सोशल मीडिया में देश विरोधी कमेन्‍ट डालने वाला गिरफतार

5निर्दलीय PDF MLA कांग्रेस के टिकट पर भी चुनाव लड़ेेगे #. ‘उत्तराखंड सीड्स और तराई डेवलपमेंट कारपोरेशन’ के प्रबन्ध निदेशक डॉ पुष्कर सिंह बिष्ट का  त्याग पत्र #सोशल मीडिया में देश विरोधी कमेन्‍ट डालने वाला गिरफतार- 

UK; प्रबन्ध निदेशक टीडीसी के निदेशक ने खिन्‍न होकर त्‍याग पत्र दे दिया- उत्तराखंड के जनपद ऊधमसिंह नगर के पंतनगर स्थित ‘उत्तराखंड सीड्स और तराई डेवलपमेंट कारपोरेशन’ के प्रबन्ध निदेशक डॉ पुष्कर सिंह बिष्ट ने शुक्रवार को अपने पद से त्याग पत्र दे दिया है.
राज्य के अपर मुख्य सचिव और कृषि उत्पादन आयुक्त को भेजे त्याग पत्र में पुष्कर सिंह बिष्ट ने पारिवारिक और स्वास्थ्य संबधी कारणों से त्याग पत्र देने की बात कही है. गौरतलब है कि ‘उत्तराखंड सीड्स और तराई डेवलपमेंट कारपोरेशन’ वर्तमान समय में 28 करोड़ के घाटे में चल रहा है और बीते 5 माह से यहां के कर्मचारी और अधिकारियों को वेतन भी नहीं मिला है.
गौरतलब है कि तराई बीज विकास निगम के कुछ अधिकारियों का यह कहना है कि बीते वर्ष तराई में हुई बेमौसम बारिश के कारण तराई बीज विकास निगम में करोड़ों रुपए के गेहूं का बीज खराब हो गए था और तब से ही ‘उत्तराखंड सीड्स और तराई डेवलपमेंट कारपोरेशन’ घाटे में चल रही है.
तराई बीज विकास निगम जैसी नामी संस्था को करोड़ रुपए के घाटे में कैसे चली गई. इस बात की जांच के आदेश पूर्व में राज्य के मुख्यमंत्री हरीश रावत दे चुके है.
######सोशल मीडिया में देश विरोधी कमेन्‍ट डालने वाला गिरफतार-
उत्तराखंड के ऋषिकेश पुलिस की ओर से राष्ट्रीय अखण्डता पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले फेसबुक और सोशल मीडिया में देश विरोधी गतिविधियों संलिप्त ऋषिकेश निवासी एक आरोपी जगजीत सिंह उर्फ जग्गा को गिरफतार किया गया.
पुलिस का कहना है कि जगजीत सिंह इन्टरनेट पर देश विरोधी गतिविधियों में संलिप्ता थी. अभियुक्त की ओर से पहले भी साल 2015 में जरनैल सिंह भिंडरावाले के जन्मदिवस पर ऋषिकेश में भिंडरावाले समर्थक बैनर लगाए गए थे और मैसेजंर आफ गाड के पोस्टर फाड़े गए थे.
ताजा मामले में आरोपी जगजीत सिंह की ओर से अपने फेसबुक अकाउंट में एक संदिग्ध पोस्टर शेयर किया गया, जिसमें मोहम्मद अल्ली जिन्ना और खालिस्तार समर्थन आतंकवादी जरनैली सिंह भिण्डरावाला के चित्र वाला पोस्टर जिसके साथ पाकिस्तार जिन्दाबाद, खालिस्तान जिन्दाबाद, लॉन्ग लिव इस्लामिक रिपब्लिक पाकिस्तान, लॉन्ग लिव सिक्ख नेशन खालिस्तान का नारा अंकित किया गया था.
मामले में स्थानीय अभिसूचना इकाई की ओर से जांजगी गयी, जिसके बाद ऋषिकेश पुलिस ने अभियुक्त के खिलाफ धारा 153(बी)/505 भा.द.वि. और 67 सूचना प्रौद्योगिकी के अन्तर्गत मुकदमा पंजीकृत कर कोर्ट में पेश कर दिया है.
#####निर्दलीय कांग्रेस के टिकट पर भी चुनाव लड़ेेगे #.
पीडीएफ यानि प्रोगेसिव डेमोक्रेटिक फ्रंट हरीश रावत सरकार में अहम सहयोगी है. जिसमें बीएसपी, यूकेडी और निर्दलियों को मिलाकर 6 विधायक शामिल हैं. सत्ताधारी कांग्रेस और विपक्षी बीजेपी के चुनावी कार्यक्रम सामने आने लगे हैं, लेकिन पीडीएफ का चुनावी मोर्चा नज़र नहीं आ रहा है. कुछ पीडीएफ के नेताओँ के लिए ये चर्चा आम रहती है कि वे कांग्रेस के टिकट पर भी चुनाव लड़ सकते हैं.
चुनावी बिसात बिछने लगी है. विधानसभा के चुनाव यूं तो 2017 में तय हैं, लेकिन कुछ पहले होंगे या निर्धारित समय पर होंगे ये कहना फिलहाल थोड़ा मुश्किल है. चुनाव कब होंगे इसपर नहीं बल्कि राजनीतिक दल इस तथ्य पर काम कर रहे हैं कि कुछ महीनों बाद चुनाव तो निश्चित रूप से होंगे. इसीलिए बीजेपी ने अपनी चुनावी मुहिम को तेज़ कर दिया तो वहीं कांग्रेस भी सत्ताधारी दल के नाते अपने कार्यक्रम तैयार करने में जुट गई है. इसबीच कांग्रेस सरकार को चलाने वाला पीडीएफ यानि प्रोग्रेसिव डेमोक्रेटिक फ्रंट भी है, जिसके नेताओं ने चुनाव को लेकर अभी चुप्पी साधी हुई है. पीडीएफ में शामिल 6 विधायकों में से 4 विधायक हरीश रावत कैबिनेट में मंत्री हैं. ये सभी मंत्री के रूप में सरकार में कामकाज तो कर रहे हैं, लेकिन विधानसभा चुनाव को लेकर अभी कुछ नहीं बोल रहे हैं. पीडीएफ के अध्यक्ष और शिक्षामंत्री मंत्रीप्रसाद नैथानी कहते हैं कि अभी सरकार की योजनाओँ को पूरा करने पर ध्यान है.
पीडीएफ जब बना था तब उसमें 1 यूकेडी, 3 बीएसपी, 3 निर्दलीय विधायकों को मिलाकर कुल 7 सदस्य थे लेकिन बीएसपी से भगवानपुर से जीतने वाले सुरेंद्र राकेश के देहांत के बाद उनकी पत्नी मम्ता राकेश कांग्रेस के टिकट से उपचुनाव लड़कर विधायक बन गईं. यानि अब पीडीएफ में विधायकों की संख्या 6 रह गई है. जिसमें देवप्रयाग से निर्दलीय विधायक मंत्रीप्रसाद नैथानी के अलावा टिहरी विधायक दिनेश धनै, लालकुंआ से हरीश दुर्गापाल और यमुनोत्री से यूकेडी के विधायक प्रीतम पंवार हरीश रावत सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं.
बीएसपी के विधायक सरबत करीम अंसारी और हरीदास तो पार्टी लाइन की बात कहते हैं, लेकिन यूकेडी के टिकट पर विधायक बने उद्यान मंत्री प्रीतम पंवार की भी तस्वीर साफ नहीं है…आमतौर पर माना जाता है कि तीनों निर्दलीय विधायक कांग्रेस पृष्ठभूमि के होने के कारण अपनी संभावनाएं कांग्रेस में ही तलाश रहे हैं.
विपक्ष के आक्रामक तेवर देखकर अब सरकार भी जनता के बीच जाने की अपनी रणनीति पर काम करने लगी है. रणनीति के तहत विपक्षियों को ही सरकार जनता के बीच कठघरे में खड़ा करने की योजना बना रही है. इसके लिए कांग्रेस संगठन के भी पेंच कसे जा रहे हैं. सत्तापक्ष का कहना है कि वे विपक्ष की तरह सड़क पर नहीं चिल्ला सकते हैं, लेकिन जनता को विकास का संदेश जरूर दे सकते हैं.
उत्तराखंड बीजेपी सरकार और कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोल चुकी है. जिसको लेकर अभीतक डिफेंसिव मोड में ही खेल ही रही कांग्रेस और सरकार अब नए सिरे से रणनीति बनाने पर जुट गए हैं. विपक्ष के हमले और तेवर देखकर कांग्रेस को भी अपना रवैया बदलना पड़ रहा है. क्योंकि कांग्रेस के रणनीतिकार ये मानने लगे हैं कि अब चुनाव नज़दीक आ रहा है. ऐसे में बीजेपी के आरोपों का जवाब देना जरुरी है. लेकिन भारतीय जनता पार्टी के तेवर को देखते हुए सरकार के लोगों का मानना है कि कांग्रेस संगठन को भी तालमेल से सरकार की योजनाएं जनता तक पहुंचानी चाहिए.
अपनी आगे की रणनीति को लेकर सोमवार की देररात तक मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में कोर कमेटी की बैठक में भी मंथन हुआ. वित्त मंत्री और सरकार के थिंक टैंक की सदस्य मानी जाने वाली इंदिरा हृदयेश कहती हैं कि विकास के संदेश और एजेंडे पर सरकार चल रही है. विपक्षियों की विभिन्न आयोगों में लंबित रिपोर्ट्स भी सामने लाने की तैयारी हो रही है.
दरअसल सूत्रों की मानें तो सोमवार की देर रात हुई कोर कमेटी की बैठक में संगठन के पेंच कसे गए हैं. माना जा रहा है कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय का रवैया कई मौकों पर सरकार के लिए असहज स्थिति पैदा करता रहा है. अगर आगे भी ऐसा ही रहा तो फिर चुनावी मोड में पहुंच चुकी कांग्रेस और सरकार के लिए थोड़ी मुश्किल स्थिति हो सकती है.
मुख्यमंत्री हरीश रावत की मौजूदगी में हुई बैठक का महत्व इसीबात से समझा जा सकता है कि कांग्रेस के प्रदेश सहप्रभारी संजय कपूर को देररात को ही देहरादून पहुंचना पड़ा था…बीजेपी को जवाब देने के लिए कांग्रेस अपनी विकास संकल्प यात्रा के साथ-साथ बीजेपी और केंद्र सरकार के सामने कई सवाल भी खड़े करेगी.
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