40 दिन में हराया स्टेज 4कैंसर,बचने की उम्मीद 3 प्रतिशत ; बाजरा बनाम क्विनोआ: शरीर को स्वस्थ बनाने के साथ साथ कई बीमारियों से लड़ने के लिए तैयार करने में मदद

40 दिन में हराया स्टेज 4 कैंसर, बचने की केवल 3 प्रतिशत उम्मीद बताई थी– Himalayauk News (Leading Newsportal & youtube Channel & Daily Newspaper) Execlusive Report by Chandra Shekhar Joshi Chief Editor Mob. 9412932030

शरीर स्वस्थ : चावल और रोटी नहीं & दिन छिपने पर 6:30 बजे तक डिनर & सफेद पेठे का जूस, 1 गिलास जूस & हर्बल चाय पानी के अंदर दालचीनी, काली मिर्च, लौंग, छोटी इलायची । मीठा करने के लिए इसमें हल्का सा गुड़, बेरीज को कैंसर की सबसे तगड़ी दवा, नट्स, सफेद पेठे का जूस, 1 गिलास जूस,  चुकंदर, गाजर और एक आंवला,  रात का खाना, जिसमें चावल और रोटी नहीं, केवल क्विनोआ -यही एक अनाज है जो एंटी इंफ्लामेटरी और एंटी कैंसर & पानी जिसका पीएच लेवल 7 हो & ; बाजरा बनाम क्विनोआ: शरीर को स्वस्थ बनाने के साथ साथ कई बीमारियों से लड़ने के लिए तैयार करने में मदद by Chandra Shekhar Joshi

सिद्धू ने बताया कि कैंसर को हराने के लिए लाइफस्टाइल में चेंज करना पड़ता है, जो कैंसर का इलाज है वही फैटी लिवर का है। आप कैंसर सेल्स को शुगर और कार्बोहाइड्रेट्स मत दीजिए, कैंसर की कोशिकाएं खुद ब खुद मरने लगेंगी। सिद्धू ने बताया कि उनकी पत्नी को कैंसर के इलाज के दौरान हर्बल चाय दी जाती थी। इसके लिए पानी के अंदर दालचीनी, काली मिर्च, लौंग, छोटी इलायची को उबाला जाता था। मीठा करने के लिए इसमें हल्का सा गुड़ दिया जाता था।

40 दिन में हराया स्टेज 4कैंसर,बचने की उम्मीद 3 प्रतिशत

नवजोत सिंह सिद्धू ने बताया कि उनकी पत्नी पूरी तरह कैंसर से मुक्त हो गई हैं।  पूर्व क्रिकेटर और नेता नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी को स्टेज 4 कैंसर निकला था। यह कैंसर काफी खतरनाक था और डॉक्टर ने बचने की केवल 3 प्रतिशत उम्मीद बताई थी। इसके बावजूद सिद्धू और उनकी पत्नी ने हार नहीं मानी और ऑपरेशन, थेरेपी, इच्छाशक्ति के साथ लाइफस्टाइल पर ध्यान दिया। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बताया कि अब उनकी पत्नी पूरी तरह कैंसर से निकल चुकी हैं और इसमें डाइट ने काफी मदद की।

सिद्धू ने बताया कि हम स्वाद के चक्कर में पूरे शरीर को खराब कर देते हैं। लेकिन हमने पूरी रिसर्च व जानकारी के साथ डाइट शुरू की। जिसके बाद केवल 40 दिन में ही कैंसर की स्टेज 4 से निकला जा सका। यह डाइट कैंसर के अलावा फैटी लिवर में भी मदद करती है। सिद्धू ने साथ में यही डाइट ली और उनका फैटी लिवर खत्म हो गया। उन्होंने 25 किलो तक वजन भी कम कर लिया। जिस डाइट के बारे में पूर्व क्रिकेटर ने बताया है, वो पूरी तरह आयुर्वेदिक है।

सिद्धू ने बताया कि उनकी पत्नी शाम को दिन छिपने पर 6:30 बजे तक डिनर कर लेती थी और अगले दिन सुबह 10 बजे नींबू पानी से शुरुआत करती थीं। यह डाइट का काफी महत्वपूर्ण हिस्सा था। इसके साथ डाइट में एंटी इंफ्लामेटरी और एंटी कैंसर वाले फूड दिए जाते थे।

सबसे पहले नींबू पानी से दिन की शुरुआत होती थी। उसके साथ कच्ची हल्दी, एक लहसुन और सेब का सिरका दिया जाता था। इसके आधा घंटा बाद 10-12 नीम के पत्ते दिए जाते थे। सिद्धू ने नीम के पत्ते और तुलसी को ‘ग्रीन ब्लड’ बताया और बेरीज को कैंसर की सबसे तगड़ी दवा के रूप में बताया

उसके बाद नट्स, सफेद पेठे का जूस, 1 गिलास जूस दिया जाता था। जूस बनाने के लिए चुकंदर, गाजर और एक आंवला डाला जाता था। फिर दिन छिपने पर रात का खाना, जिसमें चावल और रोटी नहीं होती थी। इसमें केवल क्विनोआ देते थे, क्योंकि यही एक अनाज है जो एंटी इंफ्लामेटरी और एंटी कैंसर है। साथ ही नारियल का इस्तेमाल उन्होंने काफी फायदेमंद बताया।

सिद्धू ने बताया कि उकी पत्नी को ऐसा पानी दिया जाता था, जिसका पीएच लेवल 7 हो। पानी सबसे जरूरी चीज है, क्योंकि हमारे शरीर का अधिकतर हिस्सा इसी से बना है, इसलिए कैंसर हराने के लिए आपको इसके ऊपर ध्यान देना जरूरी है।

क्विनोआ  Quinoa एक ग्रेन यानी की अनाज है। क्विनोआ एक बहुत ही शक्तिशाली अनाज है जो दुनिया के सबसे ज्यादा पसंदीदा खाने पीने वाली चीजों में से एक है। इसके अंदर बहुत सारे पोषक तत्व मौजूद हैं जो आपके शरीर को स्वस्थ बनाने के साथ साथ इसे दूसरी कई बीमारियों से लड़ने के लिए तैयार करने में मदद करते हैं। यही कारण है की इसे ‘सुपर फूड या सुपर ग्रेन’ के नाम से भी जाना जाता है।   क्विनोआ कई तरह के होते हैं जिन्हे मुख्यत: तीन रंग में बांटा गया है।  काला क्विनोआ -इसके बीज काले और भूरे रंग के होते हैं और इसका स्वाद हल्का मीठा होता है। इसे पकाने के बाद इसका रंग नहीं बदलता है। यह बाजार में हमेशा उपलब्ध होता है जिसकी वजह से इसे ढ़ंढने में ज्यादा परेशानी नहीं होती है। सफेद क्विनोआ  इसे आइवरी क्विनोआ के नाम से भी जाना जाता है। यह सबसे सामान्य प्रकार का क्विनोआ है इसलिए बाजार में बहुत आसानी से मिल जाता है।लाल क्विनोआ  यह लाल रंग का होता है जो बाजार में बहुत कम मिलता है। पकाने के बाद इसके रंग में कोई बदलाव नहीं आता है।  दिल को शरीर का सबसे खास अंग माना जाता है। इसमें गड़बड़ी होना बहुत बीमारियों का कारण बन सकता है। इस खास अनाज में कुछ औषधीय गुण पाए जाते हैं जो ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल को बैलेंस रखने में  सहायक साबित होते हैं। ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल होने के कारण दिल बहुत अच्छे से काम करता है जिसकी वजह से परेशानियां दूर रहती हैं। अगर आपको दिल से संबंधित किसी तरह की कोई परेशानी महसूस होती है तो आप इस अनाज को अपने डाइट में शामिल कर सकते हैं।   डायबिटीज एक कॉमन बीमारी बन चुकी है लगभग हर कोई इससे परेशान है। शुरुआत में ही डायबिटीज को काबू में कर लिया गया तो यह ठीक हो सकता है नहीं तो आगे यह दूसरी कई गंभीर बीमारियों का कारण भी बन सकता है। क्विनोआ में फाइबर और कार्बोहाइड्रेट काफी मात्रा में होते हैं जो ब्लड शुगर को बढ़ने से रोकते हैं और साथ ही डायबिटीज के दौरान वजन को भी कंट्रोल करते हैं। अगर आप डायबिटीज से पीड़ित हैं तो आप क्विनोआ को अपने डाइट में शामिल कर सकते हैं। 

क्विनोआ की पत्तियों में एंटी कैंसर के गुण पाए जाते हैं जो कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से लड़ने तथा इसे दूर रखने में सहायक होते हैं। एंटी कैंसर गुण के अलावा इसमें में कार्बोहाइड्रेट भी काफी मारा में पाया जाता है जो एनर्जी का बहुत बड़ा स्रोत है। यही कारण है की कैंसर के मरीज को इसे अपने खान पान में शामिल करने का सुझाव दिया जाता है। 

क्विनोआ पित्त की पथरी के खतरे को कम करता है — Quinoa Reduces Chances of Gallstone इस अनाज में बहुत मात्रा में फाइबर पाया जाता है जो पित्त की पथरी के खतरे को कम करता है। इसका सेवन करने से पित्त के रस का स्राव कम होता है जिसकी वजह से पित्त की पथरी होने का खतरा खत्म हो जाता है।

क्विनोआ को पीस कर इसका बर्गर पैटीज बना सकते हैं। इसका सुप बनाकर पी सकते हैं।

नमक और मसाले का इस्तेमाल करके आप क्विनोआ के पकौड़े बना सकते हैं

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