कैसे चलाये योजनाये? ; मुख्‍यमंत्री ने आई0ए0एस0 अधिकारियों से पूछा

आपकी दृष्टि में, जीरो बजट की कौन सी कल्याणकारी जन योजनाएं चलाई जा सकती है? चकबंदी को कैसे प्रोत्साहित किया जाय? किसान की मदद के लिये आपका क्या विजन है? स्कूली शिक्षा का स्तर कैसे सुधारा जाय? पहाड़ो में स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिये क्या कदम जरूरी है? मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष का आम जनता के हित में अच्छे से अच्छा उपयोग कैसे होना चाहिए? स्वास्थ्य सेवाओं को कैसे मजबूत किया जाय? यह प्रश्न मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने राज्य के सभी आई0ए0एस0 अधिकारियों से पूछे। 

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देहरादून 16 नवम्बर, 2017(सू.ब्यूरो)
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने आई0ए0एस0 वीक के शुभारम्भ सत्र को संबोधित किया।

आपकी दृष्टि में, जीरो बजट की कौन सी कल्याणकारी जन योजनाएं चलाई जा सकती है? चकबंदी को कैसे प्रोत्साहित किया जाय? किसान की मदद के लिये आपका क्या विजन है? स्कूली शिक्षा का स्तर कैसे सुधारा जाय? पहाड़ो में स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिये क्या कदम जरूरी है? मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष का आम जनता के हित में अच्छे से अच्छा उपयोग कैसे होना चाहिए? स्वास्थ्य सेवाओं को कैसे मजबूत किया जाय? यह प्रश्न मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने राज्य के सभी आई0ए0एस0 अधिकारियों से पूछे। मौका था गुरूवार को सचिवालय में आयोजित आई0ए0एस0 वीक के शुभारम्भ सत्र का जहां मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत को बतौर मुख्य अतिथि आमंत्रित किया गया था। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने राज्य के मुख्य सचिव से लेकर प्रोबेशनर आई0ए0एस0 अधिकारी तक से सीधे वार्ता की। उन्होंने अपने विजन को, सरकार की प्राथमिकताओं को साझा किया।
मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं और लिये गये निर्णयों पर आई0ए0एस0 अधिकारियों को खुलकर फीडबैक देने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होने नदियों के पुनर्जीवीकरण के राज्य सरकार के संकल्प पर आई0ए0एस0 अधिकारियों के विचारों को जाना। उन्होंने हाल ही में आई0ए0एस0 अफसरों के स्कूल भ्रमण पर भी विस्तार से चर्चा करते हुए उनका फीडबैक लिया।
गौरतलब है कि इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री जी की उपस्थिति मात्र 45 मिनट ही निर्धारित थी, परन्तु उन्होंने राज्य के विकास और भावी विजन पर आई0ए0एस0 अफसरों से चर्चा हेतु तीन घण्टे से भी अधिक समय व्यतीत किया।
उन्होंने आई0ए0एस0 अधिकारियों को टीम उत्तराखण्ड का महत्वपूर्ण भाग बताते हुए उनको सम्बोधित किया। उन्होंने राज्य के सभी आईएएस अधिकारियों से कहा कि अधिकारी ही सरकार का चेहरा है। सरकार की स्वच्छ व भ्रष्ट्राचार मुक्त छवि बनाने में अधिकारियों का महत्वपूर्ण भूमिका है। सरकार और अधिकारी एक टीम है। उचित तालमेल द्वारा राज्य का विकास करना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। आज सरकार की छवि बेहतर परफोर्म करने की है। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि अधिकारियों से अपेक्षा है कि वे प्रशासनिक क्षेत्र में नए प्रयोग करते रहे। सिर्फ कार्य करने की प्रेरणा स्वच्छ व सर्वहित की होनी चाहिए, सरकार जनहित हेतु अधिकारियों को पूरी तरह से सहयोग करेगी। सरकार प्रशासनिक निर्णयों व कार्यों में बार-बार अनावश्यक हस्तक्षेप नही करती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नौजवान अधिकारियों से राज्य को और भी अधिक उम्मीदे है। नई पीढ़ी के नौजवान अधिकारियों में जोखिम उठाने की क्षमता अधिक है। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि सभी अधिकारियों के अपनी बेस्ट पै्रक्टिसेज को साझा करना चाहिये। प्रशासनिक अनुभवों को साझा करने से क्षमता विकास व राज्य विकास को गति मिलेगी। सरकार राज्य व सामान्य व्यक्ति के हित में कार्य कर रही है इसका संदेश अधिकारी ही दे सकते है। सकारात्मक सोच के साथ कार्य करने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही में आईएएस अधिकारियों का स्कूली छात्रों के साथ संवाद कार्यक्रम का उद्देश्य बच्चों को प्रेरणा देना तथा उनकी समस्याओं को जानना था। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि अधिकारियों को जनता से अधिक से अधिक निरन्तर संवाद बनाना चाहिए।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि सरकार का उद्देश्य 2022 तक किसानों की आय दुगुनी करना और सभी बेघरों को आवास उपलब्ध करवाना है। आवास उपलब्ध करवानें हेतु पात्र व्यक्तियों तथा भूमि का चिन्हीकरण कर दिया गया है। मातृ-शिशु दर में सुधार करना है। पौड़ी, पिथौरागढ़ तथा अल्मोड़ा जैसे कुछ जिलों में लिंगानुपात में भी सुधार की भी आवश्यकता है। सभी गांवों को सड़कों से जोड़ना है। 5 लाख युवाओं को स्किल डेवलपमेंट की टेªनिंग देनी है। 2019 तक प्रत्येक घर में बिजली पहुंचानी है। 2019 तक ही साक्षरता दर को 100 प्रतिशत करना है। उक्त सभी उद्देश्यों को सफलतापूर्वक प्राप्त करना सबका सामूहिक उत्तरदायित्व है।
कार्यक्रम में प्रमुख सचिव वित्त श्रीमती राधा रतूड़ी ने राज्य की वित्तीय स्थिति पर प्रस्तुतिकरण किया। सचिव कृषि श्री डी0सेंथिल पाण्डियन ने किसानों की आय दोगुना करने की कार्ययोजना पर विस्तृत प्रस्तुतिकरण दिया।
इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव डाॅ. रणवीर सिंह, श्री ओम प्रकाश, प्रमुख सचिव श्री आनंदवर्द्धन, श्रीमती मनीषा पंवार सहित सभी वरिष्ठ आई0ए0एस0 अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से गुरूवार को मुख्यमंत्री आवास में विधायक श्री हरबंस कपूर के नेतृत्व में केंद्रीय विद्यालय एफ.आर.आई के अध्यापकों ने मुलाकात की। उन्होंने मुख्यमंत्री को अपनी समस्या से अवगत कराया कि प्रारम्भ में यह विद्यालय सिविल सेक्टर में था। 1984 में एफ.आर.आई ने इसे अपने अधीन लिया। लेकिन अब विद्यालय में एफ.आर.आई के कर्मचारियों के मात्र 24 प्रतिशत बच्चे पढ़ रहे हैं। जिस कारण एफ.आर.आई अब मात्र 24 प्रतिशत फण्ड दे रही है। जिससे अध्यापकों एवं कर्मचारियों को समय से वेतन नहीं मिल पा रहा है।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि इस समस्या के समाधान के लिए मानव संसाधन मंत्रालय एवं वन मंत्रालय भारत सरकार को पत्र लिखेंगे। शीघ्र ही समस्या का समाधान निकाला जायेगा।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से गुरूवार को मुख्यमंत्री आवास में विवेकानंद इण्टर नेशनल फाउण्डेशन के कार्यकारी परिषद के सदस्य पूर्व आईएएस श्री धीरेन्द्र सिंह ने मुलाकात कर माह के अंत में फाउण्डेशन द्वारा प्रस्तावित राष्ट्रीय कान्फ्रेंस को संबोधित करने का निमंत्रण दिया। श्री सिंह ने बताया कि फाउण्डेशन द्वारा जल स्रोतों के संरक्षण, संवर्द्धन तथा ईको सिस्टम पर एक वृहद कान्फ्रेस आयोजित की जा रही है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड सरकार द्वारा नदी संरक्षण पर सराहनीय प्रयास प्रारंभ किये गये है। विशेष रूप से रिस्पना तथा कोसी नदी पुनर्जीवीकरण अभियान से सकारात्मक संदेश गया है। उत्तराखण्ड द्वारा दी जा रही पर्यावरणीय सेवाओं से राज्य का ग्रीन बोनस पर भी अधिकार बनता है।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तराखण्ड सरकार किसानों की आय 2022 तक दो गुनी करने और नदी-जल स्रोतों को संरक्षित-संवर्द्धित करने के लिये प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि राज्य में आर्थिक विकास को गति देना सरकार की प्राथमिकता है।

2022 तक किसानों की आय दो गुना करना सरकार का लक्ष्य: मुख्यमंत्री

सरकार 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लिए संकल्पबद्ध है। इसके लिये जिलाधिकारियों और संबन्धित विभागीय अधिकारियों को पूर्ण प्रतिबद्धता के साथ कार्य करना होगा। बेस्ट प्रैक्टिसेज को चिन्हित करके उनका प्रचार-प्रसार करना होगा। सभी लाइन डिपार्टमेंट(संबंधित विभाग) और फंडिग एजेन्सियों के प्रयासों का एकीकरण करने की जरूरत भी है। किसानों को सभी योजनाओं की जानकारी व सभी सुविधाएं एक स्थान पर मिले इसके लिये एक सिंगल विण्डो सिस्टम स्थापित किया जाना जरूरी है। यह विचार मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गुरूवार को सचिवालय में आई0ए0एस0 वीक के शुभारंभ सत्र में व्यक्त किये।
सचिव कृषि श्री सेंथिल पाण्डियन ने मुख्यमंत्री और अन्य आई0ए0एस0 अधिकारियों के समक्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने संबंधी एक विस्तृत प्रस्तुतिकरण दिया। श्री पाण्डियन ने कहा कि सरकार फार्म मैनेजमेंट के सभी पहलुओं पर ध्यान देगी। किसानों को अच्छी गुणवत्ता के बीज समय पर मिले तथा कृषि मे सीड रिप्लेसमेंट दर बढ़ाना (बीजों में बदलाव) भी प्राथमिकता है। उन्होने कहा कि क्लस्टरवार कृषि उपजांे को चिन्हित कर खेती करना एक लाभदायक उपाय होगा। पाॅली हाउस खेती को भी बढ़ावा दिया जायेगा। सभी किसानों को साॅयल हेल्थ कार्ड दिये जायेंगे और गावों में फार्म मशीनरी बैंक विकसित किये जा रहे हैं। फसल बीमा योजना में ऐसे सभी किसानों को आच्छादित किया जायेगा जिन्होने खेती के लिये ऋण लिया है।
जंगली जानवरों से कृषि को बचाने के लिये क्लस्टरवार ऐसी उपजें चिन्हित की जा रही है, जिनको जंगली पशुओं से खतरा न हो। इसके साथ ही उन्होंने पोस्ट हारवेस्ट प्रबन्धन पर भी अपनी कार्ययोजना बताई। उन्होने कहा कि प्रदेश में 400 से अधिक सहायक कृषि अधिकारी है जो कृषि विषय में परास्नातक हैं इनका उपयोग जिलाधिकारियों को करना चाहिए।
श्री पाण्डियन के प्रस्तुतिकरण के उपरान्त उपस्थित आई0ए0एस0 अधिकारियों ने अपने-अपने सुझाव भी प्रस्तुत किये।

ख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने आई0ए0एस0 अधिकारियों से स्कूली शिक्षा में सुधार के विषय पर वार्ता की।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गुरूवार को सचिवालय में अखिल भारतीय प्रशासनिक सेवा संघ (उत्तराखण्ड काडर) के सम्मेलन में आईएएस अधिकारियों से हाल ही में उनके स्कूल भ्रमण के अनुभवों की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने पूछा कि छात्र-छात्राओं से औपचारिक बातचीत के अतिरिक्त क्या अधिकारियों ने छात्रों से व्यक्तिगत बातचीत कर उनकी समस्याओं को जानने का प्रयास किया ? उन्हें छात्रों की क्या-क्या समस्याएं पता चली तथा सरकार उन्हें कैसे दूर कर सकती है।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि प्रदेश में एक ऐसा डाटा बैंक तैयार करना होगा जिसमें विभिन्न विभागों सेवानिवृत अधिकारी, कार्मिक, वालेन्टीयर्स, वर्तमान अधिकारी, ऐसे लोगों की जानकारी हो जो सरकारी विद्यालयों में पढ़ाने के इच्छुक हों, जो अपना कुछ समय विद्यालयों बिताना चाहे। इसके साथ उन्होंने अवकाश के दिनों में अध्यापकों के लिए विभिन्न विषय विशेषज्ञों और मोटिवेशनल स्पीकर्स द्वारा विशेष कार्यशाला भी आयोजित करने की सलाह दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वप्रेरित अध्यापक की कार्यक्षमता में गुणात्मक वृद्धि होती है। मोटिवेटेड टीचर्स से विद्यार्थियों को बहुत लाभ होता है।
प्रमुख सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने कहा कि शिक्षा क्षेत्र में गुणवत्ता सुधार हेतु सामुदायिक भागीदारी को बढ़ाये जाने की आवश्यकता है।
प्रमुख सचिव श्रीमती मनीषा पंवार ने कहा कि राज्य में पर्यटन व बागवानी की अपार संभावनाओं को देखते हुए पाठयक्रम में पर्यटन, हाॅर्टीकल्चर आदि को शामिल करना आवश्यक है। परम्परागत सरकारी नौकरियों से हटकर छात्रों को कृषि व अन्य स्टार्ट अप के लिये प्रोत्साहित किया जाना भी आवश्यक है। सभी स्कूलों में 11वी व 12वी कक्षा के छात्र-छात्राओं को बेसिक कम्प्यूटर टेªनिंग तथा इंलिश स्पीकिंग के कोर्स अनिवार्य रूप से करवाने होंगे। विद्यालयों में कैरियर काउंसलिंग की भी व्यवस्था जरूरी है ताकि छात्र-छात्राएं 12वी कक्षा के बाद जिस क्षेत्र में जाना चाहते है उसका उचित मार्गदर्शन उन्हें समय से मिल जाय।
सचिव डा0भूपिन्दर कौर औलख ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में फोकस मात्र सुविधाओं के विकास से हटाकर विद्यार्थियों के विकास व क्षमता विकास पर करना होगा। शिक्षकों की कार्यक्षमता का मूल्यांकन छात्रों के परिणामों के आधार पर किया जाना चाहिये।
सचिव श्री अमित नेगी ने सुझाव दिया कि दूरस्थ क्षेत्रों में खुलने वाले सरकारी स्कूलों के साथ ही वहां प्राइवेट स्कूलों को भी प्रोत्साहित करना चाहिये जिससे एक बड़े लक्षित वर्ग तक शिक्षा समान रूप में पहंुचाई जा सके।
सचिव श्रीमती सौजन्या ने सुझाव दिया कि रमसा के अन्तर्गत मिलने वाली राशि का प्रयोग विद्यालयों में ई-लर्निंग, वीडियों लर्निंग, डिजिटल लर्निग को बढावा देने में किया जा सकता है।
जिलााधिकारी ऊधमसिंहनगर डाॅ0नीरज खैरवाल ने जिलें में निम्न आय वर्ग के परिवारों के बालिकाओं की विद्यालयों में कम हाजिरी के बारे में बताया। उन्होंने शिक्षक-अभिभावक बैठक व पारस्परिक चर्चाओं का सुझाव दिया। उन्होंने सुझाव दिया कि प्राइवेट संस्थाएं जो सरकारी स्कूलों को गोद लेना चाहते है तथा वहां मानव संसाधन व अन्य सुविधाओं का विकास करना चाहते है उनके प्रति उदारता की नीति अपनानी होगी तथा प्रशासन को उनका सहयोग करना होगा। सीएसआर व पीपीपी आधार पर भी शिक्षा गुणवता में सुधार किया जा सकता है।
जिलाधिकारी पिथौरागढ़ श्री सी0रविशंकर ने बताया कि सरकार की स्मार्ट क्लासेस का प्रयोग पिथौरागढ़ के दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रों में काफी सफल सिद्ध हो रहा है। हमें मजबूत डिजिटल नेटवर्क के माध्यम से ई-लर्निंग व डिजिटल लर्निंग को दूरस्थ क्षेत्रों में पहुंचाना होगा।
जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग श्री मंगेश घिल्डियाल ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में मात्र अवसंरचना सुविधाओं जैसे फर्नीचर व अन्य सुविधाओं के विकास पर ही ध्यान नही देना होगा बल्कि अच्छे व प्रेरणादायक शिक्षकों की सहायता से भी शिक्षा की गुणवता में बहुत सुधार किया जा सकता है। वीडियों शेयरिंग, डिजिटल लर्निंग को प्रोत्साहित करना होगा।
प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी श्री नरेन्द्र भण्डारी ने सुझाव दिया कि ई-लर्निंग, वीडियों व डिजिटल लर्निंग का पूरा लाभ सभी वर्गो के छात्रों तक पहुंचे, इसके लिए इण्टरनेट पर उपलब्ध ई-क्लासेस के वीडियों को कुमाऊंनी, गढ़वाली व अन्य स्थानीय बोलियों में डब करवाकर विद्यालयों में दिखाया जाना चाहिये।
जिलाधिकारी देहरादून ने सुझाव दिया कि दसवीं व बारहवीं कक्षाओं में छात्र-छात्राओं के उत्तीर्ण होने का प्रतिशत बढ़ाने पर विशेष ध्यान देना होगा, साथ ही अनुत्तीर्ण स्कूली छात्रों के भविष्य व शिक्षा के बारे में विचार किया जाना चाहिए।
इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव डाॅ.रणवीर सिंह, श्री ओम प्रकाश, प्रमुख सचिव श्री आनंदवर्द्धन, श्रीमती मनीषा पंवार सहित सभी वरिष्ठ आई0ए0एस0 अधिकारी उपस्थित थे।

हरादून, 16 नवम्बर 2017, ‘‘राश्ट्रीय प्रेस दिवस’’ के अवसर पर आज जिला सूचना कार्यालय में जिला सूचना अधिकारी अजय मोहन सकलानी की अध्यक्षता में ‘‘ मीडिया के समक्ष चुनौति’’ विशय पर एक गोश्ठी का आयोजन किया गया जिसका संचालन फिल्म विकास परिश्द के सदस्य एवं स्वतन्त्र पत्रकार चन्द्रवीर गायत्री द्वारा किया गया।
गोश्ठी में जिला सूचना अधिकारी अजय मोहन सकलानी द्वारा जनपद के सभी सम्मानित पत्रकारों का राश्ट्रीय प्रैस दिवस पर आयोजित गोश्ठी में स्वागत किया गया और मीडिया के समक्ष चुनौति विशय पर सभी पत्रकारों को सम्बोधन हेतु आमंत्रित किया गया। गोश्ठी में स्वतंत्र पत्रकार साधना षर्मा ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि वर्तमान समय में पत्रकारिता के अति व्यवसायिकरण के चलते खोजी पत्रकारिता, मिषन पत्रकारिता तथा स्वतन्त्र पत्रकारिता अपना महत्व खोती जा रही है। गोश्ठी में पत्रकार बी.डी षर्मा ने कहा कि वर्तमान समय में छोटे, मंझौले और स्थानीय समाचार पत्रों का पत्रकारिता में गैर जुनूनी लोगों के प्रवेष करने तथा बहुत से नियमों के चलते सामचार पत्र दयनीय स्थिति में है। उन्होने कहा कि इस भीड़ में वास्तविक पत्रकारिता आंसू बहा रही है तथा इसमें पत्रकार स्वयं तथा नियम संचालनकर्ता दोनो समान रूप से जिम्मेदार हैं। उन्होने कहा कि आज पत्रकारिता करने वालों को आत्मावलोकन करने की जरूरत है कि छोटे, मंझौले व स्थानीय समाचार पत्रों के स्तर को कैसे उंचा उठाया जाये साथ ही इस बात पर भी संतुलन साधा जाये कि छोटे समाचार पत्र/पत्रकार अपनी जीविका भी सुरक्षित बना सकें तथा पत्रकारित के मिषन की भी पूर्ति की जा सके। गोश्ठी में बुद्धदेव षर्मा ने अलग भाशा के समाचार पत्रों को उभारने तथा संस्कृत भाशा में पत्रकारिता करने पर जोर दिया तथा सुझाव दिया कि संस्कृत को भारत की राश्ट्रीय भाशा का दर्जा मिलना चाहिए और इस पर जहां तक सम्भव है सभी भाशा भाशी राज्य सहमत होंगे। गोश्ठी में भुवन उपाध्याय ने कहा कि स्वतंत्र पत्रकारिता करने में चुनौती जरूर हैं फिर भी व्यवहारिकता, निर्भिकता तथा अपने काम की सही जानकारी के बल बूते पर अपनी एक अलग पहचान बनाई जा सकती है। उन्होने कहा कि पत्रकारित में जहां बहुत सारी चुनौतियां हैं तो वहां अनेक अवसर भी हैं, बस आवष्यकता है तो एक सार्थक प्रयास करते हुए उन अवसरों का लाभ उठाया जाये।
गोश्ठी के संचालनकर्ता व स्वतंत्र पत्रकार चन्द्रवीर गायत्री ने अपने विचार रखते हुए कहा कि आज पत्रकारिता करने वालों को अपने अन्दर स्वंय झांकना चाहिए कि जो हमारे समक्ष चुनौतियां है वह कहीं न कहीं स्वयं हमारे द्वारा तय की हुई है और हम कन्ट्रोवर्सी में आ गये हैं तथा हो सकता है कि किसी विषेश पक्ष को लेकर पत्रकारिता कर रहे हैं। गोश्ठी में पत्रकार निषीथ सकलानी ने कहा कि पत्रकारिता में थोड़ा सा पेषेवर होना स्वभाविक है क्योंकि इसी पर पत्रकारों की जीविका भी निर्भर है तथा उन्होने आग्रह किया कि छोटे, ग्रामीण क्षेत्र के, सीमांत क्षेत्र के तथा अलग भाशा में बहुत कम छपने वाले समाचार पत्रों पर थोड़ी सी सहानुभुति की आवष्यकता है।
गोश्ठी में षूरवीर भण्डारी, एस.पी उनियाल, रामगोपाल षर्मा, षमषेर सिंह बिश्ट, नरेष रोहिला, विजय कुमार मिश्रा, तिलकराज, रजनेष ध्यानी, सर्वेष्वर प्रसाद लखेड़ा, आषुतोश ममगाई, गिरधर गोपाल लुथरा, अषोक अनेजा, अरूण कुमार मोगा, प्रकाष कुलाश्री द्वारा भी अपने विचार रखे।
गोश्ठी के समापन करते हुए जिला सूचना अधिकारी अजय मोहन सकलानी ने कहा कि हमारा प्रयास पत्रकारों तथा उनके समाचार पत्रों की समस्याओं का उचित निराकरण करने का रहता है तथा हमारी यह भी कोषिष रहती है कि वास्तविक पत्रकार के साथ किसी भी प्रकार का अन्याय न हों तथा ऐसे पत्रकार तथा समाचार पत्र जो पत्रकारिता की छवि को धूमिल करते हैं उन पर भी नियंत्रण किया जाये।
इस अवसर पर पत्रकार विकास गर्ग, सचिन गोनियाल, योगेन्द्र मलिक, सुभाश कुमार, पी.एस रांगड़, किषोर बहुगुणा प्रदीप राणा, अतिरिक्त जिला सूचना अधिकारी वीरेन्द्र राणा, संरक्षक रतीलाल, कनिश्ठ सहायक इन्द्रेष चन्द्र, तकनीकि सहायक आनन्द सिंह, वाहन चालक लक्ष्मण सिंह अनुसेवक प्रतिभा लक्ष्मी व पंकज आर्य उपस्थित थे।

हरिद्वार। जिला सूचना अधिकारी कार्यालय हरिद्वार की ओर से गुरूवार को राष्ट्रीय प्रेस दिवस मनाया गया। प्रेस क्लब सभागार में प्रेस क्लब पदाधिकारियों तथा प्रेस प्रतिनिधियों के साथ भारतीय प्रेस परिषद का स्वर्ण जयंती समापन वर्ष भी उल्लासपूर्वक मनाया गया।
संगोष्ठी में मीडिया के समक्ष चुनौतियां विषय पर चर्चा की गयी जिला सूचना अधिकारी कु. अर्चना ने इस विषय पर पत्रकारों के विचार सुने। उन्होंने सभी के पक्ष व सुझाव भी आमंत्रित किये। उन्होंने कहा कि आज के दौर में मीडिया शासन प्रशासन का एक बेहद आवश्यक अंग बन गया है। मीडिया के स्वंतत्र और निष्पक्ष रूप् से कार्य करने से प्रशासन को भी कई ऐसे क्षेत्रों में सुधार और कार्य करने का अवसर मिलता है जो किन्हीं कारणों से प्रशासन की दृष्टि से अछूते रह जाते हैं। मीडिया द्वारा कई जन सरोकारों की समस्या का संज्ञान दिलाया जाता है जो प्राथमिक होती हैं। ोकार्यक्रम में पत्रकारों के सामने चुनौतियों पर विचार प्रकट करते हुए सभी ने पत्रकार सुरक्षा को एकमत होकर मुख्य चुनौती बताया।
श्री त्रिलोचन भट्ट ने वर्तमान दौर में पत्रकार और पत्रकारिता की दिशा और दशा पर अपने विचार प्रकट किये। श्री अविक्षित रमन ने कहा कि भले ही सरकारें मीडिया को मौखिक तौर लोकतंत्र का चैथा स्तम्भ कहती हैं,लेकिन संवैधानिक रूप् से अभी वो स्थान मीडिया को नहीं दिया जा सका है।
व्रिष्ठ पत्रकार श्री ब्रजेन्द्र हर्ष ने कहा कि आर्थिक सक्षमता भी पत्रकारों के समक्ष एक बड़ी चुनौती है। मीडिया घरानों द्वारा पत्रकारों को वेतनाधारित पद पर नियुक्त न किये जाने से चुनौतियां गम्भरी हो रही हैं। श्री दीपक नौटियाल ने पत्रकारिता को उद्देश्यों पर प्रकाश डाला।
म्हामंत्री प्रेस क्लब श्री अमित गुप्ता ने निरंकुश और स्वच्छंद पत्रकारिता पर अपने विचार प्रकट किये। श्री राजकुमार ने राष्ट्रीय प्रेस दिवस के माध्यम से पत्रकारों चुनौतियों को जानने पर शासन के प्रयास की सराहना की। संगोष्ठी में पत्रकार श्री राजकुमार, सुभाष कपिल, सूर्यकान्त बेलवाल, पंडित अश्विनी शर्मा, नरेश दीवान शैली, सुनील शर्मा, मुकेश कुमार, अरूण कुमार, चंदर सिंह, मोहक्कम सिंह आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन श्री श्रवण कुमार झा ने किया।

प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन देहरादून में आज कांग्रेस आईटी विभाग की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता प्रदेश के आईटी प्रभारी व वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष श्री जोत सिंह बिष्ट ने की। बैठक में आईटी विभाग की राष्ट्रीय समन्वयक सुश्री रुचिरा चतुर्वेदी उपस्थित के साथ ही उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी आईटी विभाग के समस्त पदाधिकारी तथा विधानसभा अध्यक्षों व कार्यकर्ता उपस्थित थे। कांग्रेस आई टी विभाग की राष्ट्रीय समन्वयक सुश्री रूचिरा चतुर्वेदी ने सभी कार्यकर्ताओं को आज की राजनीति में सोशल मीडिया के महत्व को विस्तार से समझाया।उन्होंने प्रत्येक बूथ पर आई टी विभाग के गठन पर बल दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की ताकत सोशल मीडिया पर पहले की अपेक्षा अधिक मजबूत हुई है।
बैठक को संबोधित करते हुए जोत सिंह बिष्ट ने कहा कि प्रदेष भर में कांग्रेस कार्यकर्ता सोशल मीडिया पर अच्छे तरीके से काम कर रहे है।उन्होंने बीजेपी द्वारा सोशल मीडिया पर किये जा रहे दुष्प्रचार की निंदा करते हुए बीजेपी को मुँह तोड़ जवाब देने की बात कही।आईटी विभाग के प्रदेश अध्यक्ष श्री अमरजीत सिंह ने रुचिरा चतुर्वेदी का स्वागत करते हुए बैठक में आये आईटी सदस्यों को सम्बोधित करते हुवे आईटी के महत्व को समझाया ओर सभी से बूथ स्तर तक टीम गठित करने के निर्देश दिएए बैठक में मुख्य रूप से आईटी विभाग उपाध्यक्ष विशाल मौर्या, इशिता सेढा, सुमित तिवारी, वैभव शंखधर, पुनीत चौधरी, अनुराग मित्तल, गुरबाज विर्क, नासिर, किशोर कुमार, अनीस अंसारी, शुभम भाटी, आरिफ अल्वी,आदि पदाधिकारीगण उपस्थित थे

हरिद्वार। त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों की एक दिवसीय कार्यशाला (महाकुम्भ) का आयोजन हरकी पौड़ी मालवीय द्वीप पर किया गया। प्रदेश में पंचायतांे को मजबूत बनाने के लिए पंचायतराज मंत्री माननीय अरविंद पाण्डे की पहल पर विशेष आयोजन किया गया। श्री पाण्डे ने कहा कि महात्मा गांधी ने मजबूत और सशक्त भारत निर्माण के लिए ग्रामीण इकाई ग्राम पंचायत को मजबूत बनाने की बात कही है। महात्मा गांधी के सपनों का भारत निर्माण करने के लिए आज हम प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व में अपनी पंचायतों को मजबूत बनाकर प्रदेश और देश को विकसित करने का संकल्प मां गंगा के तट पर लेते हैं। उन्होंने कार्याशाला में आये समस्त पंचायत प्रतिनिधियों को कार्य क्षेत्र में आने वाली कठिनाईयों, आवश्यकताओं से अवगत कराते हुए सुझाव आमंत्रित किये। जनप्रतिनिधियों से आये सुझावों पर सरकार द्वारा निर्णय लेने जाने की भी बात कही।
कार्याशाला के माध्यम से पंचायतराज विभाग की ओर से पंचायत प्रतिनिधियों को ग्रामीण क्षेत्रों हेतु जारी की गयी ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नीति 2017 की जानकारी दी गयी। कार्यशाला में ग्राम पंचायतों द्वारा सुनियोजित तरीके से कूड़ा निस्तारित कराना तथा जैविक एवं अजैविक कूड़े के बारे में आम जनमानस में जानकारी का प्रसार करना, ग्राम पंचायत स्तर पर ग्रामीण स्वच्छता समिति का गठन करना आदि बिन्दुओं पर विस्तृत जानकारी दी गयी।।
मंत्री श्री अरविंद पाण्डे ने प्रदेशभर से आये पंचायत प्रतिनिधियों को स्वच्छ भारत, गरीबी मुक्त भारत, भ्रष्टाचार मुक्त भारत, आतंकवाद मुक्त भारत, जातिवाद मुक्त भारत का सकंल्प दिलवाया। उन्होंने कहा कि मंा गंगा के तट पर लिये इस संकल्प को सिद्धी तक पहुचंाने के लिए हम सभी मन और कर्म से जुट जायेंगे। साथ ही नव भारत के निर्माण में भागीदार बनेगे
कार्यशाला में भारत सरकार द्वारा संचालित पंडित दीनदयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तिकरण एवं नाना जी देशमुख राष्ट्रीय गौरव ग्राम सभा पुरस्कार से सम्मनित ग्राम पंचायतो, क्षेत्र पंचायतो, जिला पंचायतों को पुरस्कृत किया गया। पंडित दीनदयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तिकरण पुरस्कार वर्ष 2017 (मूल्यांकन वर्ष2015-16) के अन्तर्गत जनपद देहरादून के विकासखण्ड विकासनगर की केदारावाला ग्राम पंचायत को 08 लाख की पुरस्कार राशि, जनपद नैनीताल के विकासखण्ड बेतालघाट की भवालीगांव ग्राम पंचायत को 05 लाख रूपये, जनपद देहरादून के विकासखण्ड चकराता की ग्राम पंचायत भटगढ़ी को 05 लाख रूपये, चमोली जनपद के विकासखण्ड नारायणबगड की ग्राम पंचायत कोथरा को 05 लाख रूपये, जनपद पौडी गढ़वाल के विकासखण्ड कल्जीखाल की क्षेत्र पंचायत कल्जीखाल को 25 लाख रूपये, जनपद देहरादून के विकासखण्ड विकासनगर की क्षेत्र पंचायत विकासनगर को 25 लाख रूपये तथा जनपद चमोली की जिला पंचायत चमोली को 50 लाख का पुरस्कार प्रदान किया गया।
नानाजी देशमुख राष्ट्रीय गौरव सभा पुरस्कार के अंतर्गत उत्तरकाशी जनपद के विकासखण्ड मोरी की ग्राम पंचायत कुकरेडा को 10 लाख रूपये का पुरस्कार प्रदान किया गया।
इस अवसर पर सांसद माननीय रमेश पोखरियाल निशंक, परमार्थ आश्रम ऋषिकेश के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद मुनि, माननीय विधायक श्री प्रदीप बत्रा, श्री यतीश्वरानन्द, श्री संजय गुप्ता, श्रीमती ममता राकेश, श्री सुरेश राठौर, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती सविता चैधरी, उपायध्यक्ष राव अफाक खान, मेयर श्री मनोज गर्ग, संजय शर्मा, वरिष्ठ भाजपा नेता बलराज पासी, सचिव पंचायतराज श्री एचसी सेमवाल, संयुक्त सचिव डीपी देवराड़ी, डीपीआरओ आरसी त्रिपाठी सहित प्रशासन के अधिकारी मौजूद थे। गंगा सभा के अध्यक्ष पुरषोत्तम गांधीवादी व पदाधिकारियों ने पंचायतराज मंत्री से गंगा का पूजा अर्चना कराकर मां गंगा की प्रतिमा भेंट की।
कार्यक्रम का संचालन प्रकाश जोशी, विनोद मिश्रा ने किया।

हरिद्वार। जिला सूचना अधिकारी कार्यालय हरिद्वार की ओर से गुरूवार को राष्ट्रीय प्रेस दिवस मनाया गया। प्रेस क्लब सभागार में प्रेस क्लब पदाधिकारियों तथा प्रेस प्रतिनिधियों के साथ भारतीय प्रेस परिषद का स्वर्ण जयंती समापन वर्ष भी उल्लासपूर्वक मनाया गया।
संगोष्ठी में मीडिया के समक्ष चुनौतियां विषय पर चर्चा की गयी जिला सूचना अधिकारी कु. अर्चना ने इस विषय पर पत्रकारों के विचार सुने। उन्होंने सभी के पक्ष व सुझाव भी आमंत्रित किये। उन्होंने कहा कि आज के दौर में मीडिया शासन प्रशासन का एक बेहद आवश्यक अंग बन गया है। मीडिया के स्वंतत्र और निष्पक्ष रूप् से कार्य करने से प्रशासन को भी कई ऐसे क्षेत्रों में सुधार और कार्य करने का अवसर मिलता है जो किन्हीं कारणों से प्रशासन की दृष्टि से अछूते रह जाते हैं। मीडिया द्वारा कई जन सरोकारों की समस्या का संज्ञान दिलाया जाता है जो प्राथमिक होती हैं। ोकार्यक्रम में पत्रकारों के सामने चुनौतियों पर विचार प्रकट करते हुए सभी ने पत्रकार सुरक्षा को एकमत होकर मुख्य चुनौती बताया।
श्री त्रिलोचन शास्त्री ने वर्तमान दौर में पत्रकार और पत्रकारिता की दिशा और दशा पर अपने विचार प्रकट किये। श्री अविक्षित रमन ने कहा कि भले ही सरकारें मीडिया को मौखिक तौर लोकतंत्र का चैथा स्तम्भ कहती हैं,लेकिन संवैधानिक रूप् से अभी वो स्थान मीडिया को नहीं दिया जा सका है।
व्रिष्ठ पत्रकार श्री ब्रजेन्द्र हर्ष ने कहा कि आर्थिक सक्षमता भी पत्रकारों के समक्ष एक बड़ी चुनौती है। मीडिया घरानों द्वारा पत्रकारों को वेतनाधारित पद पर नियुक्त न किये जाने से चुनौतियां गम्भरी हो रही हैं। श्री दीपक नौटियाल ने पत्रकारिता को उद्देश्यों पर प्रकाश डाला।
म्हामंत्री प्रेस क्लब श्री अमित गुप्ता ने निरंकुश और स्वच्छंद पत्रकारिता पर अपने विचार प्रकट किये। श्री राजकुमार ने राष्ट्रीय प्रेस दिवस के माध्यम से पत्रकारों चुनौतियों को जानने पर शासन के प्रयास की सराहना की। संगोष्ठी में पत्रकार श्री राजकुमार, सुभाष कपिल, सूर्यकान्त बेलवाल, पंडित अश्विनी शर्मा, नरेश दीवान शैली, सुनील शर्मा, मुकेश कुमार, अरूण कुमार, चंदर सिंह, मोहक्कम सिंह आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन श्री श्रवण कुमार झा ने किया।

हरिद्वार। भारत सरकार की अमृत योजना कार्यक्रम के अंतर्गत कुल 1164.37 लाख रूपये लागत की सीवरेज योजनाओं का शिलान्यास कैबीनेट मंत्री मदन कौशिक ने गुघाल गेट ज्वालापुर में किया। इसके अंतर्गत चाकलान अहबाब नगर क्षेत्र में 391.62 लाख लागत की कुल 4100 मीटर लम्बी सीवरेज, बाल्मीकि बस्ती एवं घासमण्डी मौहल्ला में 1766 मीटर लम्बाई की कुल लागत 186.95 लाख तथा पवन विहार, बालाजीपुरम, त्रिमूर्तिनगर, बाबर काॅलोनी, तपोवन में कुल लम्बाई 6200 मीटर, अनुमानित लागत 585.80 लाख, से बनने वाली सीवर लाइन बनाने का कार्य किया जाएगा।
शहरी विकास मंत्री ने कहा कि हरिद्वार में एसटीपी का कार्य आरम्भ किया जा रहा है जिसकी लागत 72 करोड़ है। पूरे क्षेत्र में नगर निगम के क्षेत्र, सेमी अर्बन क्षेत्र जिसमे नगर पालिका शिवालिक नगर तथा नगर निगम देहरादून, हरिद्वार को इसमें जोड़ा है। इन क्षेत्रों में सीवरेज के लिए प्लानिंग की गयी है, जिसकी लागत लगभग 550 करोड़ है, जिसमें हरिद्वार का शेष वंचित क्षेत्र भी आ जायेगा। आने वाले समय में जनपद हरिद्वार शत-प्रतिशत सीवरेज, बिजली, पानी की सुविधाओं से युक्त होगा।
उन्होंने कहा कि गंगा में गिरने वाले गंदे नालों की टेपिंग, जाले लगाने का कार्य जल्द ही शुरू कर दिया जाएगा। नालों को रोककर उन्हें सीवरेज से जोड़ा जाएगा। एसटीपी की क्षमता को बढ़ाने के लिए कार्य किया जा रहा है। एक नया एसटीपी सराय में लगाया जा रहा है।
उन्होंने योजनाओं से जुड़े अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि कार्य इस तरह से किये जाएं जिससे आम जनता को कम से कम असुविधा का सामना करना पड़े। लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जाएगी। उन्हांेने जनप्रतिनिधियों से कहा कि केवल विकास कार्यों के जरिए ही क्षेत्र की जनता का विश्वास जीता जा सकता है, इसलिए विकास कार्यों को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता में रखें।
इस अवसर पर मेयर मनोज गर्ग, रानीपुर विधायक आदेश चैहान, पार्षद कलावती नेगी, पार्षद ललिता चैहान, पार्षद शशिकांत वशिष्ठ तथा अधिशासी अभियंता पी.आई.यू. (अमृत) उत्तराखण्ड पेयजल निगम रूड़की संजय सिंह आदि उपस्थित थे।

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