TOP NEWS UTTRAKHAND 8 FEB 2018

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हरिद्वार/देहरादून 08 फरवरी, 2018(सू.ब्यूरो)
 
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गुरूवार को हरिद्वार के आर्यनगर में नव निर्मित राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ के कार्यालय का उद्घाटन किया। इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ के सह सर कार्यवाह श्री कृष्ण गोपाल तथा विश्व हिन्दू परिषद के राष्ट्रीय संगठन मंत्री सहित विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने संघ कार्यालय का लोकार्पण करते हुए कहा कि संघ कार्यालय के निर्माण से देशभर में हिन्दू संस्कृति के प्रसार में लगे प्रचारकों एवं स्वयं सेवकों को संघ और राष्ट्र के कार्य करने में सुगमता होगी। उन्होंने कहा कि संघ एक विचाराधारा है, जिसका उद्देश्य राष्ट्र निर्माण, समाज का सर्वांगीण विकास तथा भारतीय संस्कृति का संरक्षण, संवर्धन एवं पोषण करना है। संघ सदैव वसुधैव कुटुम्बकम् की भावना से कार्य करता हुआ आगे बढ़ रहा है तथा वैश्विक स्वीकार्यता प्राप्त करने की ओर अग्रसर है। आज संघ सामाजिक समरसता की भावना को आगे बढाते हुए समाज को एकात्मकता प्रदान करने की दिशा में गतिशील है। संघ व्यापक रूप लेकर प्रत्येक भारतीय की जिज्ञासा व विचार में शामिल हो गया है, जो इसके पवित्र ध्येय की विजय हैं।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गुरूवार को कटारपुर गौ रक्षा तीर्थ के शताब्दी वर्ष श्रद्धांजलि समारोह में प्रतिभाग किया। उन्होंने कटारपुर गांव में बने शहीद स्मारक पर आयोजित श्रद्धांजलि यज्ञ में आहुति डाली।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री श्री मदन कौशिक, ज्वालापुर विधायक श्री सुरेश राठौर, रानीपुर विधायक श्री आदेश चैहान, रूड़की विधायक श्री प्रदीप बत्रा, हरिद्वार ग्रामीण विधायक श्री यतीश्वरानंद, मेयर श्री मनोज गर्ग, प्रदेश अध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी श्री अजय भट्ट, जिलाध्यक्ष बीजेपी हरिद्वार डाॅ.जयपाल चैहान सहित अनेक पदाधिकारियों ने भी यज्ञ में पूर्ण आहुति दी।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र ने कहा कि कटारपुर एक ऐतिहासिक स्थल है, जहां हिन्दुओं ने गौ माता को बचाने के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया। गाय पुरातन काल से आज तक सभी हिन्दुओं की आस्था और संस्कृति का सूत्र है। यदि धर्म और आस्था से अलग तर्क और वैज्ञानिक आधार पर बात करें, तो दिल्ली की सुप्रसिद्ध श्रीराम प्रयोगशाला में गाय सहित गौमूत्र, गोबर आदि पदार्थो पर हुए रिसर्च में यह स्पष्ट हुआ कि भारतीय देसी गाय के दूध व गौमूत्र अर्क का सेवन अवसाद, माइग्रेन सहित अनके व्याधियों से निजात दिलाने में कारगर है। वहीं गाय के गौबर का प्रयोग भी त्वचा सम्बन्धी रोगों को नष्ट करने में औषधीय रूप से कार्य करता है। ब्राजील सहित दुनिया के कई देश भारतीय देसी गाय के गुणों के कारण अपने यहां पालन पोषण कर रहे हैं।
अनुपयोगी मानकर लावारिस छोड़े गये गौ वंश या बूढ़ी गायों के लिए भारत सरकार देशी गौशालाओं के संरक्षण व संवर्द्धन को प्रोत्साहन दे रही है। राज्य सरकार की ओर से नरियाल गांव चम्पावत में स्थापित गौ वंश संरक्षण केंद्र देसी नस्लों के संरक्षण में बहुत बेहतर ढंग से कार्य कर रहा है। राज्य सरकार की ओर से पशुआहार के दाम 270 रूपये प्रति कुन्तल कम कर दिये गये हैं। राज्य सरकार शीघ्र ही एक सीमन केंद्र ऋषिकेश में स्थापित करने जा रही है, जहां देसी गायों के ब्रीड सुधार पर कार्य किया जायेगा। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र ने 18 सितम्बर 1918 को गांव में गौवध का विरोध करने पर अंग्रेजी हुकुमत द्वारा फांसी तथा काला पानी की सजा सुनाये गये शहीदों के परिजनों को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया।

आपको कैसा बजट चाहिए, सरकार लेगी सुझाव
राज्य के 6 स्थानों पर खुद सीएम लेंगे आपकी राय
अब सरकार राज्य के बजट के लिए आपके सुझाव लेने के लिए आपके पास आ रही है। जी हां, यह पहली बार है जब उत्तराखंड में बजट से पहले किसी मुख्यमंत्री ने इस तरह की पहल की है। इसके लिए राज्य के छह स्थानों पर खुद मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत विभिन्न वर्गों के लोगों के बीच जाकर उनसे बजट के लिए सुझाव लेंगे। उनके महत्वपूर्ण सुझावों और राय को सरकार बजट में शामिल करेगी।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने राज्य की जनता की भावनाओं का सम्मान करते हुए बजट सत्र भराड़ीसैंण गैरसैंण में करने का प्रस्ताव दिया है। निश्चित तौर पर राज्य आंदोलनकारियों के सपनों को साकार करने की दिशा में मुख्यमंत्री का यह कदम मील का पत्थर साबित होगा। यह बजट सत्र उत्तराखंड के इतिहास में भी दर्ज होगा। इसीलिए मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने मन बनाया है कि क्यों न जिनके लिए बजट बनाया जा रहा है खुद उनकी आकांक्षाओं और सुझाव से ही बजट तैयार किया जाए। उल्लेखनीय है कि बजट सत्र 20 मार्च से आहुत किया गया है।
मुख्यमंत्री का भी मानना है कि एक स्वस्थ और समावेशी बजट वो होता है जिसमें समाज के सभी वर्गों के सुझाव को शामिल किया जाए। इसलिए यह बेहद जरूरी है समाज के सभी वर्गों तक पहुंच कर उनके सुझाव लिए जाएं। इसके लिए लोगों को अपने सुझाव देने के लिए कहीं नहीं जाना होगा बल्कि मुख्यमंत्री जी खुद लोगों के पास जाकर उनके सुझाव और राय लेंगे।
इस कार्यक्रम को ‘आपका बजट आपकी राय’ नाम दिया गया है। बजट से पहले 6 चरणों में अलग-अलग क्षेत्रों से जुड़े लोगों के बीच जाकर मुख्यमंत्री जी अलग-अलग विषयों पर बजट के लिए लोगों के सुझाव मांगेंगे। उनमें से महत्वपूर्ण सुझावों को राज्य के बजट में शामिल किया जाएगा। इस कड़ी में सबसे पहले 13 फरवरी को यमुनोत्री में किसानों के बीच जाकर मुख्यमंत्री उनकी राय लेंगे।
इसके बाद पिथौरागढ़ में बजट के लिए महिलाओं के सुझाव लेंगे। अगले चरण में हरिद्वार में फिर से किसानों के बीच होंगे और उनकी बात सुनेंगे।
हल्द्वानी में पूर्व सैनिकों के बीच मुख्यमंत्री जी बजट के लिए उनके सुझाव लेंगे। अंतिम दो चरणों में देहरादून मंथ मुख्यमंत्री जी पहले एंटरप्रेन्योर्स से और फिर युवाओं से संवाद कर बजट के लिए उनके सुझाव सुनेंगे।
इस तरह अलग-अलग भौगोलिक क्षेत्रों में समाज के अलग-अलग वर्गों तक मुख्यमंत्री खुद पहुंच कर बजट पर उनकी राय सुन सकेंगे। कोशिश ये रहेगी कि आम लोगों से मिले ज्यादा से ज्यादा महत्वपूर्ण सुझावों को बजट में शामिल किया जा सके।

देहरादून 08 फरवरी, 2018(सू.ब्यूरो)

सचिव आवास श्री अमित सिंह नेगी जानकारी दी कि किफायती आवास निर्माण योजना में उत्तराखण्ड राज्य में 34 हजार 921 भवनों का निर्माण किया जायेगा। उन्होंने बताया कि जनपद ऊधमसिंह नगर के रूद्रपुर में 79869 वर्ग मीटर नजूल भूमि पर आवासहीन परिवारों हेतु 1872 ई.डब्ल्यू.एस. भवन निर्माण हेतु परियोजना केन्द्र सरकार द्वारा स्वीकृत की गई है। जिसमें प्रति आवास 1.5 लाख रूपये की केन्द्रीय सहायता का अनुमोदन भारत सरकार द्वारा कर दिया गया है। योजना में एक लाख रूपये राज्य सरकार अनुदान के रूप में देगी।
ट्रांसपोर्ट नगर में 11431 वर्ग मी.भूमि पर आवासहीन परिवारों हेतु 224 ई.डब्ल्यू.एस. भवनों का निर्माण किया जा चुका है। तथा भवन आवंटन की कार्यवाही गतिमान है। इन आवासों के निर्माण हेतु केन्द्र द्वारा 134.4 लाख रूपये की धनराशि अनुदान के रूप में स्वीकृत की जा चुकी है।
उन्होंने बताया कि आमवाला तरला में 30000 वर्ग मी.भूमि पर आवासहीन परिवारों हेतु 240 ई.डब्ल्यू.एस. भवनों का निर्माण कार्य प्रगति में है। उक्त योजना हेतु भी 1.5 लाख रूपये प्रति आवास अनुदान के हिसाब से भारत सरकार द्वारा 144 लाख रूपये की धनराशि जारी की जा चुकी है।
हरिद्वार-रूडकी विकास प्राधिकरण द्वारा आई.डी.पी.एल. की 55410 वर्ग मी.भूमि पर 528 ई.डब्ल्यू.एस. भवनों के निर्माण हेतु डीपीआर राज्य स्तरीय कमेटी द्वारा दिनांक 04.01.2018 को अनुमोदित किया जा चुका है तथा भारत सरकार को अनुमोदन हेतु प्रेषित किया गया।
देहरादून को छोडकर 11 जनपदों में जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण बना दिये गये है। जिनके उपाध्यक्ष जिलाधिकारी है। जिनसें आवासहीन परिवारों के लिये भवन निर्माण हेतु भूमि चिन्ह्ांकन की कार्यवाही गतिमान है।

देहरादून 08 फरवरी, 2018(सू.ब्यूरो)

प्रदेश में पहली बार सरकारी कार्यों अथवा पट्टे आदि के आवंटन हेतु ई-आॅक्शन प्रक्रिया का क्रियान्वयन हुआ है। राज्य के विभिन्न जनपदों में चिन्ह्ति उप खनिज लाॅटों के आवंटन हेतु सरकार द्वारा ई-निविदा सह ई-नीलामी की प्रक्रिया लागू की है। इस प्रक्रिया के अंतर्गत प्रथम चरण में ई-निविदा प्रक्रिया संपन्न होनी होती है तथा ई-निविदा के सफल घोषित निविदाकारों को ई-आॅक्शन में प्रतिभाग करने की अनुमति प्रदान करते हुए आॅक्शन की प्रक्रिया आॅनलाइन संपन्न की जाने का प्राविधान है।
गुरूवार को हरिद्वार जनपद के भगवानपुर तहसील के दो अन्य खनन लाॅटों की ई-आॅक्शन प्रक्रिया संपन्न हुई है। संपूर्ण प्रक्रिया निर्बाध रूप से संपन्न हुई है। खनन क्षेत्र बंजारावाला 9.8780 हेक्टेयर हेतु कुल अधिकतम उपखनिज की मात्रा 2,17,316 टन की वार्षिक निकासी हेतु आधार मूल्य रू. 1,52,12,120 निर्धारित की गयी। उक्त खनन लाॅट हेतु पूर्व में योजित ई-निविदा (प्रथम चरण) में चार निविदाकार ही द्वितीय चरण अर्थात् ई-नीलामी की प्रक्रिया में प्रतिभाग करने हेतु सफल घोषित किया गया। किन्तु तीन प्रतिभागियों के मध्य निरन्तर बोलियां दर्ज करायी जाती रही हैं। उक्त ई-नीलामी के लिए निर्धारित समय प्रातः 10.00 बजे से अपराह्न 01.00 बजे तक निर्धारित था तथा 01.00 बजे से 05.00 मिनट पूर्व में यदि कोई बोली प्राप्त होने पर समय अन्य बोलीदाताओं हेतु 5 मिनट स्वतः अग्रेनीत हो जाने का प्राविधान रखा गया है। बोलीदाताओं द्वारा 01.00 बजे के बाद भी लगातार बोलियां दर्ज करायी जाती रही तथा लगभग 01.55 बजे तक बोली बढ़ती चली गई। अंततः ई-नीलामी में अधिकतम बोली रू 9,49,23,000 प्राप्त हुई है जो निर्धारित आधार मूल्य के लगभग छः गुना से अधिक है।
दूसरे खनन क्षेत्र बंजारावाला ग्राण्ट 6.6755 हेक्टेयर क्षेत्रफल हेतु कुल अधिकतम उपखनिज की मात्रा 146861 टन की वार्षिक निकासी हेतु आधार मूल्य रू. 1,02,80,270 मात्र निर्धारित की गयी तथा तीन बोलीदाताओं ने प्रतिभाग किया। ई-नीलामी में अधिकतम बोली 6,66,15,766 रूपये की प्राप्ति हुई है, जो आधार मूल्य के लगभग साढे छः गुना से अधिक है।
ज्ञातव्य है कि तकनीकी के उपयोग से संपन्न की जा रही रियल टाइम आॅनलाइन प्रक्रिया का राज्य में पहला एवं सफल प्रयोग रहा है। निदेशक भूतत्व एवं खनिकर्म द्वारा अवगत कराया गया है कि प्रतिभागियों के मध्य जबरदस्त प्रतिस्पर्धा देखने को मिल रही है तथा सरकार को अधिकाधिक राजस्व प्राप्ति के साथ-साथ अवैध खनन पर नियंत्रण हो जाने की पूर्ण संभावना है।
प्रमुख सचिव खनन, श्री आनन्द वर्द्धन ने सचिवालय स्थित अपने कक्ष में ई-नीलामी की आॅनलाइन प्रक्रिया के रियल टाईम निरन्तर बढ रही बोलियो का अवलोकन किया तथा एनआईसी द्वारा निर्मित ई-नीलामी साॅफ्टवेयर के परफार्मेंस एवं गुणवत्ता पर संतोष व्यक्त करने के साथ ही बोलीदाताओं के उत्साह एवं आधार मूल्य के सापेक्ष अधिकतम प्राप्त बोली पर भी संतोष व्यक्त किया।

 
उत्तराखण्ड कुल 18175 मेगावाट जल उत्पादन क्षमता में से मात्र 5186 मेगावाट क्षमता यानी 29 प्रतिशत का ही उपयोग कर पा रहा है। विभिन्न कारणों से 4028 मेगावाट की 34 परियोजनाएं ठप पड़ी हुई हैं। इन परियोजनाओं के निर्माण के सिलसिले में गुरुवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव श्री नृपेंद्र मिश्र के साथ मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह, सचिव ऊर्जा श्रीमती राधिका झा और अन्य अधिकारियों के साथ बैठक हुई।
बैठक में बताया गया कि ठप पड़ी जल विद्युत परियोजनाओं की वजह से राज्य को हर साल 1000 करोड़ रुपये की बिजली खरीदनी पड़ रही है। इसके अलावा राज्य सरकार का 2709 करोड़ रुपये का व्यय भी फंसा हुआ है। 41000 करोड़ रुपये का निवेश भी बाधित हो रहा है। केंद्र सरकार से अनुरोध किया गया कि विशेषज्ञ दल की रिपोर्ट के आधार पर जल संसाधन, ऊर्जा और पर्यावरण एवं वन मंत्रालय संयुक्त रूप से क्लीयरेंस के लिए प्रयास करे। दलील दी गयी कि राज्य सरकार जैव विविधता, पर्यावरण संरक्षण व नदियों की पवित्रता बनाये रखने के लिए जरूरी उपाय कर रही है। नदियों की अविरल और निर्मल धारा को बनाये रखने के लिए राज्य सरकार संकल्पबद्ध है। राज्य सरकार ने मजबूती से अपना पक्ष रखा और सकारात्मक सहयोग का अनुरोध किया।
प्रमुख सचिव प्रधानमंत्री श्री नृपेंद्र मिश्र की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में केंद्रीय सचिव जल संसाधन, सचिव वन एवं पर्यावरण, सचिव ऊर्जा उपस्थित थे।

 
देहरादून, 08 फरवरी 2018, रिस्पना नदी को पुनर्जीवित करने के लिए जिला प्रशासन सहित सभी सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों के साथ मसूरी वन प्रभाग सभागार में जिलाधिकारी एस.ए मुरूगेशन की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गयी। तथा बैठक के बाद जिलाधिकारी द्वारा मैसीफाल तक करीब 8 किमी की पैदल चलकर शिखरफाॅल मकरेत गावं तक नदी का निरीक्षण किया।
जिलाधिकारी ने कहा कि रिस्पना का पुनर्जीवन राज्य व देश के लिए माॅडल बनेगा। उन्होने जानकारी देते हुए बताया कि रिस्पना नदी जिसका नाम ऋर्षिपर्णा नदी है को पुनर्जीवित करने के लिए प्रदेश सरकार प्रयासरत हैं स्वयं मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड सरकार इसमें विशेष रूचि ले रहे हैं। इसी का देखते हुए नदी को नुनर्जीवित करने के लिए पूरे स्स्टिमेटिक ढंग से कार्य किया जायेगा। उन्होने कहा कि इसके लिए इस क्षेत्र से जुड़े संस्थानों जिसमें मुख्यतः स्कूल है उनके साथ 9 से अधिक सरकारी विभागों को जोड़ा गया है। उन्होने कहा कि रिस्पना नदी को पुनर्जीवित करने के लिए किस तरह कार्य किया जायेगा इसका माइक्रो प्लान बना दिया गया है, जिसे शासन को प्रस्तुत किया जायेगा। उन्हाने कहा कि रिस्पना नदी का उदगम स्थल मसूरी है इस के लिए इस क्षेत्र में काम करने की जरूरत है ताकि नदी को बचाने के लिए पानी के पारम्परिक स्त्रोतों को रिचार्ज किया जाये, इसके लिए लंढौर छावनी से लेकर शिखरफाॅल तक मकडे़त गावं तक कार्य किया जाना है। इसमें देखा जा रहा है कि जहां जगंल घना है वहां कैसे पानी को बढाया जाय तथा जहां पेड़ नही है वंहा पेड़ लगाये जायेंगे, तथा सीवर का कैसे ट्रीटमैन्ट होगा इस सभी पर कार्य किया जाना है, ताकि पानी को बढाया जा सके। इसमें इको-टास्कफोर्स के माध्यम से जूनियर इको-टास्कफोर्स बनायी जा रही है जिसमें इस क्षेत्र में लगे स्कूलों के छात्र/छात्राओं के माध्यम से वृक्षारोपण किया जायेगा। इस कार्य में छावनी परिषद, नगर पालिका, वन विभाग जल निगम, जल संस्थान, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड आदि को शामिल किया गया है। जिलाधिकारी ने कहा कि रिस्पना नदी के पुनर्जीवन हेतु आम जनमानस की भागीदारी भी जरूरी है। उन्होने आम जनमानस को भी इस कार्य में शामिल करने के निर्देश दिये तथा आम जनमानस से इस पुण्य का कार्य हेतु आवश्यक सहयोग की अपेक्षा की। उन्होने कहा कि इस कार्य के लिए बजट की आवश्यकता है जिसे जुटाया जायेगा।
इसके बाद जिलाधिकारी ने सभी अधिकारी एवं कर्मचारी के साथ पहले मैसीफाल एवं कम्पनी बाग गये तथा वहां से पैदल चलकर पूरे क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण किया।
बैठक एवं निरीक्षण के दौरान नगर मजिस्टेªट मनुज गोयल, उप जिलाधिकारी मसूरी मीनाक्षी पटवाल एवं सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों के साथ वुड स्टाक स्कूल, ओकग्रोव स्कूल, वाइनबर्ग ऐलन स्कूल व सेंटजार्ज कालेज के प्रतिनिधियों एवं इको-टास्कफोर्स के कमान्डेंट, डीएफएओ कहकसा नसीम, सीडिओ वन प्रभाग सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारी मौजूद थे।
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देहरादून, 08 फरवरी 2018, कृषि एवं उद्यान मंत्री उत्तराखण्ड सरकार सुबोध उनियाल द्वारा सेलाकुई स्थित कैप (सेन्टर फाॅर एैरोमैटिक प्लांट-संगध पौध केन्द्र) में एैरोमैटिक प्लांट पर आयोजित कार्यशाला में प्रतिभाग करते हुए किसानों को सम्बोधित किया।
मा मंत्री ने किसानों से आग्रह किया कि अब खेती करने का तरीका बदलना होगा। खेती समूह में करनी होगी, साथ ही जंगली जानवरों वाले बाहुल्य क्षेत्रों में एैरोमैटिक, आयुर्वेदिक और नकदी फसलें लगानी होगी। उन्होने घोषणा की कि राज्य सरकार एैरोमैटिक खेती करने वाले किसानों को समूह आधारित 2 प्रतिशतफ लोन सुविधा निःशुल्क प्रशिक्षण, बीज, आपूर्ति स्थानीय स्तपर कलस्टर स्थापित करते हुए वहां पर शर्टिग बांडिंग, मार्केटिंग, फूड प्रोसेसिंग इत्यादि में हर तरह मदद करेगी। उन्होने कहा कि हमें उन फसलों की ओर बढना होगा , जिनके लिए कच्चा माल स्थानीय स्तर पर ही उपलब्ध हो और स्थानीय स्तर पर ही मांग हो। उन्होने उदाहरण देते हुए कहा कि हमारे चारधामों और अनेक मंदिरों में फूल बडे़ पैमाने पर दिल्ली और अन्य बाहरी बाजारों से आयात होता है, इसी तरह अन्य वस्तुओं का भी आयात होता है तो ऐसी वस्तुओं सामग्री की आपूर्ति यदि स्थानीय स्तर पर पूरी हो जाय,े तो स्थानीय लोगों की आर्थिकी सुधरेगी उन्होने अधिकारियों को निर्देश दिये कि 5 लाख एकड़ क्षेत्र पर और 5 लाख किसानों को जोड़ने का लक्ष्य रखें साथ ही उसे पूरा भी करें। इसी प्रकार जैविक, हर्बल इत्यादि उत्पादों को भी लक्ष्य तय करते हुए प्रस्ताव बनायें, जो केन्द्र सरकार का भी विजन है। कार्यशाला में सचिव कृषि/उद्यान डी सैंथिल पाण्डियन ने कहा कि केन्द्र सरकार वित्त पोषित किसानों और काश्तकारों का लाभ वाली अनेक योजनाएं हैं और उनका सही लाभ तभी मिल सकता है जब समूह में खेती होगी, एक जगह एक जैसी खेती होगी, उत्पाद से लेकर विपणन तक अलग-2 समूह बनेंगे, जिससे एक ओर तो योजनाओं के क्रियान्वयन में आसानी होगी, दूसरी ओर समूह में पर्याप्त वित्तीय और अन्य प्रकार की सहायता देने में असानी होगी। उन्होने कहा कि यदि किसानों को अपनी आय बढानी है तो उनको एक साथ एक कलस्टर आधारित चलना ही पड़ेगा, जिससे सरकार को विभिन्न संशाधन ने में आसानी होगी और एक जगह एक जैसी खेती से उत्पादन से लेकर विक्रय तक किसानों की ही भूमिका रहने से बिचौयिलों द्वारा अनावश्यक लाभ नही उठाया जा सकेगा। उन्होने कहा कि कलस्टर आधारित एक जैसी खेती इन्टरक्रौप और बहुत से आयामों कृषि, बागवानी, पशुपालन, डेयरी, कुटीर उद्योग, हथकरघा हस्तशिल्प, फूड प्रोसेसिंग, एैरोमैटिक, आयुर्वेदिक इत्यादि में अधिक लाभ कमाने के लिए कलस्टर केन्द्र, विक्रय केन्द्र, मार्केटिंग इत्यादि सभी एक जगह एक साथ होना जरूरी है।
इस अवसर पर अपर सचिव उद्यान मेहरबान सिंह बिष्ट, निदेशक संगध पौध केन्द्र सेलाकुई नृपेन्द्र चैहान सहित भारी संख्या में किसान एवं काश्तकार उपस्थित थे।
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देहरादून, 08 फरवरी 2018, उच्च शिक्षा मंत्री डाॅ धन सिंह रावत द्वारा केदारपुरम स्थित दून विश्वविद्यालय में 9 फरवरी 2018 केा विद्यालय परिसर में स्थापित होने वाले डाॅ नित्यानन्द हिमालयी शोध एवं अध्ययन केन्द्र के सम्बन्ध में प्रेस कान्फेंस आयोजित की गयी मा राज्य मंत्री ने कहा कि डाॅ नित्यानंद की एक उच्च स्तर के शोधकर्ता थे। उनके शोध सभी शोधार्थियों के लिए एक प्रेरणास्त्रोत हैं। भूगोल पर आधारित उनके शोध-पत्र राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय प्रत्रिकाओं में भी प्रकाशित हुए हैं। हिमालय क्षेत्र के लिए उनका बड़ा योगदान रहा है और 1991 में उत्तरकाशी में आये भूकंप के पश्चात उन्होने लोगों के पुनर्वास हेतु अथक प्रयास किये । उन्होने ‘गढवाल हिमालय’ उप ‘होली हिमालय पर पुस्तकें भी लिखी और उनके उच्च योगदान को और शिक्षा क्षेत्र में उनकी भूमिका को देखते हुए दून विश्वविद्यालय में 9 फरवरी 2018 को उनके नाम से शोध केन्द्र स्थापित किया जायेगा, जिसमें मा मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड सरकार, केन्द्रीय माननव संसाधन राज्य मंत्री सतपाल सिंह सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहेंगे।
इस अवससर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 सी.एस नौटियाल, डाॅ डी.पी जोशी, प्रो के.डी पुरोहित आदि उपस्थित थे।

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देहरादून, 08 फरवरी 2018, सचिव विद्युत नियामक आयोग उत्तराखण्ड ने अवगत कराया है कि विद्युत नियामक आायेग के समक्ष उत्तराखण्ड पावर कारपोरेशन लि0 (यूपीसीएल), उत्तराखण्ड पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन लि0(पिटकुल) तथा यूजेवीएन लि0 द्वारा क्रमशः वितरण, पारेषण एवं उत्पादन टैरिफ दर (वर्ष 2018-19) निर्धारण हेतु याचिकाएं मा आयोग के समक्ष प्रस्तुत की गयी हैं।
उक्त याचिकाओं पर आम उपभोक्ताओं के सुझाव/मत प्राप्त करने हेतु मा0 अध्यक्ष उत्तराखण्ड विद्युत नियामक आयोग श्री सुभाष कुमार द्वारा राज्य के विभिन्न स्थलों में जनसुनवाई कार्यक्रम निर्धारित किया गया है। जिसमें 20 फरवरी 2018 को जनपद बागेश्वर में प्रातः 11 बजे से 1 बजे तक ब्लाक कार्यालय में, 21 फरवरी 2018 को जनपद उधमसिंह नगर में 11 बजे से 01ः30 बजे तक विकासभवन सभागार नैनीताल रोड रूद्रपुर में, 27 फरवरी 2018 को जनपद रूद्रप्रयाग प्रातः 11 बजे से 1 बजे तक जिला पंचायत सभागार रूद्रपयाग में तथा 28 फरवरी 2018 को जनपद देहरादून में प्रातः 11 बजे से 01 बजे तक (उद्योग/अघरेलू श्रेणी उपभोक्ता) तथा अपरान्ह 3 बजे से 5 बजे तक (उद्योग/अघरेलू श्रेणी को छोड़कर शेष सभी श्रेणी के उपभोक्ता) स्थान कोर्ट कक्ष, उत्तराखण्ड विद्युत नियामक आयोग विद्युत नियामक भवन, निकट आई.एस.बी.टी माजरा देहरादून में सुनवाई निर्धारित की गयी हैं।
उन्होने बताया है कि उपरोक्त टैरिफ दरों के प्रस्ताव के सम्बन्ध में यदि कोई भी व्यक्ति या संस्था अपना मत आयोग के समक्ष प्रस्तुत करना चाहते हैं तो वे जनसुनवाई में उपस्थित होकर अपना मद माननीय आयोग के समक्ष लिख्तिा या मौखिक रूप से प्रस्तुत कर सकते हैं।
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देहरादून, 08 फरवरी 2018, अपर आयुक्त (प्रशासन) गढवाल मण्डल, पौड़ी हरक सिंह रावत ने जनपद देहरादून शहर में  पलास्टिक/ थर्माकोल के डिस्पोजल प्लेट, दोने एवं गिलास आदि पर प्रतिबन्ध करने सम्बन्धी बैठक आहुत की गयी। 
अपर आयुक्त गढवाल हरक सिंह रावत ने अवगत कराया है कि बैठक मुख्य उद्देश्य जनपद में आयोजित होने वाले  विवाह समारोह, धार्मिक आयोजन एवं अन्य कार्यक्रमों में प्रयोग में लाये जाने वाले प्लास्टिक/थर्माकोल से निर्मित डिस्पोजल प्लेट, गिलास एवं दौने आदि को पूर्ण रूप से प्रतिबन्धित करने का निर्णय लिया गया है जिसके लिए जनपद के सभी थोक व्यापारियों, दोना पत्तल स्टोर, वैडिंग प्वांइट संचालकों, होटल मन्दिर समिति तथा गुरूद्वारों के प्रबन्धक/संचालकों के साथ बैठक कर परिचर्चा की गयी।  उन्होने बताया कि बैठक में उपरोक्त उपस्थित प्रबन्धकों/संचालकों, एवं विक्रेताओं द्वारा प्रशासन से सहयोग करने तथा 31 मार्च 2018 तक सभी प्रकार के प्लास्टिक/थर्माकोल के डिस्पोजेबल प्लेट, दोने एवं गिलास को बन्द किये जाने का आश्वासन दिया गया । 
इस पर अपर आयुक्त गढवाल ने सफाई निरीक्षक एवं सुपरवाईजरों को निर्देश दिये कि 31 मार्च 2018 के बाद प्रतिबन्धित प्लास्टिक/थर्माकोल के डिस्पोजल प्लेट, दोने एवं गिलास तथा 40 माइक्रोन से पतला पाॅलिथीन आदि का प्रयोग/बिक्री किसी, विक्रेता/ व्यापारियों/थोक व्यापारियों तथा विभिन्न संस्थानों द्वारा किया जाता है तो उक्त सामग्री को तत्काल जब्त करने की कार्यवाही की जाये। 
उन्होने समस्त सुपरपाईजरों सफाई निरीक्षकों  को निर्देश दिये कि जगह-2 एवं खाली प्लाटों में कूड़ा फैंकने वाले के विरूद्ध कार्यवाही करते हुए अर्थदण्ड वसूला जाये। उन्होने आस-पास के खाली प्लाटों में कूड़ा डालने वालों की पहचान सुनिश्चित की जाये तथा जिनके द्वारा कूड़ा गाड़ी में नही डाला जाता तथा गाड़ी में कूड़ा डालने के एवज में नगर निगम को यूजर चार्ज नही दिया जाता है उनके विरूद्ध 10 गुना अर्थदण्ड वसूल करने के निर्देश दिये तथा अर्थ दण्ड न देने पर भू-राजस्व के बकाये की भांति वसूली प्रमाण पत्र जिला कलैक्टर का  प्रेषित करने के निर्देश दिये। उन्होने कहा कि शहर में कई स्थानों पर डेरी संचालकों द्वारा गोबर नालियों में बहाया जा रहा है। उन्होने निर्देश दिये कि ऐसे डेरी संचालकों के विरूद्ध चालान की कार्यवाही करने के निर्देश दिये। आदेशों के अहवेलना करने वाले डेरी संचालकों के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज करने के निर्देश दिये।
उन्होने मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देश दिये कि कूड़ा वाहनों को तीन भागों में बांटे, पहले भाग में प्लास्टिक/पाॅलिथीन तथा सूखा कूड़ा, दूसरे भाग में मिश्रित कूड़ा तथा अंतिम भाग में जैविक कूड़ा रखें, जिससे कम्पोस्टिंग किया जाये। उन्होने निर्देश दिये कि सभी पर्यावरण मित्रों का कार्य बीटवार विभक्त करते हुए उसकी प्रति आयुक्त कैम्प कार्यालय में भी प्रस्तुत की जाये जिससे सम्बन्धित कर्मी के कार्यों का पर्यवेक्षण भी हो सके। उन्होने कहा कि यूजर चार्ज इस प्रकार प्रस्तावित किये जाये, जो व्यक्ति कूड़ा वाहनों तक जैविक-अजैविक कूड़ा पृथक-पृथक करके देते हैं उनसे यूजर चार्जेज प्रस्तावित न करें, यदि यूजर चार्ज लिया जाता है तो बहुत कम प्रस्तावित किये जाये। जो व्यक्ति मिश्रत कूड़ा देता है उससे वर्तमान दर से यूजर चार्जेज प्रस्तावित किये जायें तथा जो व्यक्ति कूड़ा वाहनों में कूड़ा नही देते और स्वयं घर से कूड़ा उठाने की बात करते हैं तथा जैविक-अजैविक कूड़ा पृथक-पृथक देते हैं तो उनसे वर्तमान दर से यूजर चार्जेज प्रस्तावित किया जाय। जो व्यक्ति स्वंय घर से मिश्रित/मिक्स कूड़ा देते हैं उनसे यूजर चार्जेज की दुगुनी राशि प्रस्तावित की जाये। 
उन्होने मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देश दिये कि कूड़ा वाहनों की तैनाती इस प्रकार की जाये कि नियमित रूप से कूड़ा उठान हो। जिसके लिए कम से कम 5 वाहनों एवं 5 वाहन चालकों को स्टैण्ड ब्वाय में आरक्षित रखें, जिससे वाहन खराब होने या किसी वाहन चालक की तबियत खराब होने पर आरक्षित रखे वाहन एवं वाहन चालक से कार्य लिया जा सके। यह सुनिश्चित कर लिया जाये कि प्रत्येक दशा में कूड़ा उठान हो। उन्होने समस्त सफाई निरीक्षकों एवं सुपरवाईजरों को निर्देशित किया कि वे सभी विवाह स्थल/होटल/मन्दिर समिति तथा गुरूद्वारे के प्रबन्धक/संचालकों एवं होल सेलरों से निर्धारित  प्रमाण पत्र भरवा लिया जाये कि यदि प्रतिबन्धित प्लास्टिक/थर्माकोल के डस्पोजेबल प्लेट एवं गिलास प्रयोग नही किया जायेगा। तथा प्रमाण पत्र की प्रति मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी को उपलब्ध करा दी जाये। यदि कोई संस्थान प्रमाण पत्र देने के बाद भी प्रतिबन्धित सामग्री का प्रयोग करता हुए पकड़ा जाता है 5000 हजार रू0 अर्थदण्ड  प्रतिदिन के हिसाब से  (दिन की गणना 8 फरवरी 2018) वसूला जाये। 

 
हरिद्वार। जिलाधिकारी दीपक रावत ने चकबन्दी अधिकारी सदन लाल को फोन रिसीव न करने व लिखित आदेष के बावजूद भी जिलाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत न होने पर कारण बताओ नोटिस जारी किया है। जिसका जबाब चकबन्दी अधिकारी सदन लाल को 09 फरवरी तक देना है। इसके साथ ही सदन लाल के फोन रिसीव न करने से षासकीय कार्याें के सम्पादन एवं षिकायतकर्ता जमषैद की षिकायत के निस्तारण में बाधा उत्पन्न होने पर जिलाधिकारी ने चकबन्दी अधिकारी सदन लाल के वेतन पर अग्रिम आदेषों तक रोक लगा दी है।
प्रेस विज्ञप्ति-2
हरिद्वार। मुख्य विकास अधिकारी स्वाति एस. भदौरिया ने बताया कि जनपद के चयनित 100 ग्रामों में व्यापक षिक्षा जागरुकता अभियान चलाया जायेगा। इन चयनित 100 ग्रामों में वे ग्राम षामिल है जिनमें कभी भी स्कूल न जाने वाले बच्चों, निरक्षर महिलाओं व पुरुशों की संख्या अधिक है। इन चयनित ग्रामों में षिक्षा जागरुकता अभियान के अनुश्रवण तथा मार्गदर्षन के लिए नोडल अधिकारी नामित किये गये हैं।
सीडीओ ने विकासखण्ड बहादराबाद में चयनित ग्रामों के लिए एडीएम वित्त एवं राजस्व, एडीएम प्रषासन, जिला विकास अधिकारी व खण्ड विकास अधिकारी बहादराबाद को नोडल अधिकारी नामित किया है। इसी प्रकार विकासखण्ड लक्सर में चयनित ग्रामों के लिए जिला विकास अधिकारी, विकासखण्ड खानपुर में चयनित ग्रामों के लिए एसडीएम लक्सर, विकास खण्ड रुड़की में चयनित ग्रामों के लिए ज्वाइंट मजिस्ट्रेट रुड़की, विकासखण्ड नारसन में चयनित ग्रामों के लिए तहसीलदार रुड़की व खण्ड विकास अधिकारी नारसन, विकासखण्ड भगवानपुर में चयनित ग्रामों के लिए एसडीएम भगवानपुर को नोडल अधिकारी नामित किया है।
प्रेस विज्ञप्ति-3
हरिद्वार। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा 10 फरवरी को हरिद्वार, रुड़की व लक्सर के न्यायालय परिसर में राश्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन प्रातः 10 बजे से सांय 05 बजे तक किया जायेगा। यह जानकारी देते हुए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव मीना देउपा ने बताया कि इस लोक अदालत में फौजदारी के षमनीय वाद, बैंक रिकवरी वाद, मोटर दुर्घटना प्रतिकर वाद, श्रम वाद, वैवाहिक वाद, व्यावहारिक वाद, राजस्व वाद, विद्युत एवं जलकर सम्बन्धी वादों का निस्तारण आपसी सुलह समझौते व अभिस्वीकृति के आधार पर किया जायेगा। सुश्री देउपा ने जनता से कहा है कि जिनके भी इस प्रकार के वाद हैं वे उस न्यायालय में जहां उनके वाद लम्बित हैं प्रार्थना पत्र देकर राश्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से अपने वादों का निस्तारण करवा सकते हैं।

हरिद्वार। माननीय मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हरिद्वार के आर्यनगर में नव निर्मित राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ के कार्यालय का उद्घाटन किया। लोकार्पण के अवसर पर राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ के सह सर कार्यवाह श्री कृष्ण गोपाल जी तथा विश्व हिन्दू परिषद के राष्ट्रीय संगठन मंत्री सहित विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी उपस्थित रहे। मा. मुख्यमंत्री ने संघ कार्यालय का लोकापर्ण करते हुए कहा कि संघ कार्यालय के निर्माण से देशभर में हिन्दू संस्कृति के प्रसार में लगे प्रचारकों, स्वयं सेवकों को संघ और राष्ट्र के कार्य करने में सुगमता होगी।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संगठन पर अपने विचार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि संघ एक विचाराधारा है जिसका उद्देश्य राष्ट्र निमार्ण, समाज का संर्वागीण विकास तथा भारतीय संस्कृति का संरक्षण, संवर्धन एवं पोषण करना मात्र है। संघ सदैव वसुधैव कुटुम्बकम की भावन से कार्य करता हुआ आगे बढ़ रहा है तथा वैश्विक स्वीकार्यता प्राप्त करने की ओर अग्रसर है। आज संघ सामाजिक समरसता की भावना को आगे बढाते हुए समाज को एकात्मकता प्रदान करने की दिशा में गतिशील है। संघ व्यापक रूप लेकर प्रत्येक भारतीय की जिज्ञासा व विचार में शामिल हो गया है, जो इसके पवित्र ध्येय की विजय है।
लोकापर्ण समारोह के पश्चात माननीय मुख्यमंत्री कटारपुर गौ रक्षा तीर्थ के शताब्दी वर्ष श्रद्धांजली समारोह मंें उपस्थित हुए। उन्होंने कटारपुर गांव में बने शहीद स्मारक पर आयोजित श्रद्धांजली यज्ञ में आहुति डाली।
कैबिनेट मंत्री श्री मदन कौशिक, ज्वालापुर विधायक श्री सुरेश राठौर, रानीपुर विधायक श्री आदेश चैहान, रूड़की विधायक श्री प्रदीप बत्रा, हरिद्वार ग्रामीण विधायक श्री यतीश्वरानंद, मेयर श्री मनोज गर्ग, प्रदेश अध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी श्री अजय भट्ट, जिलाध्यक्ष बीजेपी हरिद्वार डा. जयपाल चैहान सहित अनेक पदाधिकारियों ने यज्ञ में पूर्ण आहुति दी।
सभा को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कटारपुर एक ऐतिहासिक स्थल है जहां हिन्दुओं ने गौ माता को बचाने के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया। गाय पुरातन काल से आज तक सभी हिन्दुओं की आस्था और संस्कृति का सूत्र है। यदि धर्म और आस्था से अलग तर्क और वैज्ञानिक आधार पर बात करें तो दिल्ली की सुप्रसिद्ध श्रीराम प्रयोगशाला में गाय सहित गौमुत्र, गोबर आदि पदार्थाे पर हुए रिसर्च में यह स्पष्ट हुआ कि भारतीय देसी गाय के दूध व गौमूत्र अर्क का सेवन अवसाद, माइग्रेन सहित अनके व्याधियों से निजात दिलाने में कारगर है। वहीं गाय के गौबर का प्रयोग भी त्वचा सम्बन्धी रोगों को नष्ट करने में औषधीय रूप से कार्य करता है। ब्राजील सहित दुनिया के कई देश भारतीय देसी गाय के गुणों के कारण अपने यहां पालन पोषण कर रहे हैं।
अनुपयोगी मानकर लावारिस छोड़े गये गौ वंश या बूढ़ी गायों के लिए भारत सरकार देशी गौशालाओं के संरक्षण व संवर्धन को प्रोत्साहन दे रही है। उत्तराखण्ड सरकार की ओर से नरियाल गांव चम्पावत में स्थापित गौ वंश संरक्षण केंद्र देसी नस्लों के संरक्षण में बहुत बेहतर ढंग से कार्य कर रहा है। राज्य सरकार की ओर से पशुआहार के दाम 270 रूपये प्रति कुन्तल कम कर दिये गये हैं। राज्य सरकार शीघ्र ही एक सैक्स सीमन केंद्र ऋषिकेश में स्थापित करने जा रही है जहां देसी गायों के ब्रीड सुधार पर कार्य किया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने 18 सितम्बर 1918 को गांव में गौवध का विरोध करने पर अंग्रेजी हुकुमत द्वारा फांसी तथा काला पानी की सजा सुनाये गये शहीदों के परिजनों को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया।

हरिद्वार। भारत सरकार द्वारा विकास से जुड़े जनपद के विभिन्न विभागों को जनपद के समग्र विकास को ध्यान में रखकर कार्ययोजना तैयार करने के निर्देष दिये गये थे। इसी क्रम में जिलाधिकारी दीपक रावत ने 09 फरवरी को अपराह्न 03 बजे से कलक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक में सभी सम्बन्धित अधिकारियों को कार्ययोजना के साथ अनिवार्य रुप से उपस्थित होने के निर्देष दिये हैं। जिलाधिकारी ने निर्देष दिये हैं कि सभी सम्बन्धित अधिकारी पावर प्रजेन्टेषन के माध्यम से अपने विभाग से सम्बन्धित कार्ययोजना का प्रस्तुतिकरण करगें जिसमें विभाग की रणनीति, सबसे अच्छी संचालित एवं प्रस्तावित परियोजनाएं, विभाग के लक्ष्य व आसानी से प्राप्त किये जाने वाले लक्ष्यों की जानकारी विभागीय अधिकारियों को देनी होगी।

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