महाराष्ट्र की राजनीति में नया मोड़ –

उद्धव ठाकरे ने विधानसभा सचिव को पत्र लिखकर नेता विपक्ष का पद मांगा#  शिवसेना विपक्ष मे बैठेगी  #बीजेपी और शिवसेना के झगड़े ने महाराष्ट्र की राजनीति में नया मोड़ ला दिया #बीजेपी और शिवसेना के बीच सब कुछ अच्छा नहीं चल रहा है, www.himalayauk.org (Leading Digital Newsportal Bureau) Dehradun, Uttrakhand; 

 शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र विधानसभा सचिव को पत्र लिखकर नेता विपक्ष का पद मांगा है. इस पत्र के साथ ही तय हो गया है कि शिवसेना महाराष्ट्र सदन में विपक्ष की भूमिका निभाएगी. शिवसेना चीफ उद्धव ठाकरे ने विधानसभा सचिव को पत्र लिखकर नेता विपक्ष का पद मांगा है. वहीं, एकनाथ शिंदे सदन में शिवसेना के नेता होंगे. जाहिर है शिवसेना के इस पत्र ने साफ कर दिया है कि शिवसेना, बीजेपी नीत महाराष्ट्र सरकार में शामिल नहीं होगी और दोनों पार्टियों के बीच पुनर्मिलन की अटकलों पर अब विराम लग गया है. इससे पहले रविवार को केंद्रीय कैबिनेट के विस्तार के बाद शिवसेना ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर विपक्ष में बैठने का जिक्र किया था. शिवसेना विधायक दल की बैठक के बाद पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा था कि अगर बीजेपी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से शरद पवार की पार्टी एनसीपी से हाथ मिलाती है, तो शिवसेना विपक्ष में बैठेगी. हालांकि सोमवार की शाम उद्धव के पत्र के साथ ही शिवसेना का रुख साफ हो गया है.

महाराष्ट्र की राजनीति के दिग्गज नेता नारायण राणे द्वारा कांग्रेस छोड़ने के बाद खाली हुई महाराष्ट्र विधान परिषद की सीट के लिए 7 दिसंबर को उपचुनाव होगा. चुनाव आयोग ने बुधवार को इस बात की जानकारी दी. 288 सदस्यों वाली महाराष्ट्र विधानसभा में बीजेपी के 122 विधायक हैं. उसकी सहयोगी शिवसेना के 63 सदस्य हैं. शिवसेना ने राणे को बीजेपी में शामिल किए जाने को लेकर ऐतराज जताया है. राजनीतिक मामलों के जानकारों का मानना है कि विधान परिषद उपचुनाव में शिवसेना अहम भूमिका निभाएगी.

बीजेपी और शिवसेना के बीच सब कुछ अच्छा नहीं चल रहा है, ये बात तो पार्टी के सुप्रीम लीडर उद्धव ठाकरे और शिवसेना के अनेक नेतओं के बार बार के बयान से जाहिर था, लेकिन दोनों पार्टियों के बीच रिश्ते इस हद तक पहुंच गए हैं कि विधायकों की खरीद फरोख्त और उसे तोड़ने तक के इल्जाम लगेंगे. ऐसी कोई चर्चा नहीं थी. अब बीजेपी और शिवसेना के झगड़े ने महाराष्ट्र की राजनीति में नया मोड़ ला दिया है. शिवसेना के एक विधायक ने बीजेपी पर पार्टी तोड़ने का आरोप लगाया है.
औरंगाबादा से शिवसेना के विधायक हर्षवर्धन जाधव का कहना है कि बीजेपी उनकी पार्टी के विधायकों को पांच-पांच करोड़ रुपये का लालच दे रही है. शिवसेना विधायक का ये भी कहना है कि बीजेपी 25 विधायकों को तोड़ने की कोशिश कर रही है.
आपको बता दें कि महाराष्ट्र में कभी शिवसेना की हैसियत बड़े भाई की थी, लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव के नतीजों ने तस्वीर बदल दी और बीजेपी का कद काफी बड़ा हो गया. 2015 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी और शिवसेना ने अलग-अलग चुनाव लड़ा और बीजेपी ने सीटों के लिहाज़ से लंबी छलांग लगाई. 288 सीटों वाली विधानसभा में बीजेपी ने 122 सीटों पर जीत दर्ज की, जबकि शिवसेना 63 सीटों पर सिमट गई. हालांकि, विधानसभा चुनाव के बाद लंबी खींचतान के बाद दोनों पार्टियों ने साझा सरकार बनाई और अभी सूबे में शिवसेना के समर्थन से सरकार चल रही है.

शिवसेना के एक विधायक ने बीजेपी पर पार्टी तोड़ने का आरोप लगाया है. औरंगाबादा से शिवसेना के विधायक हर्षवर्धन जाधव का कहना है कि बीजेपी उनकी पार्टी के विधायकों को पांच-पांच करोड़ रुपये का लालच दे रही है. शिवसेना विधायक का ये भी कहना है कि बीजेपी 25 विधायकों को तोड़ने की कोशिश कर रही है.
आपको बता दें कि महाराष्ट्र में कभी शिवसेना की हैसियत बड़े भाई की थी, लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव के नतीजों ने तस्वीर बदल दी और बीजेपी का कद काफी बड़ा हो गया. 2015 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी और शिवसेना ने अलग-अलग चुनाव लड़ा और बीजेपी ने सीटों के लिहाज़ से लंबी छलांग लगाई. 288 सीटों वाली विधानसभा में बीजेपी ने 122 सीटों पर जीत दर्ज की, जबकि शिवसेना 63 सीटों पर सिमट गई. हालांकि, विधानसभा चुनाव के बाद लंबी खींचतान के बाद दोनों पार्टियों ने साझा सरकार बनाई और अभी सूबे में शिवसेना के समर्थन से सरकार चल रही है.

यहां एक बात याद रखने की जरूरत है कि दल बदल कानून के तहत किसी पार्टी से अलग होने के लिए उस पार्टी के कुल विधायकों की संख्या का दो तिहाई का साथ होना जरूरी है. ऐसे में अगर शिवसेना का कोई विधायक पार्टी से बग़ावत करना चाहता है और विधायक भी बना रहना चाहता है तो उसे कम से कम एक साथ 44 विधायकों की जरूरत पड़ेगी.
महाराष्ट्र की राजनीति के दिग्गज नेता नारायण राणे द्वारा कांग्रेस छोड़ने के बाद खाली हुई महाराष्ट्र विधान परिषद की सीट के लिए 7 दिसंबर को उपचुनाव होगा. चुनाव आयोग ने बुधवार को इस बात की जानकारी दी.
चुनाव आयोग द्वारा मंगलवार को घोषित किए गए चुनावी कार्यक्रम के मुताबिक मतदान वाले दिन ही शाम को नतीजों की घोषणा भी कर दी जाएगी.
राज्य विधानमंडल के उच्च सदन में खाली हुई इस सीट को विधायक कोटा से भरा जाएगा. चुनाव आयोग की वेबसाइट पर मौजूद कार्यक्रम के मुताबिक नामांकन की प्रक्रिया 20 नवंबर से शुरू होकर 27 नवंबर तक चलेगी.
नामांकन पत्रों की स्क्रूटनी का काम 28 नवंबर को किया जाएगा. जबकि नाम वापस लेने की अंतिम तारीख 30 नवंबर होगी.
बीजेपी में शामिल होने की अटकलों के बीच नारायण राणे ने सितंबर में कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने राज्य विधान परिषद के सदस्य के तौर पर भी अपना इस्तीफा दिया था.
कांग्रेस छोड़ने के बाद राणे ने महाराष्ट्र स्वाभिमान पक्ष नाम से नई राजनीतिक पार्टी बनाई थी. पिछले महीने राणे ने कहा था कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने उन्हें बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए में शामिल होने के लिए न्योता दिया है.
288 सदस्यों वाली महाराष्ट्र विधानसभा में बीजेपी के 122 विधायक हैं. उसकी सहयोगी शिवसेना के 63 सदस्य हैं.
शिवसेना ने राणे को बीजेपी में शामिल किए जाने को लेकर ऐतराज जताया है. राजनीतिक मामलों के जानकारों का मानना है कि विधान परिषद उपचुनाव में शिवसेना अहम भूमिका निभाएगी.

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