सत्‍ता के गलियारों से – उत्‍तराखण्‍ड की प्रमुख खबरे- 16 जून 17

देहरादून 16 जून, 2017(सू.ब्यूरो)
 विधान सभा बजट सत्र समाप्ति के बाद मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत शुक्रवार सांय राज्यपाल डाॅ.कृष्ण कांत पाल से शिष्टाचार भेंट करने राजभवन पहुंचे। देानों के बीच सत्र को लेकर चर्चा हुई।
राज्यपाल ने सत्र के निर्बाध और सफल संचालन पर प्रसन्नता जाहिर की। उन्होंने कहा कि सत्र में जनता से जुड़े मुद्दों पर चर्चा होने से निश्चित ही इन विषयों का समाधान भी सरकार अवश्य निकालेगी। राज्यपाल ने कहा कि महत्वपूर्ण विधेयकों के पास होने का लाभ भी प्रदेश की जनता को मिलेगा। वहीं बजट सत्र की शुरूआत करने से पूर्व भी मुख्यमंत्री ने राज्यपाल से शिष्टाचार भेंट की थी। इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री एस.रामास्वामी भी उपस्थित थे।

राजभवन देहरादूनः 16 जून, 2017
विधान सभा बजट सत्र समाप्ती के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत शुक्रवार सांय राज्यपाल डाॅ कृष्ण कांत पाल से शिष्टाचार भेंट करने राजभवन पहुंचे। देानों के बीच सत्र को लेकर चर्चा हुई।
राज्यपाल ने सत्र के निर्बाध और सफल संचालन पर प्रसन्नता जाहिर की। उन्होंने कहा कि सत्र में जनता से जुड़े मुद्दों पर चर्चा होने से निश्चित ही इन विषयों का समाधान भी सरकार अवश्य निकालेगी। राज्यपाल ने कहा कि महत्वपूर्ण विधेयकों के पास होने का लाभ भी प्रदेश की जनता को मिलेगा। वहीं बजट सत्र की शुरूआत करने से पूर्व भी मुख्यमंत्री ने राज्यपाल से शिष्टाचार भेंट की थी।

देहरादून 16 जून, 2017(मी0से0)

प्रदेश के सहकारिता, उच्च शिक्षा, दुग्ध विकास एवं प्रोटोकाॅल राज्यमंत्री(स्वतंत्र प्रभार) डाॅ0 धन सिंह रावत ने जानकारी दी कि विश्व सहकारिता दिवस 1 जुलाई, 2017 से एक सप्ताह के लिए प्रदेश की समस्त सहकारी कृषि ऋण समितियों एवं सहकारी बैंकों में सहकारिता सम्मेलन/गोष्ठी/साधारण सभा का आयोजन किया जायेगा। उन्होंने बताया कि इस बार संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा चयनित शीर्षक ‘‘सबका साथ’’ विषय पर क्षेत्रीय सुविधानुसार सहकारिता सम्मेलन/गोष्ठी/साधारण सभा में चर्चा की जायेगी। इस अवधि में सहकारिता विभाग के अधिकारियों को कम से कम 3 समितियों में प्रतिभाग करने के निर्देश दिये गये हैं। डाॅ0 रावत ने बताया कि सहकारिता विभाग के सुपरवाइजर से लेकर उपनिबन्धक तक के स्तर के अधिकारियों को 2 से 3 समितियों में प्रतिभाग करना अनिवार्य होगा। उन्होंने बताया कि उक्त अवधि में सहकारिता विभाग के अधिकारी सहकारिता में संचालित कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देने के साथ-साथ नये सहकारिता सदस्यों को भी पंजीकृत करायेंगे। उन्होंने कहा कि समिति स्तर से लेकर जिला मुख्यालय स्तर तक अवस्थित समितियों में सहकारिता कर्मी सहकारी सदस्यता के लिए जारी टोल फ्री नम्बर की जानकारी भी उपलब्ध करायेंगे तथा सदस्य के लिए टोल फ्री नम्बर-9759500500 है। उन्होंने बताया कि टोल फ्री नम्बर डायल करने पर साधन सहकारी समिति में तैनात सचिव दूरभाष पर विवरण मांगेगा, जिसका डाटा बैंक तैयार किया जायेगा। इसी आधार पर सचिव सम्बन्धित गाँव में जाकर सहकारी सदस्य का विवरण संकलित करेंगे साथ ही सहकारिता सचिव जनता को सरकार की योजनाओं की जानकारी भी देंगे। उन्होंने बताया कि वर्तमान में सहकारिता विभाग में 5 उपनिबन्धक, 15 सहायक निबन्धक, 75 अपर जिला सहकारी अधिकारी, 119 सहायक निरीक्षक, 47 सुपरवाइजर नियुक्त हैं, जो 2 से 3 समितियों में जाकर गोष्ठी कर नई सदस्यता बनाने के साथ-साथ सहकारिता योजनाओं की जानकारी देंगे। उन्होंने बताया कि प्रदेश में अवस्थित 759 प्राथमिक कृषि ऋण समिति तथा 282 बैंक शाखाओं में सुविधानुसार सहकारी सम्मेलन/गोष्ठी विश्व सहकारिता दिवस पर आयोजित किये जायेंगे। उन्होंने आशा प्रकट की कि इन 1041 गोष्ठीयों के माध्यम से लगभग 5 लाख 20 हजार से अधिक सहकारी सदस्यों की भागीदारी सुनिश्चित होगी। उन्होंने कहा कि इन सहकारी सम्मेलन/गोष्ठी में सुविधानुसार सांसद, विधायक, ब्लाॅक प्रमुख, जिला पंचायत अध्यक्ष सम्बन्धित उपजिलाधिकारी मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग करने हेतु अनुरोध किया जायेगा।

देहरादून 16 जून, 2017(सू.ब्यूरो)

शासन द्वारा जनहित में अपर सचिव ग्राम्य विकास, एपीडी, आईएलएसपी तथा निदेशक उत्तराखण्ड सामाजिक अकेंक्षण जवाबदेही एवं पारदर्शिता अभिकरण(यूएसएएटीए) श्री चन्द्रेश कुमार यादव को वर्तमान पदभार से अवमुक्त करते हुए मिशन निदेशक एन.एच.एम. तथा परियोजना निदेशक उत्तराखण्ड हैल्थ सिस्टम डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के पद पर तैनात किया गया है।
कार्मिक विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार अपर सचिव नियोजन, कार्यक्रम क्रियान्वयन वाह्य सहायतित योजनायें(ईएपी), गृह, कार्मिक, वन एवं पर्यावरण तथा मुख्य कार्यकारी अधिकारी, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना(पीएमजीएसवाई) श्री भूपाल सिंह मनराल को मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना(पीएमजीएसवाई) के पदभार से अवमुक्त किया गया है। अपर सचिव उच्च शिक्षा तथा निदेशक स्वजल डाॅ.राघव लंगर को मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना(पीएमजीएसवाई) का अतिरिक्त पदभार दिया गया है। मिशन निदेशक एन.एच.एम. तथा परियोजना निदेशक उत्तराखण्ड हैल्थ सिस्टम डेवलपमेंट प्रोजेक्ट तथा संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी उत्तराखण्ड श्री नितिन सिंह भदौरिया को वर्तमान पदभार से अवमुक्त करते हुए मुख्य विकास अधिकारी हरिद्वार के पद पर तैनात किया गया है। संयुक्त मजिस्ट्रेट देहरादून श्री विनीत कुमार को वर्तमान पदभार से अवमुक्त करते हुए मुख्य विकास अधिकारी उत्तरकाशी के पद पर तैनात किया गया है।
सचिव उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग हरिद्वार श्री रामविलास यादव को वर्तमान पदभार से अवमुक्त करते हुए अपर सचिव ग्राम्य विाकस, एपीडी, आईएलएसपी तथा निदेशक उत्तराखण्ड सामाजिक अकेंक्षण जवाबदेही एवं पारदर्शिता अभिकरण(यूएसएएटीए) के पद पर तैनात किया गया है। संयुक्त सचिव लोक सेवा आयोग हरिद्वार श्री गिरधारी सिंह रावत को वर्तमान पदभार से अवमुक्त करते हुए मुख्य विकास अधिकारी देहरादून तथा संयुक्त मुख्य प्रशासक उत्तराखण्ड आवास एवं नगर विकास प्राधिकरण के पद पर तैनात किया गया है। मुख्य विकास अधिकारी देहरादून तथा संयुक्त मुख्य प्रशासक उत्तराखण्ड आवास एवं नगर विकास प्राधिकरण(गढ़वाल मण्डल) पौड़ी श्री बंशीधर तिवारी को वर्तमान पदभार से अवमुक्त करते हुए सचिव लोक सेवा आयोग हरिद्वार तथा सचिव हरिद्वार विकास प्राधिकरण के पद पर तैनात किया गया है। मुख्य विकास अधिकारी उत्तरकाशी श्री उदय सिंह राणा को वर्तमान पदभार से अवमुक्त करते हुए संयुक्त सचिव लोक सेवा आयोग हरिद्वार के पद पर तैनात किया गया है। सचिव हरिद्वार विकास प्राधिकरण श्री अरविन्द कुमार पाण्डेय को वर्तमान पदभार से अवमुक्त करते हुए अपर जिलाधिकारी(प्रशासन) नैनीताल के पद पर तैनात किया गया है। सिटी मजिस्ट्रेट हल्द्वानी तथा मुख्य नगर अधिकारी नगर निगम हल्द्वानी श्री कृष्ण कुमार मिश्र को सिटी मजिस्ट्रेट हल्द्वानी के पदभार से अवमुक्त किया गया है। डिप्टी कलेक्टर उधमसिंहनगर श्री पंकज कुमार उपाध्याय को वर्तमान पदभार से अवमुक्त करते हुए सिटी मजिस्ट्रेट हल्द्वानी के पद पर तैनात किया गया है। डिप्टी कलेक्टर हरिद्वार श्री अनिल गब्र्याल को वर्तमान पदभार से अवमुक्त करते हुए डिप्टी कलेक्टर चम्पावत के पद पर तैनात किया गया है। डिप्टी कलेक्टर देहरादून सुश्री शालिनी नेगी को वतर्मान पदभार से अवमुक्त करते हुए उप सचिव सूचना आयोग देहरादून के पद पर तैनात किया गया है। संयुक्त सचिव एमडीडीए(डिप्टी कलेक्टर उत्तरकाशी के पद पर स्थानान्तरणाधीन) श्रीमती मीनाक्षी पटवाल को डिप्टी कलेक्टर उत्तरकाशी के पद पर किया गया स्थानान्तरण निरस्त करते हुए डिप्टी कलेक्टर देहरादून के पद पर तैनात किया गया है।

देहरादून 16 जून, 2017(सू.ब्यूरो)

नारी निकेतन की दो बालिकाओं को उनके परिवार से मिलवाया गया है। दोनों बालिकाएं मध्य प्रदेश की हैं और पिछले 9 वर्षों से यहां रह रही थी। शुक्रवार को सचिवालय में रजनी व रेखा दोनों बालिकाओं ने मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से भेंट की। मुख्यमंत्री श्री रावत ने बालिकाओं के अपने घर वापिस लौटने पर खुशी जाहिर करते हुए उन्हं् राज्य सरकार की ओर से 25-25 हजार रूपए की आर्थिक सहायता दिए जाने की बात कही। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि नारी निकेतन की स्थिति में सुधार आ रहा है। वहां की संवासिनियों व बालिकाओं द्वारा सूखे फूलों से धूप अगरबत्तियां बनाई जा रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सीएम आवास मे उनसे मिलने के लिए आने वाले बहुत से लोग फूलों के बुके लेकर आते हैं। इन फूलों को नारी निकेतन भिजवाए जाने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि इनका उपयोग धूप, अगरबत्ती बनाने में किया जा सकें। इस अवसर पर सचिव डॉ. भूपिंदर कौर औलख व बालिकाओं के परिजन भी उपस्थित थे।
देहरादून 16 जून, 2017(सू.ब्यूरो)
प्रेस नोट-02(06/77)
नाबार्ड के तहत प्रस्तावों की डीपीआर तय समय सीमा में तैयार करते हुए भिजवाना सुनिश्चित किया जाए। विशेष रूप से इंजीनियरिंग विभाग अपना माइंडसैट बदलें और नए तरीके से सोचें व व्यवारिक योजनाएं बनाएं। शुक्रवार को सचिवालय में नाबार्ड से फंडिंग के लिए विभागों के विभिन्न प्रस्तावों की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उक्त निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने विभागीय अधिकारियों से विभिन्न प्रस्तावों की बारीकी से जानकारी ली। उन्होंने पेयजल के अधिकारी से कुछ योजनाओं के संबंध में पूरी जानकारी न मिलने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि बैठकों में पूरी तैयारी के साथ आना चाहिए। सभी इंजीनियरिंग विभागों के मुख्य अभियंताओं को भी फील्ड में जाना चाहिए और योजनाओं की फीजिबिलिटी जांचनी चाहिए।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने निर्देश दिए कि रेन वाॅटर हारवेस्टिंग पर आधारित मॉडल परियोजना तैयार की जाए। यह ऐसी योजना हो, जो एक बड़ी आबादी को वर्ष भर रेन वाॅटर से पीने व अन्य कार्यों के लिए पानी की आपूर्ति करें। उत्तरकाशी व टिहरी में कोल्ड वाॅटर फिशरिज की योजना बनाई जाए। कृषि, सिंचाई व मत्स्य विभाग समन्वित रूप से योजनाएं बनाएं। अपर मुख्य सचिव डॉ. रणवीर सिंह इसे कोऑर्डिनेट करेंगे।
बैठक में बताया गया कि नाबार्ड ने 750 करोड़ रूपए की फंडिंग की स्वीकृति दी है। आवश्यक होने पर इस सीमा को बढ़ाया भी जा सकता है। मुख्यतः लोक निर्माण विभाग के 250 करोड़ रूपए, सिंचाई विभाग के 170 करोड़ रूपए व पेयजल विभाग के 135 करोड़ रूपए के प्रस्ताव हैं।
बैठक में मुख्य सचिव श्री एस.रामास्वामी, अपर मुख्य सचिव श्री ओमप्रकाश, डॉ.रणवीर सिंह सहित शासन व नाबार्ड के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित

चमोली 16 जून,2017 (सू0वि0)
अपर कृषि अधिकारी/परियोजना निदेशक आतमा जीतेन्द्र भाषकर ने बताया कि 19 जून को अपराह्न 1ः00 बजे से जिला कार्यायल सभागार में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में आतमा शासी निकाय की बैठक आयोजित की जायेगी। उन्होंने आतमा शासी निकाय एवं प्रबन्धन समिति के सभी सदस्यों सहित संबधित अधिकारियों को बैठक में प्रतिभाग करने को कहा है।
चमोली 16 जून,2017 (सू0वि0)
मुख्य विकास अधिकारी विनोद गोस्वामी ने आपदा न्यूनीकरण एवं आपदा जागरूकता दिवस के अवसर पर तहसील घाट में मानसून से सम्बन्धित माॅक अभ्यास में प्रतिभाग किया।

उप जिलाधिकारी, कर्णप्रयाग केएन गोस्वामी ने आपदा न्यूनीकरण एवं आपदा जागरूकता दिवस के अवसर पर तहसील स्तरीय अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए आईआरएस के सम्बन्ध में जानकारी उपलब्ध कराते हुए अपेक्षा की कि वे अपने विभागीय स्तर पर भी आपदा से निपटने हेतु अधीनस्थ स्टाफ को जागरूक करें। उन्होंने ऋषिकेश-कर्णप्रयाग बा्रडगेज रेलवे लाइन से प्रभाावित होने वाले भू-स्वामियों एवं भवन स्वामियों की स्पष्ट रिपोर्ट जिसे आर एण्ड आर प्लान में सम्मिलित किया जाना है, का कार्य भी किया।

उप जिलाधिकारी, गैरसैण, स्मृता परमार ने नगर क्षेत्र गैरसैंण में पार्किंग स्थल के निर्माण हेतु चयनित भूमि का थानाध्यक्ष, गैरसैंण एवं अधिशासी अधिकारी, नगर पंचायत की उपस्थिति में स्थलीय निरीक्षण किया।

उप जिलाधिकारी, थराली सीएस डोभाल ने आपदा न्यूनीकरण एवं आपदा जागरूकता दिवस के अवसर पर तहसील घाट में मानसून से सम्बन्धित माॅक अभ्यास में प्रतिभाग किया।

जिला आपदा प्रबन्धन अधिकारी, नन्द किशोर जोशी ने बताया कि जिले के अन्तर्गत सभी मोटर मार्ग खुले है तथा बद्रीनाथ एवं हेमकुण्ड साहिब यात्रा निर्बाद्ध रूप से चल रही है। उन्होंने यह भी बताया कि 15 जून को 7,612 तीर्थयात्री बद्रीनाथ तथा 2,100 तीर्थयात्री हेमकुण्ड साहिब दर्शनार्थ पहुॅचे। इस प्रकार 15 जून तक 5,45,313 तीर्थयात्री बद्रीनाथ तथा 52,318 तीर्थयात्री हेमकुण्ड साहिब के दर्शन कर चुके है। बद्रीनाथ धाम से 5,35,715 तथा हेमकुण्ड साहिब से 49,759 तीर्थयात्री दर्शनोपरान्त अपने गन्तव्य को वापस जा चुके है।

जिला कन्ट्रोल रूम से सूचना मिली है कि अपराह्न 1ः00 बजे चमोली के पास अलकन्दा नदी में एक 8 वर्षीय महक नाम की बालिका पानी की धारा के साथ नदी में बह गयी। बालिका को ढूढने के लिए पुलिस रेस्क्यू टीम नदी तलों पर रेस्क्यू कार्य में जुटी हुई है।
देहरादून 16 जून 2017 चन्दर नगर स्थित मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय में मुख्य चिकित्साधिाकरी डाॅ टी.सी पंत की अध्यक्षता में खसरा-रूबेला टीकाकरण अभियान की जनपद स्तरीय प्रशिक्षण एवं कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में खसरा-रूबेला टीकाकरण अभियान को सफल बनाने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन, स्वास्थ्य विभाग, यूनिसेफ के साथ-2 शिक्षा विभाग, ग्राम विकास/पंचायत, समेकित बाल विकास सेवाओं से जुड़े अधिकारी तथा अन्य ऐजेंसियों का समन्वय तथा मानव एवं अन्य संसाधनों का उचित कार्डिनेशन किस प्रकार से किया जा सके इसका प्रशिक्षण दिया गया।
इस अवसर पर विश्व स्वास्थ्य संगठन के डाॅ विकास शर्मा, यूनिसेफ के डाॅ फरदीन खान तथा जिला टीकाकरण अधिकारी डाॅ उत्तम सिंह चैहान द्वारा टीकाकरण अभियान की रणनीति, माईक्रो प्लान, अभियान की पूर्व तैयारी, अभियान के दौरान बरती जाने वाली सावधानियां, सोशल मोबिलाईजेशन, बाईलाॅजिकल वेस्टमैनेजमेंट इत्यादि के बारे में विस्तार से जानकारी दी तथा प्रजेंटेशन देते हुए उपस्थित प्रशिक्षणार्थियों को विभिन्न फार्मेट भरने का प्रशिक्षण एवं उनके द्वारा उठाये जाने वाले सवालों का समाधान किया गया। उन्होने कहा कि मिसिल्स/खसरा होने से बच्चों को निमोनिया, डायरिया होने के साथ-2 उसके रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है, जिससे बच्चों की मृत्यु की सम्भावना बढ जाती है, जबकि रूबेला गर्भधारण करने वाली स्त्री के पेट में पलने वाले बच्चे में होने वाली विभिन्न विकृतियां है, जिससे प्रीमैच्योर डिलिवरी, मृतक शिशु तथा किसी न किसी प्रकार से विकलांग शिशु पैदा होता है। उन्होने कहा कि खसरा बीमारी के उन्मूलन हेतु पहले ही टीकाकरण किया जाता रहा है तथा 2020 तक भारत को इस बीमारी से मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है, जबकि रूबेला के टीकाकरण की शुरूआत की जा रही है, जिसका मकसद इस बीमारी को शुरूवाती अवस्था मे ही रोकना है तथा वर्तमान समय में खसरा-रूबेला का संयुक्त टीकाकरण किया जायेगा, जिसकी शुरूवात प्रदेश में सितम्बर माह से प्रारम्भ की जायेगी। उन्होेने कहा कि यह टीका 9 माह से 15 वर्ष तक के बच्चों को लगाया जायेगा, जिसकी शुरूवात सरकारी, गैर सरकारी, मदरसा, सभी तरह के स्कूलों से की जायेगी, उसके पश्चात सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रो, उसके पश्चात मोबाईल वाहनों तथा अन्त में टीकारण से वंचित रह गये बच्चों पर फोकस किया जायेगा, साथ ही साथ पी.एच.सी व सी.एच.सी केन्द्रों पर नियमित टीकारण अभियान सम्पादित किया जायेगा। उन्होने प्रशिक्षण में टीकारण से पूर्व जनपद स्तर तथा ब्लाक स्तर पर की जाने वाली तैयारियां, ब्लाक स्तर पर अधीनस्थ स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को प्रदान किया जाने वाला प्रशिक्षण तथा अभियान को कारगर तरीके से चलाने के लिए मानव तथा अन्य संशाधनों का समन्वय किस प्रकार से किया जायेगा इस बात पर बल दिया। उन्होने कहा कि जिन विभागों की मुख्य जिम्मेदारी/ संयोजन रहेगा व स्वास्थ्य विभाग व शिक्षा विभाग है तथा टीकाकरण को सभी क्षेत्रों में सहज रूप में लेने तथा इसकी जानकारी सभी तक पंहुचाने के लिए विभिन्न विभागों/एजेंसियों के माध्यम से प्रचार-प्रसार करने की आवश्यकता है।
इस अवसर पर राज्य टीकाकरण अधिकारी डाॅ बी.एस रावत, राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम प्रबन्धक गीता शर्मा, राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम प्रबन्धक अनूप चैहान, जिला पंचायतराज अधिकारी एम.जफर खान, जिला कार्यक्रम अधिकारी (बाल विकास) एस.के सिंह, जिला आशा संसाधन केन्द्र के सदस्य, ब्लाक सयोंजक, हेल्थ इंस्पेक्टर सहित सम्बन्धित विभागों/ऐजेंसियों के अधिकारी/सदस्य उपस्थित थे।

आज दिनांक 16.06.2017 को आपदा प्रबन्धन विभाग द्वारा ’’आपदा न्यूनीकरण एवं आपदा जागरूकता दिवस’’ के उपलक्ष्य में जिला कलक्ट्रेट सभागार, रोशनाबाद में पुलिस, जेल पुलिस, होमगार्ड एवं पी0आर0डी0 स्वयंसेवकों हेतु एक दिवसीय आपदा प्रबन्धन जन-जागरूकता प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया । प्रशिक्षण के उद्घाटन सत्र में जिला आपदा प्रबन्धन अधिकारी ने प्रशिक्षण कार्यक्रम उपस्थित दीपेन्द्र सिंह नेगी प्रभारी अधिकारी (आपदा), गौतम कुमार, जिला कमाण्डेन्ट होमगार्ड, राजेन्द्र सिंह खाती, मुख्य अग्निशमन अधिकारी, दानीराम अग्निशमन अधिकारी सहित पुलिस कार्मिक, होमगार्ड, पी0आरडी0 स्वयंसेवक तथा जेल पुलिस जवानों को अवगत कराते हुए बताया कि बताया कि दिनांक 16 जून, 2013 को राज्य में आयी भीषण आपदा के दृष्टिगत प्राकृतिक घटनाओं के प्रति जनसाधारण में संवेदनशीलता के विकास, आपदा जोखिम के प्रति जागरूकता बनाये रखने एवं आपदा के दुष्प्रभावों को न्यून किये जाने के उद्देश्य से प्रत्येक वर्ष 16 जून को ’’आपदा न्यूनीकरण एवं आपदा जागरूकता दिवस’’ के रूप में मनाये जाने का निर्णय शासन द्वारा लिया गया, इसी उद्देश्य से हम सब आज यहां एकत्रित हुए है। उन्होने आपदा का परिदृश्य जनपद में पूर्व में घटित आपदाओं के अनुभवों से सीख लेते हुए आपदा न्यूनीकरण व प्रबन्धन, विकास व आपदा के कारणों पर चर्चा करते हुए प्रत्येक व्यक्ति को आपदा के सम्बन्ध में जागरूक संवेदनशील व प्रशिक्षित होना आवश्यक बताया एवं फस्ट रिस्पोंण्डर के रूप में स्थानीय व्यक्ति ही सर्वप्रथम आपदा में लोगों की मद्द व जीवन रक्षा कर मानव सेवा के पुनीत कार्य में भागीदार हो सकता है, साथ ही आपदा के तीनों चरणों के सम्बन्ध में जानकारी दी गयी।
प्रशिक्षण में जिला कमाण्डेन्ट होमगार्ड श्री गौतम कुमार ने बताया कि होमगार्ड व पी0आर0डी0 स्वयंसेवक स्थानीय परिवेश से भलिभांति परिचित होते हैं। प्रशिक्षण प्राप्त करने के उपरान्त वे आपदा प्रबन्धन के क्षेत्र में अपना सहयोग प्रदान कर सकते है। भविष्य में इस प्रकार के प्रशिक्षण समय-समय पर आयोजित किया जाना आवश्यक है। अग्निशमन अधिकारी श्री दानीराम द्वारा विभिन्न प्रकार की आग व आग लगने के कारण व आग से बचाव के बारे में विस्त्त जानकारी दी गयी। जिसके तहत् ठोस, द्रव्य, गैस, धातु, व विद्युत आग तथा वनाग्नि से बचाव के बारे में जानकारी दी गयी।
एस0 डी0 आर0एफ0 के प्रशिक्षिकों द्वारा प्रतिभागियों को विभिन्न प्रकार से रैपलिंग यूजर्स मैथर्ड, जुमारिंग, ऐंकर बेस बनाना, जेट पुली आदि बनाने की प्रयोगात्मक जानकारी दी गयी तथा खोज-बचाव कार्यो के दौरान घायल व्यक्ति तक पहुॅचने के लिए एंेकर बेस बनाने हेतु किन-किन गाठों (युक्तियों) का उपयोग किस प्रकार व किस समय किया जाता है उसके सम्बन्ध में प्रयोगात्मक जानकारी प्रतिभागियों को दी । इसके साथ ही उन्होंने विभिन्न प्रकार की गांठो जैसे-थम नोट, सीट बैण्ड, रीफ नोट, फीगर आॅफ एट, क्लो हिच, बो लाईन आॅन द बाइट, फीसर मैन नोट, मसाड़ नोट के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए उसका प्रयोगात्मक अभ्यास भी कराया गया।
सभी प्रतिभागियों को कलक्ट्रेट भवन परिसर पर प्राकृतिक एंकर (पत्थर, चैक स्टोन, कैप स्टोन, पेड़ आदि) कृत्रिम एंकर (राॅक पिटोन, डन्डे, थ्री विकेट,) आदि के एंेकर बनाना एवं ब्लेइंग करने के प्रयोगात्मक विधियो के बारे में विधिवत जानकारी दी गयी तथा प्रयोगात्मक अभ्यास भी कराया गया । मुख्य प्रशिक्षकांे ने बताया कि ब्ले दो प्रकार से किया जाता है (1) मैकेनिकल ब्ले (उपकरणो के माध्यम से) एवं (2) बाॅडी ब्ले (अपने शरीर के माध्यम से)। इसके साथ ही प्रशिक्षणार्थियों को डिसेण्डर एवं कैराबिनर की मदद से बेस बांधना एवं रंेपलिग एवं जुमारिग कजुएल्टी कैरिंग का प्रयोगात्मक अभ्यास करवा कर जानकारी दी गयी ।
उन्होंने घायल व्यक्ति को रिकवरी पाजीशन में रखते तथा घायलों को स्वास्थ्य केन्द्र तक ले जाने हेतु विभिन्न वैकल्पिक उपायों यथा-टू हैन्ड शैक, फोर हैन्ड शैक, पिक-ए बैग, फायरमेन लिफ्ट साथ ही बोरे, कम्बल, जैकेट, टी-सर्ट आदि उपलब्ध संसाधनों के स्टैªेचर तैयार करने की विधियों के बारे में भी जानकारी दी गयी । इसके अतिरिक्त प्रतिभागियों को प्राथमिक चिकित्सा के तहत कृत्रिम श्वसन, हड्डी टूटन, रक्तस्राव आदि के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी दी गयी । समापन सत्र में अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) डा0 ललित नारायण मिश्र ने प्रतिभागियों को आपदा प्रबन्धन में अपनी क्षमता और अधिक बढ़ाते हुए स्वतः स्फूर्त होकर कार्य करने का आहवान किया गया तथा भविष्य में इस प्रकार के प्रशिक्षणों का आयोजन किया जायेगा। उन्होेंने प्रतिभागियों से प्रशिक्षण का का फीडबैक प्राप्त किया तथा आपदा प्रबन्धन की ओर से जवानों को शीघ्र ही खोज-बचाव उपकरण उपलब्ध कराये जायेगे ।
अन्त में आपदा प्रबन्धन अधिकारी द्वारा एस0डी0आर0एफ0 के प्रशिक्षक टीम सदस्य है0का0 हर्षवर्धन सिंह कण्डारी, हे0का0 हेमन्त डंुगरियाल, का0 आशीक अली, का0 किशोर कुमार, का0 चन्दन सिंह, का0 बलीराम शर्मा, पंकज रावत सहित उपस्थित अधिकारीगण एवं समस्त प्रतिभागियों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन किया गया। प्रशिक्षण में पुलिस, होमगार्ड, पी0आर0डी0 एवं जेल पुलिस सहित कुल 218 प्रतिभागियों द्वारा प्रतिभाग किया गया ।

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