उत्‍तराखण्‍ड सरकार वेतन बांटने हेतु 300 करोड़ का कर्ज लेगी

उत्‍तराखण्‍ड की प्रमुख खबरे- हिमालयायूके- 27 नवम्‍बर २०१८

HIGH LIGH;  उत्‍तराखण्‍ड  सरकार फिर 300 करोड़ का कर्ज लेने जा रही है, विकास कार्यो के लिए वेतन बांटना है# चमोली की जनता ने कहा- निराश करके चले गये मुख्यमंत्री #नाबार्ड की RIDF योजनान्तर्गत वित्तपोशित योजनाओं की समीक्षा बैठक का कार्यवृत्त  # प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष अजय भट्ट की त्रिवेन्‍द्र को नसीहत-# फिल्मकार मुजफ्फर अली नैनीताल में जल्द मिनी फिल्म इंस्टीट्यूट खोलेंगे # गौचर मेले में आयोजित राज्य स्तरीय बाक्सिंग प्रतियोगिता का मंगलवार को समापन # हाईकोर्ट की  खंडपीठ ने नोटा के प्रचार प्रसार को लेकर चुनाव आयोग से जबाव तलब    

उत्‍तराखण्‍ड सरकार फिर 300 करोड़ का कर्ज लेने जा रही है, विकास कार्यो के लिए वेतन बांटना है। केन्‍द्र और राज्‍य में डबल इंजन की सरकार का लाभ राज्‍य को नही मिल पा रहा है, 300 करोड़ का कर्ज लेने के साथ ही सिर्फ बाजार से कर्ज का आंकड़ा 4750 करोड़ तक पहुंच जायेगा। दिसंबर माह से पहले ही तय सीमा से ज्यादा कर्ज लेने की नौबत आने से राज्‍य सरकार परेशान हैं। शायद इसी कारण वश पुराने जीओ समाप्‍त कर दिये गये है, विकास कार्यो के लिए सरकार के पास पैसा नही है, शायद इसीी कारण सातवें वेतनमान के भत्ते देने का साहस सरकार जुटा नहीं पा रही है। वही केंद्र ने इतनी राहत दी है कि बाजार से लिए जाने वाले कर्ज की सीमा बढ़ा दी है। राज्य सरकार चालू वित्तीय वर्ष के आखिरी माह यानी मार्च तक 2400 करोड़ और कर्ज ले सकेगी। राज्‍य को कर्ज दर कर्ज में डुबोया जा रहा है, राज्‍य सरकार कर्ज लेकर वेतन दे रही है, वेतन-भत्ते, मानदेय, पेंशन के बढ़ते बोझ की वजह से इस वित्तीय वर्ष के पहले महीने यानी बीते अप्रैल माह से राज्य सरकार को लगातार बाजार से कर्ज उठाना पड़ रहा है। आठवें माह यानी नवंबर में बीती 13 तारीख को 300 करोड़ का कर्ज लिया जा चुका है। अब फिर 300 करोड़ कर्ज लिया जा रहा है। इस माह कुल 600 कर्ज लेने के साथ ही बाजार से कर्ज बढ़कर 4750 करोड़ हो जाएगा।
केंद्र सरकार की ओर से पहले 4500 करोड़ तक ही बाजार से कर्ज लेने की अनुमति दी गई थी। कर्ज राज्य के लिए किस कदर मजबूरी बन चुका है कि उक्त सीमा से अधिक कर्ज अब तक लिया जा चुका है। ऐसे में अधिक कर्ज के लिए केंद्र की अनुमति की प्रतीक्षा की जा रही थी। केंद्र ने राज्य को राहत देते हुए वित्तीय वर्ष के अंत तक 2400 करोड़ कर्ज बाजार से उठाने पर हामी भर दी है। इस संबंध में केंद्र सरकार का पत्र राज्य को मिल चुका है। वित्त सचिव अमित नेगी ने केंद्र सरकार का पत्र मिलने की पुष्टि की। कर्ज का ब्याज और किश्त देने में विकास कार्य दूर तक दिखाई ही नही देगे, कर्ज का बोझ 47 हजार करोड़ को पार कर चुका है।

वही चमोली की जनता ने कहा- निराश करके चले गये मुख्यमंत्री

सीएम ने नैनीताल में कहा कि सरकार दिसंबर महीने के पहले हफ्ते तक सभी लोगों तक बिजली पहुंचाने का काम करने जा रही है. सीएम ने कहा कि हम उतनी ही घोषणाएं करेंगे, जितना काम हम कर सकते हैं.
उन्होंने कहा कि पिछली सरकार के समय 4 हजार 200 करोड़ रुपयों के कामों की घोषणा कर दी गई, लेकिन बजट में सिर्फ 400 करोड़ रुपए थे. सीएम ने कहा कि जनता का जनप्रतिनिधियों पर विश्वास रहता है, इसलिए अगर हम ऐसा काम करेंगे, तब हमारी भी स्थिति वही हो जाएगी, जो हरीश रावत की हुई है. सीएम ने कहा कि सरकार आने वाले दिनों में अपना सामाजिक दायित्व कार्यक्रम शुरू करने जा रही है. इसके तहत लोगों को इलाज समेत अन्य सुविधाएं मिलेंगी. सीएम ने कहा कि 2019 तक हर गांव को फ्री इंटरनेट से जोड़ा जाएगा, जिसके लिए बातचीत पूरी हो गई है

चमोली से ; हिमालयायूके को आया व्‍हटसअप संदेश-
माननीय मुख्यमंत्री जी
चौथी बार देवाल आये किन्तु पिछली बार की तरह इस बार भी निराश करके चले गये, मात्र पुरानी योजनाओ जो 2015 मे पूर्ण हो गयी थी व उद्घाटन हो चुका था का लोकार्पण करके इतिश्री कर दी। सिर्फ ये कहकर की वे घोषणा नही करते, कोई भी घोषणा न करके लोगो को एक बार पुनः मायुस किया, हालांकि प्रदेश के हर क्षेत्र मे मुख्यमंत्री जी घोषणा करते है फिर देवाल क्षेत्र मे क्यो नही?

जड़ी बूटी के कार्यक्रम मे जड़ी बूटी पर बात तो नही की किन्तु कृषको को भांग के गुण बताकर भांग की खेती को बढाने पर जोर देकर गये। 10 अक्टूबर 2017 को हिमनी गांव मे की गई एक भी घोषणा 13 माह बाद भी पूर्ण न होना दुर्भाग्यपूर्ण है, एक माह मे वैलून टाॅवर स्थापित करने का दावा भी झूठा निकला, न वैलून टाॅवर लगा, न ही चुनावो मे डिजिटल गांव का ढिंढोरा पीटने वाले घेस गांव मे नेटवर्क सेवा बहाल हुई।

घेस मे पूर्व मे उरेडा विभाग की बिजली थी जो सड़क बनने के बाद से बाधित थी आज ग्रिड से बिधुत आपूर्ति घेस तक पहुंची जो बेहद सराहनीय है। माननीय मुख्यमंत्री द्वारा चार बार देवाल आने के बावजूद देवाल को आज तक एक भी सौगात न देना जहां दुखद है वही पार्टी कार्यकर्ताओ को भी सोचना चाहिए कि मात्र फोटो खींचवा कर सोशल मीडिया मे प्रचारित करने से क्षेत्र का भला नही हो सकता है लिहाजा सिर्फ सेल्फी लेने के बजाय शासन से विकास कार्य करवाऐं क्षेत्र की समस्याओ को शासन मे प्रमुखता से रखें। सब जानते है वर्तमान मे हमारे क्षेत्र के बुग्यालों मे पर्यटन व्यवसाय बन्द होने से कई साथी, पोर्टल, गाईड, होटल व्यवसायी, वाहन स्वामी, खच्चर स्वामी सहित कई लोग बेरोजगारी झेल रहे है लेकिन सरकार द्वारा न्यायालय का हवाला देकर अनदेखी करना भी खेदजनक है सरकार चाहे तो शराब बिक्री पर लगी न्यायालय की रोक को हटाने की तर्ज पर शीघ्र निर्णय ले सकती है किन्तु सरकार का रवैया दुर्भाग्यपूर्ण है। घेस क्षेत्र मे वर्षो पहले से जड़ी बूटी का उत्पादन प्रारम्भ करने वाले कैप्टन केशर सिंह बिष्ट जी को सलाम।

वही दूसरी ओर प्रदेश के दो बडे नेताओ में लगातार ठनती जा रही है-  प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष अजय भट्ट की त्रिवेन्‍द्र को नसीहत-

गैरसैंण में विधानसभा सत्र को लेकर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष अजय भट्ट के एक-दूसरे को काटते बयानों के सिलसिले में एक नई कड़ी जुड़ गई है. गैरसैंण में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध न होने तक वहां विधानसभा सत्र न करवाने के अजय भट्ट के बयान के बाद मुख्यमंत्री ने कहा था कि सत्र आयोजित करवाना सरकार का काम. दरअसल त्रिवेंद्र सरकार दो बार गैरसैंण में सत्र आयोजित करवा चुकी है इसलिए अजय भट्ट के बयान को खुद मुख्यमंत्री के फैसलों पर सवाल उठाना माना गया था. अब मुख्यमंत्री के बयान के बाद अजय भट्ट ने याद दिलाया कि सरकार न रहने पर सबको पार्टी में आना होगा, यानि संगठन सनातन है, सरकार नहीं. इसके साथ ही प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष ने यह भी कहा कि सरकार बनाने के लिए संगठन ने बहुत मेहनत की है और इसे भूलना नहीं चाहिए

 

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मा0 वित्तमंत्री जी की अध्यक्षता में दिनांक 27.11.2018 को आहूत
नाबार्ड की RIDF योजनान्तर्गत वित्तपोशित योजनाओं की समीक्षा बैठक का कार्यवृत्त

वर्तमान वित्तीय वर्श में RIDF योजनान्तर्गत नई योजनाओं के प्रस्ताव नाबार्ड को सन्दर्भित किये जाने के सम्बन्ध में सर्वप्रथम सचिव, वित्त द्वारा वर्तमान वित्तीय वर्श में नाबार्ड की त्प्क्थ् योजान्तर्गत लोक निर्माण विभाग, सिंचाई विभाग एवं पेयजल विभाग की योजनाओं की अद्यतन स्थिति से अवगत कराया गया। लोक निर्माण विभाग हेतु वर्तमान वित्तीय वर्श में नई योजनायें स्वीकृत किये जाने के सम्बन्ध में निर्धारित सीमा रू 350.00 करोड़ के सापेक्ष रू 328.97 करोड़ की योजनायें नाबार्ड द्वारा स्वीकृत की जा चुकी है। अवषेश धनराषि रू 21.03 करोड़ के सापेक्ष अपर मुख्य सचिव, लोक निर्माण विभाग द्वारा अवगत कराया गया कि रू 26.00 करोड़ के प्रस्ताव टी0ए0सी0 एवं ई0एफ0सी0 कराने के पष्चात् यथाषीघ्र वित्त विभाग को उपलब्ध करा दिया जायेगा।

2- सिंचाई विभाग हेतु वर्तमान वित्तीय वर्श में नई योजनायें स्वीकृत किये जाने के सम्बन्ध में निर्धारित सीमा रू 130.00 करोड़ के सापेक्ष रू 134.36 करोड़ की योजनाओं के प्रस्ताव नाबार्ड को प्रेशित किये गये है, जो कि नाबार्ड के स्तर पर विचाराधीन है। इन परियोजनाओं की स्वीकृति में हुए विलम्ब के सम्बन्ध में नाबार्ड द्वारा अवगत कराया गया कि कुछ परियोजनाओं के डी0पी0आर0 एवं अन्य अपेक्षित अभिलेख देर से प्राप्त होने के कारण स्वीकृति में विलम्ब हुआ है। इस सम्बन्ध में मा0 वित्त मंत्री जी द्वारा नाबार्ड को निर्देषित किया गया कि जिन परियोजनाओं के डी0पी0आर0 नाबार्ड को प्राप्त हो जाय, उनकी स्वीकृति के सम्बन्ध में प्रस्ताव यथावष्यक कार्यवाही की जाय, जिससे अनावष्यक विलम्ब से बचा जा सके।

3- सचिव, पेयजल विभाग द्वारा अवगत कराया गया कि टी0ए0सी0/ई0एफ0सी0 से सम्बन्धित बिन्दुओं का निराकरण किये जाने में कुछ विलम्ब हुआ है। यद्यपि जनपद उधमसिंहनगर में टिगरी पेयजल योजना (अनुमानित लागत रू 4.44 करोड़) का प्रस्ताव वित्त विभाग आज प्रेशित कर दिया गया है। इस सम्बन्ध में मा0 मंत्री जी द्वारा निर्धारित सीमा के सापेक्ष अवषेश धनराषि के प्रस्ताव टी0ए0सी0/ई0एफ0सी0 कराते हुए यथाषीघ्र उपलब्ध करायें।
4- उक्त के अतिरिक्त सिंचाई विभाग एवं पेयजल विभाग के अनुरोध के क्रम में मा0 मंत्री जी द्वारा सिंचाई विभाग एवं पेयजल विभाग को निर्देष दिया गया कि नाबार्ड को प्रेशित किये जाने सम्बन्धी परियोजनाओं के डी0पी0आर0 तैयार कर उनका टी0ए0सी0 एवं ई0एफ0सी0 आदि कराकर तैयार रखे जिससे अन्य विभागों (विषेशकर कृशि एवं एम0एस0एम0ई0) की नई योजनाओं हेतु निर्धारित सीमा के अवषेश के सापेक्ष इन योजनाओं के प्रस्ताव नाबार्ड को ससमय प्रेशित किये जा सके। नाबार्ड द्वारा अवगत कराया गया कि उप निदेषक, षिक्षा विभाग द्वारा नाबार्ड को प्रेशित परियोजनाओं के सापेक्ष लगभग रू 15.00 करोड़ की परियोजनाओं को नाबार्ड से वित्तपोशित न कराये जाने के सम्बन्ध में अवगत कराया गया है। इस सम्बन्ध में मा0 मंत्री जी द्वारा सचिव, षिक्षा विभाग को यह निर्देष दिये गये कि षासन द्वारा प्रेशित प्रस्ताव को निदेषालय द्वारा अपने स्तर से मना किये जाने के सम्बन्ध में स्थिति स्पश्ट कराये।
5- नाबार्ड द्वारा वित्तीय वर्श 2018-19 हेतु नई योजनाओं की आबंटन सीमा एवं disbursment सीमा को बढ़ाये जाने का अनुरोध किया गया। इस सम्बन्ध में सचिव, वित्त विभाग द्वारा अवगत कराया गया कि वर्तमान वित्तीय वर्श में नई योजनाओं हेतु निर्धारित सीमा में वृद्धि किये जाना सम्भव नहीं है। नाबार्ड द्वारा अवगत कराया गया कि उत्तराखण्ड राज्य की नई योजनाओं के लिये आबंटित रू 800.00 करोड़ के सापेक्ष अवषेश रू 130.00 करोड़ की सीमा को नाबार्ड मुख्यालय द्वारा किसी अन्य राज्य को आबंटित किया जा सकता है। disbursment सीमा को बढ़ाये जाने के सम्बन्ध में सचिव, वित्त विभाग द्वारा अवगत कराया गया कि उक्त सीमा को लगभग रू 800.00 करोड़ किये जाने के सम्बन्ध में विचार किया जायेगा।
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फिल्मकार मुजफ्फर अली नैनीताल में जल्द मिनी फिल्म इंस्टीट्यूट खोलेंगे

फिल्मकार मुजफ्फर अली नैनीताल में जल्द मिनी फिल्म इंस्टीट्यूट खोलेंगे। इसमें नौजवानों को अभिनय समेत सिनेमा की सभी विधाओं में प्रशिक्षित किया जाएगा। अली का कहना है कि नैनीताल पर्यावरण के लिहाज से एक सुंदर जगह है और वहां फिल्म के लिए सबसे उपयुक्त कुदरती माहौल है। किसी भी कला के पनपने के लिए उसके आसपास का कुदरती माहौल बेहद मायने रखता है।

फिल्मकार मुजफ्फर अली ने  कहा कि वह दिल्ली में भी एक फिल्म ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट खोलने जा रहे हैं। इसी की एक शाखा नैनीताल में भी खोलेंगे। उन्होंने बताया कि नैनीताल में अयारपाटा में उनका अपना पुराना बंगला है। इसे सुव्यवस्थित करके ही उनकी एक मिनी फिल्म इंस्टीट्यूट खोलने की योजना है। वह जल्द इस काम को अंजाम देंगे। अली ने कहा कि सिनेमा एक परफॉर्मिंग आर्ट है। हर नौजवान की तमन्ना होती है कि वह सिनेमाई परदे पर विविध रूपों में दिखे। लेकिन वह फिल्म एक्टिंग स्कूल को सिर्फ एक्टिंग तक सीमित रखना नहीं चाहते।

वह नौजवानों को फिल्म के ग्लैमर के पीछे के तमाम पहलुओं में भी प्रशिक्षण देना चाहते हैं। किसी एक्टर को परदे पर सजाना, उसकी अभिनय कला को निखारना और तराशने का काम तो कोई फिल्म निर्देशक ही कर सकता है। इसलिए एक्टिंग स्कूल में नौजवानों को फिल्म के निर्देशन की बारीकियां भी सिखाई जाएंगी। फिल्मकार अली ने कहा कि नैनीताल में फिल्म स्कूल खोलने के एक मायने हैं। एक तो नैनीताल का पर्यावरण बहुत अच्छा है। अच्छे पर्यावरण का किसी भी व्यक्ति पर पहला असर यह होता है कि उसके दिमाग में एक नई ताजगी होती है। यही ताजगी किसी नौजवान को एक अच्छे अभिनेता, निर्देशक, मेकअप मैन और संपादक के रूप में गढ़ने के लिए निहायत जरूरी होती है।

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देहरादून, 27 नवम्बर 2018, सहायक सेवायोजन अधिकारी देहरादून ने अवगत कराया है कि सेवायोजन कार्यालय के अन्तर्गत संचालित शिक्षण एवं मार्गदर्शन केन्द्र में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति तथा पिछड़ी जाति के बेरोजगार अभ्यर्थियों जिनकी आयु 18 से 30 वर्ष तथा शैक्षिक योग्यता कम से कम इन्टरमीडिएट हो और हाईस्कूल अंग्रेजी विषय के साथ उत्तीर्ण हों को टंकण व्यवसाय छ माह एवं आशुलिपिक व्यवसाय का 1 वर्ष का निःशुल्क रोजगार परक प्रशिक्षण दिया जाएगा। इच्छुक अभ्यर्थी 28 दिसम्बर 2018 तक आवेदन पत्र इस कार्यालय से निःशुल्क प्राप्त कर भरने के उपरांत जमा कर सकते हैं। साक्षात्कार 31 दिसम्बर 2018 को प्रातः 11 बजे शिक्षण एवं मार्ग दर्शन केन्द्र, क्षेत्रीय सेवायोजन कार्यालय में आयोजित किया जाएगा, जिसमें अभ्यर्थी को समस्त मूल प्रमाण पत्रों सहित उपस्थित होना अनिवार्य है।
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देहरादून, 27 नवम्बर 2018, सिविल जज (सी0डि0)/सचिव , जिला विधिक सेवा प्राधिकरण देहरादून ने अवगत कराया है कि माननीय राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण नैतीताल के निर्देशानुसार 08 दिसम्बर 2018 को देहरादून, विकासनगर, ऋषिकेश की न्यायालयों में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें फौजदारी, लघुवाद, दीवानी वाद, मोटर दुर्घटना प्रतिकर वाद, परिवार वाद, 138 एनआई एक्ट वाद आदि सुलह समझौते के आधार पर निस्तारित किये जायेंगे। जो पक्षकार अपने वादों को लोक अदालत के माध्यम से निस्तारित करवाना चाहते हैं वह सम्बन्धित न्यायालय में, जहां उसका मुकदमा लम्बित है, से अनुरोध कर अपने वाद राष्ट्रीय लोक अदालत के लिए नियत करवा सकते है।
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देहरादून, 27 नवम्बर 2018, अपर जिलाधिकारी प्रशासन अरविन्द पाण्डेय की अध्यक्षता में कलैक्टेªट सभागार में जनपद स्तरीय सड़क सुरक्षा समिति की बैठक आयोजित की गयी।
बैठक में लो.नि.वि, नगर निगम, राष्ट्रीय राजमार्ग डोईवाला, वन विभाग, जल संस्थान, एडीबी, स्वास्थ्य परिवहन, यातायात पुलिस इत्यादि सम्बन्धित विभागीय अधिकारियों द्वारा सड़क सुरक्षा और यातायात व्यवस्था को सुदृढ बनाने के लिए विभागों की कार्ययोजना व पूर्व में किये गये कार्यों का विवरण प्रस्तुत किया गया। अपर जिलाधिकारी ने सभी सम्बन्धित विभागों द्वारा लघु अवधि के किये जाने वाले कार्यों की प्रगति से असंतुष्टि व्यक्त करते हुए निर्देश दिये कि सभी विभागीय अधिकारी लघु अवधि के कार्यों में अपनी व्यक्तिगत जिम्मेदारी समझते हुए कार्य करें, और यदि लम्बे समय से किसी मुद्दे का समाधान नही हो पा रहा है तो अपने उच्च विभागीय अधिकारियों के संज्ञान में लाकर उसे तत्काल निस्तारित करें किन्तु किसी भी प्रकार से सड़क सुरक्षा के मानकों की अनदेखी न होने पाय।

उन्होंने निर्देश दिये कि सभी विभाग अपने विभागीय कार्य तो अवश्य पूरे करें साथ ही यदि किसी भी जगह अन्य विभाग से जुड़ा अवरोध संज्ञान में आता है तो सम्बन्धित विभाग को उसके सुधारीकरण हेतु संज्ञान में लायें और विभिन्न विभाग आपसी कार्यों को आपसी समन्वय से पूरा करें। उन्होंने कहा कि निर्माणदायी संस्था और सहयोगी विभाग इस बात को सुनिश्चित करें कि सड़क व सम्पर्क मार्गों पर किसी भी अवशेष मटेरियल को तत्काल हटा दें और सड़क पर सफाई रखें। इस दौरान सड़कों के किनारे अवरोधक बने अवैंधानिक होर्डिंग्स, अवैध दुकानों, अतिक्रमण इत्यादि को तत्काल हटा दें। उन्होंने नगर निगम को उनके क्षेत्र में जहां दुबारा, अतिक्रमण किया है वहां पर अतिक्रमण मुक्त करने की कार्यवाही पुनः करने के निर्देश दिये तथा मजिस्टेªट और पुलिस बल की यदि जरूरत होती है तो वह आवश्यकतानुसार उपलब्ध कराने की बात कही

उन्होंने इस दौरान वन विभाग को सड़क मार्ग पर सड़क दुर्घटना का कारण बनने वाली और अवरोधक टूटी व झुकी हुई पेड़ की टहनियों को हटाने, परिवहन विभाग को वाहन चालकों के आॅटोमेटेड परीक्षण की व्यवस्था करने व सभी सड़क सुरक्षा कार्यों की प्रगति रिपोर्ट देने, स्वास्थ्य विभाग को 108 एक्बुलेंस सेवा में सीसीटीवी कैमरा लगाने, लो.नि.वि व एनएच को सड़क किनारे बिखरे मटेरियल को हटाने व अवैध होर्डिंग्स पर कार्यवाही करने और नगर निगम को शहर में अवैध अतिक्रमण हटाने, अवैध मार्केट व वैडरिंग को हटाने के साथ ही साफ-सफाई व्यवस्था दुरूस्त करने क निर्देश दिये। उन्होंने सभी विभागों को किये गये कार्यों की शीघ्रता से रिपोर्ट प्रेषित करने के निर्देश दिये साथ ही कहा कि आगामी बैठक में कोई भी लघु अवधि का कार्य पेन्डिंग ना रहे।
बैठक में अधिशासी अभियन्ता लो.नि.वि जे.एस चैहान, अधिशासी अभियन्ता एनएच डोईवाला ओ.पी सिंह, सहायक परिवहन अधिकारी अरविन्द पाण्डेय, सहायक मुख्य चिकित्साधिकारी डाॅ संतोष दत्त सहित सम्बन्धित विभागीय अधिकारी और कार्मिक उपस्थित थे।
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देहरादून, 27 नवम्बर 2018, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व/नोडल अधिकारी (सेवा का अधिकार) देहरादून बीर ंिसह बुदियाल ने अवगत कराया है कि उत्तराखण्ड सेवा का अधिकार अधिनियम 2011 एवं उसके क्रियान्वयन हेतु 1 दिसम्बर 2018 को प्रातः 10ः30 बजे से अपरान्ह 13ः30 बजे तक आॅरिएन्टेशन वर्कशाप का आयोजन सर्वे चैक (ई.सी रोड देहरादून ) आई.आर.टी.डी के प्रेक्षागृह में मुख्य आयुक्त आलोक कुमार जैन की अध्यक्षता में आयोजित की जा रही है।
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देहरादून, 27 नवम्बर 2018, चीनी आयुक्त उत्तरखण्ड, द्वारा गन्ना (पूर्ति एवं खरीद विनियमन) आदेश 1954 द्वारा चीनी मिल हेतु गन्ना क्षेत्रफल आवंटन सम्बन्धी गन्ना सुरक्षण/सुरक्षा आदेश निर्गत किये गये है।
उन्होने अवगत कराया कि चीनी मिलों को उनकी निर्धारित गन्ना आवश्यकता के अनुरूप गन्ना उपलब्ध कराने के बावजूद पेराई क्षमता के अनुरूप उपलब्ध गन्ने का ड्राल प्रतिशत् बढाये जाने का प्रयास न किये जाने के कारण उपलब्ध गन्ने के अनुरूप गन्ना पेराई नही की जा रही है। उन्होंने समस्त चीनी मिलों को आदेशित किया है कि वे अपने सुरक्षित क्रय केन्द्रों को मिल चलने के एक सप्ताह के अन्दर अनिवार्य रूप से चला दें अन्यथा विधिक दण्डात्मक कार्यवाही करने के साथ ही असंचालित क्रय केन्द्रों को अन्य चीनी मिलों को व्यावर्तित/अभ्यर्पित करने पर विचार किया जायेगा। उन्होने अवगत कराया कि सभी मिलों को नियमावली के तहत् जरूरी निर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा। उन्होंने गन्ना आयुक्त देहरादून एवं हरिद्वार को निर्देश दिये हैं कि वे सुनिश्चित कर लें कि चीनी मिलों को सुरक्षित /अभ्यर्पित समस्त क्रय केन्द्र मिल चलने के एक सप्ताह के अन्दर चीनी मिलों द्वारा अवश्य चला दिये जायें तथा गन्ना क्रय केन्द्र/केन्द्रों के चलने की स्थिति के सम्बन्ध में सूचना उन्हें एवं गन्ना निरीक्षक एवं सहायक आयुक्त, हल्द्वानी को मिल चलने के 15 दिन के अन्दर अर्द्धशासकी पत्र के माध्यम से उपलब्ध करायें। उन्होंने गन्ना निरीक्षक एवं सहायक चीनी आयुक्त, उत्तराखण्ड को निर्देश दिये कि वे क्रय केन्द्रों की चलने की स्थिति पर स्वयं भी निगरानी रखेंगे तथा यथा निर्दिष्ट समय के अन्दर क्रय केन्द्र न चलाये जाने पर चीनी मिल के विरूद्ध विधिक दण्डात्मक कार्यवाही अविलम्ब प्रारम्भ कराते हुए अनुपालन स्थिति से अवगत कराये।
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चमोली 27 नवम्बर 2018 (सू0वि0)
गौचर मेले में आयोजित राज्य स्तरीय बाक्सिंग प्रतियोगिता का मंगलवार को समापन हुआ। जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया की पहल पर गौचर मेले में पहली बार विभिन्न वर्गो में राज्य स्तरीय पुरूष बाक्सिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। उप जिलाधिकारी/मेलाधिकारी जीआर बिनवाल ने मेला पंडाल में बाक्सिंग प्रतियोगिता के विजेता खिलाडियों को ट्राॅफी व प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। इस दौरान खेल अधिकारी अभिनाश दीपक भी मौजूद थे।

राज्यस्तरीय बाक्सिंग प्रतियोगिता में 40-42 भार वर्ग में बागेश्वर के कमल बिष्ट, 42-44 भार वर्ग में देहरादून के दीपक बिष्ट, 44-46 भार वर्ग में चम्पावत के दीपक पहले तथा चमोली के सतीश दूसरे स्थान पर रहे। 46-49 भार वर्ग में पिथौरागढ के विक्रम जेडा पहले तथा देहरादून के विशाल दूसरे स्थान, 49-52 भार वर्ग में बागेश्वर के तनुज पहले तथा देहरादून के संजय चैहान दूसरे, 52-56 भार वर्ग में एसटीसी काशीपुर के नीरज पहले तथा चम्पावत के विजय ने दूसरा स्थान हासिल किया। वही 56-60 भार वर्ग में देहरादून के दौलत महर पहले तथा यूएस नगर के अजय सिंह दूसरे, 60-64 भार वर्ग स्पोर्टस काॅलेज देहरादून के देशस्तन बोहरा पहले तथा एसटीसी काशीपुर के जसप्रीत दूसरे स्थान पर रहे। 64-69 भार वर्ग में एसटीसी काशीपुर के राहुल पहले तथा हरिद्वार के प्रीत जोशी दूसरे, 69-75 भार वर्ग में स्पोटर्स काॅलेज दून के नीरज देवली पहले तथा रितिष ने दूसरा स्था प्राप्त किया। 75-81 भार वर्ग में पिथौरागढ के हर्षदीप ने पहला तथा दून के सक्षम चैधरी ने दूसरा, 81-91 भार वर्ग में चम्पावत के हरीश मनौला ने पहला तथा राहुल सिंह ने दूसरा स्थान हासिल किया। 91 से अधिक भार वर्ग में चम्पावत के विशाल ने पहला जबकि दून के राहुल ने दूसरा स्थान हासिल किया। सभी विजेताओं को ट्रॅाफी व प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया।

वही दूसरी ओर मेला मैदान में आयोजित कब्बडी प्रतियोगिता का दर्शकों ने दिनभर आनंद उठाया। कब्बडी प्रतियोगिता में कुल आठ टीमों ने प्रतिभाग किया। इस प्रतियोगिता में गोपश्वर व भटनगर फाइनल में पहुॅच चुके है। फाइनल मुकाबला बुधवार को सुबह 11ः00 बजे से खेला जायेगा।

चमोली 27 नवम्बर 2018 (सू0वि0)
गौचर औद्योगिक विकास मेले के अवसर पर मंगलवार को मेला पंडाल में भूतपूर्व एवं विकलांग सैनिक सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन में भारी संख्या में पूर्व सैनिक एवं वीर नारियों ने प्रतिभाग किया। सैनिक सम्मेलन में मुख्य अतिथि बिग्रेडियर अनिल कुमार पुण्डीर मौजूद रहे।

सैनिक सम्मेलन में जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल भरत सिंह रावत ने पूर्व सैनिक एवं वीर नारियों को सैनिक कल्याण के माध्यम से दी जाने वाली सुविधाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। सम्मेलन में सेना द्वारा पूर्व सैनिकों एवं उनके आश्रितों के लिए बडे खाने का आयोजन, मैडिकल कैम्प, कैन्टीन सुविधा, ईसीएचएस कैम्प, आॅनलाइन डिजिटल लाइफ सर्टीफिकेशन की सुविधाऐं दी गई। इसके साथ ही पूर्व सैनिक, सैनिक विधवाओं एवं उनके आश्रितों की पेंशन तथा अन्य समस्याओं का निराकरण भी किया गया। सम्मेलन में भारी संख्या में पूर्व सैनिक एवं वीर नारियां मौजूद रही।
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हरिद्वार। आम वादकारीगण को सस्ता सुलभ एवं शीघ्र न्याय दिलाने जाने हेतु माननीय उत्तराखण्ड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, उच्च न्यायालय परिसर नैनीताल के निर्देशानुसार हरिद्वार, रूडकी एवं लक्सर दीवानी न्यायालय परिसर मे आगामी दिनांक 08 दिसम्बर,2018 को प्रातः 10 बजे से सांय 05 बजे तक माननीय जनपद न्यायाधीस/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण हरिद्वार श्री विवेक भारती शर्मा की अध्यक्षता में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जायेगा। राष्ट्रीय लोक अदालत में लघु अपराधिक वाद, 138 एन.आई एक्ट मोटर दुर्घटना प्रतिकर वाद, वैवाहिक वाद, दीवानी प्रकृति वाद, राजस्व वाद, श्रम वाद, विद्युत एवं जल, एवं भूमि अधिग्रहण आदि प्रकृति के वादों को निस्तारण हेतु रखा जायेगा। अतः जो भी वादकारी अपना वाद उक्त राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से निस्तारित कराना चाहता है वह सम्बन्धित न्यायालय मे जहॅा पर उसका वाद लम्बित है, प्रार्थना पत्र देकर अपने वाद को निस्तारण हेतु नियत करा सकता है।

जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास अधिकारी हरिद्वार ने जानकारी देते हुये बताया कि जिलाधिकारी महोदय की अध्यक्षता में दिनांक 28 नवम्बर,2018 को पूर्वान्ह 11.30 बजे जिला सैनिक कल्याण परिषद की बैठक मेला नियन्त्रण कक्ष हरि की पौडी में होगी।

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हाईकोर्ट की  खंडपीठ ने नोटा के प्रचार प्रसार को लेकर चुनाव आयोग से जबाव तलब  
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने नोटा के प्रचार प्रसार को लेकर चुनाव आयोग से जबाव तलब किया है. हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए आयोग से पूछा कि ईवीएम में नोटा की पहचान और उसके प्रचार के लिए आपने क्या कदम उठाए हैं
जस्टिस सतीशचंद्र शर्मा और जस्टिस वीरेंदर सिंह की बेंच ने याचिका सुनने के बाद चुनाव आयोग को स्थिति स्पष्ट करने को कहा है हाईकोर्ट अब 30 नवंबर यानि विधानसभा चुनाव के मतदान के बाद इस पर सुनवाई करेगा. याचिकाकर्ता यशवंत अग्निहोत्री ने याचिका में मांग की है कि जिस तरह राजनीतिक दलों का चुनाव चिह्न है, उसी तरह नोटा के लिए भी चिह्न होना चाहिए.

दरअसल, इस बार चुनाव आयोग ने वोट डालने को लेकर तो व्यापक प्रचार प्रसार किया, लेकिन नोटा का प्रचार नहीं किया गया. चुनाव में नोटा को ज्यादा वोट मिलेंगे तो राजनीतिक दल बेहतर प्रत्याशी उतारेंगे. अपराधी प्रवृत्ति के प्रत्याशी चुनाव से बाहर होने लगेंगे.

गौरतलब है कि जब लोगों के मन मुताबिक उम्मीदवार खड़ा नहीं होता तो वे नोटा का ऑप्शन चुनते हैं और कई बार नोटा को प्रत्याशियों में जीत के अंतर से ज्यादा मत मिले होते हैं.
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