नमो नमो दूरी बना गए श्री बदरी नारायण जी से
यह नर की लीला थी या नारायण थी- परन्तु नमो नमो दूरी बना गए श्री बदरी नारायण जी से: यह नारायण की लीला है या नमो नमः की नारायण लीला, यह तो यही ही जाने, पर सन्देश अच्छा नहीं गया:
मुख्य कार्याधिकारी बी. डी सिंह के अनुसार माननीय प्रधान मंत्री मोदी जी के हाथों दीपावली के शुुभ पर्व पर बदरी बिशाल के पूजन की भव्य तैयारी की गई थी, दिल्ली से नेशनल मीडिया भी बद्री नाथ पहुच चुकी थी, बाकायदा नेशनल मीडिया 2 दिन से खबर प्रसारित कर रहा था; पहुंच गए थे, परंतु मोदी जी का प्रोग्राम था या नहीं असमंजस की स्थिति थी, जनपद से प्रशासनिक अमला अगुवाई में खडा था, हरिद्वार के संसद सदस्य डॉ0 निशंक के पहुचने की खबर तो अखबारो में छपी थी, परंतु मोदी जी दीपावली मनाने निकले तो सही, परंतु बद्रीनाथ नहीं आये, “हिमालयायूके” ने मोदी जी के हिमाचल पहुचने की खबर सबसे पहले ब्रेक की,
ज्ञात हो दीपावली में बदरीनाथ में लक्ष्मी पूजन का बड़ा भारी महात्म है, दीपावली के दिन भगवान् बदरी बिशाल से देश के प्रमुख द्वारा की गई पूजा का बड़ा महात्म है, परंतु देश भर में सबकी जुबान पर एक ही चर्चा रही ” मोदी जी नहीं पहुंचे बद्री नारायण के दरबार” ये चर्चा इसलिए भी ज्यादा रही, श्री मोदी जी ने प्रधान मंत्री बनने से पहले गंगा मैया तथा केदार नाथ जी से कुछ बड़े वायदे किये थे, ज्ञात हो गंगा मैया का मायका है उत्तराखंड;
वही आई टी बीपी एवं मंदिर समिति की तैयारी धरी रह गई ।दो दो घंटे तक दो दिनों में माणा से आवागमन पर रोक भी लगाई, सख्ताई बरती गई, आवागमन बाधित किया, पर मोदी जी का दीपावली पर्व के अवसर पर पूजन तैयारी के बावजूद बदरीनाथ मे न आ पाना स्थानीय जनो के मुताबिक कोई शुभ शगुन नहीं है, बाकी तो नारायण की लीला और नमो की लीला;
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