वि0सभा चुनाव का महासंग्राम-यू0पी0 का रूख

#मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को सरकार की कमियों के लिए जिम्मेदार नहीं मानते#बीएसपी और आरएलडी के गठबंधन में उम्मीद # मोदी की नीयत और फैसलों पर भरोसा है#प्रस्‍तुति- हिमालयायूके न्‍यूूज पोर्टल (www.himalayauk.org) Leading Web & Print Media 
यूपी, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर विधानसभा चुनाव का बिगुल बज गया है. देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में सात चरणों में चुनाव होंगे. मणिपुर में दो चरण, उत्तराखंड, पंजाब और गोवा में एक ही चरण में चुनाव कराए जाएंगे. मतगणना 11 मार्च को होगी. इस तरह होली से पहले चुनावी प्रक्रिया निपट जाएगी. इन सभी राज्यों में चुनाव की तारीखों का ऐलान करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने बताया कि उत्तर प्रदेश की सभी 403 सीटों के लिए 7 चरणों में चुनाव होंगे.
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को सरकार की कमियों के लिए जिम्मेदार नहीं मानते. अगर अखिलेश यादव और मुलायम सिंह अलग-अलग मैदान में उतरे तो लोग ज्यादा अखिलेश की तरफ ही जाते दिख रहे हैं. अखिलेश यादव अतीक अहमद और मुख्तार अंसारी जैसे मुसलमान नेताओं के खिलाफ हैं. इन बाहुबलियों की मुसलमानों के बीच में भी कोई बहुत अच्छी छवि नहीं है. ऐसे बाहुबली मुसलमान वोटरों की भी मजबूरी होते हैं क्योंकि पार्टियां इसी तरह के लोगों को टिकट देती हैं.
जिन इलाकों में दंगों का असर ज्यादा था, वहां जाटों का रुझान फिर से अजीत सिंह के राष्ट्रीय लोक दल की तरफ बनता दिख रहा है. इस पार्टी की राजनीति किसानों के इर्द गिर्द घूमती रही है क्योंकि इस इलाके के जाट मुख्य रूप से किसान हैं. एक मजबूत जाट-मुसलमान गठबंधन आरएलडी को सत्ता में भागीदारी दिलाता रहा है. हालत यहां तक आ गई की 2014 लोक सभा चुनावों में अजीत सिंह खुद भी चुनाव हार गए पर सिंह के लिए अब हालात बदलाव की तरफ सरकते दिख रहे हैं.
जैसे-जैसे एसपी और बीएसपी का दखल पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बढ़ता गया वैसे-वैसे आरएलडी मुस्लिम वोट से कटता गया. दंगो और काम धंधो में बदलाव के चलते आरएलडी अपने परंपरागत जाट वोटों से भी कटा है. जाटों का मानना है की पिछले कुछ सालों में पार्टी के नुकसान की वजह अजित सिंह की मुसलमानों को ज्यादा तरजीह देने की भूल रही.
‘गुड़गुड़ी (डुगडुगी) तो यहीं से बजेगी. जिसको चाहेंगे धरती दिखा देंगे. पूरब की तरफ तो सभी सबको लपकेंगे लेकिन पक्के वोट तो यहीं के होंगे.’ यह आवाज है पश्चिमी उत्तर प्रदेश की.
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 26 जिलों में 77 विधानसभा सीटें हैं. इस इलाके में जाटों की आबादी लगभग 17 फीसदी और मुसलमान 26 फीसदी हैं. 2012 के चुनाव में 26 सीटों से मुसलमान जीते थे.
इस इलाके में जाटों मुसलमानों के बीच हुए दंगों की खबरें भले ही कितने ही अखबारों के पन्नों पर पसरी रहें, ज्यादा पुराना सच ये है कि यहां कई जातियां द्विधार्मिक हैं. हिन्दुओं और मुसलमानों दोनों में ये जातियां मौजूद हैं. जाट मुसलमान, गूजर मुसलमान, त्यागी मुसलमान वगैरह. इस इलाके में समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी तो हैं ही. यहां पर अजीत सिंह की राष्ट्रीय लोक दल भी है. चौधरी चरण सिंह के बेटे अजीत जाटों के परंपरागत नेता रहे हैं.
जाट समाज के बुजुर्ग बीजेपी से खासा नाराज दिख रहे हैं. उनकी नाराजगी के कई कारण हैं. एक तो जाटों को आरक्षण नहीं मिला ऊपर से जाट नेता ओम प्रकाश चौटाला को जेल भेज दिए गया. अजित सिंह का सरकारी मकान धक्के मार कर खाली करा लिया गया. वे इस बात को ठनक से कह रहे हैं, ‘उन्होंने दिल्ली से बड़े जाट नेता अजित सिंह के बर्तन बगाये (फेंके) हम उनको यहां से बगायेंगे.’ बीजेपी सर्जिकल स्ट्राइक को अपनी उपलब्धि गिनाती है. पर बुजुर्ग जाट जिनमें में से कई पूर्व सैनिक भी हैं वो कहते हैं, ‘पाकिस्तान के मारे तीस तो हमारे मरवाये पैंतालीस.’

पहले चरण में पश्चिमी यूपी के 15 जिलों की 73 सीटों के लिए 17 जनवरी को नोटिफिकेशन जारी होगा जहां 11 फरवरी को चुनाव होंगे. दूसरे चरण में उत्तराखंड से सटे यूपी के 11 जिलों की 67 विधानसभा सीटों के लिए 20 जनवरी को नोटिफिकेशन जारी होगा जहां 15 फरवरी को वोटिंग होगी.
तीसरे चरण में लखनउ हरदोई समेत 12 जिलों की 69 सीटों के लिए नोटिफिकेशन 24 जनवरी को जारी होगा जहां 19 फरवरी को चुनाव होंगे.
चौथे चरण में इलाहाबाद, प्रतापगढ़ और बुंदेलखंड के इलाके के 12 जिलों की 53 विधानसभा सीटों के लिए वोटिंग होगी, जहां 30 जनवरी को नोटिफिकेशन जारी होगा और वोटिंग 23 फरवरी को होगी.
पांचवे चरण में फैजाबाद, अमेठी, सुल्तानपुर समेत 11 जिलों की 52 सीटों की के लिए नोटिफिकेशन 2 फरवरी को जारी होगा, जहां 27 फरवरी को वोट डाले जाएंगे.
छठे चरण में पूर्वांचल के 7 जिलों की 49 सीटों के लिए 8 फरवरी को नोटिफिकेशन जारी होगा जहां 4 मार्च को चुनाव होगा.
सातवें और आखिरी चरण में भी वाराणसी और गाजीपुर समेत पूर्वांचल के 7 जिलों की 40 विधानसभा सीटों के लिए 11 फरवरी को नोटिफिकेशन जारी होगा जहां 8 मार्च को वोट डाले जाएंगे.
गोवा-पंजाब में एक साथ चुनाव
गोवा में एक ही चरण में चुनाव होगा. यहां की सभी 40 सीटों के लिए 11 जनवरी को नोटिफिकेशन जारी होगा, जिसके लिए 4 फरवरी को चुनाव होंगे.
गोवा के साथ पंजाब की सभी 117 सीटों के लिए भी एक ही चरण में चुनाव होगा. पंजाब में सभी सीटों के लिए 11 जनवरी को नोटिफिकेशन जारी होगा और चुनाव गोवा के साथ ही 4 फरवरी को होगा.
उत्तराखंड में 15 फरवरी को वोटिंग
उत्तराखंड की सभी 70 विधानसभा सीटों के लिए एक ही चरण में चुनाव होगा, जिसके लिए नोटिफिकेशन 20 जनवरी को जारी किया जाएगा और चुनाव 15 फरवरी को कराया जाएगा.
मणिपुर में दो चरणों में चुनाव
नॉर्थ-ईस्ट के राज्य मणिपुर में सुरक्षा कारणों से चुनाव दो चरणों में कराए जाएंगे. मणिपुर की कुल 60 सीटों में से 38 सीटों के लिए पहले चरण में चुनाव होंगे. इसके लिए नोटिफिकेशन 8 फरवरी को जारी होगा और चुनाव 4 मार्च को कराया जाएगा.
मणिपुर की बाकी 22 सीटों के लिए 11 फरवरी को नोटिफिकेशन जारी होगा और चुनाव 8 मार्च को कराया जाएगा. इन पांचों राज्यों के लिए मतगणना 11 मार्च को एक साथ करायी जाएगी और उम्मीद है कि उसी दिन साफ हो जाएगा कि इन पांच राज्यों में किसकी सरकार बन रही है.

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