12 में VP चुनाव लडने से इंकार कर दिया था गोपाल कृष्ण गांधी ने

महात्मा गांधी के पड़पोते को स्‍वीकार करेगी भाजपा ? #महात्मा गांधी के पड़पोते को अपना उम्मीदवार घोषित किया #जुलाई 2012 में चुनाव लडने से इंकार कर दिया था  गोपाल कृष्ण गांधी ने # www.himalayauk.org (Leading Digital Newsportal & Print Media) 
अब तक सत्ता पक्ष ने उप राष्ट्रपति पद केे चुनाव के लिए अपने उम्मीदवार के नाम का एलान नहीं किया है. गोपाल कृष्णा गांधी के नाम के एलान से पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अगुवाई में सभी दलों की बैठक हुई. इस बैठक में सभी दलों ने गोपाल कृष्णा गांधी के नाम पर सहमति जताई. इसके बाद विपक्ष ने उपराष्ट्रपति पद के लिए अपने उम्मीदवार के तौर पर गोपाल कृष्ण गांधी के नाम की घोषणा की. कांग्रेस सहित 18 विपक्षी पार्टियों ने उपराष्ट्रपति पद चुनाव के लिए अपने उम्मीदवार की घोषणा कर दी है. सभी पार्टियों ने सर्वसम्मति से पश्चिम बंगाल के पूर्व गवर्नर और महात्मा गांधी के पड़पोते गोपाल कृष्णा गांधी को अपना उम्मीदवार घोषित किया है.

गोपाल कृष्णा गांधी के नाम के एलान से पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अगुवाई में सभी दलों की बैठक हुई. इस बैठक में सभी दलों ने गोपाल कृष्णा गांधी के नाम पर सहमति जताई. इसके बाद विपक्ष ने उपराष्ट्रपति पद के लिए अपने उम्मीदवार के तौर पर गोपाल कृष्ण गांधी के नाम की घोषणा की. अब तक सत्ता पक्ष ने उप राष्ट्रपति पद केे चुनाव के लिए अपने उम्मीदवार के नाम का एलान नहीं किया है. पांच अगस्त को उपराष्ट्रपति का चुनाव होगा और वोटों की गिनती भी उसी दिन यानि पांच अगस्त को ही होगी.

 

जुलाई 2012 में चुनाव लडने से इंकार कर दिया था  गोपाल कृष्ण गांधी ने

राष्ट्रपति चुनाव में अपना मनपसंद उम्मीदवार खड़े करने में विफल तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी को उप राष्ट्रपति पद के चुनाव में भी तगड़ा झटका लगा था। ममता ने पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपाल कृष्ण गांधी का नाम उपराष्ट्रपति पद के लिए आगे किया था लेकिन उन्होंने खुद चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है।   चेन्नई में गांधी ने साफ कहा था कि उनकी चुनाव लड़ने की कोई इच्छा नहीं है। वही यूपीए ने तृणमूल कांग्रेस की ओर से सुझाए गए नामों को अनदेखा करते हुए हामिद अंसारी को दोबारा उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाने की घोषणा कर दी थी।
पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपालकृष्ण गांधी ने चेन्नई में  साफ कहा था कि वह चुनाव नहीं लड़ेंगे। उन्होंने कहा, ‘मैंने मेरे नाम के बारे में सोचने और उप राष्ट्रपति चुनाव के लिए संप्रग के सहयोगी दलों को मेरा नाम सुझाने के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का आभार व्यक्त किया है।’
जब गांधी से पूछा गया कि क्या किसी अन्य नेता ने उनसे चुनाव लड़ने का अनुरोध किया है तो उन्होंने कहा, ‘कुछ लोगों ने मुझसे संपर्क किया लेकिन मैंने कहा कि आपका धन्यवाद। मैं चुनाव नहीं लड़ूंगा।’ उन्होंने कल हामिद अंसारी के नाम की घोषणा के बाद उन्हें बधाई भी दी। उस समय यूपीए की बैठक में तृणमूल कांग्रेस के नेता और रेल मंत्री मुकुल रॉय मौजूद थे। उन्होंने इस पद के लिए पार्टी की ओर से गोपाल कृष्ण गांधी और कृष्णा बोस का नाम सुझाया था। यूपीए ने दोनों नाम खारिज कर दिए। गृह मंत्री पी. चिदम्बरम ने बताया कि बैठक में अंसारी के अलावा कुछ और नाम भी आए थे लेकिन अंसारी के नाम पर सहमति बनी थी।

 

याद रहे कि इससे पहले राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों में भी कांग्रेस की तरफ से गोपाल कृष्ण गांधी का नाम चर्चा में था. हालांकि, बाद में कांग्रेस ने पूर्व स्पीकर और दलित नेता मीरा कुमार को अपना उम्मीदवार घोषित किया. गोपाल कृष्ण गांधी का जन्म 22, 1946 को हुआ. वो महात्मा गांधी के पड़पोते हैं. गांधी रिटार्यड आईएएस अधिकारी और राजनयिक हैं. साल 2004 से 2009 के बीच वो पश्चिम बंगाल के गवर्नर रहे. बतौर आईएएस अधिकारी, वो भारत के राष्ट्रपति के सचिव रहे. दक्षिण अफ्रीका और श्रीलंका के राजदूत रहे. इसके अलावा कई प्रशासनिक और राजनयिक पदों पर रहे. गांधी अशोक यूवर्सिटी में पढ़ाते हैं, जहां वो इतिहास और राजनीति के प्रोफेसर हैं.

कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद द्वारा यह कहे जाने पर कि राष्ट्रपति चुनाव में बिहार की बेटी मीरा कुमार को हराने का फैसला करनेवाले सबसे पहले शख्स नीतीश कुमार ही थे, पर जदयू ने पलटवार किया है. नबी के इस बयान के कुछ ही घंटे बाद जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा कि यह कांग्रेस के अड़ियल रवैये का नतीजा है. उन्होंने कहा, राष्ट्रपति चुनाव के लिए जहां नीतीश कुमार और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपाल कृष्ण गांधी काे राष्ट्रपति पद का प्रत्याशी बनाने की पेशकश की थी, वहीं एनसीपी नेता शरद पवार ने डॉ भीमराव आंबेडकर के पोते प्रकाश आंबेडकर पर अपनी सहमति जतायी थी. इसके बाद पूरा विपक्ष गोपाल कृष्ण गांधी के नाम सहमत भी हो गया था. लेकिन, कांग्रेस के अड़ियल रवैये के कारण उनके नाम की घोषणा नहीं हो सकी और अंत में मीरा कुमार का नाम तय किया गया.

केसी त्यागी ने कहा कि तीन जून को एम करुणानिधि के जन्मदिन पर विपक्ष के कई बड़े नेता चेन्नई में जुटे थे और वहीं पर गोपाल कृष्ण गांधी को राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष का प्रत्याशी बनाये जाने की पेशकश नीतीश कुमार ने की थी. इस पर पूरा विपक्ष सहमत भी था. लेकिन, कांग्रेस काे गोपाल कृष्ण गांधी की उम्मीदवारी रास नहीं आयी. उसे अपनी पार्टी के किसी नेता को उम्मीदवार बनाना था, ऐसी स्थिति में उसने कुछ साफ-साफ तो नहीं कहा और इस मुद्दे को वहां टाल गयी. त्यागी ने कहा, नीतीश कुमार की पेशकश पर डीएमके, टीएमसी समेत कई दलों ने अपनी सहमति जतायी थी. यदि उनके नाम की घोषणा हो जाती, तो वे ही राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार होते और राष्ट्रपति भी बनते. उस समय शिवसेना भी एनडीए उम्मीदवार के पक्ष में नहीं थी.

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