायेगी कि हमारे प्रदेश का जो भी खिलाड़ी नेशनल टीम में कप्तानी करेगा, उनके नाम को भी स्टेडियमों से जोड़ने तथा खेलों के प्रमोशन के लिये कार्य करने वालों के साथ स्थानीय लोगों को सम्मान देने के लिये खेल मंत्री की अध्यक्षता में कमेटी बनायी जायेगी। उन्होंने कहा कि दिसम्बर प्रथम सप्ताह में प्रदेश में यंग स्पोटर्स पार्लियामेंट का आयोजन किया जायेगा। जिसमें विभिन्न खेलों के विकास हेतु प्राप्त होने वाले सुझावों पर भी अमल किया जायेगा। उन्होंने कहा कि हरिद्वार में 19 से 24 नवम्बर तक बाॅक्सिंग चैम्पियन शिप का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने नाॅन ओलम्पिक गेमों को भी बढ़ावा देने तथा प्रदेश में शीघ्र अन्तर्राष्ट्रीय स्टेडियम की भी स्थापना किये जाने की बात कही।
इस अवसर पर युवा खिलाड़ियों से मुख्यमंत्री ने सीधे बात की तथा उनके विचार सुने। उन्होंने युवा खिलाड़ियों के सुझावों पर अमल के लिये मौके पर ही अधिकारियों को निर्देश दिये। ओलम्पिक खिलाड़ी मनीष रावत, बाॅड़ी बिल्डर खिलाडी राहुल बिष्ट आदि ने भी युवा खिलाड़ियों को खेलों के प्रति समर्पित भाव से जुड़े रहने को कहा। युवा खिलाड़ियों ने खेलों के विकास के लिये मुख्यमंत्री श्री रावत के प्रयासों की सहराहना की।
कैबिनेट मंत्री दिनेश अग्रवाल, सभा सचिव व विधायक राजकुमार, सचिव शैलेश बगोली ने भी खेलों के विकास के लिये किये जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। इस अवसर पर पूर्व विधायक जोत सिंह बिष्ट, बास्केट बाॅल खिलाडी अमित रावत सहित विभिन्न खेलों के खिलाड़ी, खेल विभाग के अधिकारी तथा बड़ी संख्या में युवा खिलाड़ी उपस्थित थे।
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मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर कालेधन व आंतकवाद पर केन्द्र सरकार द्वारा की गई हर कार्यवाही एवं पॉच सौ व हजार रुपये के नोटों को बन्द करने के निर्णय का स्वागत किया है। उन्होंने उक्त निर्णय के परिणामस्वरूप आम जन को होने वाली कठिनाईयों से प्रधानमंत्री को अवगत कराते हुए कहा है कि भारतीय समाज में अपने परिश्रम से व ईमानदारी से संचित की गई जमा पूंजी, जो आम जन व महिलायें अपने परिवार की आपात स्थिति, बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य, निजी आवास व शादी जैसे कार्यो के लिए, आढ़े समय काम आने की सम्भावनाओं पर संचित करते हैं, ऐसे धन के लिए केन्द्र सरकार द्वारा कुछ विशेष छूट दी जानी चाहिए। हमारे समाज में महिलायें स्त्री धन एवं परिवार के बच्चों की गुल्लक आदि व शगुन के रूप में मिलने वाले धन को भी परम्परागत रूप से एकत्रित इस आशा से करती हैं कि संकट की घड़ी में उस धन का उपयोग परिवार के हित में किया जा सकेगा। उन्होने अपने पत्र में देश की अर्थव्यवस्था पूर्व प्रधानमंत्री स्व0 राजीव गांधी, स्व0 नरसिम्हा राव व डा0 मनमोहन सिंह के नेतृत्व में बहुत तेजी से आगे बढ़ने का हवाला देते हुए कहा कि अब देश की अग्रणीय अर्थव्यवस्था के रुप में जाना जाता है, अब हम उन्नीस सौ अठ्त्तर से बहुत आगे निकल आयें हैं, आज छोटे व्यापारी, रेड़ी पट्री वाले भी इस अर्थ व्यवस्था में अपना खून-पसीना देकर भागीदारी कर रहे हैं। श्री रावत ने उत्तराखण्ड राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था में भी कार्यरत व सेवानिवृत्त सैनिक, अर्द्धसैनिक बल, उनसे जुड़े परिवार व गृहणीयां अपनी संचित पूंजी को बैंकिंग सेवाओं की अनुपलब्धता के कारण अपने पास ही रखती हैं पर भी प्रधानमंत्री का ध्यान आकर्षित किया है। उन्होने उपरोक्त सभी वर्गों के संचित धन को काले धन की श्रेणी में रखे जाने को उचित नहीं ठहराया है।
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से अनुरोध करते हुए कहा कि ऐसी संचित पूंजी की सीमा को कम से कम रू0 दस लाख तक व न्यून्तम आयकर के भुगतान के बाद रू0 बीस लाख तक किया जाना आज भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था को देखते हुए किया जाना उपयुक्त रहेगा और उससे आम जनमानस को अपने परिश्रम से संचित की गई पूंजी को खोने की पीड़ा से राहत देने में प्रधानमंत्री का महत्वपूर्ण योगदान रहेगा। उन्होंने इसके लिये एक तिथि व प्रक्रिया निर्धारित करने का भी अनुरोध प्रधानमंत्री से किया है।
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मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर कालेधन व आंतकवाद पर केन्द्र सरकार द्वारा की गई हर कार्यवाही एवं पॉच सौ व हजार रुपये के नोटों को बन्द करने के निर्णय का स्वागत किया है। उन्होंने उक्त निर्णय के परिणामस्वरूप आम जन को होने वाली कठिनाईयों से प्रधानमंत्री को अवगत कराते हुए कहा है कि भारतीय समाज में अपने परिश्रम से व ईमानदारी से संचित की गई जमा पूंजी, जो आम जन व महिलायें अपने परिवार की आपात स्थिति, बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य, निजी आवास व शादी जैसे कार्यो के लिए, आढ़े समय काम आने की सम्भावनाओं पर संचित करते हैं, ऐसे धन के लिए केन्द्र सरकार द्वारा कुछ विशेष छूट दी जानी चाहिए। हमारे समाज में महिलायें स्त्री धन एवं परिवार के बच्चों की गुल्लक आदि व शगुन के रूप में मिलने वाले धन को भी परम्परागत रूप से एकत्रित इस आशा से करती हैं कि संकट की घड़ी में उस धन का उपयोग परिवार के हित में किया जा सकेगा। उन्होने अपने पत्र में देश की अर्थव्यवस्था पूर्व प्रधानमंत्री स्व0 राजीव गांधी, स्व0 नरसिम्हा राव व डा0 मनमोहन सिंह के नेतृत्व में बहुत तेजी से आगे बढ़ने का हवाला देते हुए कहा कि अब देश की अग्रणीय अर्थव्यवस्था के रुप में जाना जाता है, अब हम उन्नीस सौ अठ्त्तर से बहुत आगे निकल आयें हैं, आज छोटे व्यापारी, रेड़ी पट्री वाले भी इस अर्थ व्यवस्था में अपना खून-पसीना देकर भागीदारी कर रहे हैं। श्री रावत ने उत्तराखण्ड राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था में भी कार्यरत व सेवानिवृत्त सैनिक, अर्द्धसैनिक बल, उनसे जुड़े परिवार व गृहणीयां अपनी संचित पूंजी को बैंकिंग सेवाओं की अनुपलब्धता के कारण अपने पास ही रखती हैं पर भी प्रधानमंत्री का ध्यान आकर्षित किया है। उन्होने उपरोक्त सभी वर्गों के संचित धन को काले धन की श्रेणी में रखे जाने को उचित नहीं ठहराया है।
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से अनुरोध करते हुए कहा कि ऐसी संचित पूंजी की सीमा को कम से कम रू0 दस लाख तक व न्यून्तम आयकर के भुगतान के बाद रू0 बीस लाख तक किया जाना आज भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था को देखते हुए किया जाना उपयुक्त रहेगा और उससे आम जनमानस को अपने परिश्रम से संचित की गई पूंजी को खोने की पीड़ा से राहत देने में प्रधानमंत्री का महत्वपूर्ण योगदान रहेगा। उन्होंने इसके लिये एक तिथि व प्रक्रिया निर्धारित करने का भी अनुरोध प्रधानमंत्री से किया है।

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