और सडको पर उतरी जनता ने गैरसैंण में घेर लिया सरकार को

#राजधानी के मुद्दे पर सरकार को घेरने का संदेश गया#  गैरसैंण राजधानी के सवाल पर तपते माहौल के बीच भाजपा विपक्ष तथा आंदोलनकारियो के हमलों का मजबूती से जवाब देने में असफल साबित हुई है#  सरकार का मीडिया मैनेजमेन्‍ट नाकाम साबित हुआ#  सत्र के पहले दिन फेल पुलिस विभाग  # दूसरी ओर, गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने की मांग कर रहे आंदोलनकारी भी यहां पहुंच चुके हैं #  उत्‍तराखण्‍ड रक्षा मोर्चा के संयोजक हरिकिशन किमोठी ने कहा कि हमारी ब्‍यूह रचना सफल हुई, हम जो अंहिसात्‍मक तरीके से जो संदेश देना चाहते थे, उसमें सफल रहे, सरकार भारी लाव लश्‍कर के बाद भी असफल साबित हुई#  खासकर सोशल मीडिया में आंदोलनकारियो की खबरे वायरल होती रही, जबकि सरकार का मीडिया मैनेजमेन्‍ट असफल साबित हुआ# हालांकि सरकार अपने खासमखास मीडिया तंत्र को ही गैरसैंड लेकर गयी थी, परन्तु सोशल मीडिया ने अरमानो पर पानी फेर दिया#  जबकि सरकार की ओर से सोशल मीडिया को हल्के में लिया जा रहा है# बड़ी संख्या में लोगो के सडको पर उतर कर धरना देकर गैरसैंण पर सरकार को स्‍थिति स्पष्ट करना की मांग की। पहली बार बडी संख्‍या में महिलाएं धरना दे रही हैं, पूरे प्रदेश में लोगों के मन यह प्रश्न है कि स्थायी राजधानी कहां होगी भाजपा सरकार यह जवाब देने से क्यो बच रही है #  गैरसैंण को राजधानी बनाने का मुद्दा विधानसभा के बजट सत्र में पूरी तरह हावी  सरकार पर भारी पडा सत्र

 उत्तराखंड में मौसम  बदल गया   सुबह तेज़ हवा के साथ बारिश की झड़ी लग गयी. इससे कङाके की ठंड लौट आयी. गरज के साथ हो रही बारिश के साथ ओले भी पडे, पहाडो में कड़ाके की ठंड पड़ रही है. ठण्‍ड के कारण सत्र छोटा हो सकता है,

हिमालयायूके न्यूज पोर्टल ब्यूरो –   फेसबुक, टविटर, व्‍हटसअप ग्रुपो में उपलब्‍ध

उत्‍तराखण्‍ड की भराड़ीसैंण विधानसभा
पराड़ी गांव के लोग आज अपनी मांगों को लेकर विधानसभा के बेहद नजदीक पहुंच गए. विधानसभा सत्र के पहले दिन इस विरोध की उम्मीद संभवतः पुलिस और प्रशासन को नहीं थी इसलिए इन्हें काबू करने में पुलिस को काफ़ी मशक्कत भी करनी पड़ी. क्यों यह लोग गुस्से में हैं और क्यों इन्हें विधानसभा सत्र के दिन प्रदर्शन करना पड़ा यह समझने के लिए प्रदर्शनकारियों से बात की

गैरसैंण को राजधानी बनाए जाने को लेकर उत्तराखंड क्रांति दल (यूकेडी) के दिवाली खाल में धरना और रोड जाम की वजह से सैकड़ों वाहन फंस गए थे जिनमें भराड़ीसैंण जा रहे अधिकारी और विधायक भी शामिल थे. पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच धक्का-मुक्की भी हुई. ढाई घंटे बाद जाम खुलवाया जा सका और विधायक, अधिकारी भराड़ीसैंण पहुंचे. मुख्यमंत्री कल ही गैरसैंण पहुंच गए थे और राज्यपाल आज हैलिकॉप्टर से पहुंचे हैं.
प्रचण्डस विरोध को देखते हुए यूकेडी के जाम पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि यूकेडी ने जो राज्य के लिए किया है वह सब जानते हैं. अब वह दो-चार लोग ही हैं, इसके सिवा कर भी क्या सकते हैं.

सदन में हंगामा जारी
विधानसभा के बजट सत्र का दूसरा दिन भी हंगामे से शुरू हुआ। कांग्रेस विधायक गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने की मांग को लेकर सदन तक नारे लगाते हुए पहुंचे। वहीं भा

जपा विधायकों ने भी जवाबी नारेबाजी की। भराड़ीसैंण विधानसभा के प्रवेश द्वार तक पैदल पहुंचे कांग्रेस विधायकों ने जोरदार नारेबाजी की। आज दो अभी दो-गैरसैंण राजधनी दो, के नारे लगाते हुए उन्होंने विधानसभा के वि

धानसभा के गेट पर जोरदार प्रदर्शन किया। वहीं, भाजपा विधायकों ने भी गैरसैण के विकास की बात कहते हुए प्रवेश द्वार पर कांग्रेस के जवाब में नारेबाजी की। साथ ही उन्होंने गैरसैंण के मुद्दे पर कांग्रेस को दोगुला बताया। विधानसभा में सत्र के दौरान भी कांग्रेस विधायक नारे लगाते रहे। आज बजट सत्र 15 विधेयक आज रखे जाएंगे। वहीं, कांग्रेस गैरसैण पर नियम 310 यानी सभी काम रोक कर चर्चा की मांग कर रही है। इस कारण सदन में हंगामा जारी है।

जमकर हंगामा
विधानसभा के बजट सत्र का पहला दिन गैरसैंण के नाम
पहली बार भराड़ीसैंण (गैरसैंण) में आयोजित विधानसभा के बजट सत्र का पहला दिन गैरसैंण के नाम रहा। राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान कांग्रेस ने गैरसैंण को राजधानी घोषित करने की मांग को लेकर जमकर हंगामा किया। दूसरी तरफ, उत्तराखंड क्रांति दल समेत तमाम अन्य आंदोलनकारी संगठनों ने सदन के बाहर सुरक्षाकर्मियों की नाक में दम किए रखा। राज्यपाल ने अपना पूरा अभिभाषण हंगामे के बीच पढ़ा। दिवंगत विधायक मगनलाल शाह को श्रद्धांजलि देने के बाद सदन बुधवार सुबह तक के लिए स्थगित कर दिया गया। बजट सत्र के पहले दिन सदन में राज्यपाल डॉ. कृष्णकांत पाल का अभिभाषण शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश ने गैरसैंण राजधानी का मसला उठाते हुए सरकार से मांग की कि वह इस पर अपना रुख स्पष्ट करे।
जबर्दस्त प्रदर्शन
गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने की मांग को लेकर मंगलवार को उत्तराखंड क्रांति दल और स्थायी राजधानी संघर्ष समिति समेत विभिन्न संगठनों ने विधान भवन के पास जबर्दस्त प्रदर्शन किया। इस दौरान पुलिस और आंदोलनकारियों के बीच जमकर झड़प हुई। पुलिस ने आंदोलनकारियों पर पानी की बौछारें भी की, लेकिन इससे भी आंदोलनकारी नहीं डिगे और विधानभवन परिसर तक पहुंच गए।
पुलिस ने आंदोलनकारियों को गिरफ्तार कर मालसी और मेहलचौरी स्थित अस्थायी जेलों में भेजा। प्रदर्शन के दौरान सड़कों पर जाम लग गया, जिससे यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। दूसरी ओर आंदोलन का नेतृत्व कर रहे उक्रांद के प्रदेश अध्यक्ष दिवाकर भट्ट ने कहा गैरसैंण को लेकर आंदोलन जारी रहेगा। गैरसैंण स्थायी राजधानी की मांग को लेकर स्थायी राजधानी संघर्ष समिति के मनीष सुंदरियाल और देवेंद्र बल्ली समेत नौ आंदोलनकारी दोपहर एक बजे करीब दीवालीखाल स्थित आकाशवाणी के 60 मीटर ऊंचे टावर पर चढ़ गए और आमरण अनशन पर बैठ गए। उन्होंने कहा कि गैरसैंण को स्थायी राजधानी घोषित करने पर ही अनशन तोड़ा जाएगा। बाद में किसी तरह आंदोलनकारियों को टावर से उतारा जा सका। माकपा माले के प्रदेशभर से आए कार्यकर्ताओं ने गैरसैंण राजधानी की हुंकार भरते हुए विधानसभा कूच किया, लेकिन उन्हें दीवालीखाल बैरियर पर पुलिस ने रोक लिया।

सत्र के पहले दिन फेल पुलिस विभाग  #

 विधानसभा परिसर के बाहर और दिवालीखाल, जंगल चट्टी, गैरसैंण, मेहलचौरी में आंदोलनकारियों ने जबरदस्त प्रदर्शन। पुलिस ने पानी की बौछार कर आंदोलन को दबाने की कोशिश की। इस दौरान कुछ प्रदर्शनकारियों ने बैरियर तक तोड़ डाले। वहीं कुछ पुलिस को चकमा देकर विधानसभा परिसर तक घुसने में सफल रहे। उत्तराखंड राज्य संघर्ष समिति और यूकेडी से जुड़े प्रदर्शनकारी जंगलों के रास्ते अलग-अलग टुकड़ियों में विधानसभा परिसर में घुस गए। इन्हें देख सुरक्षा कर्मियों के हाथपांव फुल गए। भारी भरकम पुलिस बल जब उन्हें पकड़ने के लिए दौड़ा तो आंदोलनकारी झंडे पर्चे हाथ में लेकर आगे बढ़ने लगे। यूकेडी के त्रिवेंद्र पंवार, किशोरी नंदन डोभाल समेत सौ से अधिक आंदोलकारी जंगल के रास्ते विधानसभा परिसर में पहुंच गए। इ

उत्तराखंड क्रांति दल ने दिखाया दम
गैरसैंण, चमोली [राज्य ब्यूरो]: पहली बार भराड़ीसैंण (गैरसैंण) में आयोजित विधानसभा के बजट सत्र का पहला दिन गैरसैंण के नाम रहा। राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान कांग्रेस ने गैरसैंण को राजधानी घोषित करने की मांग को लेकर जमकर हंगामा किया। दूसरी तरफ, उत्तराखंड क्रांति दल समेत तमाम अन्य आंदोलनकारी संगठनों ने सदन के बाहर सुरक्षाकर्मियों की नाक में दम किए रखा। राज्यपाल ने अपना पूरा अभिभाषण हंगामे के बीच पढ़ा। दिवंगत विधायक मगनलाल शाह को श्रद्धांजलि देने के बाद सदन बुधवार सुबह तक के लिए स्थगित कर दिया गया। उत्तराखंड क्रांति दल समेत अन्य राजधानी समर्थक आंदोलनकारियों ने सदन के बाहर गैरसैंण का मुद्दा गर्माए रखा। हालांकि, प्रदर्शनकारी उक्रांद कार्यकर्ताओं को पुलिस ने दिगोलीखाल के पास रोक लिया था। इस दौरान उक्रांद के कार्यकर्ता सड़क पर लेट गए। नतीजतन, सदन की कार्रवाई में भाग लेने जा रहे कुछ विधायकों और अधिकारियों को काफी दूर पैदल चलने के बाद भराड़ीसैंण तक पहुंचना पड़ा। दोपहर में कुछ उक्रांद व अन्य आंदोलनकारी कार्यकर्ता विधानसभा परिसर में स्वागत कक्ष और विधानसभा भवन के पीछे बनी पानी की टंकी के पास तक पहुंच गए। यहां पुलिस और आंदोलनकारियों के बीच तीखी झड़प भी हुई। पुलिस कर्मियों ने बाद में सभी को वाहनों में भरकर दिगोलीखाल व अन्य स्थानों पर छोड़ा।
गैरसैंण राजधानी की मांग को लेकर कांग्रेस विधायकों के विरोध प्रदर्शन के दौरान निर्दलीय विधायक प्रीतम सिंह पंवार अपनी सीट पर ही बैठे रहे। ऐसे में उनकी चुप्पी चर्चा के केंद्र में रही।
आज दो अभी दो, गैरसैंण राजधानी दो’ के नारे
मंगलवार को बजट सत्र के पहले दिन सदन में राज्यपाल डॉ. कृष्णकांत पाल का अभिभाषण शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश ने गैरसैंण राजधानी का मसला उठाते हुए सरकार से मांग की कि वह इस पर अपना रुख स्पष्ट करे।
इसी बीच कांग्रेस के अन्य विधायकों उपनेता प्रतिपक्ष करन माहरा, गोविंद सिंह कुंजवाल, हरीश धामी, काजी निजामुद्दीन, मनोज रावत, ममता राकेश, फुरकान अहमद, राजकुमार आदि ने ‘आज दो अभी दो, गैरसैंण राजधानी दो’ के नारे लगाने शुरू कर दिए और वेल में पहुंचकर धरने पर बैठ गए। इस दौरान उन्हें मार्शल घेरे रहे जबकि विधायक नारेबाजी करते रहे। नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश अपनी सीट के पास ही खड़े रहकर अपने साथी विधायकों की हौसलाअफजाई करती रहीं।

महाराज ने साधे हरीश रावत सरकार पर निशाने
सतपाल महाराज ने हालांकि निशाना तो साधा परन्‍तु मूछ और गंजे होने वाले महाराज की फोटो काफी कुछ बयां कर रही है,
कांग्रेस में रहते हुए सबसे पहले गैरसैंण राजधानी के मसले को उठाने वाले कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने सोमवार को हरीश रावत सरकार पर निशाने साधे। उन्होंने कहा कि भराड़ीसैंण में जिस तरह से विधान भवन तैयार किया गया है, उसमें कहीं से पर्वतीय झलक देखने के लिए नहीं मिलती। उन्होंने कहा कि उनके स्तर पर सरकार से कहा गया था कि इसमें केदारनाथ और तमाम अन्य स्थानों के चित्र होने चाहिए। मगर ऐसा नहीं किया गया।

बुधवार को सदन
गैरसैंण विधानसभा में बजट सत्र के दूसरे दिन बुधवार को सदन के बाहर कांग्रेस और भाजपा विधायकों की बीच नारेबाजी की जंग हुई। राज्यपाल के बजट अभिभाषण के दौरान विपक्ष ने गैरसैंण पर जो कड़ा रुख अख्तियार किया है, वह बुधवार को भी जारी
बुधवार को नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश कांग्रेस विधायकों के साथ जुलूस की शक्ल में विधानसभा पहुंची। इस दौरान गैरसैंण को लेकर भाजपा और कांग्रेस विधायकों में नोक झोंक भी हुई।
नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश ने कहा कि बुधवार को विपक्ष गैरसैंण पर काम रोको प्रस्ताव लाकर सरकार से मांग करेगा कि वह राजधानी पर अपना रुख स्पष्ट करे। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में लोग धरना दे रहे हैं। गैरसैंण सरकार को स्पष्ट करना चाहिए। इतने लोग और महिलाएं धरना दे रही हैं। गैरसैंण के मुद्दे कार्यस्थगन प्रस्ताव ला रहे हैं। उत्तर प्रदेश के समय से गैरसैंण मुख्य स्थान के रूप में रहा है। राज्य गठन के बाद से ही लोगों की भावना रही है कि पहाड़ की राजधानी पहाड़ में हो। लोग गैरसैंण को राजधानी के रूप में देखते हैं।

21 MARCH 2018 कांग्रेस विधायक नारेबाजी करते हुए विधानसभा की ओर बढ़े तो बीजेपी विधायकों ने उन्हें गेट पर रोक दिया। इस दौरान विधायकों के बीच नोकझोंक और खींचतान भी हुई। मुख्यमंत्री और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।  कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने आरोप लगाया कि सरकार गैरसैंण को लेकर राज्य की जनता के साथ खिलवाड़ कर रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने गैरसैंण को स्थायी राजधानी के तौर पर विकसित कर लिया था, लेकिन भाजपा मिनी सचिवालय का शगूफा दे रही है। उन्होंने मांग की की सरकार गैरसैंण को तत्काल स्थाई राजधानी घोषित करे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सदन में इसके लिए काम रोको प्रस्ताव लेकर आएगी। 

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