910 करोड़ नगरीय पेयजल योजनाओं की सुदृृढीकरण की परियोजनाओं को स्वीकृति

02.09.2016 copyजलनिगम, जल संस्थान एवं स्वजल योजनाआंे की समीक्षा बैठक 

उरेडा को लघु विद्युत परियोजनाओं से वर्तमान में उत्तराखण्ड की 34.90 मेगावाट की क्षमता को बढ़ा कर 100 मेगावाट तक करने का लक्ष्य

पेयजल मंत्री, मंत्री प्रसाद नैथानी के अध्यक्षता में जलनिगम तथा जलसंस्थान के फील्ड कर्मचारियों से सम्बन्धित प्रकरणों पर दोनों विभाग के अधिकारियों तथा श्रमिकों के मध्य वार्ता – www.himalayauk.org (Leading Digital Newsportal) Dehradun Top news; 

देहरादून 02 सितम्बर, 2016(मी.से.)
पेयजल मंत्री, मंत्री प्रसाद नैथानी की अध्यक्षता में विधानसभा के सभागार में जलनिगम, जल संस्थान एवं स्वजल योजनाआंे की समीक्षा बैठक सम्पन्न हुई।
पेयजल मंत्री द्वारा अपर सचिव पेयजल को निर्देश दिये गये कि जिन योजनाओं में 90 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। उन योजनाओं में वांछित अवशेष धनराशि शीघ्र जारी कर दी जाय। ताकि योजनाओं का लाभ शतप्रतिशत लाभार्थियों को शीघ्र मिल सकें। इस क्रम में पेयजल मंत्री ने आवंलाघाट पेयजल योजना हेतु रू0 15 करोड़, डीडीहाट पेयजल येाजना हेतु वांछित धनराशि अवमुक्त करने के निर्देश अपर सचिव पेयजल अर्जुन सिंह को दिये। उन्होंने पौड़ी के अधिशासी अभियन्ता से भैरवगढी पेयजल योजना की अद्यतन जानकारी प्राप्त करते हुए योजनाआंे निर्माण में शीघ्रता करने के निर्देश दिये। पेयजल मंत्री ने रिखणीखाल (पौड़ी) पम्पिंग पेयजल योजना की डी0पी0आर0 शीघ्र तैयार करने के निर्देश दिये तथा जनपद चम्पावत की बारी ब्लाॅक पेयजल योजना, जनपद टिहरी की माणिकनाथ पेयजल योजना तथा हिण्डोलाखाल पुनर्गठन पेयजल योजना तथा भरपूर (देवप्रयाग) पुनर्गठन पेयजल योजना की डी0पी0आर0 स्वीकृति हेतु शीघ्र प्रस्तुत करने के निर्देश दिये। नमामि गंगे योजना की समीक्षा के दौरान पेयजल मंत्री द्वारा राज्य सरकार का पांच करोड़ का अशंदान शीघ्र अवमुक्त करने के निर्देश दिये गये । ज्ञातव्य है कि नमामि गंगे योजना में केन्द्राश्ंा सात करोड़ जारी हो चुके है। प्रबन्ध निदेशक जलनिगम इन्जीनियर भजन सिंह ने बताया कि योजना में 100 करोड़ के सापेक्ष अब तक 87 करोड़ रूपये प्राप्त हो चुके है, जिसमें राज्यांश शामिल है।
विद्यालयों में पेयजल संयोजन की समीक्षा के दौरान मुख्य महाप्रबन्धक जल ंसस्थान द्वारा अवगत कराया गया, कि राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के अन्तर्गत 452 विद्यालयों में पेयजल संयोजन का प्रस्ताव स्वीकृत है, जिसके सापेक्ष अब तक 411 विद्यालयों को पेयजल सुविधा उपलब्ध करा दी गई है। पेयजल मंत्री ने इस कार्यक्रम को महत्वपूर्ण बताते हुए निर्देश दिये कि कोई भी विद्यालय पेयजल सुविधा से वंचित नहीं रहना चाहिए, उन्होंने इस योजना में वंचित धनरशि जारी करने के निर्देश अपर सचिव पेयजल को दिये। पेयजल मंत्री ने जनपदों में आपदा से क्षतिग्रस्त योजनाओं के लिए स्वीकृत धन को बहुत कम बताते हुए मुख्य सचिव उत्तराखण्ड से दूरभाष आपदा से क्षतिग्रस्त योजनाओं मंे जल संस्थान एवं जलनिगम द्वारा तैयार प्रस्ताव में अधिक से अधिक धनराशि जारी कराने के निर्देश पर मुख्य सचिव शत्रुघन सिंह द्वारा जलनिगम तथा जल संस्थान के शीर्ष अधिकारियों को प्रस्ताव सहित बुलाया गया, पेयजल मंत्री द्वारा ैवसंत क्नमस च्नउचे की स्थापना हेतु 27 करोड़ रू0 की स्वीकृति दी गई है। उन्होंने कतिपय् योजनाओं का निरीक्षण करने के भी निर्देश दिये। पेयजल निगम द्वारा पूर्ण की गई 106 पेयजल योजनाओं को जल संस्थान को हस्तांतरित करने के निर्देश दिये, तथा 10 दिन में योजनाओं का संयुक्त निरीक्षण कर जल संस्थान को अधिग्रहण के निर्देश दिये।
पेयजल मंत्री द्वारा विश्व बैंक पोषित 910 करोड़ नगरीय पेयजल योजनाओं की सुदृृढीकरण की परियोजनाओं को सैद्वान्तिक स्वीकृति हेतु सहमति दी गई, तथा एस0सी0पी0 एवं टी0एस0पी0 परियोजना हेतु ैॅ ैड द्वारा धनराशि शीघ्र अवमुक्त करने सहमति दी गई।
पेयजल मंत्री द्वारा जिला योजना, राज्य योजना, विश्व बैंक कार्यक्रम, जलोत्सरण योजनाओ के निर्माण की प्रगति, हैण्डपम्प अधिष्ठापन निगम एवं संस्थान द्वारा संचालित योजना, फालोआॅन प्रोजेक्ट, पेयजल श्रोतो के सम्बद्र्वन एवं संरक्षण व चाल-खाल योजना, स्वच्छ भारत अभियान एवं विभिन्न श्रोतों से एस0 डब्ल्यू0एस0एम0 में उपलब्ध धनराशि के उपयोग पर विषयक पर समीक्षा बैठक की गयी हैं।
बैठक में निदेशक स्वजल आशीष जोशी, अपर सचिव पेयजल अर्जुन सिंह, मुख्य महाप्रबन्धक जलसंस्थान इन्जीनियर एस0 के0 गुप्ता, प्रबन्ध निदेशक जलनिगम भजन सिंह तथा विशेष कार्यधिकारी जी0डी0 रतूड़ी सहित समस्त जनपदों के अधिशासी अभियन्ता उपस्थित थे।

उरेडा को लघु विद्युत परियोजनाओं से वर्तमान में उत्तराखण्ड की 34.90 मेगावाट की क्षमता को बढ़ा कर 100 मेगावाट तक करने का लक्ष्य
देहरादून 02 सितम्बर, 2016(मी.से.)
संसदीय सचिव (मंत्री स्तर) सिंचाई, लघु सिंचाई, वैकल्पिक उर्जा, वर्षा जल संरक्षण, बाढ़ नियन्त्रण एवं विधायक प्रतापनगर विक्रम सिंह नेगी द्वारा विधानसभा स्थित सभागार में वैकल्पिक उर्जा विभाग की समीक्षा करते हुए उरेडा को लघु विद्युत परियोजनाओं से वर्तमान में उत्तराखण्ड की 34.90 मेगावाट की क्षमता को बढ़ा कर 100 मेगावाट तक करने का लक्ष्य दिया गया।
श्री नेगी ने कहा कि वर्तमान में उरेडा द्वारा निर्मित 42 माइक्रो हाइडिल परियोजनाओं से 34.90 मेगावाट के विद्युत उत्पादन की क्षमता है। हमने कुल 10.25 मेगावाट की 2-2 मेगावाट की क्षमता वाले 15 परियोजनाओं की डीपीआर तैयार कर ली है। 2 मेगावाट क्षमता की 54 ऐसी परियोजनाएं है जिनकी डीपीआर तैयार हो रही है और राज्यभर में 78 योजनाओं के लिये स्थानों का चिन्हीकरण हो चुका है जिनसे 32.83 मेगावाट विद्युत उत्पादन हो सकता है। इस प्रकार से वर्तमान में हम 101.63 मेगावाट विद्युत उत्पादन लघु परियोजनाओं के माध्यम से करने की दिशा में कार्य कर रहे है। उन्होने अधिकारियों को इस पर कार्यगति तेज करने के निर्देश दिये साथ ही प्रश्न किया कि राज्य में सौर उर्जा की स्ट्रीट लाईट खराब होने की जो शिकायते है उनका निस्तारण क्यों नहीं हो रहा है?
उरेडा के मुख्य परियोजना अधिकारी अरूण कुमार त्यागी ने बताया कि जनपद स्तर पर उरेडा में प्रत्येक जनपद में मात्र 4-4 लोगो का स्टाफ है अधिकांश स्ट्रीट लाईटों में बैटरी की आयु पूरी होने के बाद जानकारी के अभाव में लोग बैटरी नहीं बदलते है जिस पर अब बैटरी मेंटिनेन्स या बदलने के लिये बैटरी की कम्पनी से 10 साल की वारंटी की व्यवस्था कर दी गई है। श्री नेगी ने मुख्य परियोजना अधिकारी को प्रत्येक विकासखण्ड स्तर पर वैकल्पिक उर्जा के उपकरणों व स्ट्रीट लाईटों के मरम्मत व रख-रखाव के लिये संविदा पर 1-1 कार्मिक रखने का प्रस्ताव तैयार करके स्वीकृृति हेतु शासन को उपलब्ध कराने के निर्देश दियें।
श्री नेगी ने कहा कि 5 किलोवाॅट विद्युत उत्पादन क्षमता के रूफटाॅप सौर उर्जा प्लाण्ट के लिये राज्य भर से 2300 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए है, जिसकी स्थापना के लिये उरेडा तेजी से काम करें साथ ही राज्य के नौजवानों को सौर ऊर्जा से स्वरोजगार की ओर प्रेरित करने के लिये 25 किलोवाॅट तक के संयत्र स्थापना हेतु मुख्यमंत्री सूर्योदय स्वरोजगार योजना के नाम से योजना का प्रस्ताव गठित करें जिसमें 80 से लेकर 90 फीसदी सब्सिडी का प्रावधान हो, इस योजना की मंजूरी के लिये मुख्यमंत्री से अनुरोध किया जायेगा, उन्होनें कहा कि सरकार सोलर वाॅटर हीटर स्थापित करने वाले उपभोक्ताओं को बिजली के बिलों में छूट देती है ऐसी योजनाओं के व्यापक प्रचार प्रसार का प्रस्ताव उरेडा तैयार करे। मुख्यमंत्री जी अनुरोध करके उरेडा के माध्यम से संचालित सभी कार्ययोजनाओं का राज्य भर में प्रयास किया जायेगा। उन्होनें कहा कि जिल ग्राम पंचायतों के पास जल धारा और गाड-गदेरे है वहां 90 फीसदी सब्सिडी देकर सरकार 2 मेगावाट की माइक्रो हाइडिल परियोजनाओं का निर्माण करवाकर ग्राम पंचायत के 10 फीसदी अंशदान या पीपीपी मोड़ पर 10 फीसदी राज्य के स्थानीय व्यक्ति के खर्च पर परियोजना का स्वामित्व ग्राम पंचायतों को दिया जा रहा है, जिससे ग्राम पंचयाते स्वालम्बी बन पायेगी। राज्य की ऐसी सभी पंचायतों से श्री नेगी ने अनुरोध किया कि जिनके पास गाड-गदेर व जलधाराए है यह सभी पंचायते उरेडा में आवेदन कर योजनाओं का लाभ प्राप्त करें।
समीक्षा बैठक में उत्तराखण्ड अक्षय उर्जा विकास अभिकरण, मुख्य परियोजना अधिकारी अरूण कुमार त्यागी, अपर मुख्य परियोजना अधिकारी ए0जे0सिंह, उप-मुख्य अधिकारी उरेडा सी0पी0 अग्रवाल, कर्नल विनोद प्रकाश नौटियाल, ब्लाॅक प्रमुख भिलंगना विजय गुनसोला, उरेडा के उद्यमी ध्रुव राणा, भारतीय किसान सभा की राष्ट्रीय परिषद के सदस्य होशियार सिंह रावत, जिला नियोजन समिति टिहरी के सदस्य उदय रावत, लक्ष्मी प्रसाद जोशी, विजय सिंह कुमांई, डीसीबी के निदेशक दर्शन सिंह नेगी, दयाल सिंह सजवाण, केदार सिंह मिश्रवाण, रविन्द्र बिष्ट, लोकेन्द्र रावत, शूरवीर भण्डारी, राकेश कण्डियाल, मनीष कठैत, कीर्ति सिंह राणा, शम्भू सिंह भण्डारी, ऐल सिंह रावत आदि उपस्थित थें।

पेयजल मंत्री, मंत्री प्रसाद नैथानी के अध्यक्षता में जलनिगम तथा जलसंस्थान के फील्ड कर्मचारियों से सम्बन्धित प्रकरणों पर दोनों विभाग के अधिकारियों तथा श्रमिकों के मध्य वार्ता
देहरादून 02 सितम्बर, 2016(मी.से.)
विधानसभा स्थित सभागार में पेयजल मंत्री, मंत्री प्रसाद नैथानी के अध्यक्षता में जलनिगम तथा जलसंस्थान के फील्ड कर्मचारियों से सम्बन्धित प्रकरणों पर दोनों विभाग के अधिकारियों तथा श्रमिकों के मध्य वार्ता हुई।
फील्ड कर्मियों की काफी समय से विभाग द्वारा सीधे मजदूरी प्राप्त करने की मांग पर प्रभावी पहल करते हुए पेयजल मंत्री श्री नैथानी ने निगम तथा जलसंस्थान के अधीन कार्यरत फील्ड कर्मियों को विभाग द्वारा सीधे वेतन मजदूरी देकर उनका भविष्य सुरक्षित करने के लिए ठोस प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिये। उन्होेंने कहा कि जलनिगम एवं जलसंस्थान कि योजनाआंे के रख-रखाव का कार्य ठेके के माध्यम से कराये जाने के कारण योजना में कार्यरत श्रमिकों का आर्थिक शोषण हो रहा है। उनके द्वारा पूछने पर यह बात संज्ञान में आई कि वर्तमान में संस्थान एंव निगम की संचालित पेयजल योजनाओं मंे लगभग 3,746 फील्ड कर्मी/श्रमिक ठेकेदारों के माध्यम से कार्य कर रहे है, जो चार से छः हजार के बीच मजदूरी प्राप्त कर रहें है। मंत्री के संज्ञान मंे लाया गया कि यदि सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम वेतन मजदूरी में श्रमिकों को विभाग द्वारा मजदूरी दी जाती है, तो इसमें प्रतिमाह 3 करोड़ रू0 व्यय आने की संभावना है। इस पर मंत्री द्वारा निगम एवं संस्थान के अधिकारियों को प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिये गये है।
श्रमिकों द्वारा पूर्व में मंत्री जी की प्रभावी पहल पर कैबिनेट द्वारा 19 मई 2016 को 343 फील्ड कर्मियों को विभागीय ढांचे मंे सम्मिलित करने के अनुमोदन पर उनका साधुवाद किया गया तथा अवगत कराया गया कि इन 343 फील्ड कर्मियों को विभागीय ढांचे मंे सम्मिलित होने का शासनादेश 22 अगस्त 2016 हो जारी हो गया है।
फील्ड कर्मचारियों की सेवा नियमावली बनाने की मांग पर मंत्री द्वारा अपर सचिव पेयजल को कैबिनेट मंे लाने के निर्देश दिये गये। वर्ष 2003-4 मंे नियमित 217 कर्मियों की एरियर की मंाग पर भी प्रबन्ध निदेशक जलनिगम को मंत्री द्वारा निर्देशित किया गया कि श्रमिकों की वित्त निदेशक के साथ बैठक कराकर प्रकरण का निस्तारण करायें, तथा प्रकरण को निगम की बोर्ड बैठक में रखने के भी निर्देश प्रबन्ध निदेशक जलनिगम को दिये।

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