नए नवेले भाजपाई बाजी मार ले गए; बगावत

यूपी चुनाव: अपना दल की बीजेपी से अब तक 11 सीटों पर बनी सहमति

टिकटों के बंटवारे में नए नवेले भाजपाई बाजी मार ले गए।  पूर्वांचल में बगावत का झंडा बुलंद  उत्तर प्रदेश के 14 जिले

www.himalayauk.org (HIMALAYA GAURAV UTTRAKHAND)

बीजेपी सांसद महंत आदित्यनाथ के संगठन हिन्दू युवा वाहिनी ने पूर्वांचल में बगावत का झंडा बुलंद कर दिया है. संगठन ने बीजेपी पर आदित्यनाथ की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए पूर्वांचल की सभी सीटों पर बीजेपी के खिलाफ युवा वाहिनी के चुनाव में उतरने का एलान किया है. योगी आदित्यनाथ के संगठन हिन्दू युवा वाहिनी युवा वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष सुनील सिंह ने इस बाबत एक बैठक की है और अपने समर्थकों और उम्मीदवारों को मैदान में उतारने का एलान किया है.
##वाराणसी दक्षिण विधानसभा सीट से सात बार विधायक रहे एक नेता को टिकट देने से इनकार करने पर भाजपा के कई असंतुष्ट कार्यकर्ताओं ने पार्टी विरोधी नारेबाजी की और अपना विरोध दर्ज कराया। उन्होंने पार्टी के प्रदेश प्रमुख केशव प्रसाद मौर्य और पार्टी उपाध्यक्ष ओम प्रकाश माथुर का घेराव भी किया। उस वक्त वे यहां एक बैठक कर रहे थे। दोनों वरिष्ठ नेता काशी क्षेत्र के पार्टी के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे। काशी क्षेत्र में उत्तर प्रदेश के 14 जिले आते हैं।
वाराणसी दक्षिण सीट से मौजूदा विधायक श्याम देव राय चौधरी को टिकट देने से इनकार किए जाने पर प्रदर्शनकारी नाराज थे। इससे पहले दिन में कुछ कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के रवींद्रपुरी स्थित स्थानीय संसदीय कार्यालय के सामने प्रदर्शन भी किया। श्याम देव राय चौधरी की जगह पार्टी ने युवा चेहरे नीलकंठ तिवारी को अपना उम्मीदवार बनाया है। नीलकंठ तिवारी वाराणसी की सेंट्रल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं और स्टूडेंट यूनियन से जुड़े रहे हैं।
चौधरी साल 1989 से सिटी साउथ सीट से विधायक रहे हैं। अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया ने अपनी रिपोर्ट में चौधरी के हवाले से लिखा था, ‘मुझे पार्टी की ओर से इस बारे में कोई सूचना नहीं मिली कि मुझे टिकट क्यों नहीं दिया गया। अगर यह मेरी उम्र की वजह से फैसला लिया गया है तो पार्टी ने मेरे से भी ज्यादा उम्र के उम्मीदवारों को टिकट दिया है।’ साल 2012 के विधानसभा चुनाव में चौधरी को दयाशंकर मिश्रा ने बतौर कांग्रेस उम्मीदवार कड़ी टक्कर दी थी। मिश्रा ने बाद में भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन कर ली थी। अभी वाराणसी दक्षिण सीट से मिश्रा को उम्मीदवारों की रेस में सबसे आगे देखा जा रहा था। चौधरी के अलावा काशी क्षेत्र की अन्य वर्तमान विधायक ज्योत्सना श्रीवास्तव को भी टिकट देने से मना कर दिया। उनकी जगह उनके बेटे सौरभ श्रीवास्तव को टिकट दिया गया है। स्वामी मौर्य प्रसाद के साथ भाजपा के साथ जुड़ने वाले उदयलाल मौर्य को भी टिकट नहीं दिया गया है। उनकी जगह शिवपुर सीट से अनिल राजभर को टिकट दे दिया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 4 फरवरी को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ से राज्य विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी के चुनावी अभियान की शुरुआत करेंगे. पार्टी सूत्रों के मुताबिक पहले दो चरणों के चुनाव के लिए पीएम की चार रैलियों के कार्यक्रम तय कर लिए गए हैं. मेरठ के बाद पीएम मोदी 7 फरवरी को अलीगढ़ में होंगे, वहां भी उनकी एक बड़ी रैली आयोजित की जा रही है. इसके बाद 10 फरवरी को बिजनौर और 12 फरवरी को पीलीभीत में प्रधानमंत्री की रैली होगी. गौरतलब है कि बीजेपी ने यूपी में मुख्यमंत्री पद का कोई उम्मीदवार घोषित नहीं किया है. पार्टी वहां पीएम मोदी के नाम और काम पर ही चुनाव लड़ रही है. माना जा रहा है कि पीएम मोदी हर चरण के चुनाव के लिए कम से कम दो रैलियों को संबोधित करेंगे.

खबरें हैं कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में संगठन के उम्मीदवारों को टिकट न मिलने से नाराज़ है. कहा यह भी जा रहा है कि संगठन आने वाले विधानसभा चुनावों में योगी आदित्यनाथ को बीजेपी की तरफ से मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने की मांग पर अड़ा हुआ है.
कहा जाता है कि संगठन हिन्दू युवा वाहिनी के लोग बीजेपी के प्रति नहीं बल्कि योगी आदित्यनाथ के प्रति अपना समर्थन जताते हैं. यह संगठन पूर्वांचल में काफी सक्रिय है, इसी वजह से इस क्षेत्र में योगी आदित्यनाथ का दबदबा भी बना हुआ है.
इसी महिने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने 27 सदस्यों की प्रदेश चुनाव कमेटी बनाई थी. इस कमेटी में राजनाथ सिंह लेकर कलराज मिश्र जैसे केंद्रीय मंत्री शामिल हैं. लेकिन इस लिस्ट से योगी आदित्यनाथ को बाहर रखा गया था. जबकि कमेटी में दूसरी पार्टियों से आने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य, रीता बहुगुणा का नाम भी शामिल था. महंथ आदित्यनाथ पूर्वांचल में बीजेपी के सबसे बड़े चेहरे हैं. गोरखनाथ मंदिर के महंथ हैं और 1998 से लगातार चुनाव जीतते आ रहे हैं. बता दें कि गोरखपुर में विधान सभी की नौ सीटें है. साल 2012 के विधानसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी ने 224 सीट जीती थीं और प्रदेश में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई थी. जबकि बीएसपी को 80, बीजेपी को 47, कांग्रेस को 28, रालोद को 9 और अन्य को 24 सीटें मिलीं थीं. भाजपा के टिकटों के बंटवारे में नए नवेले भाजपाई बाजी मार ले गए। जिले की पांच सीटों के प्रत्याशी पार्टी ने तय कर दिए हैं। जो पांच नाम पार्टी ने घोषित किए हैं, उनमें एक 2012 के चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार थे। एक अन्य उम्मीदवार हाल ही में बसपा छोड़ पार्टी से जुड़े हैं। हाल ही में रेलवे की बड़ी नौकरी से सेवानिवृत्ति लेकर राजनीति के मैदान में उतरने वाले एक पूर्व अधिकारी को भी पार्टी ने टिकट दिया है। इस दौड़ में बजरिए बजरंग दल भाजपा में जगह बनाने वाले संघ पृष्ठभूमि के केवल एक प्रत्याशी पर भाजपा ने भरोसा जाहिर किया है। कुछ महीने पहले रेलवे के भूमि प्रबंधन के जीएम देव मणि दुबे ने नौकरी से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर भाजपा में दाखिला लिया था। पार्टी ने उन्हें गृह क्षेत्र लम्भुआ से उम्मीदवार बनाकर टिकट के दावेदार तमाम पुराने भाजपाइयों के चेहरे की रंगत छीन ली है। सदर की सीट पर उम्मीदवार बनाए गए सीता राम वर्मा हाल ही में स्वामी प्रसाद मौर्या के साथ भाजपा से जुड़े। राज्य के सहकारिता विभाग में भंडारागार के प्रबंध निदेशक पद से सेवा निवृत्त वर्मा ने बसपा से अपना राजनीतिक सफर शुरू किया।

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