गोवंश को समाप्‍त करने का निर्दयी निर्णय; विश्व हिन्दू परिषद

चम्पतराय  महामंत्री, विश्व हिन्दू परिषद ने हिमालयायूके न्‍यूज पोर्टल को भेजे एक मेल प्रेस विज्ञप्‍ति में अवगत कराया है कि केन्‍द्र सरकार ने गोवंश को समाप्‍त करने का निर्दयी निर्णय लिया है, ३९ मिलिट्री फार्मस को बन्द करने का निर्णय लिया गया है- www.himalayauk.org (Leading Digital Newsportal, Dehradun) Mob. 9412932030

विश्व हिन्दू परिषद ने द्वारा जारी एक विज्ञप्‍ति में कहा गया है- 

रक्षा मंत्रालय से सम्बंधित विषयों पर निर्णय करने वाली भारत सरकार की मंत्रीमण्डलीय समिति ने जुलाई मास में निर्णय लिया है कि १४ अक्टूबर, २०१७ तक देश के सभी ३९ मिलिट्री फार्मस को बन्द कर दिया जाए। इस सम्बन्ध में आदेश जारी हो चुके हैं।
आदेश में लिखा है कि गोवंश का आगे प्रजनन बन्द कर दिया जाए तथा मिलिट्री फार्मस पर पशुओं के लिए जो चारा उगाया जाता है, उसे उगाना बन्द कर दिया जाए।
इस आदेश के अन्तर्गत लगभग २५,००० पशुओं के डिस्पोजल की बात लिखी गई है। आदेश केवल गायों के लिए ही है। सभी श्रेणी की अर्थात् दूध देने वाली अथवा दूध न देने वाल अथवा बछडे बछिया सभी का डिस्पोजल किया जाना है और इस आदेश को १४ अक्टूबर, २०१७ तक पूरा करना है।
आदेश में लिखा है कि छोटे मिलिट्री फार्मस अपने पशुओं को बडे मिलिट्री फार्मस को ट्रांसफर करेंगे और जिन गाय, बछडों को ट्रांसफर करना संभव नहीं होगा उनकी सार्वजनिक नीलामी कर दी जाए।
ये मिलिट्री फार्मस लगभग १२५ वर्ष पूर्व प्रारम्भ किए गए थे। इनमें भारतीय नस्ल की गाय पाली जाती थी ताकि भारतीय सैनिकों को अच्छा दूध मिल सके।
पशु पालन करने वाले विशेषज्ञ यह बताएंगे कि गर्भधारण करने की अवस्था में यदि गर्भधारण न कराया जाए तो पशु पर इसके दुष्परिणाम क्या होंगे ? इन तथ्यों के दुष्परिणामों को समझना कठिन नहीं है। गोभक्तों के लिए तो यह निर्णय गोवंश को समाप्त करने का एक निर्दयी प्रकार है। भारत सरकार को इस निर्णय पर पुनः विचार करना चाहिए।

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