ऑल पार्टी मीटिंग से पहले राहुल गांधी ने दिखाये तेवर-अक्षमता दिखाने का लगाया आरोप
पूर्वी लद्दाख की गालवान घाटी में भारतीय-चीनी सेना के बीच हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवानों के जान गंवाने की खबर आने के बाद से ही देश में रोष है. विपक्षी पार्टी कांग्रेस लगातार केंद्र सरकार पर हमले बोल रही है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को फिर एक ट्वीट कर मोदी सरकार पर मामले में अक्षमता दिखाने का आरोप लगाया है. राहुल गांधी ने एक ट्वीट कर यह बातें कही हैं
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भारत-चीन झड़प के मुद्दे पर लगातार तीसरे दिन सरकार पर निशाना साधा
19 JUNE 20; HIGH LIGHT (Himalayauk Newsportal & Print Media) CHANDRA SHEKHAR JOSHI- EDITOR
राहुल गांधी ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा, ‘अब तीन बातें पूरी तरह साफ हो चुकी हैं। पहली यह कि गलवान घाटी में चीन का हमला पूरी तरह पूर्व नियोजित था। दूसरी, भारत सरकार गहरी नींद में सो रही थी और उसने इस समस्या को मानने से इनकार कर दिया और तीसरी यह कि इसकी क़ीमत हमारे शहीद जवानों को चुकानी पड़ी।’
राहुल गांधी ने इसके अलावा लिखा कि सरकार की लापरवाही का खामियाजा हमारे जवानों को भुगतना पड़ा.
केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री श्रीपद नाइक के इस बयान पर कि चीन की ओर से भारतीय सेना पर किया गया हमला पूर्व नियोजित था, राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर जोरदार हमला बोला है। नाइक ने बुधवार को न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा था, ‘आज जिस तरह चीन का एग्रेशन हमारे देश के ऊपर चल रहा है, यह बिना मतलब है, एक ही बार में 6-7 पोस्ट पर एकदम हमला करना यह पूरी तरह चीन का प्री-प्लान्ड हमला है और भारतीय सेना इसका मुंहतोड़ जवाब दे देगी।’
राहुल गांधी ने इसके पहले गुरुवार को ‘कौन जिम्मेदार है’ सवाल पूछते हुए एक वीडियो जारी किया था. जिसमें उन्होंने कहा, ‘भाइयों और बहनों, चीन ने हिंदुस्तान के शस्त्रहीन सैनिकों की हत्या करके एक बहुत बड़ा अपराध किया है. मैं पूछना चाहता हूं, इन वीरों को बिना हथियार खतरे की ओर किसने भेजा और क्यों भेजा? कौन जिम्मेदार है? धन्यवाद.’
राहुल ने दो दिन पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से सीधे सवाल किए थे। रक्षा मंत्री ने कहा था कि गलवान वैली में हमारे सैनिकों के शहीद होने से दुखी हैं। राहुल ने उनसे पूछा कि आप चीन का नाम क्यों नहीं ले रहे। भारतीय सेना को बेइज्जत क्यों कर रहे हैं?
गुरुवार को मोदी सरकार से सवाल पूछा था कि हमारे निहत्थे जवानों को वहां शहीद होने क्यों भेजा गया। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने यह भी पूछा था कि चीन ने हमारे निहत्थे जवानों को मारने की जुर्रत कैसे की?इससे पहले बुधवार शाम को राहुल गांधी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को ट्विटर पर घेरते हुए कई सवाल पूछे थे।
भारत और चीन की सीमा पर हुई खूनी झड़प में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए, इस घटना को लेकर देश में गुस्सा है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी इस मसले पर लगातार मोदी सरकार पर हमलावर हैं. आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में होने वाली सर्वदलीय बैठक से पहले राहुल ने एक बार फिर सरकार पर निशाना साधा है. राहुल ने कहा कि चीन का हमला पहले से प्लान था, लेकिन हमारी सरकार सोती रही.
राहुल ने राजनाथ सिंह के लद्दाख में जवानों की शहादत पर दुख जताने वाले ट्वीट के जवाब में पूछा था, ‘अगर भारतीय जवानों का शहीद होना पीड़ादायक है तो आपने अपने ट्वीट में चीन का नाम क्यों नहीं लिया है। आपको सांत्वना व्यक्त करने में 2 दिन क्यों लगे? जब जवान शहीद हो रहे हैं तो आप चुनावी रैलियां क्यों कर रहे हैं।’
केरल के वायनाड से सांसद राहुल गांधी ने राजनाथ सिंह से पूछा था कि वे क्रोनी मीडिया का सहारा लेकर सेना पर क्यों दोष मढ़ रहे हैं और क्यों छिप रहे हैं। उन्होंने मीडिया के एक वर्ग पर जोरदार हमला बोलते हुए कहा था कि पेड मीडिया भारत सरकार के बजाय सेना को क्यों दोष दे रहा है?
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस ट्वीट के साथ समाचार एजेंसी ANI की एक खबर भी ट्वीट की है, जिसमें रक्षा राज्य मंत्री श्रीपद नाइक का बयान शामिल है. श्रीपद नाइक ने माना है कि चीन के द्वारा किया गया हमला पहले से ही प्लान किया हुआ था, भारतीय सेना चीन को मुंहतोड़ जवाब देगी.
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी दिल्ली-मेरठ सेमी हाई स्पीड रेल कॉरिडोर का ठेका एक चीनी कंपनी को देने पर मोदी सरकार पर जोरदार हमला बोला था। प्रियंका ने गुरुवार को ट्वीट कर कहा, ‘हमारे 20 जवान शहीद हुए हैं। ऐसे में केंद्र सरकार को मजबूत संदेश देना चाहिए लेकिन सरकार ने दिल्ली-मेरठ सेमी हाईस्पीड रेल कॉरिडोर का ठेका एक चीनी कंपनी को सौंप कर घुटने टेकने जैसी रणनीति अपनाई है।’
केंद्रीय मंत्री ने अपने बयान में कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मसले पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा, भारत की संप्रभुता और अखंडता की रक्षा की जाएगी. आपको बता दें कि 15 जून की रात को गलवान घाटी के पास भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी. इस झड़प में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे, जबकि चीन को भी भारी नुकसान हुआ था. चीन ने अबतक अपनी ओर से कोई आधिकारिक आंकड़ा जारी नहीं किया है.
लद्दाख में भारतीय जवानों के शहीद होने के बाद प्रियंका ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछा था, ‘हमारी ज़मीन, हमारी संप्रभुता के लिए ख़तरा पैदा किया जा रहा है, हमारे सैनिक और अफ़सर शहीद हो रहे हैं और क्या हम सिर्फ़ शांत रहने वाले हैं।’ प्रियंका ने कहा था कि देश के लोगों को सच बताया जाना चाहिए। उन्होंने कहा था कि मोदी जी, यह चीन के ख़िलाफ़ खड़े होने का वक्त है।
वही दूसरी ओर प्राप्त खबर के अनुसार
चीनी सैनिकों के साथ झड़प में शहीद हुए 20 भारतीय जवानों पर बड़ा खुलासा हुआ है. लेह के एक अस्पताल में किए गए 20 शवों की पोस्टमार्टम में जवानों के साथ क्रूरता की बात सामने आई है. रिपोर्ट के मुताबिक उनके शरीर पर तेज जख्मों के निशान पाए गए हैं. हाइपोथर्मिया और एफइक्सीएशन भी कुछ जवानों की मौत का कारण बताया गया है. अधिकारियों ने बताया कि कुछ सैनिकों के चेहरे और दूसरे अंगों पर तेज जख्मों के निशान मिले हैं. उनका बयान भारतीय जवानों के खिलाफ चीनी सैनिकों की निर्ममता की पुष्टि करता है. खबरों में बताया जा रहा था कि चीनी सेना ने लद्दाख के गलवान घाटी में संघर्ष के दौरान कील वाली रॉड का इस्तेमाल किया था. अधिकारियों ने बताया कि करीब 17 जवानों के शरीर पर हिंसा के निशान मिले है.
शुरुआती रिपोर्ट में पता चला है कि कर्नल संतोष बाबू समेत तीन अन्य भारतीय जवानों के शरीर पर जख्मों के निशान नहीं मिले हैं. अलबत्ता उनके सिर पर गहरे चोट के निशान पाए गए. अस्पताल और आर्मी बेस में मौजूद अधिकारियों को शवों की तस्वीर नहीं लेने का निर्देश दिया गया था. बताया जाता है कि तीन जवानों की मौत नदी में डूबने के कारण हो गई. जबकि अन्य जवानों की मौत गंभीर चोट लगने से हुई है. चीनी सैनिकों की बर्बरता के सबूत तीन जवानों के शव से भी पता चलता है. एक अधिकारी ने नाम ना बताने की शर्त पर कहा कि उनके चेहरों को पहचानना मुश्किल हो रहा था. उन्होंने चाकू और नुकीली कील को घुसाने की बात से इंकार नहीं किया. इसलिए कि चीनी सैनिक अपने साथ चाकू भी रखे हुए थे. कुछ जवानों की मौत नदी में गिरने से हुई जबकि कुछ की मौत दम घुटने के कारण बताई गई है. गलवान घाटी सतह समुद्र से 14 हजार फीट की ऊंचाई पर है. जिसके चलते यहां का तापमान शून्य डिग्री के करीब होता है.
लगभग डेढ़ महीने से चल रहा LAC पर तनाव
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने लद्दाख की गलवान घाटी में 20 जवानों की शहादत के मुद्दे पर शुक्रवार को दावा किया कि हमला करने के चीन के मंसूबे को लेकर सरकार बेखबर थी जिसकी कीमत भारतीय सैनिकों को चुकानी पड़ी. गलवान घाटी में भारत और चीनी सैनिकों के बीच 15 जून की रात भयानक हिंसक टकराव हुआ था.
‘सरकार सोती रही, जवानों ने कीमत चुकाई’
उन्होंने रक्षा राज्य मंत्री श्रीपद नाईक के एक बयान से जुड़ी खबर का हवाला देते हुए ट्वीट किया, “यह बात पूरी तरह स्पष्ट हो चुकी है कि गलवान घाटी में चीन का हमला पूर्व नियोजित था. सरकार सो रही थी और समस्या से इनकार किया. हमारे शहीद जवानों को इसकी कीमत चुकानी पड़ी.” पूर्वी लद्दाख करीब डेढ़ महीने से ही वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर दोनों देशों के बीच तनाव चल रहा है. चीनी सेना ने भारतीय इलाके में घुसकर कब्जा करने की कोशिश की थी. 6 जून को दोनों सेनाओं के बीच कोर कमांडर स्तर की बातचीत हुई थी, जिसमें सीमा पर तनाव कम करने के लिए दोनों सेनाओं के पीछे हटने का फैसला किया गया था. हालांकि ऐसा हुआ नहीं और चीनी सेना ने गलवान घाटी में सोमवार 15 जून की रात भारतीय सेना के पेट्रोल दस्ते पर पत्थरों और लोहे की रॉड से हमला कर दिया था. इसके बाद हुई कई घंटों के हिंसक टकराव में भारतीय सेना के एक कर्नल सहित 20 सैन्यकर्मी शहीद हो गए. वहीं चीनी सेना को भी बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है.
Presents by Himalayauk Newsportal & Daily Newspaper, publish at Dehradun & Haridwar: Mob 9412932030 ; CHANDRA SHEKHAR JOSHI- EDITOR; Mail; himalayauk@gmail.com