समीकरण ध्वस्त करने में सक्षम ये निर्दलीय प्रत्याशी

UK VIDHAN SABHA ELECTION#केदारनाथ विधान सभा सीट निर्दलीय#डीडीहाट निर्दलीय किशन सिंह भंडारी#लालकुआँ सीट निर्दलीयों के खाते में जाने की परम्परा बन सकती है#यहां कांग्रेस के बागी हरेन्द्र बोरा#कपकोट में भूपेश उपाध्याय#श्रीनगर में मोहन सिंह काला#भाजपा के एक अंदरुनी सर्वे के अनुसार केदारनाथ में माहौल शैला रानी के पक्ष में नहीं हैं आशा नौटियाल सीट निकाल सकती है#उत्तराखण्ड में सत्ता प्राप्तिि के लिए नेशनल मीडिया में 100 करोड झोंकने से युद्व नही जीता जा सकता- निर्दलीयों की संख्‍या बढी तो भाजपा बहुमत में आने से पहले ही ठिठर सकती है, ऐसे में उसे इन निर्दलीयों से समझौता करना ही पडेगा-#उत्‍तराखण्‍ड की अन्‍य विधानसभा सीटों पर निर्दलीयों का क्‍या प्रभाव पडेगा, इस बारे में गहन मंथन के बाद चुनाव से पूर्व एक्‍सक्‍लूसिव रिपोर्ट जल्‍द Execlusive  Report: www.himalayauk.org (Leading Digital Newsportal & Print Media) 

ये निर्दलीय प्रत्याशी- राष्‍टीय दलों के प्रत्‍याशियों का समीकरण बिगाड देगे- 

बदरीनाथ से भाजपा के महेन्द्र प्रसाद भटट, कांग्रेस से राजेन्द्र सिंह भण्डारी, निर्दलीय विनोद फोनिया के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है, बद्रीनाथ विधानसभा के चुनाव परिणामो में बड़े फेर बदल की संभावनाएं जताई जा रही हैं । बाहर हवा किसी की और अंदर कुछ और । दमदार निर्दलीय प्रत्या शी होने से बीजेपी कोंग्रेस के बीच इस बार कड़ा मुकाबला तथा जीत का अंतर बहुत कम मतों से होना माना जा रहा है, विनोद फोनिया जिस वर्ग से हैं, वहां उनकी अच्छी मतदाता संख्या है । जीत का अंतर 100 से 200 के बीच रहने की संभावना है। देवप्रयाग में निर्दलीय शूरवीर सजवाण तथा निर्दलीय दिवाकर भटट कांग्रेस के मंत्री प्रसाद नैथानी, तथा भाजपा के विनोद कंडारी पर भारी पड रहे हैं, नरेन्द्र नगर विधान सभा में कांग्रेस के हिमांशु बिल्जडवाण तथा भाजपा के सुबोध उनियाल पर निर्दलीय ओम गोपाल भारी पड रहे हैं, टिहरी में निर्दलीय दिनेश धन्नेण कांग्रेस के नरेन्द्री चन्द्रद रमोला तथा भाजपा के धन सिंह नेगी पर भारी पड रहे हैं, वही धनोल्टीि में निर्दलीय प्रीतम सिंह पंवार ने कांग्रेस के मनमोहन सिंह मल तथा भाजपा के नारायण सिंह राणा को छका दिया है, प्रीतम पंवार की ओर जबर्दस्ते झुकाव है, सहसपुर में निर्दलीय प्रकाश जोशी, निर्दलीय लक्ष्मीग अग्रवाल, निर्दलीय आर्येन्द्रत शर्मा राष्टीसय दलों के प्रत्याशियों की जीत को रोकने में सक्षम है, कांग्रेस के प्रदेश अध्य।क्ष किशोर उपाध्यारय तथा भाजपा के निवर्तमान विधायक सहदेव पुण्डी र पर ये तीनों निर्दलीय प्रत्याकशी भारी पड रहे हैं, ऋषिकेश में संदीप गुप्ताद भाजपा के निवर्तमान विधायक की जीत में रोडा साबित हो सकते हैं, यमकेश्व र में .ऋतु खण्डू डी की जीत आसान नही मानी जा रही है, पौड़ी में भाजपा डाउन चल रही है श्रीनगर में निर्दलीय मोहन सिंह काला इस बार राष्टी य दलों में कांग्रेस के गणेश गोदियाल तथा भाजपा के धन सिंह रावत पर भारी पड रहे हैं, सोशल मीडिया में प्रकाशित एक सर्वे में मोहन काला को करीबन 40 हजार वोट गणेश गोदियाल को 20 हजार के करीबन वोट एवम धन सिंह रावत को 10 से 15 हजार वोट का अनुमान लगाया गया है।
चौबटटाखाल में निर्दलीय प्रत्यागशी कविन्द्रज इस्टटवाल ने भाजपा के बडे नेता सतपाल महाराज की जीत में रोडे अटका दिये हैं, महाराज की जीत आसान नही रह गयी है, वही डीडीहाट में किशन सिंह भण्डाोरी ने कांग्रेस के प्रदीप सिंह पाल तथा भाजपा के भारी भरकम नेता बिशन सिंह चुफाल की जीत की राह में रोडे डाल दिये हैं, यहां निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में किशन सिंह भण्डारी भारी भरकम सिद्व हो रहे हैं, कपकोट में भूपेश उपाध्यााय कांग्रेस तथा भाजपा के प्रत्या्शी पर भारी सिद्व हो रहे हैं, लालकुआ में हरेन््द्र सिंह बोरा निर्दलीय प्रत्याेशी के रूप में उतरे हैं, लालकुआं विधानसभा को निर्दलीय प्रत्याेशी ज्यािदा माफिक आ रहा है, यहां से कांग्रेस के हरीश चन्द्रक दुर्गापाल तथा भाजपा के नवीन चन्द्रह दुम्का पर निर्दलीय प्रत्याहशी बोरा भारी सिद्व हो रहे हैं, जसपुर में निर्दलीय सीमा चौहान भी अच्छेद वोट लाकर अपनी दमदार उपस्थिैति दर्ज करा सकती है, कर्णप्रयाग विधानसभा में फिर से मैखुरी और नेगी में कड़ी टक्कर । जीत का फासला इस बार घटकर 50 से 100 रहने की संभावना ।

कुमाऊँ के सिरदर्द बने निर्दलीय प्रत्याशी: डीडीहाट में भाजपा के बागी किशन सिंह भंडारी, कालाढूंगी में भाजपा के हरेन्द्र दरमवाल और कांग्रेस के बागी महेश शर्मा, लालकुआँ में कांग्रेस के बागी हरेन्द्र बोरा, रानीखेत में भाजपा के बागी प्रमोद नैनवाल, कपकोट में कांग्रेस के बागी भगत डसीला और भाजपा के बागी भूपेश उपाध्याय (बसपा), नैनीताल में भाजपा के बागी हेम आर्य, भीमताल में कांग्रेस के बागी राम सिंह कैड़ा, काशीपुर में भाजपा के बागी राजीव अग्रवाल…..ये बागी अपनी पार्टियो के अधिकृत प्रत्याशियों के लिए सिरदर्द बने हैं। ये समीकरण ध्वस्त करने में सक्षम हैं।
सोशल मीडिया में चर्चा है कि भुपेश उपाध्याय भाजपा के बागी बनकर कपकोट से बसपा के टिकट पर चुनाव लड रहे हैं । भुपेश यहा से भाजपा का प्रबल दावेदार था । लेकिन ऐन वक्त पर भाजपा ने भूपेश का टिकट काटकर पूर्व केबिनेट मंत्री बलवंत सिंह भोर्याल को दे दिया । भूपेश उपाध्याय की तरह ही रानीखेत से प्रमोद नैनवाल ,डीडीहाट से किशन सिंह भंडारी , गंगोलीहाट से खजान गुडडू और काशीपुर से राजीव अग्रवाल के साथ ही कालाढुंगी से हरेन्द्र दरमवाल बागी बन चुनाव मैदान में उतर आए हैं । जिसके चलते भूपेश को छोडकर अन्य सभी को पार्टी ने छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है । लेकिन वही दूसरी तरफ भूपेश उपाध्याय को भाजपा ने अभी तक भी ना ही निष्कासित किया है और ना ही उसपर पार्टी ने कोई अनुशात्मक कार्यवाही की है ? आखिर क्यों ? क्या यह भाजपा का भूपेश प्रेम है , या कोई राजनीतिक पैतरेबाजी ?
सोशल मीडिया में चल रही चर्चाओं के अनुसार केदारनाथ विधानसभा सीट यहां कुल मुख्य प्रत्याशी जिनके बीच मुकाबला होने की सम्भावनाये जताई जा रही है । शैला रानी बीजेपी, मनोज रावत कांग्रेस, निर्दलीय आशा नौटियाल , निर्दलीय कुलदीप रावत । वही विनोद फोनिया के आने से निर्दलीय प्रत्यागशी के रूप में उतरने से बद्रीनाथ विधानसभा के चुनाव परिणामो में बड़े फेर बदल की संभावनाएं जताई जा रही हैं । बाहर हवा किसी की और अंदर कुछ और ।
कुल मतदान की संभावना 50 हज़ार लगभग । यदि आंकड़ो की बात करें तो बीजेपी की कैडर वोट- 7500 लगभग; कोंग्रेस की कैडर वोट- 7500 लगभग
आशा नौटियाल का वोट- 7500 लगभग
कुलदीप रावत का वोट- 7500 लगभग
अन्य / नोटा/ रदद् – 5000 लगभग
शेष बचे 15 हज़ार वोट की बात करें तो बीजेपी का अन्य 3000 वोट आशा नौतियाल और 2000 वोट कुलदीप की तरफ माइग्रेट होता हुआ प्रतीत हो रहा है । कोंग्रेस की तरफ नये प्रत्याशी की वजह से झुकाव की संभावना कम नज़र आती है । फिर भी कोंग्रेस की अतिरिक्त 2500 हज़ार वोट से कोंग्रेस 10 हज़ार वोट पार करती नजर आ रही है । शेष 7 हज़ार वोटो में से आशा की तरफ कुछ सिंपैथी वोट जाने की भी संभावना है । और कुलदीप रावत की लगातार सक्रियता से आशा नौटियाल और कुलदीप रावत में कड़ा मुकाबला माना जा रहा है । खैर अभी 10 दिनों में यदि कुछ बड़ा फेरबदल नही होता है तो इस बार केदारनाथ सीट निर्दलीय प्रत्याशी के खाते में जाती हुई नजर आती है ।

भाजपा ने 100 करोड से ज्यादा झोंक दिया है, नेशनल टीवी चैनलों में, नैशनल अखबारों में विज्ञापन पाट दिये गये हैं, सूत्रों का कहना है कि बडे मीडिया ग्रूपों को 1-1 करोड का पैकेज दिया जा चुका हे, वही उत्तहराखण्ड की सत्ता प्राप्ति के लिए हर दलों की, निर्दलियों की सेनाएं, रणनीति मुकाम पर है, विधानसभा चुनाव की तैयारियों जोरों पर हैं। भाजपा ने अपने बडे बडे महारथियों को युद्व मैदान में उतार दिया है, परन्तुं भाजपा यह भूल रही है कि महाभारत के युद्व में अजेय रहने वाले अनेक योद्वा भी धराशायी हो गये थे, भाजपा उत्तराखण्ड में प्रायोजित सर्वे के आधार पर सत्ताे में आने को बैचेन दिख रही है, कई सर्वे भी आ रहे हैं जो कि हर राज्य के हो सकने वाले नतीजों को बता रहे हैं। उत्तेराखण्ड के बारे में आ रहे सर्वे फिलहाल यह दर्शा रहे हैं कि भाजपा सरकार बना लेगी, परन्तु यह भी कटु सत्य है कि महाभारत युद्व को अजर अमर रहने वाले योद्वा भी नही जीत सके थे- इसी तरह उत्तराखण्ड में सत्ता प्राप्तिि के लिए नेशनल मीडिया में 100 करोड झोंकने से युद्व नही जीता जा सकता- निर्दलीयों की संख्‍या बढी तो भाजपा बहुमत में आने से पहले ही ठिठर सकती है, ऐसे में उसे इन निर्दलीयों से समझौता करना ही पडेगा- 

सोशल मीडिया में सक्रिय समीक्षकों का कहना है कि गढ़वाल क्षेत्र की 20 विधानसभाओं का दौरा करने से पता चलता है कि कांग्रेसी बागियों को भाजपा का टिकट मिलने से एंटी इन्कढमबेंसी का माहौल बदल गया है। गौरी कुंड के एक दुकानदार गोविंद राम ने बताया, ”हमें उन्हेंे(शैलारानी रावत) को हराना चाहते थे लेकिन अब हम क्या करें?” इस बात को लेकर भाजपा में भी असंतोष है। कांग्रेस से आए नेताओं को टिकट देने के विरोध में लगभग आधा दर्जन भाजपा नेताओं ने इस्तीचफे दे दिए हैं। इनमें कई पूर्व विधायक भी शामिल हैं। आशा नौटियाल जो कि केदारनाथ से विधायक रह चुकी हैं, वह इस बार निर्दलीय के रूप में मैदान में हैं। पूर्व कांग्रेसी मंत्री यशपाल आर्य को टिकट देने के बाद एक अन्यन पूर्व विधायक वीना महाराणा ने भी इस्तीूफा दे दिया। उन्होंैने कहा, ”पार्टी अंदरुनी सर्वे की बात करती है लेकिन दागी नेता को कुछ घंटों के अंदर टिकट दे दिया गया।
वरिष्ठा पत्रकार मनोज इष्टवाल की रिपोर्ट के अनुसार कविन्द्र ने की राष्ट्रीय दलों की हवा गुल..!
पैरवी तब करनी चाहिए जब व्यक्तित्व में दम लगे. चौबटटाखाल विधान सभा से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में पौड़ी पहुंचे कविन्द्र के जलसे ने भाजपा के सतपाल महराज के जुलुस का दम निकाल दिया. और तो और कांग्रेस की बेचैनी बढ़ गयी है.
जिस भीड़ के साथ कविन्द्र नामांकन करने आये उसे देखकर लगता है कि अगर यह वोट ही कविन्द्र को पड़ गए तो भाजपा के कथित आगामी मुख्यमंत्री सतपाल महाराज को हार का सामना कर पड़ सकता है. उधर दूसरा पक्ष राजपाल बिष्ट को हवा दे रहा है . राजपाल बिष्ट की छवि तेजी से उभरी जरुर है लेकिन कांग्रेस की गाडी के तो टायर फुस्स करने को जनता स्वयं उतारू है. कविन्द्र इष्टवाल की दावेदारी ने यह तो तय कर दिया है कि वही अब आपका विधायक जो दुःख सुख में आपके साथ हो. जिस कदर कविन्द्र के साथ मातृशक्ति जुटी थी उस से साफ़ जाहिर था कि यह भीड़ किराए की भीड़ नहीं है.
भाजपा किसान मोर्चा के उपाध्यक्ष रहे कविन्द्र की कार्यशैली से यूँ भी भाजपाई पहले ही विचलित थे, लेकिन इस नामांकन के बाद अब न सिर्फ भाजपा की बल्कि कांग्रेस की भी हवा गुल है. कहीं ये न हो कि प्रदेश की यह हॉट सीट निर्दलीय उम्मीदवार कविन्द्र की झोली में जा गिरे क्योंकि हवा का रुख भी यही कह रहा है और हम भी.
सोशल मीडिया में इस तरह प्रतिकियाअे का दौर है —
Nandaballabh Bhatt

मित्रों आपकी मेरी पसन्दगी नापसन्दगी का सवाल नहीं है उत्तराखंड के भविष्य का सवाल है, इसलिए वोट सोच समझ कर करें | हमारे बीच जितने भी उम्मीदवार हैं सब बुरे हैं जो सबसे कम बुरा लगे, उसे चुने !
पिछले घोषणा पत्र की समीक्षा करें, उन विधायकों का रिपोर्ट कार्ड लें जो दुबारा चुनाव लड़ रहे हैं ये अवश्य देखें कि विधायक ने अपने स्तर से अपने क्षेत्र के विकास के लिए क्या ब्यक्तिगत प्रयास किये, विकास किसका हुआ खुद विधायक का या क्षेत्र का?
उम्मीदवारों के परम्परागत खोखले वादों पर विश्वास न करे, जो घोषणा पत्र आपको बहलाने के लिए आपको पेश करते हैं, पूछिये उनसे वे कैसे पूरा करेंगे| आपको बता दू कि घोषणायें लुभावनी तो होती हैं लेकिन कभी पूरा नहीं होती, इसलिए आप उनसे शपथपत्र लें स्टाम्प पेपर पर कि उनका संकल्प क्या है? बाकी क्या कहूं आप समझदार हैं जो करेंगे ठीक ही करेंगे| उत्तराखंड तुम्हारे हवाले साथियों,, शुभरात्रि…

श्रीनगर क्षेत्र की जनता से निवेदन आगामी विधान सभा चुनाव में दलगत राजनेती से ऊपर उठ कर इस बार एक समाजसेवी को अपना विधायक चुने
एक ही नाम
एक ही नारा
मोहन काला विधायक हमारा
निवेदक अनूप काला
नर्सरी रोड, श्रीनगर
एक अन्यर प्रतिक्रिया कुछ इस तरह है-
भीमताल : कांग्रेस से बागी प्रत्याशी राम सिंह कैड़ा ने अपने समर्थकों के साथ धारी में नामांकन कराया। कैड़ा ने बताया कि कांग्रेस पर आरोप लगाया कि पार्टी में वफादार और कर्मठ कार्यकर्ता को नहीं पूछा जा रहा है जबकि दलबदल कर आए उम्मीदवार का ज्यादा सम्मान है। कहा कि वह जनता की राय पर चुनाव मैदान में हैं और वह विजयी होंगे।
एक अन्यो प्रतिक्रिया कुछ इस तरह है-

नैनीताल : विधायक सरिता को प्रत्याशी बनाने को लेकर कांग्रेस में भी फूट पड़ गई है। पार्टी नेता व एससी-एसटी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष केएल आर्य ने निर्दलीय मैदान में उतरने का एलान कर दिया है। आर्य पिछले छह माह से लगातार जनसंपर्क कर रहे हैं। उन्होंने कहा है कि पूरे विधानसभा क्षेत्र में विधायक के खिलाफ नाराजगी है।

खटीमा: कांग्रेस का टिकट घोषित होते ही क्षेत्र में बगावत हो गई है। पूर्व ब्लाक अध्यक्ष व किसान नेता प्रकाश तिवारी ने कांग्रेस छोड़ दी है और निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा की है। तिवारी सीएम हरीश रावत के करीबी नेताओं में माने जाते हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी ने उनकी सेवाओं का ध्यान नहीं दिया। पिछले चुनाव में उन्हें टिकट देने का वादा किया गया था। वह निर्दलीय चुनाव में लड़ेंगे। 27 जनवरी को अपने समर्थकों के साथ नामांकन कराएंगे।

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