हरीश रावत द्वारा अपनी घोषणाओं व भाषणों की समीक्षा

cm-photo-03-dt-19-september-2016उत्‍तराखण्‍ड की प्रमुख खबरें- 19 सित0 #जिन विभागों ने रिक्त पदों व बेकलाॅग के पदों पर अभी भी सूचना नहीं दी है, वे एक सप्ताह में यह सूचना कार्मिक को उपलब्ध करवाएं #सीएम घोषणाओं व स्वतंत्रता दिवस पर दिए गए भाषण में सम्मिलित घोषणाओं की समीक्षा – #एसडीजी (एस्टेनेबल डेवलपमेंट ग्रोथ) के विज़न डाक्यूमेंट की तैयारियों की बैठक# उत्तराखंड सरकार ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम बना लिया #

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देहरादून 19 सितम्बर, 2016 (सू.ब्यूरो)
रिक्त पदों पर भर्ती के लिए अध्याचन जल्द से जल्द भेजा जाए। विशेष अभियान चलाकर बेकलाग के पदों पर भर्ती प्राथमिकता से की जाए। जिन विभागों ने रिक्त पदों व बेकलाॅग के पदों पर अभी भी सूचना नहीं दी है, वे एक सप्ताह में यह सूचना कार्मिक को उपलब्ध करवाएं। पुलिस स्पोर्ट्स विंग बनाई जाए। सैन्य बलांे व अर्धसैन्य बलों के शहीदों के आश्रितों को विशेष प्रशिक्षण की स्कीम लांच की जाए। सोमवार सांय सचिवालय में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने विभिन्न विभागों में रिक्त पदों, बेकलाॅग के पदों व सीएम घोषणाओं की अद्यतन स्थिति की समीक्षा करते हुए उक्त निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि सभी विभाग सामान्य, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति व ओबीसी के रिक्त पदों की जानकारी कार्मिक विभाग को तत्काल उपलब्ध करवाएं ताकि बेकलाॅग के संबंध में स्थिति स्पष्ट हो सके और इन पर भर्ती की प्रक्रिया प्राथमिकता से पूरी की जा सके। मुख्यमंत्री श्री रावत ने निर्देश दिए कि एक सप्ताह में कार्मिक विभाग के पास इससे संबंधित सारे आंकड़े आ जाने चाहिए।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि बेकलाॅग की भर्ती को विशेष अभियान चलाकर किया जाए। साथ ही सामान्य रिक्त पदों को भी भरने के लिए सारी औपचारिकताएं पूरी करते हुए अध्याचन जल्द से जल्द भेजा जाए। सीएम घोषणाओं व स्वतंत्रता दिवस पर दिए गए भाषण में सम्मिलित घोषणाओं की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि इन घोषणाओं के क्रियान्वयन में तेजी देखने को मिली है। जिन घोषणाओं में भूमि उपलब्धता की समस्या आ रही है, उनके लिए संबंधित जिलाधिकारी को भूमि उपलब्ध करवाने के लिए निर्देशित किया जाए। जहां वन विभाग की स्वीकृति होनी है, उनकी भी नियमित समीक्षा की जाए। मुख्यमंत्री श्री रावत ने सचिव विŸा व सचिव कार्मिक को भी मुख्यमंत्री घोषणाओं से संबंधित योजनाओं को प्राथमिकता से स्वीकृति दिए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह को इन मामलों की निरंतर समीक्षा करने के भी निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि महिला मंगल दलों का 5 हजार रूपए की राशि से बैंक खाता खोलने की प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने के लिए महिला मंगल दलों व महिला स्वयं सहायता समूहों को सबल बनाना होगा। साहसिक पर्यटन के नए गंतव्य विकसित किए जाएं। कोसी व रामगंगा में रिवर राफ्टिंग प्रारम्भ की जाए। सम्मानित करने के लिए पुरानी रामलीलाओं को चिन्हित किया जाए। ऐंपण का काम करने वालों का पंजीकरण किया जाए। केदारनाथ जैसे अति दुर्गम क्षेत्रों में काम करने वाले पुलिस व अन्य कार्मिकों को विशेष भŸाा दिया जाना चाहिए। पुलिस में स्पोर्ट्स विंग बनाई जाए। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आश्रित परिषद का गठन जल्द किया जाए। सिंचाई विभाग जलाशय निर्माण के लिए योजना बनाए और इसका विश्व बैंक से टाईअप किया जाए। सैन्य बलांे व अर्धसैन्य बलों के शहीदों के आश्रितों को विशेष प्रशिक्षण की स्कीम लांच की जाए।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि मुन्स्यारी में माउंटेन बाईकिंग फेस्टीवल बड़े स्तर पर आयोजित किया जाए। मुन्स्यारी में ही भरल व चीतल के ब्रीडिंग फार्म बनाए जाएं। एमएसडीपी के तहत अल्पसंख्यक छात्राओं के लिए पाॅलिटेक्नीक कालेज स्थापित करने को प्राथमिकता दी जाए।
बैठक में सचिव कार्मिक ने जानकारी दी कि 90 विभागों द्वारा रिक्त पदों व बेकलाॅग के पदो के संबंध में कार्मिक विभाग को उपलब्ध करवा दी गई है। कुछ अन्य विभागों द्वारा भी यह सूचना उपलब्ध करवाई जानी है। प्राप्त सूचना के अनुसार इन 90 विभागों में कुल 15907 रिक्त पद हैं। इनमें से 8803 सामान्य श्रेणी के हैं। अनुसूचित जाति के 4164 पद, अनुसूचति जनजाति के 812 व ओबीसी के 2128 पद रिक्त हैं। आरक्षण नियमों के अनुसार रिक्त पदों में 19 प्रतिशत पद अनुसचित जाति के रिक्त होने चाहिए थे जबकि वास्तवकिता में 26 प्रतिशत रिक्त हैं। इस प्रकार ये 7 प्रतिशत अतिरिक्त रिक्त पद (संख्या 1113) अनुसचित जाति के तहत बेकलाॅग में हैं। अनुसूचित जनजाति में 5 प्रतिशत पद रिक्त हैं जबकि नियमों के अनुसार 4 प्रतिशत रिक्त होने चाहिए थे। इस प्रकार अनुसूचित जनजाति में 1 प्रतिशत (संख्या 159) बेकलाॅग में हैं। ओबीसी में 13 प्रतिशत पद रिक्त हैं जबकि 14 प्रतिशत होने चाहिए थे। इस प्रकार ओबीसी में बेकलाॅग नहीं है।
बताया गया कि कोसी व रामगंगा में रिवर राफ्टिंग के लिए सर्वे किया जा चुका है। जल्द ही यहां रिवर राफ्टिंग प्रारम्भ की जाएगी। ऐंपण बोर्ड की बैठक व कुछ वर्कशाॅप आयोजित की जा चुकी है। भोजन माताओं को 1 हजार रूपए व शिक्षा प्रेरकों के मानदेय में एक हजार रूपए की वृद्धि के लिए विŸा द्वारा सैद्धांतिक स्वीकृति दी जा चुकी है। अब इसे केबिनेट में लाया जाना है। बंगाली, उर्दू व गुरूमुखी शिक्षकों का प्रस्ताव कार्मिक को भेजा जा चुका है। अल्मोड़ा व कोटद्वार में सैनिक विश्राम गृह बनाए जाएंगे।
बैठक में मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह, अपर मुख्य सचिव एस रामास्वामी, डा.रणवीर सिंह, प्रमुख सचिव मनीषा पंवार, डा.उमाकांत पंवार, सचिव आनंदवर्द्धन, विनोद शर्मा, अमित नेगी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

##विजन-2030 के अंतर्गत देश में 17 सतत् विकास लक्ष्य तय करने हैं।
देहरादून 19 सितम्बर, 2016 (सू.ब्यूरो)
नीति आयोग के सदस्यों के साथ सोमवार को सचिवालय में मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह की अध्यक्षता में एसडीजी (एस्टेनेबल डेवलपमेंट ग्रोथ) के विज़न डाक्यूमेंट की तैयारियों की बैठक हुई। उत्तराखंड के विशेष संदर्भ में विज़न डाक्यूमेंट तैयार करने के लिए मुख्य सचिव ने अपर मुख्य सचिव एस.रामास्वामी की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया। इस समिति में वित्त सचिव अमित नेगी, प्रमुख सचिव ऊर्जा उमाकांत पवांर और अपर सचिव नियोजन रंजीत सिन्हा सदस्य होंगे।
नीति आयोग ने बताया कि विजन-2030 के अंतर्गत देश में 17 सतत् विकास लक्ष्य तय करने हैं। इससे जुडे़ हुए 169 टारगेट चिन्हित करना है। बताया गया कि विज़न के अनुसार 2024 तक की रणनीति तय करनी है। रणनीति के आधार पर 2019-20 की कार्य योजना बनाई जायेगी। उत्तराखंड सरकार ने 14 सितम्बर, 2016 से विभिन्न विभागों के साथ विज़न डाक्यूमेंट तैयार करने के लिए चर्चा की। चर्चा में एसडीजी के संकेतांक और विकास आधारित संकेतांक उभर कर आये। इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए विभागों को अपने टारगेट तय करने हैं। तय समय अवधि में टारगेट के अनुरूप कार्य योजना बनानी है। तय संकेतांक को प्राप्त करने के लिए 2017-18 के बजट प्राविधान में ध्यान रखा जाना चाहिए।
नीति आयोग के सदस्य जेपी मिश्र, एसएस सूद, एसएस मीना, अपर मुख्य सचिव एस. रामास्वामी, डाॅ. रणवीर सिंह, प्रमुख सचिव ओम प्रकाश, उमाकांत पवांर, मनीषा पवांर, सचिव अमित नेगी, विनोद शर्मा, सीएस नपलच्याल, दीपक कुमार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
########राज्य में इकोनामिक आफेंस विंग(इओडब्लू) जल्द कार्य करना शुरू कर देगा।
राज्य में इकोनामिक आफेंस विंग(इओडब्लू) जल्द कार्य करना शुरू कर देगा। ईओडब्लू का गठन हो गया था, लेकिन पुलिस इंसपेक्टरों की कमी के चलते विंग का कार्य अलग से शुरू नहीं हो सका था। यद्यपि सीआईडी के तरह आर्थिक अपराध के मामले दर्ज हो रहे थे।
मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह ने इसे गम्भीरता से लिया। उन्होंने तत्काल इंसपेक्टरों की तैनाती, वित्त अधिकारी और कार्मिक की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। ये निर्देश मुख्य सचिव ने सोमवार को सचिवालय में वित्तीय क्षेत्र के नियामकों और कानून लागू करने वाली अथार्टिज के राज्य समन्वय समिति की बैठक के दौरान दिये।
बैठक में बताया गया कि उत्तराखंड सरकार ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम बना लिया है। राज्य की वेबसाइट पर पंजीकृत वित्तीय संस्थाओं की सूची अपलोड की जा रही है। कमाई करने का लालच देकर लोगों का धन ठगने वालों पर नकेल कसने के लिए रिजर्व बैंक आॅफ इंडिया की गाइड लाइन के अनुसार कार्य किया जा रहा है। आरबीआई के अनुसार सभी प्रकार के व्यावसायिक और सहकारी बैंक धन जमा करा सकते हैं। जबकि केवल कुछ ही नान बैंकिंग फाइनेंसियल कम्पनी एक निश्चित सीमा तक धन जमा कर सकती है। इसी तरह से केवल कुछ ही हाउसिंग फाइनेंस कम्पनियों को डिपाजिट करने के लिए अधिकृत है। इसका नियामक नेशनल हाउसिंग बैंक है। अन्य कम्पिनियां मिनिस्ट्री आॅफ कारपोरेट अफेयर्स के तहत आते हैं। कुछ ही सक्षम कम्पनियां डिपाजिट ले सकती हैं। इसके अलावा कोआपरेटिव क्रेडिट सोसाइटीज अपने सदस्यों से ही धन जमा कर सकती हैं, जिन्हें वोट देने का अधिकार है। ये समितियां रजिस्ट्रार कोआपरेटिव सोसाइटीज के नियमन में कार्य करती है। इसी तरह से मल्टी स्टेट कोआपरेटिव सोसाइटीज भी अपने वोट देने वाले सदस्यों से ही धन जमा कर सकती हैं। इनका नियमन सेंट्रल रजिस्ट्रार आॅफ कोआपरेटिव सोसाइटीज द्वारा किया जाता है। बताया गया कि आरबीआई की वेबसाइट पर सूची उपलब्ध है। लोगों को जागरूक करने के लिए आरबीआई के ‘सचेत’ नाम से वेबसाइट भी बनाई है। जिससे कि किसी धोखेबाज कम्पनी में जनता का धन न फंसे।
बैठक में सचिव वित्त अमित नेगी, सचिव गृह विनोद शर्मा, अपर सचिव वित्त श्रीधर बाबू अद्दांकी, आरबीआई के जीएम, नाबार्ड के सीजीएम, सेबी के जीएम सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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