प्रकाश सिंह बादल को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाये जाने की चर्चा
राष्ट्रपति चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे कयासों का बाजार में लगातार गर्म होता जा रहा है. सोमवार को बीजेपी ने 17 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए एनडीए का उम्मीदवार तय करने के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनाई है जिसमें वेंकैया नायडू, राजनाथ सिंह और अरुण जेटली शामिल है.
खबर है कि पार्टी एनडीए के तरफ से शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख और पंजाब के पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बना सकती है. बीजेपी की ये कवायद इस लिए भी कारगर साबित हो सकती है क्योंकि बादल के नाम पर यूपीए के समर्थन वाले कई दलों का समर्थन मिल सकता है. मीडिया में चल रही खबरों की माने तो यूपीए की सहयोगी एनसीपी के एक शीर्ष नेता ने बताया, ‘बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से हमें बादल साहब के बारे में संकेत मिला. उनका विरोध करना मुश्किल होगा. अकालियों के साथ इमर्जेंसी के खिलाफ लड़ने वाली डीएमके जैसी पार्टियां भी उनके नाम को चुनौती नहीं देंगी.’वहीं विपक्षी पार्टियों की बात करें तो वे बीजेपी की ओर से एकराय वाले उम्मीदवार का नाम लाने को लेकर आश्वस्त नजर नहीं आ रहीं. एनसीपी नेता तारिक अनवर ने बताया, ‘हमें नहीं लगता कि बीजेपी किसी आरएसएस बैकग्राउंड वाले शख्स को नजरअंदाज करके बादलजी को उम्मीदवार बनाएगी. सरकार के पास बस 24000 वोट ही कम हैं.’ तारिक अनवर राष्ट्रपति चुनाव को लेकर विपक्षी नेताओं की उप-कमिटी के सदस्य हैं. बीजेपी ने एक बयान में कहा गया कि यह समिति राष्टपति चुनाव के लिए विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं से बात करेगी और आम-सहमति कायम करने का प्रयास करेगी. इस बीच आम-सहमति का उम्मीदवार तय करने के लिए विपक्ष द्वारा गठित 10 सदस्यीय टीम की पहली बैठक यहां 14 जून को होगी. विपक्षी दल इस मुद्दे पर कई दौर की बात कर चुके हैं लेकिन संयुक्त उम्मीदवार का नाम घोषित नहीं किया है. विपक्ष के सूत्रों ने कहा कि वे इंतजार कर रहे हैं कि एनडीए अपने उम्मीदवार के नाम का ऐलान करे और फिर वे चर्चा करेंगे कि राजग द्वारा प्रस्तावित उम्मीदवार उन्हें स्वीकार्य है या नहीं. एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि राजग के साथ बातचीत में आम-सहमति की संभावना नहीं बनी तो विपक्ष सत्तारूढ़ गठबंधन के उम्मीदवार के खिलाफ संयुक्त प्रत्याशी उतारेगा. सूत्रों ने कहा कि 10 सदस्यीय समिति में कांग्रेस की ओर से गुलाम नबी आजाद और मल्लिकार्जुन खडगे हैं. इसमें जदयू के शरद यादव, राजद के लालू प्रसाद और माकपा के सीताराम येचुरी समेत अन्य वरिष्ठ विपक्षी नेता शामिल हैं. समिति में द्रमुक के राज्यसभा सदस्य आर एस भारती, सपा के रामगोपाल यादव, बसपा के सतीश चंद्र मिश्रा, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओब्रायन और राकांपा के प्रफुल्ल पटेल भी हैं एनडीए के खेमे ने अपने उम्मीदवार पर बात नहीं की है लेकिन विपक्ष में कुछ नामों की अटकलें चल रही हैं. विपक्ष ने महात्मा गांधी के पौत्र और पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपालकृष्ण गांधी से बात की है. पूर्वलोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार, पूर्व रक्षा मंत्री शरद पवार के नाम पर भी विचार हुआ है. हालांकि पवार ने कहा कि वह दौड में नहीं हैं.
सत्तारूढ़ राजग और कुछ विपक्षी दल परस्पर स्वीकार्य राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार का नाम तय करने के लिए जल्द प्रयास तेज करेंगे और आम-सहमति नहीं बनने पर अलग अलग रास्ते अख्तियार करेंगे. इस मुद्दे पर लंबी चुप्पी के बाद भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने सोमवार (12 जून) को तीन सदस्यीय एक समिति गठित की है जो आम-सहमति के राष्टपति उम्मीदवार के लिए विपक्ष सहित राजनीतिक दलों से बातचीत करेगी.
इस समिति में वरिष्ठ केन्द्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, अरुण जेटली एवं एम वेंकैया नायडू शामिल होंगे. समिति 17 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए भाजपा सहयोगियों एवं विपक्षी दलों के साथ बातचीत करेगी. भाजपा के एक बयान में कहा गया कि यह समिति राष्टपति चुनाव के लिए विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं से बात करेगी और आम-सहमति कायम करने का प्रयास करेगी.
इस बीच आम-सहमति का उम्मीदवार तय करने के लिए विपक्ष द्वारा गठित 10 सदस्यीय टीम की पहली बैठक यहां 14 जून को होगी. विपक्षी दल इस मुद्दे पर कई दौर की बात कर चुके हैं, लेकिन संयुक्त उम्मीदवार का नाम घोषित नहीं किया है. विपक्ष के सूत्रों ने कहा कि वे इंतजार कर रहे हैं कि सत्तारूढ़ गठबंधन अपने उम्मीदवार के नाम का ऐलान करे और फिर वे चर्चा करेंगे कि राजग द्वारा प्रस्तावित उम्मीदवार उन्हें स्वीकार्य है या नहीं.
एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि राजग के साथ बातचीत में आम-सहमति की संभावना नहीं बनी तो विपक्ष सत्तारूढ़ गठबंधन के उम्मीदवार के खिलाफ संयुक्त प्रत्याशी उतारेगा. सूत्रों ने कहा कि 10 सदस्यीय समिति में कांग्रेस की ओर से गुलाम नबी आजाद और मल्लिकार्जुन खडगे हैं. इसमें जदयू के शरद यादव, राजद के लालू प्रसाद और माकपा के सीताराम येचुरी समेत अन्य वरिष्ठ विपक्षी नेता शामिल हैं.
समिति में द्रमुक के राज्यसभा सदस्य आर एस भारती, सपा के रामगोपाल यादव, बसपा के सतीश चंद्र मिश्रा, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओब्रायन और राकांपा के प्रफुल्ल पटेल भी हैं. सत्तारूढ़ खेमे ने अपने उम्मीदवार पर बात नहीं की है, लेकिन विपक्ष में कुछ नामों की अटकलें चल रही हैं. विपक्ष ने महात्मा गांधी के पौत्र और पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपालकृष्ण गांधी से बात की है. पूर्वलोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार, पूर्व रक्षा मंत्री शरद पवार के नाम पर भी विचार हुआ है. हालांकि पवार ने कहा कि वह दौड़ में नहीं हैं. भाजपा ने इस मुद्दे पर चुप्पी साध रखी है. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है. राष्ट्रपति चुनाव 17 जुलाई को होगा और मतगणना 20 जुलाई को होगी.
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